ऋषभ पंत ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी पारी जहां से छोड़ी थी, वहीं से उन्होंने फिर से शुरुआत की है। कमबैक किंग पंत अब 2022 की उस भयावह रात के डरावने सपने को बहुत पीछे छोड़ चुके हैं। पहले आइपीएल, फिर टी20 अंतरराष्ट्रीय, एकदिवसीय मुकाबले और अब सबसे लंबे टेस्ट फॉर्मेट में ऋषभ की वापसी उनके दृढ़ संकल्प और लाजवाब मेहनत का नतीजा है। एक रात जिंदगी से लगभग हार जाने से लेकर आज भारत के लिए मैच जिताऊ पारी खेलने तक, पंत ने लंबा रास्ता तय किया है। पंत ने चेन्नै में पहले टेस्ट में बांग्लादेश पर भारत की 280 रन की जीत में सबसे लंबे प्रारूप में अपनी दक्षता की याद दिला दी। पंत ने पहली पारी में 52 गेंदों में 39 रन बनाए। दूसरी पारी में उन्होंने 128 गेंदों में 109 रन बनाए। यह पंत का अब तक के करियर का छठा शतक था। ऋषभ अपने साथ केवल रनों का खजाना लेकर नहीं आते, बल्कि खेलने का ऐसा अंदाज लेकर आते हैं, जो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की याद दिलाता है। स्थिति कोई भी हो, टीम के सबसे सकारात्मक खिलाड़ी के रूप में ऋषभ का हाथ आपको हमेशा खड़ा मिलेगा। आज दुनिया ने मान लिया है, सैटबैक चाहे कैसा भी हो, कमबैक ऋषभ पंत जैसा ही होना चाहिए।
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पन्ना में छोटे-छोटे भूखंडों में मिल रहा हीरे का एक टुकड़ा बदल रहा गरीब आदिवासी किसानों की जिंदगी
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यह पहला मौका है जब पुलिसिया दावे के मुताबिक एक ऑपरेशन में इतनी बड़ी संख्या में माओवादी मारे गए
कुर्सी कलाबाजी की मिसाल
पंजाब से टूट कर अलग राज्य बनने के वक्त से ही हरियाणा में कुर्सी के लिए आया गया की दलबदलू राजनीति चल रही
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कुर्सी महा ठगिनी हम जानी
आर्थिक उदारीकरण के पिछले तीन दशक के दौरान भारतीय राजनीति का चरित्र कुछ ऐसा बदला है। कि धन, सार्वजनिक आचरण से लेकर नेताओं का चरित्र तक सब कुछ महज कुर्सी के इर्द-गिर्द सिमट गया है और दलों का फर्क मिट गया है