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भारतीय संविधान का प्रतीक गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस का नाम लेते ही हमारे मन मस्तिष्क में 26 जनवरी को राजपथ पर चलती परेड का दृश्य उभर आता है। जबकि इसका संबध हमारे देश के संविधान से है जो इस दिन पारित हुआ था। क्या है इस संविधान का इतिहास व महत्त्व आइए जानते हैं।
ओशो ने कभी अपने अधिकारों का स्वामित्व नहीं किया
ओशो की शिष्या एवं एडवोकेट, मा प्रेम संगीत नियमित रूप से 'विहा कनेक्शन' और 'ओशो न्यूज' के लिए लिखती हैं। आपको पता ही होगा कि अमेरिका में करीब दस साल तक चले मुकदमे में दिल्ली की 'ओशो वर्ल्ड' नामक संस्था की विजय घोषित करते हुए, न्यायाधीश ने स्पष्ट निर्णय दिया था कि 'ओशो' शब्द को कॉपीराइट कराने का अधिकार किसी को भी नहीं हो सकता है। तब यू.एस.ए. से पराजित होकर ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन (ओ.आई.एफ.) ने नया षड्यंत्र रचायूरोप में कॉपीराइट कराने की कोशिश की। वहां पर 'ओशो लोटस' नामक संस्था ने विरोध में आपत्ति उठाते हुए मुकद्दमा दायर किया। किंतु ओ.आई.एफ.की जीत हुईसत्य की नहीं, झूठ-फरेब की जो कि शीघ्र ही उजागर होने लगे।
ऐसे रहें सर्दियों में भी फिट
सर्दियों के मौसम में जितना खुद को ठंड से बचाना जरूरी है, उतना ही जरूरी है खुद को फिट ररवना भी। कैसे रख सकते हैं आप अपने को इन सर्दियों में फिट? आइए लेख से जानें।
पृथ्वी पर घटा चमत्कार था रजनीशपुरम
अमेरिका के ओरेगोन में बना रजनीशपुरम आज एक बार फिर चर्चा में है, और चर्चा का कारण नेटफ्लिक्स पर आई डॉक्यूमेंट्री 'वाइल्ड-वाइल्ड कंट्री' है। जिसमें ओशो के अमेरिका में बसने और वहां रजनीशपुरम के बनाने और मिटाने की कहानी को दर्शाया गया है। आरिवर रजनीशपुरम था क्या, क्या रजनीशपुरम की हकीकत वही थी जिसे फिल्म में दिरवाया गया या कुछ और? अमेरिका में ओशो को जेल क्यों जाना पड़ा? क्या रजनीशपुरम ओशो की असफलता का कारण था? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आइए ओशो की जुबानी ही जानते हैं।
ठण्डी हवाएं और स्वास्थ्य समस्याए
सर्दी के इस मौसम में हमारा शरीर स्वस्थ रहे उसके लिए कई सावधानियां बरतनी जरूरी है वरना आप रोग की चपेट में आ सकते हैं। ऐसी ही कुछ सावधानियों को आइए जानें लेख से।
शीला की कहानी ओशो की जुबानी
फिल्म 'वाइल्ड-वाइल्ड कंट्री' भले ही ओशो के हर प्रेमी व विरोधी ने न देवी हो पर सवाल देर-सबेर उभर ही गए हैं या भविष्य में उभर ही जाएंगे। सवाल, बवाल न बने, इसके लिए जरूरी है, शीला के बयानों पर ओशो के जवाब।
सर्वाधिक लोकप्रिय पेय-चाय
कई लोगों में चाय की दिवानगी इस कदर है कि बिना चाय पीएं उनका दिन शुरू ही नहीं होता। भारत में तो चाय पीनापिलाना एक आम रिवाज सा है। वहीं इसका इतिहास भी रवासा दिलचस्प है।
स्वाद ही नहीं, सेहत भी जरूरी
त्योहारों का मौसम आते ही तरह-तरह के पकवानों का भी दौर शुरू हो जाता है, लेकिन त्योहारों के मौसम में अपने खान-पान और सेहत पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है नहीं तो कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
विदेशों में भी लोकप्रिय दीपावली
दीपावली के अवसर पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक दीपों की जगमगाहट और पटारवों की गूंज होती है। लेकिन यह त्योहार सरहद और सात समंदर पार भी उसी उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। कहां और कैसे, जानें लेख से।
भारत में सूर्योपासना एवं सूर्य मन्दिर
जीवन का आधार एवं शक्ति प्रदाता सूर्य है, ऐसा वर्णन करती अनेक ऋचाएं वेदों में आती हैं। भारतीय महाद्वीप में भी सूर्य उपासना की युगों पुरानी परंपरा के दर्शन सूर्य मंदिरों में होते हैं।
बाल मजदूरी की आग में झुलसता बचपन
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के आंकलन के अनुसार पूरे विश्व में लगभग 12 करोड़ बाल श्रमिक हैं जिनमें से अकेले भारत में ही 3 करोड़ बाल श्रमिक हैं। सबसे अधिक बाल श्रमिक ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जो प्रायः बंधुआ मजदूर के रूप में रखेतों में या ईंट भट्ठों पर कार्य करते हैं।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम है सत्यः नानक
सिखों के प्रथम गुरु थे नानक । अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है । गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है । संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
धर्म की साधना होती है, शिक्षा नहीं
इस दुनिया में दो-तीन अरब लोग हैं। चार-छः अरब आंखें हैं। एक अंधे आदमी की दो आंखों का जो मूल्य है, वह छ: अरब आंखों का नहीं है। मैं आपसे यह कहना चाहूंगा। अपने भीतर श्रद्धा की जगह विवेक को जगाने के उपाय करने चाहिए और विवेक को जगाने के क्या नियम हो सकते हैं, उस संबंध में थोड़ी-सी बात आपसे कहूं।
सीढ़ियां चढ़ें, सूप पिएं और वजन घटाएं
बढ़ते वजन और मोटापे से आज हर दूसरा व्यक्ति ग्रस्त है । वयस्क से लेकर छोटे बच्चे भी इस कतार में शामिल हैं। अस्त-व्यस्त जीवनशैली भी बढ़ते मोटापे का एक कारण है। कुछ आसान तरीकों को अपनाकर हम अपना शरीर सुडौल बना सकते हैं। कैसे, जानें इस लेख से।
रंग-बिरंगी आतिशबाजी का सफर
रंग-बिरंगी आतिशबाजियां हर खुशी के मौके को और भी रंगीन कर देती हैं। लेकिन इन आतिशबाजियों की परंपरा कब, कहां और कैसे शुरू हुई, जानते हैं इस लेख से।
पंच पर्वो का महापर्व दीपावली
दीपावली यानी आनन्द और उल्लास का उत्सव तथा प्रकाश का पर्व । दीपावली का पर्व धन-प्राप्ति अनुष्ठान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है लेकिन दीपावली का महान पर्व अकेले ही नहीं आता है, इसके साथ ही आते हैं पांच महान पर्व, जिन्हें हम पंचपर्व के रूप में मनाते हैं। इन पंच पर्वो का हिन्दू धर्म में महत्त्व जानें इस लेख से।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है । बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
ताकि बनी रहे आँखों की ज्योति
यदि आखें न हों...ये सोचकर ही दिमाग में अंधेरा छाने लगता है, आखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं। इसीलिए जरूरी है समय के साथ उनकी पूरी देखभाल करना, जानिए कैसे?
देश का भविष्य हैं बच्चेः पंडित नेहरू
14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाए या फिर नेहरू जयंती, दोनों ही एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू को जितना प्रेम अपने राष्ट्र से था उतना ही राष्ट्र के भविष्य कहे जाने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों से भी था। डालते हैं एक नजर इस आलेख से।
जीवन में ज्योति का संचार करता - दीपक
दीपक का प्रकाश जहां जीवन से अंधकार दूर करता है वहीं शुभता का प्रतीक भी माना जाता है। वैदिक काल से ही भारतीय दर्शन में पूजा में दीपक की अहम भूमिका रही है जो आज तक कायम है विशेषकर दीपावली में दीयों का महत्त्व और भी बढ़ जाता है। विस्तार से जानें इस लेख से।
कैसे करें दीपावली पर बहीखाता, तराजू व कलम का पूजन?
व्यापार से मनुष्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। यदि व्यापार चल जाये तो मनुष्य धनी बन जाता है और यदि नुकसान हो जाये तो बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कैसे करें लक्ष्मी पूजन
दिवाली पर भगवान गणेश, विष्णु, कुबेर, बही-रवाता के पूजन की परंपरा है, लेकिन मां लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। लक्ष्मी को धन एवं समृद्धि की देवी कहा जाता है। जिस घर में लक्ष्मी का अनादर होता है, वहां दरिद्रता घर कर लेती है। जानें इस लेख से लक्ष्मी पूजा की विधि।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर रवींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना...यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
नौ कन्याओं का पूजन क्यों?
नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्त्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के रूप में पूजन कर अपने सामर्थ्यनुसार दक्षिणा देकर भक्त माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
फिर लौटा आयुर्वेद का जमाना
एक युग था जब लोग रोगों की चपेट में नहीं आते थे और अगर आ भी जाते थे तो स्वस्थ होने के लिए आसपास में ही मौजूद वैद्य के पास चले जाते थे या फिर घर में ही इतने घरेलू उपचार होते थे कि रोग घरेलू नुसवों व आस-पास पाई जाने वाली वनस्पति के माध्यम से ठीक हो जाता था। घरेलू नुसवों से समृद्ध चिकित्सा पद्धति का नाम है आयुर्वेद। इसके विषय में कई रोचक जानकारी पढ़ें इस लेख से।
दशहरा के विविध स्वरूप
बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है दशहरा। इस दिन भगवान राम ने युद्ध में लंकाधिपति रावण पर विजय प्राप्त की थी। बुराई पर अच्छाई का यह पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। देश के सभी हिस्सों में इसे मनाने के तरीके भी भिन्न-भिन्न हैं। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक इस पर्व की विभिन्न झांकियों को देखें इस लेख से।
नवरात्र- व्रत और आहार
नवरात्र के दौरान व्रत-उपवास का भी विशेष महत्त्व माना जाता है । व्रत रखना मनुष्य की सेहत के लिए भी लाभकारी है। नवरात्र के दौरान कैसा हो स्वान-पान, जानें इस लेख से।
ले सर्व सुहागन करवड़ा....
कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अपने अरवण्ड सौभाग्य व पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनें श्रद्धापूर्वक करवाचौथ का व्रत ररवती हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि स्थानों पर यह पर्व विशेषरूप से मनाया जाता है। 'करवे' का अर्थ हैमिट्टी का बर्तन और 'चौथ' का अर्थ है - चतुर्थी।
आपके वस्त्र आपका व्यक्तित्व
आपके कपड़े आपके बारे में सब कुछ बताते हैं। आप किस तरह का पहनावा पसंद करते हैं, किस तरह के रंगों का चयन करते हैं, किस तरह आप उन्हें धारण करते हैं? आपके कपड़ों की दशा व स्थिति (नए-पुराने, धुले व मैले) आदि आपके व आपके सामने वाले को जानने एवं समझने में मदद करते हैं। क्या कहते हैं आपके कपड़े ? जानिए इस लेख से
योग का वैज्ञानिक आधार
योग को आज पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त है । विज्ञान भी योग के चमत्कार को नमस्कार करता है ? अनुसंधानों से यह सिद्ध भी हो चुका है कि योग के द्वारा रोगोपचार संभव है योग के इस वैज्ञानिक विशेषण को आइए पढ़े लेख में।