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"बीजों के रिवैलीडेशन की सीमा"
बीज उत्पादन - हरियाणा
सफेद बटन खुम्ब उत्पादकों को नवम्बर और दिसम्बर माह में विशेष ध्यान देने योग्य जानकारी
सहायक व्यवसाय - हरियाणा
गेहूँ में सिंचाई
सिंचाई प्रबंधन - हरियाणा
कागजी नींबू की उन्नतशील बागवानी
बागवानी - राजस्थान
फास्फोरस खाद के उपयोग को सुधारने की जरूरत
शोधकर्ताओं ने खेतों में फास्फोरस बजट की मात्रा निर्धारित करने वाला अपनी तरह का पहला अध्ययन जारी किया है। यह खाद्य उत्पादन तथा विभिन्न क्षेत्रों में पोषक तत्व प्रबंधन में कमी की पहचान करने में मदद करेगा।
कृषि में नाइट्रोजन प्रदूषण ने सुरक्षित सीमा को किया पार
कृषि में बढ़ता नाइट्रोजन और उसके कारण होता प्रदूषण, पर्यावरण के लिए एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके लिए कौन जिम्मेवार है। इस बारे में सामने आया है कि भारत, चीन और उत्तरपश्चिमी यूरोप के कुछ देश बहुत ज्यादा नाइट्रोजन उत्सर्जित कर रहे हैं, जो हमारी पृथ्वी के संतुलन के लिए ठीक नहीं है।
भारतीय विशेषज्ञों की ओर से कपास की जैविक किस्में विकसित
भारत कपास के उत्पादन के मामले में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश और प्रति वर्ष लगभग 6.00 मिलियन टन कपास का उत्पादन करता है जो विश्व कपास का लगभग 23 प्रतिशत है।
पशु चरागाह जलवायु परिवर्तन को कम कर सकते हैं
पहाड़ों की मिट्टी की ऊपरी परत के रूप में घास पर्यावरण के लिहाज से बहुत अहम होती है।
ड्रोन के इस्तेमाल से जीडीपी में होगी बढ़ोतरी
विमानन क्षेत्र दुनिया भर में सर्वाधिक विनियमन वाले क्षेत्रों में से एक है। मानव-रहित विमानन को बढ़ावा देने में भारत के साहसिक एवं सोचेसमझे हुए नजरिये को तमाम हितधारकों ने पसंद किया है।
अजवाइन की उन्नत खेती
खेत को भली-भांति घास, ढेले रहित करके साफ करना चाहिए। जमीन की 3-4 जुताई करके फसल लगाने लायक तैयार किया जाता है। ध्यान रहे कि खेत में सूखी घास, खरपतवार तथा अन्य पिछली फसल के अवशेष न रह पायें। इस प्रकार से खेत की मिट्टी बारीक करके पौधे लगाने हेतु तैयार करना चाहिए।
बेबीकॉर्न की लाभकारी खेती
मक्का तीसरी सबसे महत्वपूर्ण अनाज की फसल है चावल और गेहूं के बाद में वैश्विक स्तर पर यह मानव के लिए भोजन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और पशुओं के लिए चारे के रूप में है यह ऊर्जा समृद्ध भोजन उपलब्ध कराने के लिए मुर्गी और वर्तमान सुअर पालन के लिए प्रयोग किया जाता है।
चना : उत्पादन तकनीकी अपनाकर, आमदनी बढ़ाएं
बीज उपचार एक विधि है, जिसमें पौधों को बीमारियों और कीटों से मुक्त रखने के लिए रसायन या जैव कीटनाशकों से उपचारित किया जाता हैं अथवा यह बीजों के ऊपर रसायनों या जैव कीटनाशकों को लगाने की प्रक्रिया है, जो बीज और पौध को बीज या मिट्टी ये होने वाली बीमारियों और पौधों के विकास को प्रभावित करने वाले कीटों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शुष्क फल करौंदा की उन्नत तकनीक
करोंदा को क्राइस्ट थॉर्न ट्री के रूप में जाना जाता है और यह भारत में व्यापक रूप से उगाया जाने वाला एक कठोर, सदाबहार झाड़ी है।
गेहूँ की सामयिक खेती की उन्नत प्रौद्योगिकी
प्रदेश में कुल गेहूं का लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र सिंचित है किन्तु थोड़े क्षेत्र में आश्वस्त अथवा सुनिश्चित उपलब्ध है। इस कारण गेहूं की औसत उपज कम है। सिंचाई की सुनिश्चित सुविधा न होने के कारण उर्वरक की खपत भी कम है। अतः सिंचाई तथा उर्वरक के सीमित साधनों से हम किस प्रकार गेहूं की उपज बढ़ा सकते हैं, इसे भली प्रकार समझ कर उपयोग करना चाहिये।
सहकारिता ही बचा सकती है कृषि को
\"सहकारी समितियां हमारी कृषि-किसानी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण संस्थानिक पद्धति है। ये सभी सहकारी समितियां कृषि संबंधी आर्थिक विकास की गतिविधियों में लगी हुई हैं।\"
एक्वापोनिक्स से करें मछली और सब्जियों का उत्पादन
एक्वापोनिक्स शब्द मत्स्य पालन व 'हाइड्रोपोनिक्स' (बिना मिट्टी की खेती) दोनों के संयोजन से लिया गया है। यह जलीय कृषि के साथ हाइड्रोपोनिक्स पौधे सब्जी उत्पादन के एकीकरण को दर्शाता है।
रबी की फसलों में बीज उपचार
बीज उपचार
कृषि उत्पादन में प्राकृतिक स्रोत के शोषण को रोकने की आवश्यकता
देश खाद्यान्न उत्पादन में कई तरह के कीर्तीमान रच रहा है। लेकिन, दूसरी तरफ कृषि क्षेत्र कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है।
मिट्टी का तापमान फसलों में कीट फैलने के बारे में बताएगा
उत्तरी कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन से पता चलता है कि मकई, कपास, सोयाबीन, मिर्च, टमाटर और अन्य सब्जियों की फसलों को तबाह करने वाले एक महत्वपूर्ण कीट, कॉर्न इयरवॉर्म (हेलिकोवरपा जिया) के प्रसार की प्रभावी निगरानी और भविष्यवाणी करने के लिए मिट्टी के तापमान का उपयोग किया जा सकता है।
बदलते मौसम में फसलों की पैदावार कैसे ली जाए
फसल उत्पादन के लिए पानी महत्वपूर्ण है, यह जानने के लिए आपको कृषि में पीएचडी की आवश्यकता नहीं है। लेकिन सालों से, जोनाथन प्रॉक्टर जैसे लोग, जो कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले में कृषि और संसाधन अर्थशास्त्र के शोधकर्ता हैं, यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि फसल उपज के सांख्यिकीय मॉडल में पानी का महत्व क्यों नहीं दिख रहा है।
ग्वारपाठा: औषधीय गुणों से भरपूर सूखे का वरदान
ग्वारपाठा सम्पूर्ण भारतवर्ष में प्राकृतिक रूप से मिलता है तथा अनेक नाम से जाना जाता है जैसे घृतकुमारी, एलोवेरा, इंडियन एलो, कुवांरपाठा, इत्यादि।
मवेशियों और पशुपालकों के लिए वरदान चारे का आचार
आचार में जानवरों के लिए चुनिंदा तत्व होते हैं, इसलिए इसे जानवरों के लिए वरदान कहा जाता है। इन फसलों के लिए पौधों की सुरक्षा जरूरी है। समय बचाने के लिए, समय का सदुपयोग करने के लिए हरे चारे का अचार पशु, पशुपालन के लिए वरदान साबित होता। इसे अपनाना समय की मांग है।
पौधा विज्ञानी - डॉ. गैबीज़ा ईजेटा
डॉ. ईजेटा ने अनेक साइंस एवं प्रोग्राम पुनः निरीक्षण पैनल, तकनीकी कमेटियां, एवं प्रमुख खोज एवं विकास संस्थानों की सलाहकारी समितियों में अपनी सेवा निभाई।
किसान के आईआईटी ग्रेजुएट बेटे ने किया 'फसल' एग्रीटेक का इनोवेशन
सेंसर आधारित ये तकनीक मिट्टी में नमी से लेकर मिट्टी में पोषण का स्तर, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु परिवर्तन के कारण फसल के रोग, कीटों की संभावना का वैज्ञानिक विश्लेषण करके किसानों को मोबाइल पर अलर्ट देता है, जिससे कि किसान पहले से ही सतर्क हो जायें और फसल में बचाव के उपाय कर लें।
चलंत मसला - क्या पराली प्रबंधन के लिए हो रहे प्रयास सार्थक होंगे?
किसान पहले ही ऋण के बोझ के नीचे दब रहे हैं। पराली प्रबंधन के लिए हो रहे खर्च को सहन करने में किसान असमर्थ नजर आ रहे हैं।
नाबार्ड की पहल - 'जोधपुर में कृषि निर्यात सुविधा केंद्र की स्थापना'
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने कृषि क्षेत्र संवर्द्धन कोष के तहत जोधपुर में कृषि एवं खाद्य पदार्थों के निर्यात सुविधा केंद्र (एईएफसी) की स्थापना की स्वीकृति दी है।
जीरे की उन्नत खेती से अधिक लाभ प्राप्त करें
उन्नत तकनीकों के प्रयोग द्वारा जीरे की वर्तमान उपज को 25-50 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।
आलू की उन्नत खेती कैसे करें
सब्जियों में आलू का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी उत्पादन क्षमता अन्य फसलों से अधिक है। इसलिए इसे अकाल नाशक फसल भी कहा जाता है। इसका प्रयोग सभी सब्जियों के साथ व एकल रूप में दोनों तरीके से भी किया जाता हैं। इससे कई प्रकार के व्यंजन भी तैयार किए जाते है। इसकी बाजार में 2 महीने मांग बनी रहती है। इसे यदि सब्जियों का राजा कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा। इसी के साथ ही किसानों के लिए भी यह फसल बहुत फायदा देने वाली है क्योंकि इसकी डिमांड मंडी में हर मौसम में रहती है।
प्राकृतिक खेती: रासायनिक जहर युक्त खेती का एक समाधान
गोबर के साथ पानी में अन्यः पदार्थ जैसे गोमूत्र, पेड़ के नीचे की उर्वरा मिट्टी, गुड़ और दाल का आटा मिलाकर बनाया जाता है। जीवामृत पौधों की वृद्धि और विकास के साथ मिट्टी की सरंचना सुधारने में मदद करता है, यह पौधों की प्रतिरक्षा क्षमता को भी बढ़ाता है।
शिमला मिर्च को कीट-रोग से बचाएं
मिर्च व शिमला मिर्च में डेंपिंग ऑफ तथा चूसकनाशी जीवों का प्रबंधन करने के लिए विश्वसनीय स्त्रोत से प्राप्त ट्राईकोडर्मा से 10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से या इमिडाक्लोप्रिड 70 डब्ल्यूएस का 10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजोपचार करें, जिससे कि प्रारंभिक स्थितियों में ही नाशीजीवों का प्रबंधन किया जा सके।