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जेनरेटिव एआई कृषि क्षेत्र का बदलेगी दृश्य
भारत, अपने विशाल और विविध कृषि परिदृश्य के साथ, एक तकनीकी क्रांति के शिखर पर है और जेनरेटिव एआई कृषि क्षेत्र को बदलने की क्षमता के साथ एक जादुई गोली के रूप में उभर रहा है। अन्य उद्योगों के विपरीत, भारत में कृषि अब तक एआई जैसी परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों से काफी हद तक अछूती रही है, लेकिन यह एक जबरदस्त अवसर प्रस्तुत करती है।
किसानों पर कर्ज का बढ़ता बोझ
लोकप्रिय घोषणाओं से कर्ज बढ़ता रहा है। यह बढ़कर 2.52 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। पंजाब और हरियाणा अपनी कमाई का 21 फीसदी हिस्सा ब्याज में चुका रहे हैं, जो देश में सर्वाधिक है।
पानी में विषैले पदार्थों का पता लगाने के लिए नई तकनीक
पानी में कई तरह के रसायन हो सकते हैं जो किसी भी जीव के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिनमें से प्रति और पॉलीफ्लोरोएल्काइल पदार्थ (पीएफएएस), अत्याधिक फ्लोराइड युक्त पदार्थों का एक वर्ग है, जो लोगों और पर्यावरण के लिए खतरा पैदा करता है। इस वर्ग के विशेष रूप से खतरनाक केमिकल, जैसे कि पेरफ्लूरूक्टेन सल्फोनेट (पीएफओएस) और पेरफ्लूरूक्टैनोइक एसिड (पीएफओए) से अंगों को नुकसान और कैंसर की बीमारी हो सकती हैं, साथ ही ये अंत: स्रावी तंत्र के काम को रोक सकते हैं।
क्यों नहीं हो रहा धान का विकल्प?
पराली जलाने का मुद्दा मुख्य रूप से 15 सितंबर से 30 नवंबर की अवधि के बीच उठता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 सितंबर, 2023 से 28 नवंबर, 2023 के बीच पंजाब में पराली जलाने की 36,632 घटनाएं सामने आई थीं। वहीं हरियाणा में ऐसी 2,285 घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं दिल्ली-एनसीआर में जिसमें पंजाब, हरियाणा के हिस्से शामिल हैं उसमें पराली जलाने की 39,129 घटनाएं दर्ज की गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार 15 सितंबर से 16 नवंबर, 2023 के बीच हरियाणा के फतेहाबाद में पराली जलाने की सबसे ज्यादा 476 घटनाएं दर्ज की गई। वहीं पंजाब के संगरूर में, इस अवधि के दौरान सबसे ज्यादा 5,352 घटनाएं सामने आई थीं।
किसानों से सीधे मक्का खरीदने पर नजर
सरकार मक्के को एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम का एक प्राथमिक उत्पाद बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसका कारण यह है कि हर महीने चीनी की आपूर्ति में दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं।
दूध दुहने के प्रबंधन में ध्यान देने योग्य बातें
वच्छ दूध का लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है जब दूध के बर्तनों को कुशलता से साफ और कीटाणुरहित किया जाएगा। दूध दुहने के बर्तनों को पानी और डिटर्जेंट से अच्छी तरह धोना चाहिए। उन्हें धूप में सुखाने के लिए रखा जा सकता है। यह उन्हें कीटाणुओं से सुरक्षित बनाता है।
कल्लर भूमि के सुधार के उपाय
हरियाणा की भूमि को मोटे तौर पर दो भागों में बांटा जा सकता है - लवणीय व क्षारीय भूमि। लवणीय भूमि में मुख्यतः कैल्शियम, मैगनीशियम, सोडियम के क्लोराइड व सल्फेट से बने नमक की मात्रा अधिक होती है (0.1% ई.सी. ई. 4 डैसीसीमन या मीटर)। ऐसी भूमि को उपयुक्त फसल चक्रों व प्रबन्ध क्रियाओं को अपनाकर सुधारा जा सकता है।
कर्ज और उधारी के भरोसे हैं लोकतंत्र के दिव्य स्वप्न
देहाती कहावत घर में नहीं है दानं, अम्मा चली भुनाने। सौं टका देश के उन पांच राज्यों पर लागू होती है, जहां आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। यह चुनाव उस दौर में हो रहे हैं जब पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। विश्व में दो बड़े युद्ध चल रहे हैं। लेकिन कर्ज में गले तक डूबे देश के यह चुनावी राज्यों के राजनैतिक दल वोट पाने के लिए उन योजनाओं के सपने दिखा रहे हैं जो विकसित होने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कैंसर से कम नहीं हैं।
शीतलहर (सर्दी) से पशुओं को बचाने के लिए पशुपालकों को सलाह
पशुओं को हरे चारे विशेषकर बरसीम या रिजका के साथ तूड़ी अथवा भूसा मिलाकर खिलाएं। इससे पशु स्वस्थ एवं निरोग बना रहेगा और दूध का उत्पादन भी कम नहीं होगा। क्योंकि केवल हरा चारा खिलाने से अफारा तथा अपच होने का भय बना रहता है।
अश्वगंधा उगाएं, अच्छा मुनाफा पाएं
मध्य प्रदेश के नीमच और मंदसौर के बाजार अश्वगंधा के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय हैं। हर साल अश्वगंधा की जड़ों की खरीद के लिए आयातक, देश के खरीदार, प्रोसैसर, पारंपरिक चिकित्सक, आयुर्वेदिक और सिद्ध दवा निर्माता इन बाजारों में आते हैं।
गेहूं में मूल्य श्रृंखला प्रबंधन
मौजूदा मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के लिए एक समग्र बहु-हितधारक प्रक्रिया की आवश्यकता है और उत्पादन के वांछित स्तर को प्राप्त करने और बेहतर सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को सुरक्षित करने के लिए अनुसंधान-विस्तार-नीति संस्थानों के बीच एक सहक्रियात्मक दृष्टिकोण समय की आवश्यकता है। इसके अलावा, मूल्य श्रृंखला विश्लेषण अनुसंधान को प्राथमिकता देने में मदद करता है।
फूलों की खेती और इसके लाभ
फूलों की खेती को कृषि का उभरता हुआ क्षेत्र माना जाता है और इसमें आय और रोजगार पैदा करने की काफी संभावनाएं हैं। ग्रीनहाउस, शेड नेट, पॉलीहाउस आदि का उपयोग करके संरक्षित खेती के बढ़ते उपयोग के साथ वाणिज्यिक फूलों की खेती लगातार बढ़ रही है।
जुगाली करने वाले पशुओं हेतु पशु चाकलेट की उपयोगिता
अपने देश में विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शुष्क पदार्थ में हरे चारे का उत्पादन 12.60 करोड़ टन है, सूखे चारे का उत्पादन 36.50 करोड़ टन है और दाना 3.4 करोड़ टन उपलब्ध है।
मृदा प्रदूषण चिंता का विषय, नैनोकण का खतरा
वर्तमान अनुसंधान खाद्य व अनाज वाली फसलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि बढ़ता औद्योगीकरण तथा मानवजनित गतिविधियों को करना अत्याधिक मात्रा में विषाक्त धातुएं कृषि योग्य मिट्टी में आ रही है
सूत्रकृमि प्रबंधन में फसल चक्र का महत्व
सूत्रकृमि प्रबंधन के लिए फसल चक्र के लाभों को अधिकतम करने के लिए, मौजूद विशिष्ट सूत्रकृमि प्रजातियों, उनके द्वारा पसंद किए जाने वाले परपोषी पौधों और विभिन्न फसलों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, फसल चक्र अनुक्रम की सावधानीपूर्वक योजना बनाना आवश्यक है।
उपभोक्ता न्यायालय एवं बीज के मामले (प्रथम कड़ी) आवश्यक सावधानियाँ
प्रशासन निजी बीज उत्पादकों द्वारा उत्पादित बीज के आँकड़े लेकर उत्पादन स्तम्भ बनाते हैं और अधिकारी अपनी पीठ थपथपाते हैं परन्तु निजी उद्यमियों को वह मान-सम्मान नहीं मिलता जिसके वे अधिकारी हैं बल्कि उन्हें बड़ी हेय दृष्टि से देखा जाता है। हर बीज व्यापारी अपनी शाख बनाने के लिए भारतीय बीज कानूनों की पालना करते हुए उत्तम ही नहीं उत्तमोतर बीज तैयार करता है और देश तथा राज्यों में उत्पादन स्तम्भ बनाने के लिए सहायक सिद्ध होता है।
शुद्ध गन्ने के रस से बने मूल्यवर्धित उत्पाद
सारांश - गन्ने का रस एक मूल्यवान आधार उत्पाद है जो गन्ने से प्राप्त किया जाता है ताकि बढ़ी हुई पोषण गुणवत्ता के साथ रुचि के उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला तैयार की जा सके।
गन्ने की फसल के मुख्य रोग व रोकथाम
नकदी फसलों में गन्ने का महत्वपूर्ण स्थान है। हरियाणा में यह फसल मुख्य रुप से राज्य के यमुनानगर, अम्बाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, रोहतक, पलवल, फरीदाबाद, जींद आदि जिलों में उगाई जाती है।
गेहूं में मूल्य श्रृंखला प्रबंधन
मूल्य श्रृंखला में हितधारकों और उनके सामूहिक कार्यों को शामिल किया जाता है, जिसमें उत्पाद के उत्पादन, विपणन और वितरण के लिए इनपुट और समर्थन सेवाएं शामिल होती हैं, जब तक कि यह अनुसंधान संस्थानों, नीतियों आदि जैसे सक्षम वातावरण के तहत अंतिम उपभोक्ता तक नहीं पहुंच जाता। इसमें सभी इनपुट आपूर्तिकर्ता, निर्माता शामिल हैं।
किसान अपनी आमदनी कैसे बढ़ायें?
हमारे देश के किसान दिन-रात मेहनत करके देशवासियों के उदर पूर्ति के लिये हमेशा तत्पर रहते हैं, फिर भी हमारे देश में खाद्यान्न की समृद्धि के बावजूद, जनसंख्या वृद्धि के कारण गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न की कमी लगातार बनी हुई है।
बीज परिसंस्करण में ट्राइकोडर्मा का महत्व
बीज परिसंस्करण में ट्राइकोडर्मा का महत्व : ट्राइकोडर्मा बीज परिसंस्करण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह बीजों की सुरक्षा और पोषण को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
रबी फसलों में खरपतवारों का नियन्त्रण
खरपतवार भोजन उत्पादन में एक जैविक रूकावट वाले कारक के रूप में उपस्थित हैं। उनके कारण फसलों की पैदावार और गुणवत्ता में कमी व उनके नियन्त्रण करने पर उत्पादन खर्च में वृद्धि होती है।
पारंपरिक खेती के तरीके को छोड़कर हाइड्रोपोनिक खेती को चुनने वाला विपिन यादव
आज का युग ऐसा युग है जहां किसानों के पास उपजाऊ भूमि या जमीन ही नहीं है, फिर भी वे खेती कर सकते हैं और इसलिए भारतीय किसानों को अपनी पहल को वापिस लागू करना पड़ेगा और पारंपरिक खेती को छोड़ना पड़ेगा।
बेहतर प्रोत्साहन नीति में संकट का समाधान
धान की फसल के कटाई सीजन में एक बार फिर पराली जलाना खबरों में रहा। अब एक दशक से अधिक समय से, जब से पंजाब और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली में आग लगाना ज्वलंत मुद्दा बन गया है, नई दिल्ली में कुख्यात वायु प्रदूषण के लिए किसानों को दोषी ठहराये जाने के साथ ही इस आग पर काबू पाने का संघर्ष अभी जारी है।
वैज्ञानिकों ने इजाद की काली मिर्च की नई किस्म
भारत में सबसे अधिक काली मिर्च की खेती केरल में होती है। हालांकि कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में भी किसान काली मिर्च की खेती करते हैं।
2025 के पहले नहीं घटेंगी चावल की वैश्विक कीमतें : वर्ल्ड बैंक
विश्व बैंक ग्लोबल कमोडिटी आउटलुक के मुताबिक अलनीनो का जोखिम जारी रहने की संभावना और प्रमुख चावल उत्पादक देशों द्वारा निर्यात कम किए जाने की वजह से चावल की वैश्विक कीमतों में 2025 के पहले कोई उल्लेखनीय कमी आने की संभावना नहीं है।
भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी सीर मछली की दो और प्रजातियां, जानें क्या है इनकी खासियत
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमएफआरआई) के वैज्ञानिकों ने भारतीय जल क्षेत्र में सीर मछली की दो और प्रजातियों की खोज की है। इनमें से एक प्रजाति तो ऐसी है जिसके बारे में पहले कोई वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध नहीं थी।
सब्जियों के नमूनों में भारी धातुओं की मौजूदगी का खुलासा
कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में बेंगलुरु के बाजारों से लिए सब्जियों के नमूनों में भारी धातुओं की मौजूदगी का खुलासा किया है।
कोर्डिसेप्स मशरूम का महत्व और उत्पादन प्रौद्योगिकी
कोर्डिसेप्स एक प्रकार का फफूंद है, जिसमें लगभग 400 प्रजातियाँ हैं। इनमें से कोर्डिसेप्स साइनेंसिस सबसे महत्वपूर्ण प्रजाति है और जो हिमालय के ऊपरी स्थानों (3000 से 5500 मीटर तक की ऊंचाई) जैसे नेपाल, भूटान और तिब्बत, भारत और चीन के सीमांत क्षेत्रों में पाई जाती है। यह एक औषधीय मशरूम है और इसके संभावित स्वास्थ्य लाभ के कारण इसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और हाल ही में वैश्विक रूप से प्रचलित हो चुकी है।
आम की उन्नत किस्में
हरियाणा राज्य में आम की काश्त पंचकूला, अम्बाला, करनाल, कुरूक्षेत्र और यमुनानगर जिले में की जा सकती है। आम के बाग लगाने के लिए किसान अच्छी नर्सरी से पौधे लें। जलवायु तथा मिट्टी की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उचित नई किस्मों की बागवानी से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है।