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ऐसी हो नव वर्ष की संकल्प रश्मि
हर साल हम सभी पुराने वर्ष के जाने तक नए वर्ष के आने का जश्न मनाते हैं, लेकिन क्या सिर्फ जश्न मनाना ही काफी है।
नववर्ष यानी नव संकल्प
नए साल की नई भार के साथ सूर्योदय की नई किरणों की तरह आप एक बेहतर इंसान बनने का संकल्प लें। अपने मधुर व्यक्तित्व को निखारें और अपने आसपास के परिवेश को भी खुशहाल बनाए रखने की आदत बनाएं
गुरु से आशीर्वाद लेने की कला
आशीर्वाद का अर्थ है- गुरु ने तुम्हारे शून्य में, तुम्हारी रिक्तता में अपने को भरा, ताकि तुम्हारे भीतर जो दबा पड़ा है, उसे पुकार मिल जाए, तुम्हारे भीतर जो बीज है वह भी अंकुरित होने लगे, उसे खबर मिल जाए कि मैं क्या हो सकता हूं!
सिंदूर सुहाग का प्रतीक है: कैसे ?
सुहागिन महिलाएं सिन्दूर क्यों लगाती हैं ?
गेस्ट रूम के मानक नियम
प्रत्येक भवन अथवा प्रतिष्ठान में प्राय: अतिथि कक्ष (गेस्ट रूम) अवश्य बनवाया जाता है। इसका कारण यह है कि सभी परिवारों में उनके कुछ संबंधी, मित्र आदि अथवा प्रतिष्ठान से जुड़े लोग प्राय: दो-चार दिन के लिए किसी कार्य वश आते रहते हैं।
क्या एक दूसरे के पूरक हैं दर्शनशास्त्र और विज्ञान ?
ज्ञान को हम दो भागों में विभक्त करते हैं। एक है विज्ञान और दूसरा दर्शनशास्त्र। अमूमन विज्ञान और दर्शनशास्त्र पृथक माने जाते हैं। किन्तु कई विषयों पर दोनों में पूरकता भी नजर आती है। दर्शन और विज्ञान के इस संबंध पर आइए विस्तार से चर्चा करें।
जापान में कैसे 100 वर्ष आराम से जी लेते हैं लोग ?
जापान दुनियां में एक अत्याधुनिक देश के रूप में जाना जाता है, किन्तु जापान जितना बाहर से अत्याधुनिक या समृद्ध दिखता है उतना ही वहां रहने वाले लोग सामान्य जीवन या यूं कहे अनुशासनबद्ध जीवन पसंद करते हैं। शायद यही कारण है कि, जापान में 100 वर्ष का जीवन लोग आसानी से जी लेते हैं।
हर्ष, उमंग एवं सद्भावना का त्योहार - लोहड़ी
लोहड़ी की बात करते ही आंखों के सामने छा जाती है आग, मूंगफली और रेवड़ी की तस्वीर और साथ ही उभर आता है ढोल और भंगडे का शोर, क्यों? आइये जानते हैं।
खुश्की से पाएं मुक्ति
बाजार में आसमान छूती कीमत वाले कई मॉइश्चराइजर भरे पड़े हैं। किंतु आपकी रसोई में मौजूद कई उत्पादों का अगर आप सही तरीके से इस्तेमाल करें तो वे बेहद कम कीमत में प्रभावी मॉइश्चराइजर का काम कर सकते हैं।
सूर्य आराधना का केंद्र है पश्चिमोन्मुख देव मंदिर
भगवान सूर्य को समर्पित भारत में अनेकों मंदिर हैं, ऐसा ही एक मंदिर औरंगाबाद में स्थित है। कैसे हुआ मंदिर का निर्माण, क्या मान्यता है इस मंदिर से जुड़ी ? आइए लेख से जानें विस्तारपूर्वक।
सेहत और स्वाद का खजाना - 'साग'
हरी सब्जियों में साग के अनेक लाभ हैं। क्या है साग के लाभ आइए जानते हैं इस लेख से-
युवकों के लिए स्वामी विवेकानंद के उद्बोधन
युगपुरुष एवं करोड़ों युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। स्वामी जी के जन्मदिवस पर प्रस्तुत है युवाओं को दिए उनके कुछ प्रेरणादायक विचार।
आखिर कौन हैं ये नागा साधु ?
महाकुम्भ के मेले में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहने वाले नागा साधुओं के बारे में हर कोई यह जानना चाहता है कि आरिवर कौन हैं ये ? क्या है इनकी अनोखी वेष-भूषा का रहस्य ? तो आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से।
स्नानं और ध्यान का पर्व 'मकर संक्रांति'
वसंत के आने के पूर्व तैयारी का पर्व है मकर संक्रांति। यह पर्व हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य अपना अयन बदलता है। क्या महत्त्व है मकर संक्रांति का तथा कौन सी हैं इस पर्व से जुड़ी कथाएं आइए जानते हैं-
क्या होता है कल्पवास ?
कल्पवास एक तपस्या के समान है इसमें संयम, नियम के साथ अल्पाहार, भूमि पर शयन, शुद्ध मन, वचन जरूरी है।
मकर संक्रांति का अध्यात्मिक महत्त्व
यूं तो हम सभी के लिए त्योहारों का मतलब होता है हंसी, उल्लास और उमंग लेकिन सही मायनों में त्योहारों का महत्त्व उससे कहीं बढ़ कर और गूढ़ होता है।
चमत्कारिक औषधि अलसी
अलसी सिर्फ खाद्य तेल के रूप में ही प्रयुक्त नहीं होती अपितु इसके कई स्वास्थ्यकारी लाभ भी हैं। कैसे अलसी औषधि के रूप में भी काम करती है, जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
कुम्भ का ज्योतिषीय कारण
हिन्दू धर्म का एक बेहद महत्त्वपूर्ण पर्व कुम्भ धार्मिक, पौराणिक, सामाजिक व ज्योतिष हर रूप में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।
नववर्ष का स्वागत ऐसे करें
यदि एक ओर हम यह कहते हैं 'अंत भला तो सब भला' वहीं दूसरी ओर हम यह भी मानते हैं 'यदि शुरुआत अच्छी होगी तो अंत भी अच्छा एवं सुखद होगा।' व्यवहारिक तौर पर दोनों ही बातें सही एवं सत्य हैं। इसलिए हमें चाहिए कि वर्तमान वर्ष के अंत में कुछ ऐसा करें जिससे हमारा आज एवं आने वाला कल यानी नव वर्ष दोनों संवर सके।
भारत के 4 सबसे धनी मंदिर, चढ़ता है करोड़ों का चढ़ावा
कहते हैं कि भगवान केवल प्रेम के भूखे होते हैं, ये तो केवल मनुष्य है कि वो उसे धन-संपत्ति से प्रसन्न करने का प्रयास करता है। भारत में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां भक्तगण खुलकर दान करते हैं, लेकिन इनमें 4 ऐसे मंदिर हैं जिन्हें सबसे धनी मंदिरों की श्रेणी में रखा गया है।
पेरेंटिंग के तरीके कल, आज और कल
परवरिश का हर तरीका अपने आप में बेहतरीन है, चाहे वह पुराना हो या नया। माता-पिता के प्यार की चाश्नी में डूबी परवरिश गलत हो भी कैसे सकती है, फिर चाहे वह नई हो या पुरानी। आइए जानते हैं नई और पुरानी परवरिश के बीच का फर्क।
लड़कियों... साहस और बुद्धि से काम लीजिए
आजकल लड़कियां स्वावलंबी हो गई हैं, अधिकतर फैसले वे खुद ले रही हैं। इसके बावजूद 'वे कुछ मामलों में वे कमजोर पड़ जाती हैं, खासकर प्यार के मामले में । नतीजतन, वे धोखा खाती हैं, घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं या फिर उनकी निष्ठुरता से हत्या कर दी जाती है। यदि आप भी ऐसी ही किसी दुविधा में हैं तो साहस और बुद्धि से काम लीजिये।
क्या है एन्जिल थैरेपी?
विश्व भर में मनुष्य की सुख-समृद्धि एवं भलाई के लिए कई पद्धतियां हैं जिनका उपयोग हम नहीं कर पाते क्योंकि हम उस पद्धति से अपरिचित होते हैं। एन्जिल थैरेपी उन्हीं में से एक पद्धति का नाम है जिसका चलन आज कल खूब जोरों पर है। क्या है यह थैरेपी ? जानिए इस लेख से।
फेंगशुई से लाए खुशहाली
चीनी वास्तुशास्त्र 'फेंगशुई' का आजकल हमारे देश में भी काफी प्रचलन बढ़ा है। क्या है फेंगशुई तथा किस प्रकार यह हमारे जीवन में खुशहाली लाने में सहायक हो सकता है ? जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
वास्तु और व्यापार
वास्तुशास्त्र के मुख्य नियम हमें इस बात से सतर्क करते हैं, 'भूखंड, मकान, फ्लैट का आकार आयताकार एवं चंद्रवेदी शुभ है।' विशेष परिस्स्थितियों में ईशान का बढ़ना अतिशुभ माना गया है। मुख्य भूखंड की जान ईशान एवं नैऋत्व कोण ही हैं। इनके दूषित होने से हर रोज नई परेशानियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। व्यापारिक एवं रिहायशी भूखंड का चयन करने के पहले उपरोक्त बातों का विशेष ध्यान रखें।
बदलेगा घारापुरी गुफाओं का चेहरा
भारत में मुंबई के गेट वे आफ इंडिया से 15 किलोमीटर दूर स्थित एक स्थल है, जो अपनी कलात्मक गुफाओं के कारण प्रसिद्ध है।
बुद्ध के गुणों का पावन संदेश
जो व्यक्ति बुद्ध होता है, वह सम्यक संबोधि हासिल कर लेता है, वह अनन्त गुणों से भर जाता है।
हृदय से जुड़ी सर्जरी
हृदय की धड़कनों पर ही इंसान का जीवन पूरी तरह आश्रित है। यदि हृदय रोग हो जाए तो इसको दवाईयों से दुरुस्त किया जा सकता है परंतु यदि इसके रोग अपनी सीमा पार कर दें तो वह घातक हो सकता है। जिसका इलाज सिर्फ सर्जरी द्वारा ही संभव है इसके लिए कौनकौन सी सर्जरी की जाती है आइए जानते हैं।
प्रकृति की देन है आयुर्वेद
हमारे आस-पास मौजूद पेड़-पौधों से ही कई ऐसी जड़ी-बूटियां तैयार की जाती हैं, जो बड़े से बड़ा और असाध्य रोग को भी ठीक कर दे। ये वनस्पति कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और हमारे स्वास्थ्य को कई लाभ देते हैं। कैसे, जानें इस लेख से।
मौसमी तेवर बढ़ा सकते हैं ब्रोंकाइटिस की समस्या
सर्दियों का मौसम दस्तक दे रहा है। गिरते तापमान और प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण खांसी-जुकाम की समस्या देखने को मिलती है। अकसर हम इसे मामूली बीमारी समझकर ओवर-द-काउंटर दवाइयों का सेवन कर लेते हैं हैं। जबकि कई बार छोटी-सी लगने वाली खांसी आगे चलकर ब्रोंकाइटिस का रूप ले लेती है।