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कृषि में साइट-विशिष्ट पोषक तत्व प्रबंधन का महत्व
किसान अकसर उर्वरक को एक दर एवं एक समय पर फसलों में डालते हैं जो कि उनकी फसल की जरूरतों के अनुरूप नहीं होता है साइटविशिष्ट पोषक तत्व प्रबंधन उन सिद्धांतों और दिशानिर्देशों को प्रदान करता है
संघर्ष 'अन्नदाता' के अधिकारों का...
संघर्ष 'अन्नदाता' के अधिकारों का...
किसान संघर्ष एक नये युग का आगाज
कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए शुरु हुआ किसान संघर्ष आज आंदोलन का एक रुप धार चुका है। युवक, बच्चे एवं बुजुर्ग काबिल-ए-तारीफ ढंग से दिल्ली में अपनी आवाज़ पहुंचाने में सफल हुए हैं।
कृषि अध्यादेश बनाम किसान
अंकित यादव (शोध छात्र), देवेन्द्र सिंह (असि. प्रो.), अंशुल सिंह (शोध छात्र), सत्यवीर सिंह (शोध छात्र ), चंद्रशेखर आजाद
मटर की फसल में करें कीटों की रोकथाम
मटर एक महत्वपूर्ण सब्जी की फसल है। इसे रबी में उगाया जाता है व इसका प्रयोग ताजा, डिब्बाबंद व सूखी मटर में किया जाता है। इसमें प्रचूर मात्रा में प्रोटीन, फास्फोर्स, कार्बोहाइड्रेट, पोटाशियम एवं विटामिन पाए जाते हैं।
गेहूं की फसल में गुल्ली डंडे या कनकी का नियंत्रण कैसे करें?
खरपतवारों को उगने से रोकने के लिए बिजाई के तुरंत बाद खरपतवारनाशियों का प्रयोग करें। उगे हुए खरपतवारों का नष्ट करने के लिए जब वे 2-3 पत्तों की अवस्था में हो तब खरपतवारनाशियों का प्रयोग करें। यदि खरपतवार बड़े हो जाएं तो उनका नियंत्रण खरपतवारनाशियों द्वारा करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि उनमें सहन शक्ति बढ़ जाती है।
सर्दियों में दुधारू पशुओं की देखभाल
पशुओं को ठंड से बचाव के लिए पशुओं को ढकी हुई पशुशाला में रखें। पशुशाला के दरवाजों तथा खिड़कियों को मोटी तरपाल या टाट से बंद रखें ताकि पशुओं को लगने वाली सीधी ठंडी हवाओं से बचाया जा सके। यह ध्यान रखें कि पशुशाला में घुटन न हो। शैड से हवा आर-पार होने की व्यवस्था होनी चाहिए, नहीं तो अमोनिया गैस बनने से पशुओं का दम घुटने की समस्या आ सकती है।
मधुमक्खी पालन हेतु आवश्यक सामग्री एवं उपकरण
मंडल की खरीद के बाद उसको छतों सहित मधु पेटिका से वाहक पेटिका में रखा जाता है। इसके लाने-ले जाने में बड़ी सुविधा होती है। वाहक पेटिका की लंबाई, चौड़ाई तथा ऊंचाई मधु पेटिका के सामान ही होती है, लेकिन इसकी मोटाई कम रखी जाती है, जिससे इसका वनज कम होता है। इसका ऊपरी ढक्कन जालीदार होता है। यह लकड़ी के फ्रेम में जाली लगाकर बनाई जाती है।
वर्टिकल फार्मिंग आधुनिक युग की कृषि
भारत, एक कृषि प्रधान देश है, जिसकी लगभग 58% आबादी आंशिक रूप से या सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर है अपने दैनिक खर्चों के लिए। 2050 तक 1.27 अरब से 1.73 अरब लोगों की खाद्य संबंधित समस्या को हल करना एक बड़ी चिंता बनता जा रहा है।
दूध-एक सम्पूर्ण आहार
दूध हमारे खाने का एक बहुत आवश्यक भाग है। गाय, बकरी, भैंस, स्त्री, हस्तिनी, घोड़ी, ऊंटनी और भेड़ का दूध उपयोगी माना जाता है।
सघन खेती प्रणाली में लाभकारी जैविक खेती
राष्ट्रीय जैविक खेती अनुसंधान संस्थान, गंगटोक, सिक्किम हाल ही में स्थापित यह अनुसंधान संस्थान जैविक खेती पर अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देता है। इसमें जैविक उत्पादन प्रणाली, खासतौर पर पूर्वोत्तर राज्यों के पर्वतीय इलाकों में जैविक उत्पादन में प्रशिक्षण दिया जाता है।
कृषि व्यापार एवं मंडीकरण में इंटरनेट का इस्तेमाल
इंटरनैट एक महत्वपूर्ण माध्यम के रुप में उभर कर सामने आ रहा है। इंटरनेट मंडीकरण में उपभोक्ताओं तक सूचना पहुंचाना, वस्तु का प्रचार करना, उपभोक्ताओं के साथ संवाद कायम रखना एवं वस्तु/सेवा के विक्रय संबंधी प्रयास शामिल किये जा सकते हैं। इंटरनेट की सहायता से उपभोक्ताओं तक पहुंचने के कई ढंग हैं।
ऑक्सीटोसिन हार्मोन का दुधारू पशुओं में प्रभाव
ऑक्सीटोसिन हार्मोन को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आवश्यक ड्रग सूची में शामिल किया गया है। ऑक्सीटोसिन पशुओं की ल्योटी में दूध उतारने की अदभुत क्षमता रखता है। ऑक्सीटोसिन के प्रयोग को लेकर पशुपालकों में बहुत सारी भ्रातियां हैं।
मधुमक्खी पालन हेतु आवश्यक सामग्री एवं उपकरण
मधुमक्खी-पालन हेतु प्रयोग में लाए जाने वाले सामान की जानकारी उतनी ही जरूरी है जितनी कि मधुमक्खी की देखरेख के लिए उसका जीवन-इतिहास, स्वभाव एवं व्यवहार आदि की। कारण, साज-सामान साधारणतया मधुमक्खी को नियंत्रण में रखने के कुछ साधनों से परिचित था। जैसे, वह मधुमक्खी को रखने के लिए लकड़ी की खोखले, मिट्टी के घड़े, पुवाल की टोकरी आदि का प्रयोग करता था, लेकिन उपरोक्त साधन मनुष्य के लिए लाभदायक न थे। फिर भी, इन साधनों का आज के युग में भी इस्तेमाल हो रहा है।
अवध क्षेत्र में स्ट्राबेरी की खेती
दुनियाभर में उगाया जाने वाले फलों में स्ट्राबेरी एक बहुत ही आकर्षक, स्वादिष्ट एवं अत्यंत नाजुक फल है। विश्व में यह फल शीतोष्ण जलवायु में ही उगाया जाता है।
एकीकृत कृषि प्रणाली अपना कर किसान कमाएं ज्यादा मुनाफा
चूजे लाकर उनको पाल कर बेंचे तो अधिक लाभ कमा सकते हैं। मूर्गी से अंडों की कमाई अलग, मुर्गियों को बेच कर अलग व चूजों को बेच कर अलग से, इसी व्यवसाय में किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकता है।
काले चावल में होने वाले बेहतरीन फायदे
एशिया महाद्वीप में चावल प्रमुख रूप से खाया जाता है। पुराने समय में चीन के एक छोटे हिस्से में काले चावल की खेती की जाती थी और ये चावल सिर्फ राजा के लिए हुआ करते थे।
महिलाओं हेतु कम श्रम में अधिक कार्यक्षमता चुनौतियां एवं संभावनाएं
कृषि यंत्र एवं तकनीकी लिंग विशिष्ट डोमेन को लक्षित नहीं कर सके हैं और इस क्षेत्र में लैंगिक मुद्दों पर बहुत कम ध्यान दिया गया है। महिलाओं की उनके अलग-अलग शारीरिक और एग्रोनोमिक्स भिन्नताओं के कारण पुरुषों की तुलना में अलग-अलग मशीनीकरण एवं तकनीकी आवश्यकताएं हैं।
मूंगफली में समन्वित कीट प्रबंधन
मूंगफली में समन्वित कीट प्रबंधन
तारामीरा शुष्क क्षेत्रों के लिए वरदान
तारामीरा की खेती के लिए बलूई, दोमट एवं दोमट मिट्टी अधिक उपयुक्त रहती है। साधारणतया वर्षा उपरांत नमी को संरक्षित करते हुए खेत को पाटा लगाकर समतल करते हुए खेत की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। नमी संरक्षण एवं खरपतवार नियंत्रण हेतु प्रत्येक हल्की जुताई के बाद पाटा अवश्य लगाएं।
गेहूं की मेड़ पर बिजाई करने का तरीका और फायदे
हरियाणा में गेहूं की खेती रबी सीजन में है तथा दक्षिणी हरियाणा खासकर रेवाड़ी जिले के किसान गेहूं उत्पादन में अच्छी मेहनत करते हैं। यहां के किसान अभी तक सीड ड्रिलिंग मशीन से ही गेहूं की बिजाई करते हैं।
दुधारू पशुओं का दुग्ध उत्पादन एवं गर्भावस्था में आहार प्रबंधन
हरा चारा भरपूर मात्रा में उपलब्ध हो तो दुधारू पशुओं के लिए बहुत अच्छा रहेगा। अच्छे हरे चारे जैसे बरसीम, जई और ज्वार इत्यादि की दो तिहाई मात्रा और एक तिहाई भूसा देना सर्वोत्तम रहेगा और दुधारू पशु 6-8 लीटर तक दुग्ध उत्पादन मामूली दाना मिश्रण की मात्रा के साथ बनाये रख सकता है।
आधुनिक कृषि का पर्यावरण पर प्रभाव
सारांश : आधुनिक कृषि प्रणाली के प्रयोग से खाद्यान्न उत्पादन में अविश्वसनीय वृद्धि हुई है जिसके फलस्वरूप देश ने खाद्यान्न उत्पादन न सिर्फ आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है अपितु खाद्यानों का निर्यात दूसरे देशों में भी किया जा रहा है। आधुनिक कृषि प्रणाली में उपयोगी आधुनिक विधियां जैसे उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग, भारी मात्रा में रासायनिक खादों का प्रयोग एवं कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है जिसके कारण अनियंत्रित वर्षा, सूखा, बाढ़ एवं भूस्खलन जैसे घटनाओं ने किसानों को भूखमरी के कगार पर ला खड़ा किया है।
मूंगफली में समन्वित कीट प्रबंधन
अधिकतर हानिकारक कीट-पतंगे जैसे हरीलट, कातरा, सफेद लट आदि के व्यस्क प्रकाश की तरफ आकर्षित होते हैं। रात्रि में लाईट ट्रेप लगाकर इनका नियंत्रण कर सकते हैं। किसान खेत में बल्ब या लालटेन रात्रि में जलाकर उसके नीचे पानी की परात भरकर रख दें एवं उसमें थोड़ा मिट्टी का तेल डाल दें।
फसली अवशेष प्रबंधन एक चुनौती
धान व गेहूं दोनों ही फसलें ऐसी हैं जो संभवतः अधिकतम प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करती हैं। इन फसलों में बहुत अधिक जल, रासायनिक खाद व दवाओं का प्रयोग होता है। इन्हीं फसलों के अधिकतर अवशेषों में आग लगाई जाती है। ये दोनों फसलें आमतौर पर अधिक उत्पादकता वाले क्षेत्रों में उगाई जाती हैं।
बकरी पालन-सफलता की सीढ़ी
बकरी के दूध में कैल्शियम, फास्फोर्स, मैग्नीशियम, पोटाशियम, क्लोरीन तथा जिंक की मात्रा गाय के दूध के मुकाबले ज्यादा होती है। बकरी के दूध के औषधीय गुणों का अंदाजा तो इस बात से ही लग सकता है कि पुरातन समय से गरीब आदमी बकरी के दूध का सेवन करता था क्योंकि उसके पास गाय पालने के लिए पैसे नहीं होते थे। गरीब आदमी में अमीरों के मुकाबले कोई बीमारियां कम होती थी। आजकल भी मच्छरों के मौसम में बकरी के दूध की मांग निरंतर बढ़ रही है।
हरे चारे के लिए ज्वार की खेती
ज्वार खरीफ मौसम की सबसे महत्वपूर्ण चारे की फसल है। यह पोषक तत्वों से भरपूर स्वादिष्ट चारा है जिसे जानवरों को हरा या सुखाकर साईलेज बनाकर खिलाया जा सकता है।
अलसी की वैज्ञानिक खेती
परिचय : अलसी तिलहन फसलों में दूसरी महत्वपूर्ण फसल है। विश्व में अलसी के उत्पादन के दृष्टिकोण से हमारे देश का तीसरा स्थान है जबकि प्रथम स्थान पर कनाडा व दूसरे स्थान पर चीन है। वर्तमान समय में लगभग 448.7 हजार हैक्टेयर भमि पर इसकी खेती की जा रही है एवं कुल उत्पादन 168.7 हजार टन व औसतन पैदावार 378 कि.ग्रा.प्रति हैक्टेयर है।
जुगाली करने वाले पशुओं हेतु पशु चाकलेट की उपयोगिता
अपने देश में विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शुष्क पदार्थ में हरे चारे का उत्पादन 12.60 करोड़ टन है, सूखे चारे का उत्पादन 36.50 करोड़ टन है और दाना 3.4 करोड़ टन उपलब्ध है।
आलू का उत्पादन-खेत से उपभोक्ता तक का सफर
भोजन के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली फसलें गेहूं, धान और मक्का के बाद आलू दुनिया की चौथी सबसे बड़ी खाद्य फसल है।