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इलायची के औषधीय प्रयोग
इलायची रवाने से नशा करने की आदत से छुटकारा पाया जा जा सकता है। जब भी नशा करने की इच्छा हो, आधी इलायची मुंह में डाल लें।
प्रेग्नेंसी में भी घी रवाने के हैं फायदे
घी को वसा का बेहतरीन स्रोत माना जाता है और जब बात गर्भावस्था की हो तो सीमित मात्रा में घी रवाने की सलाह विशेष तौर पर दी जाती है, ताकि शिशु और मां दोनों को पर्याप्त पोषण मिले। घी अगर घर का बना हो तो और भी अच्छा।
बचें वजन घटाने की गलतफहमियों से
आज लोग अपने वजन को लेकर कुछ ज्यादा ही चिंतित रहने लगे हैं जिसकी वजह से वह कई गलतफहमियों का शिकार हो जाते हैं और उनका वजन घटने के बजाय बढ़ने लगता है। ऐसा न हो जानिए ऐसी ही कुछ गलतफहमियों को।
वास्तु पर पर्यावरण का प्रभाव
वास्तुशास्त्र में दिशा व विभिन्न कोणों के अलावा पर्यावरण की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। हमारे आसपास का वातावरण भी वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। अतः सुरवी खुशहाल जीवन के लिए आवश्यक है कि हम पर्यावरण व वास्तु के संबंध को भली प्रकार समझें। इसीलिए यहां हम आपको बता रहे हैं पर्यावरण के कारण होने वाले वास्तु दोष व उनके उपाय।
जीवन में राग रंग का मेल है होली
"होली वास्तव में बसंत उत्सव श्रृंखला की पूर्णता का प्रतीक उत्सव है। होली का एक ही अर्थ है राग और रंग अर्थात् संगीत के उन सातों स्वरों का सान्निध्य जिनके बिना प्रकृति भी नहीं रह सकती और रंग अर्थात प्रकृति का सर्वाधिक मोहक स्वरूप।"
घुटनों के दर्द से पाएं मुक्ति
घुटने का दर्द लोगों में एक उम्र के बाद होना आम बात है। जिसके कारण चलने फिरने में एवं उठने-बैठने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। इससे पहले कि इसकी थोड़ी सी तकलीफ महारोग में तब्दील हो, इस पर कड़ी नजर रखें और दिए गए उपायों को अपनाएं।
कम पौष्टिक नहीं है चोकर
मोटा रवाना और मोटा पहनना भारतीय संस्कृति की अनूठी विशेषता रही है जिसकी वजह से हमारे पूर्वज सदियों से दीर्घायु एवं रोगमुक्त जीवन यापन करने में समर्थ रहे हैं। ऐसा ही एक मोटा आहार है- चोकर (ब्रान) क्या आप इसकी रवासियत जानते हैं, नहीं तो जानें हमारे लेव से।
होली के रंग, मस्ती के संग
रंगों का त्योहार होली पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। प्राचीनकाल से ही हर युग में कवियों ने होली के उत्सव में अपनी कविताओं और छंदों से इतना अधिक रंगीन समां बांधा है कि होली की रौनक कई गुणा और बढ़ जाती है।
आपका खर्चा आपके हाथ
कई बार जाने-अनजाने हमसे बेहिसाब स्वर्चे हो जाते हैं, हम खुद को चाहकर भी नहीं रोक पाते। कहीं इस अनावश्यक रखर्च में हमारे साथ-साथ हमारे हाथों की रेवाओ का भी तो हाथ नहीं? तो जानें हमारे लेव से।
सर्दी-खांसी में भी अजवाइन है फायदेमंद
अजवाइन का इस्तेमाल तो लगभग हर घर में होता है, इसके छोटे-छोटे दाने केवल पेट की ही नहीं बल्कि पूरे शरीर की बड़ी से बड़ी समस्या भी हल कर सकते हैं।
आहार स्वास्थ्य अ का आधार
भोजन करने का एक उचित समय व नियम होता है। स्वस्थ रहने के लिए इनका पालन करना बेहद जरूरी है। आइये, जानते हैं क्या हैं वे नियम जो आपको निरोगी रख सकते हैं।
छुहारा दिलाए रोगों से छुटकारा
छुहारे को खारक भी कहते हैं। यह पिंड खजूर का सूखा हुआ रूप होता है। जैसे अंगूर का सूखा हुआ किशमिश और मुनक्का होता है। छुहारे का प्रयोग मेवे के रूप में किया जाता है। इसके मुख्य दो प्रकार हैं-
पौधे जो वायु को रखें शुद्ध
आज प्रदुषित वायु हमारे लिए एक चिंता का विषय है लेकिन कुछ पौधों को लगाकर आप वायु को शुद्ध कर सकते हैं। कौन से है वह पौधे? आइए जानते हैं।
आहार जो करे कैंसर का उपचार
हमारे स्वस्थ बने रहने के लिए जरूरी है हमारा सही रवान-पान। स्वस्थ रवान-पान का सेवन करने से कैंसर जैसे मर्ज से लड़ने में भी शक्ति मिलती है। आइए लेव से जानें उन भोज्य पदार्थों के बारे में जिनसे कैंसर से बचाव किया जा सकता है।
...ताकि आप भी लें बसंत का आनंद
महीना बदल चुका है, मौसम भी बदल चुका है। तो चलिए इस लेख के जरिए हम आपको बताते हैं कि इस नए मौसम में आपको एक स्वस्थ शरीर और चित्त के लिए कौन-कौन सी आदतें अपनानी हैं।
शिवलिंग पूजन की प्रतीकात्मकता
संस्कृत में लिंग का अर्थ है चिह्न। इस प्रकार शिवलिंग का अर्थ हुआ शिव का चिह्न। देव चिह्नों में 'लिंग' शब्द का अर्थ शिवलिंग के लिए ही ग्राह्य है। शिव की सर्वव्यापक सत्ता होने के कारण ही उनके पूजन की परम्परा लिंग के रूप में चल पड़ी। शिव के चिह्नों के अनेक स्वरूप हैं, जिनकी चर्चा शिवपुराण में इस प्रकार की गई है-
वेदों की ओर लौटो
आर्य समाज के संस्थापक एवं सत्यार्थ प्रकाश के रचयिता स्वामी दयानंद सरस्वती को भला कौन नहीं जानता। लेकिन आर्य समाज के संस्थापक एवं समाज सुधारक के साथ-साथ देश की स्वतंत्रता में भी उनका उल्लेखनीय योगदान था। स्वामी दयानंद की जयंती के अवसर पर उनके संन्यासी और योद्धा दोनों ही स्वरूपों से रू-ब-रू कराता है यह आलेख।
मां सरस्वती की आराधना
हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्लपक्ष की के पंचमी तिथि को देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। ग्रंथों के अनुसार इस दिन देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। देवताओं ने देवी स्तुति की। स्तुति से वेदों की ऋचाएं बनीं और उनसे बसंत राग।
प्रेम, प्रकति और मां सरस्वती
साहित्य, संगीत और कला सम्भवतः ये तीन अमूर्त योग्यताएं ही मानव को पशु से अलग करती हैं। इन तीनों की अधिष्ठात्री जिस शक्ति को माना जाता है उसे ही भारतीय वाइमय में सरस्वती नाम दिया गया है। सरस्वती विचारण, भावना एवं संवेदना का त्रिविध समन्वय हैं।
सर्दियों में लें गुनगुनी धूप का आनंद
सर्दियों के मौसम में रिवली-रिवली गुनगुनी धूप हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं। शरीर को गर्माहट देने के साथ-साथ यह कई स्वास्थ्य लाभ भी देती है। कई छोटी-बड़ी बीमारियों का इलाज छिपा है सूरज की किरणों में।
झूमकर आई लोहड़ी
सुंदर मुंदरिए और दुल्ला भट्टी के लोकगीतों से सजा और पौराणिक कथाओं के ताने बाने से बुना लोहड़ी का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। जानें लोहड़ी से जुड़ी कुछ रिति-रिवाजों को इस लेख से।
सर्दियों में बुजुर्गों का ऐसे रखें ख्याल
सर्दी का मौसम बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक होता है। बुजुर्गों को अक्सर सर्दी में हार्ट अटैक, हाइपोथर्मिया, फ्लू और दमे की बीमारी बढ़ जाती है।
सर्दियों में त्वचा का सबसे बड़ा दुश्मन- एक्जिमा
सर्दियों में खुजली की समस्या भले ही आम बात हो, लेकिन जब त्वचा हद से ज्यादा सूरवी और रिवंची हुई लगे, त्वचा में जलन, फुसियां तथा पुंसियों में से तरल पदार्थ का रिसाव हो तो यह एक्जिमा हो सकता है। समय रहते इनका उपचार कर इस गंभीर त्वचा रोग से बचा जा सकता है।
मकर संक्रांति का आध्यात्मिक महत्त्व
यूं तो हम सभी के लिए त्योहारों का मतलब होता है हंसी, उल्लास और उमंग लेकिन सही मायनों में त्योहारों का महत्त्व उससे कहीं बढ़ कर और गूढ़ होता है।
निराले हैं ये प्रसाद
भारत के कुछ मंदिरों में जहां अपने आप में ही अनुठा प्रसाद चढ़ाया जाता है तथा कुछ मंदिर तो ऐसे भी हैं जहां इस प्रकार का प्रसाद चढ़ाया जाता है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। आइए बताते हैं आपको कुछ ऐसे ही प्रसादों के बारे में।
मकर संक्रांति पर दान से पाएं सुरव और सम्पन्नता
सूर्य भगवान की उपासना का पर्व है मकर संक्रांति। समस्त ग्रहों के राजा सूर्य मकर संक्रांति के दिन पृथ्वी के अत्यंत निकट होते हैं। इस दिन ये अपनी किरणों के माध्यम से समस्त रश्मियों का पूर्ण प्रभाव पृथ्वी के सभी प्राणियों पर बिरवेरते हैं।
ऊनी कपड़ों का हो रखरखाव, तो जरा संभलकर
सर्दियों का मौसम आता नहीं कि स्वेटर, शॉल और बाकी ऊनी कपड़े धीरे-धीरे हमारे सूटकेस से बाहर आने लगते हैं। ऊनी कपड़े महंगे हो या सस्ते उनका रवररवाव बेहद जरूरी है। तभी तो वे सालोंसाल हमें ठंड से बचा सकते हैं।
जब सताए सर्दी-जुकाम
सर्दियों के लिए घरेलू नुस्खे
उमंगों और आशाओं का नाम नववर्ष
नई उमंग, नई तरंग तथा नए सपनों से होता है नए वर्ष का आगाज। पुराने वर्ष की सारी बीती बातें व असफलताएं इत्यादि भुलाकर लोग नए वर्ष में एक नए सिरे से अपने जीवन का शुभारंभ करना चाहते हैं। इसलिए बड़े हर्षोल्लास से इसका स्वागत करते हैं।
स्वस्थ शरीर के लिए प्रकृति का अनंत वरदान है धूप
सर्दियों के मौसम में सूरज की रिवली-रिवली धूप आपको केवल गर्म ही नहीं बल्कि स्वस्थ भी रखती है। केवल सर्दी-जुकाम ही नहीं हृदय रोग के उपचार में भी है इसका महत्त्वपूर्ण योगदान । धूप से किस तरह कर सकते हैं आप रोगों का निदान, जाने हमारे इस अंक में।