CATEGORIES
Categorías
'वापसी' की जोर आजमाइश
पप्पू यादव ने बाढ़ राहत कार्यों में बढ-चढ़कर हिस्सा लिया और उन्हें पटना विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में अच्छे नतीजे मिले
डेटा दशक की अहमियत
डेटा नए दौर का तेल या सोना ही नहीं, आज के दौर की थोड़ी संस्कारी सी वासना है, लिहाजा, हर कोई इसके लिए लालायित रहता है, उस पर काबू पाना चाहता है और उससे पैसा बनाना चाहता है
क्रिकेट के साथ कुछ और भी
शुरुआत उम्मीदों से भरी बीच में नाव डगमगाई. अब टोक्यो 2020 में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद के साथ इस दशक में भारत की अंतिम उम्मीद बाकी. क्या हमारे खिलाड़ी बाजी मार सकेंगे
कानूनन अन्याय
कई ट्रांस पीपुल को अपने पेट और भूख को कंट्रोल करना पड़ता है. जब मैं साड़ी पहनकर निकलती हूं तो खाना नहीं खाती, पानी नहीं पीती हूं क्योंकि मैं पब्लिक वॉशरूम में नहीं जाना चाहती .
कैसे बचे धरती
स्पेन के मैड्रिड में शुरू हुई 25वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज ( सीओपी / कॉप ) की कार्यवाही में दो मुद्दे सबसे ज्यादा छाए रहेंगे - कार्बन क्रेडिट और जलवायु बदलाव के कारण हो रहे नुक्सान की भरपाई के लिए फंडिंग. वैसे कॉप के सामने और बड़े मुद्दे मंडरा रहे हैं.
कानून का कमजोर हाथ
अदालत को बहुसंख्यकवाद के विपरीत होना चाहिए लेकिन हाल के फैसलों और अदालती कार्रवाइयों से इस मूल उद्देश्य को ही चुनौती मिली
कविता की स्पर्श कथा
सितंबर, 2007 में रोहित कुमार 'मीत' एसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली से लखनऊ लौट रहे थे. ट्रेन में पढ़ने के लिए रोहित ने सुप्रसिद्ध कवि दिवंगत गोपाल दास नीरज का कविता संग्रह कारवां गुजर गया और चर्चित शायर बेकल उत्साही का संग्रह लफ्जों की घटाएं साथ ले रखे थे.
एक हीं सफ में सब
विपक्षी दलों की ओर से इस फैसले को स्वीकार कर लेने के बाद इस मुद्दे पर सब एक ही सफ या पंक्ति में खड़े हो गए हैं. लेकिन अपना एक बड़ा एजेंडा पूरा हो जाने के बाद, भाजपा के पास हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण का एक मुद्दा तो कम हो गया.
उलटफेर का दशक
राजनैतिक और टेक्नोलॉजी दोनों लिहाज से इस दशक में जबरदस्त बदलाव देखने को मिले
उत्तर प्रदेश
कानून व्यवस्था, सांस्कृतिक गौरव एवं महिला हितों को और मजबूत करने की तरफ बढ़ता
आसमानी उम्मीदों तले गहराती फिक्र
एक ऐसे समय में जब वैश्विक नजरिए के साथ पेश आने की अपेक्षा थी , विभिन्न देशों ने राष्ट्रवादी और स्थानीयतावादी आकांक्षाओं के सामने घुटने टेके
अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के नुस्खे
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर तथा फिलहाल यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस के प्रोफेसर रघुराम राजन के बदहाल भारतीय अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के सुझाव
अव्वल राज्यों का आईना
राज्यों की दशा-दिशा की पड़ताल के हमारे वार्षिक सर्वेक्षण का ताजा संस्करण विजेता और फिसड्डी राज्यों के बारे में धारणाएं बदल देता है और सामने लाता है कई चैंकाऊ पहलू
अभी तो लंबा है रास्ता
अरुणाचल प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में सड़क निर्माण में हुआ भारी वृद्धि, साल भर में ही 5,000 किमी से ज्यादा सड़कें बनीं
अब बताइए क्या राय है ?
अफवाहों और नफरत से भरे अभियानों ने सोशल मीडिया को लेकर हमारे बड़े और ऊंचे ख्वाबों को नुक्सान पहुंचाया है
अप्रत्याशित उतार - चढ़ाव
मोदी सरकार ने अपने पहले दो वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया. उसके बाद नोटबंदी और जीएसटी के फैसले झटके की तरह थे, जिनके असर से आज भी अर्थव्यवस्था उबर नहीं पाई है
अधिकार पर तनातनी
राज्य सरकार ने चारधाम समेत 51 मंदिरो के लिए श्राइन बोर्ड का गठन किया तो तीर्थ पुरोहित सड़क पर उतरे, जिससे सरकार सांसत में
'छत्तीसगढ़ मंदी से बेअसर '
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन को एक साल से ज्यादा वक्त हो गया है और इस दौरान वहां हुए बदलाव को महसूस किया जा सकता है। बदलाव के नाम पर बड़ी योजनाएं शुरू नहीं हुई हैं बल्कि सरकार का फोकस ग्रामीण इलाके रहे हैं.
उद्योग मे अव्वल
गुजरात एफडीआइ और सकल राज्य घरेलू उत्पाद में तेज बढ़ोतरी के साथ उद्योगों के मोर्चे पर सिरमौर बना हुआ है
इस राजनीति के प्रायोजक हैं...
इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर नए खुलासे की रोशनी में भारत का सबसे बड़ा घोटाला (राजनैतिक चंदे) और वीभत्स हो उठा है.
किसानों की मेहनत का फल
फलों की खेती पर राज्य के जोर के नतीजतन वहां समग्र विकास हुआ. इसने कृषि की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला और सर्वाधिक सुधार वाला राज्य बनने में भी मदद की
केंद्रीकण की ओर कदम
अधिक केंद्रीकृत शासन व्यवस्था खड़ा करने के भाजपा के प्रयासों ने राज्यों की राजनैतिक और आर्थिक स्वायत्तता को चुनौती दी और क्षेत्रीय एजेंडे को दरकिनार किया
कौन (नहीं) है नागरिक
नागरिकता शब्द अब एक दंगल की पटकथा बन गया है जिसे सत्ताधारी लोग अपने विचारों के हिसाब से आदर्श राज्य को स्थापित करने के साधन के तौर पर नये सिरे से गढ़कर दोबारा पेश कर रहे हैं।
कौशल पर जोर
मनोहर लाल खट्टर सरकार का मानना है कि हरियाणा में उद्यमिता की भावना के लिए युवाओं का कौशल विकास बेहद महत्वपूर्ण हे. उद्यमिता में सर्वाधिक सुधार की श्रेणी में भी यह विजेता
खतरनाक खबरची
'सूचनाओं' का सरकारों और गैर-सरकारी ताकतों के जरिये निरंकुश और सोद्देश्य दुरुपयोग हिमारे दौर की सबसे बड़ी हकीकत और आपदा है, जिससे बचना मुश्किल होता जा रहा है.
खाकी बनाम काला कोट
विशेषज्ञ मानते हैं कि वकील-पुलिस में करीबी संबंध होता है. इनके झगड़े हितों का टकराव मात्र हैं.
खुशहाल ओर समृद्ध सूबा
पंजाब अब भी देश का अनाज उत्पादक राज्य बना हुआ है और राज्य सरकार को उम्मीद है कि बुनियादी ढांचे पर उसके जोर के चलते किसान कर्ज मुक्त हो सकेंगे
घुआं-धुआं फेफड़े
इस साल नवंबर की शुरुआत से ही जहरीली धुंध में लिपटी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली बमुश्किल ही नजर आ रही है.
जेएनयू को नष्ट करने की कोशिश
स्तावित फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जेएनयू के छात्रों के आंदोलन पर अपने मर्मस्पर्शी पोस्ट में मेरे एक पीएचडी स्कॉलर ने लिखा: “क्या आपको प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले जेएनयू के सुरक्षा गार्ड की कहानी याद है? यह कहानी कभी दोहराई नहीं जा सकेगी, अगर वाकई यह फीस बढ़ोतरी हो जाती है... भारत मेहरबानी करके हमारी आवाज सुनो.
डर के नक्कारखाने
विदेशी नीति के मामले में सबसे पशंसित सरकार के नेतृत्व में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था आरसीईपी को पीठ दिखाकर बाहर निकल आई।