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कृषि जल संरक्षण के और भी हैं उपाय
पिछले अंक में आप ने पढ़ा था : फसलों में सिंचाई की बहुत अहमियत है. गेहूं की फसल में जल प्रबंधन से पानी की अच्छी बचत की जा सकती है और फसल भी ज्यादा मिलती है. ऐसा ही गन्ने की फसल में जल प्रबंधन से होता है... अब पढ़िए आगे
शीत ऋतु में अपनाएं गन्ने की आधुनिक खेती
गन्ना ग्रेमिनी कुल से संबंधित है है और यह घास कुल का पौधा है. इस का वानस्पतिक नाम सैकेरम औफिसिनेरम है. वैसे तो यह एक नकदी फसल है, जिस से गुड़, चीनी, शराब आदि बनाए जाते हैं. वहीं दूसरी ओर ब्राजील देश में गन्ने का उत्पादन सब से ज्यादा होता है. भारत का गन्ने की उत्पादकता में संपूर्ण विश्व में दूसरा स्थान है.
मधुमक्खीपालन अतिरिक्त आय का साधन
मधुमक्खीपालन को खेती के साथसाथ भी किया जा सकता है. मधुमक्खीपालन पालन करने से किसानों की आमदनी तो क्षेत्रों में फसल की पैदावार भी बढ़ती है, जहां मधुमक्खी के बक्से लगाए जाते हैं.
मोटे अनाज उगाएं और मोटा मुनाफा कमाएं
कृषि विश्वविद्यालय में पोषण वाटिका महाभियान एवं वृक्षारोपण का आरंभ
बायोडीकपोजर किसानों के लिए बेहद फायदेमंद
नकोई कोई खाद, पैस्टिसाइड, न फफूंदनाशी, सिर्फ डीकंपोजर 'जैविक कृषि अनुसंधान केंद्र' द्वारा बनाया गया अपशिष्ट विघटनकारी है. इस के साथसाथ यह कृषि की एक नई विधि भी है, जो पूरी तरह से जैविक है.
बैगन के पौधे में टमाटर उगा रहे हैं आदिवासी बच्चे
बैंगन की खेती और खेती
गेहूं की 5 खास किस्में
गेहूं की खेती में अगर उन्नत किस्मों का चयन किया जाए, तो किसान ज्यादा उत्पादन के साथसाथ ज्यादा मुनाफा भी कमा सकर हैं. किसान इन किस्मों का चयन समय और उत्पादन को ध्यान में रखते हुए कर सकते हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यान आईसीएआर-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान यानी आईआईडब्ल्यूबीआर, करनाल की मानें, तो गेहूं की ये 5 किस्में स से नई हैं और इन से उत्पादन भी बंपर होता है.
कृषि विशेषज्ञों सहित किसानों का हुआ सम्मान
फार्म एन फूड एग्री अवार्ड में
बीजोपचार गेहूं की स्वस्थ फसला का आधार
भारत में उगाई जाने वाली खाद्यान्न फसलों में गेहूं एक प्रमुख फसल है, जो पूरे भारत में तकरीबन 30.31 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल में उगाई जाती है. यह कुल फसल क्षेत्रफल का तकरीबन 24.25 फीसदी है.
पोटैटो प्लांटर से करें आलू की बोआई
आजकल खेत के कामों में ज्यादातर कृषि यंत्रों का इस्तेमाल होने लगा है, फिर चाहे खेत तैयार करने का काम हो या बीज से ले कर फसल पैदावार लेने तक का काम हो. कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से समय की बचत के साथसाथ पैदावार भी अच्छी मिलती है.
नवंबर महीने में रखेती से जुड़े जरूरी काम
नवंबर माह में उत्तर भारत में सर्दियां शुरू हो जाती हैं. इस मौसम की खास फसलें गेहूं, आलू और सरसों मानी जाती हैं. इन की बोआई से पहले खेत की मिट्टी की जांच अवश्य कराएं और जांच के बाद ही उर्वरकों की मात्रा तय करें. खेत में सड़ी हुई गोबर या कंपोस्ट खाद डालें.
मशरूम की खेती करने के लिए प्रशिक्षण लेना लाभकारी
मशरूम को कुकुरमुत्ता, भूमिकवक, खुंभ, खुंभी आदि कई नामों से जाना जाता है. अकसर बारिश के दिनों में छतरीनुमा संरचनाएं सड़ेगले कूड़े के ढेरों पर या गोबर की खाद या लकड़ी पर देखने को मिलती हैं. यह भी एक तरह का मशरूम ही है. इसे आसानी से घर में उगाया जा सकता है.
पपीते की फसल में विषाणु रोग प्रबंधन
भारत के ज्यादातर हिस्सों में पपीते की खेती होती है. इस फल को कच्चा और पका कर दोनों ही तरीके से इस्तेमाल में लाया जाता है. इस फल में विटामिन ए की मात्रा अच्छी पाई जाती है, वहीं अच्छी मात्रा में इस में पानी भी होता है, जो त्वचा को नम बनाए रखने में मददगार है.
आलू की करें आधुनिक खेती
आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है. भारत में शायद ही कोई ऐसा रसोईघर होगा, जहां पर आलू न दिखे. इस की मसालेदार तरकारी, पकौड़ी, चाट, पापड़, चिप्स जैसे स्वादिष्ठ पकवानों के अलावा चिप्स, भुजिया और कुरकुरे भी हर जवां के मन को भा रहे हैं. इस में प्रोटीन, स्टार्च, विटामिन के और सी के अलावा आलू में एमीनो एसिड जैसे ट्रिप्टोफेन, ल्यूसीन, आइसोल्यूसीन आदि काफी मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर के विकास के लिए जरूरी हैं.
स्वादसुगंध से भरपूर अल्पान केला (बिहार का चीनिया केला)
अल्पान केले को विभिन्न प्रदेशों में चंपा, चीनी चंपा, चीनिया, डोरा वाज्हाई, कारपुरा चाक्काराकेली इत्यादि नामों से जानते हैं. ये सभी प्रजातियां मैसूर समूह में आती हैं.
हराभरा स्मार्ट गांव पिपलांत्री देश में ही नहीं विदेशों तक धमक
राजस्थान के राजसमंद जिले का पिपलांत्री गांव देशविदेश के मानचित्र पर किसी परिचय का मोहताज नहीं है. गूगल पर गांव का नाम डालते ही इस के इतिहास से लेकर वर्तमान तक की कई कहानियों और तसवीरों के लिंक यहां दिखाई देने लगते हैं.
फसल अवशेष और इस का प्रबंधन
कृषि में संसाधन संरक्षण तकनीक स्थायी रूप से दीर्घकालीक खाद्य उत्पादन में सहायक होता है, परंतु मशीनों के अधिक प्रयोग से मृदा उर्वरता में कमी आने लगती है. धानगेहूं फसल प्रणाली में आधुनिक व बड़े आकार के फार्म मशीनरी जैसे कंबाइन हार्वेस्टर, रोटावेटर, सीड ड्रिल वगैरह की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है.
पशुपालन को बनाएं उद्योग
खेती के साथसाथ अनेक ऐसे काम किए जा सकते हैं, जो किसानों को अतिरिक्त मुनाफा तो देते ही हैं, साथ ही रोजगार भी मिल जाता है. ऐसा ही काम है पशुपालन, जो किसानों के लिए बेहतर आमदनी का जरीया हो सकता है. सरकार की भी अनेक योजनाएं पशुपालन के क्षेत्र में आती रहती हैं, जो किसानों की राह आसान बनाती हैं. पिछले कुछ समय में भारत सरकार ने किसानों और पशुपालकों को ले कर लगातार योजनाएं लौंच की हैं.
नवजात बछडे की देखभाल की वैज्ञानिक विधि
किसी भी डेरी की कामयाबी के लिए जरूरी है कि उस डेरी की प्रजनन के काबिल सभी गाय हर साल बच्चा पैदा करें. साथ ही साथ यह भी जरूरी है कि पैदा हुए सभी बच्चे जिंदा रहें.
चैनलों की भक्ति गायब किसान के मुद्दे
देशभर में आंदोलन कर रहे किसान यह शिकायत करते हैं कि मीडिया के लोग किसानों की बात जनता के सामने लाने में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. ज्यादातर न्यूज चैनल हमेशा की तरह सरकार की पीठ थपथपाने और उस की चाटुकारिता में लगे हैं. इसी बात की पड़ताल के लिए हमारी टीम ने 9 सितंबर के प्राइम टाइम में कुछ हिंदी चैनलों पर अपनी नजर बना कर रखी थी, जो इस तरह थी:
पपीते की खास किस्म रैड लेडी
पपीते की एक खास किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा विकसित की गई है, जिसे 'रैड लेडी' नाम दिया गया है. यह एक संकर किस्म है. इस किस्म की खासीयत यह है कि नर व मादा फूल एक ही पौधे पर होते हैं, लिहाजा हर पौधे से फल मिलने की गारंटी होती है.
बरसात में न कटने दें खेत की मिटटी
बरिश न हो या कम हो तो सभी किसान परेशान रहते हैं, लेकिन समझदार किसान लगातार तेज बारिश से भी घबराते हैं, क्योंकि इस से मिट्टी का कटाव होता है, जो खेत का आकार तो बिगाड़ता ही है, साथ ही जरूरी पोषक तत्त्वों को भी साथ बहा ले जाता है.
पशुओं में खुरपकामुंहपका रोग
पशुओं में खुरपकामुंहपका रोग यानी एफएमडी बेहद संक्रामक वायरल है. यह रोग वयस्क पशुओं में घातक नहीं होता है, लेकिन बछड़ों के लिए यह घातक होता है. यह गायभैंसों, बकरियों,
गेंदा फूल की खेती
गेंदा फूल को शादीब्याह, जन्मदिन, सरकारी व निजी संस्थानों में आयोजित विभिन्न समारोहों के अवसर पर, पंडाल, मंडपद्वार और गाड़ी, सेज आदि सजाने व अतिथियों के स्वागत के लिए माला, बुके, फूलदान सजाने में भी इस का प्रयोग किया जाता है. गेंदा की खेती खरीफ, रबी व जायद तीनों मौसम में की जाती है. पूर्वांचल में गेंदा की खेती की काफी संभावनाएं हैं, बस यह ध्यान रखना है कि कब कौन सा त्योहार है, शादी के लग्न कब हैं, धार्मिक आयोजन कब-कब होते है. इस को ध्यान में रख कर खेती की जाए, तो ज्यादा लाभदायक होगा.
धान की फसल का कीटों से बचाव
आप ने पिछले अंक में धान फसल में होने वाले रोगों के बारे में जाना कि किस तरह से उन से छुटकारा पाएं. उसी कड़ी में अब आगे पढ़ें कीटों के बारे में.
लासोडे का बनाए अचार और सब्जियां
हमारे आसपास कई ऐसे पेड़पौधे होते हैं, जिन्हें हम बेकार समझ कर ध्यान नहीं देते हैं, जबकि इस में से कुछ ऐसे होते हैं, जो सेहत का खजाना होते हैं.
खो गई गन्ने की मिठास
उत्तर प्रदेश के तराई वाले इलाके में बसा खीरी जिला गन्ने की फसल के लिए प्रसिद्ध है. इस जिले में कुलमिला कर 9 चीनी मिलें हैं. ये सारी चीनी मिलें अपने लिए गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन का अलगअलग लक्ष्य रखती हैं. मसलन, गोला चीनी मिल ने 110 लाख क्विटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा और उसे पूरा कर 16.80 लाख क्विटल चीनी की पैदावार की और अन्य मिलें भी अपने लिए गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन का अलगअलग लक्ष्य रखती हैं.
कम लागत में अधिक लाभ के लिए करें तिल की उन्नत खेती
तिलहनी फसलों में तिल एक प्रमुख फसल है, जिसे कम लागत और सीमित संसाधनों में उगा कर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. तिल का क्षेत्रपल धीरेधीरे बढ़ रहा है.
खस की खेती से खुशहाली
खस यानी पतौरे जैसी दिखने वाली वह झाड़ीनुमा फसल, जिस की जड़ों से निकलने वाला तेल काफी महंगा बिकता है. इंगलिश में इसे वेटिवर कहते हैं.
कीवी एक जरूरी फल
कीवी एक ऐसा बहुगुणी फल है, जो हर मौसम में हर जगह आसानी से मिल भी रहा है और पूरी दुनिया में अपनी विशेषताओं के लिए खास फल रूपी औषधि भी बन रहा है.