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आलू में झुलसा रोग का पता लगाएगी ये तकनीक
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आलू में झुलसा रोग का पता लगाएगी ये तकनीक

कृषि क्षेत्र में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी (IIT Mandi) द्वारा एक शानदार तकनीक का आविष्कार किया गया है। इसकी मदद से आलू की फसल में लगने वाले रोगों का पता लगाया जाएगा। दरअसल, संस्थान के शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एक तकनीक विकसित की है। इस तकनीक के जरिए आलू के पौधों की पत्तियों की तस्वीर की मदद से रोगों का पता लगाया जाएगा।

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1st August 2021
तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत
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तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत

विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों ने विभिन्न कृषिगत मुद्दों के संदर्भ में भारत पर सवाल उठाया, जिसमें दालों के आयात पर निरंतर प्रतिबंध, गेहूं का भंडारण, अल्पकालिक फसल ऋण, निर्यात सब्सिडी या विभिन्न फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य आदि शामिल हैं। हालांकि नवीनतम मुद्दा घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ाने की भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर सामने आया है। हाल के निर्देशों के अनुसार, सरकार ने वनस्पति तेल (ताड़, सोयाबीन एवं सूरजमुखी के तेल) के आयात पर निर्भरता कम करने के लिये लगभग 10 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है।

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1st August 2021
कृषि विकास का केन्द्र किसान सोसायटियां
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कृषि विकास का केन्द्र किसान सोसायटियां

सरकारों की ओर से किसान समूहों और सेल्फ हेल्प ग्रुपों के द्वारा कई योजनाओं में अनेक सुविधाओं की तजवीज़ की हुई है ताकि मिलकर कृषि व्यवसाय करके किसान अपने खर्च कम कर सकें और अपनी आमदनी में विस्तार कर सकें।

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1st August 2021
हरी खाद फसलों की विशेषताएं और मिट्टी पर प्रभाव
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हरी खाद फसलों की विशेषताएं और मिट्टी पर प्रभाव

वर्तमान समय में भारत ने रियायती कीमतों के साथ उर्वरक के उपयोग में वृद्धि करके खाद्य पर्याप्तता का स्तर हासिल किया है। अकार्बनिक उर्वरक अधिक महंगे होते जा रहे हैं, इसलिए, अकार्बनिक उर्वरकों के पूरक के वैकल्पिक स्रोतों पर विचार आवश्यक है।

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1st August 2021
दलहनी फसलों में राइजोबियम जैव उर्वरक का प्रयोग
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दलहनी फसलों में राइजोबियम जैव उर्वरक का प्रयोग

राइजोबियम कल्चर का ज्यादातर प्रयोग फसल के बीजों पर किया जाता है अर्थात बीज शोधन द्वारा राइजोबियम कल्चर का प्रयोग करना चाहिए। राइजोबियम कल्चर का प्रयोग सभी दलहन वर्गीय फसलों में किया जाता है।

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15th July 2021
लिलियम की खेती कर किसान लें लाभ
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लिलियम की खेती कर किसान लें लाभ

ताजे कटे पुष्पों को पुष्परक्षक घोल में रखकर उनको काफी समय तक ताजा बनाए रखने के लिए प्रयोग किया जाता है। पुष्परक्षक घोल का प्रयोग पुष्प कली खुलने व गुलदान अवधि बढ़ाने में सहायक होते है।

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15th July 2021
आओ बनें आत्मनिर्भर लघु फूड प्रोसैस्सिंग योजना
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आओ बनें आत्मनिर्भर लघु फूड प्रोसैस्सिंग योजना

देश में असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में लगभग 25 लाख खाद्य प्रसंस्करण उद्यम हैं जो गैर-पंजीकृत और अनौपचारिक हैं। प्लांट और मशीनरी में केवल 7% निवेश और 3% बकाया क्रेडिट के साथ असंगठित उद्यम खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में रोजगार में 74% (एक तिहाई महिलाएं), आऊटपुट में 12% और मूल्यवर्धन में 27% का योगदान करता है। इनमें से लगभग 66% यूनिटें ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं और उनमें से लगभग 80% परिवार आधारित उद्यम हैं। इनमें से अधिकांश यूनिटें प्लांट और मशीनरी में अपने निवेश और टर्नओवर के अनुसार सूक्ष्म निर्माण उद्योगों की श्रेणी में आती है।

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15th July 2021
किसान भाई-उन्नत विधि अपनायें चावल की उत्पादकता बढ़ायें
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किसान भाई-उन्नत विधि अपनायें चावल की उत्पादकता बढ़ायें

पिछले अंक का शेष....

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15th July 2021
मित्र कीट करेंगे धान की रक्षा
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मित्र कीट करेंगे धान की रक्षा

हमारी नासमझी और अन्धाधुन्ध, रसायनों ने इस सन्तुलन को बिगाड़ दिया है। प्राकृतिक जैविक रोकथाम में सक्षम प्राणी-समूह की पूरी हिफाजत पर्यावरण को प्रदुषण से बचाने के लिए जरूरी है। इसलिए किसान भाई छिड़काव करने से पहले मित्र कीटों का जरूर मूल्यांकन कर ले तथा उनकी संख्या खेत में पर्याप्त हो तो किसी भी रसायन के छिड़काव की आवश्यकता नहीं है।

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15th July 2021
स्वस्थ पौध उत्पादन तकनीक आय वृद्धि का अच्छा स्त्रोत
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स्वस्थ पौध उत्पादन तकनीक आय वृद्धि का अच्छा स्त्रोत

सब्जियों के बीजों के अंकुरण के साथ ही उनके आस-पास विभिन्न प्रकार के खरपतवार भी उग आते है जो कि पौध के साथ पोषक तत्वों, स्थान, नमी, वायु आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करते रहते है। अतः स्वस्थ पौध उत्पादन हेतु इनको समय पर निकालना आवश्यक होता है। पौधशाला यदि कम जगह में ही है तो यह कार्य हाथों द्वारा कर लेना चाहिए।

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15th July 2021
जीन के द्वारा पशुओं में तुरंत रोगों का पता लगाया जा सकता है
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जीन के द्वारा पशुओं में तुरंत रोगों का पता लगाया जा सकता है

जानवरों की पहचान करने के बाद, आगे की जांच में उन प्रभावों पर प्रकाश डाला गया जिस पर अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया था। प्रमुख अध्ययनकर्ता और मैसी के एएल रे सेंटर ऑफ जेनेटिक्स एंड ब्रीडिंग में पीएच.डी. छात्र एडवर्डो रेनॉल्ड्स कहते हैं ये बहुत ही रोमांचक खोज है।

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1st July 2021
गन्ने की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए इन बारीकियों का ध्यान रखें किसान भाई
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गन्ने की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए इन बारीकियों का ध्यान रखें किसान भाई

गन्ना प्रदेश की प्रमुख नकदी फसलों में से एक है। उत्तर प्रदेश में 22.99 लाख हैक क्षेत्रफल में गन्ना की खेती होती है। वर्तमान में अधिसूचित गन्ना उत्पादकता 66.47 मीट्रिक टन प्रति हैक को 73 मीट्रिक टन प्रति हैक प्राप्त करने हेतु विभाग द्वारा कई कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।

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1st July 2021
कम से कम समर्थन मूल्य एक मूल्यांकन
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कम से कम समर्थन मूल्य एक मूल्यांकन

कमिशन केवल कम से कम कीमत निर्धारित करके अपनी सिफारिशें सरकार को भेजता है और उन सिफारिशों के आधार पर सरकार अलग अलग फसलों की कीमतें वर्ष में दो बार की 23 फसलों के लिए कम से कम समर्थन कीमतें तय की जाती हैं।

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1st July 2021
किसान भाई-उन्नत विधि अपनायें चावल की उत्पादकता बढ़ायें
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किसान भाई-उन्नत विधि अपनायें चावल की उत्पादकता बढ़ायें

खरीफ फसलों में धान प्रदेश की प्रमुख फसल है। धान के अर्न्तगत क्षेत्रफल, उत्पादन एवं उत्पादकता के विगत 5 वर्षों के आंकड़े को देखा जाये तो चावल की औसत उपज में वृद्धि तो हो रही है परन्तु अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत कम है।

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1st July 2021
टमाटर की उन्नत खेती
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टमाटर की उन्नत खेती

उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में टमाटर की फसल दो बार लगाई जाती है। पहली फसल की 15 दिसम्बर तक रोपाई हो जानी चाहिए। यह फसल अप्रैल माह के अन्त तक तैयार हो जाती है। दूसरी फसल की रोपाई मार्च माह में हो जानी चाहिए तथा यह मई माह के अन्त या जून के प्रथम सप्ताह में तैयार हो जाती है।

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1st July 2021
ग्रीष्मकालीन जुताई-फसलों के लिए एक लाभकारी कृषि क्रिया
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ग्रीष्मकालीन जुताई-फसलों के लिए एक लाभकारी कृषि क्रिया

ग्रीष्मकालीन जुताई कीट एवं रोग नियंत्रण में सहायक है। हानिकारक कीड़े तथा रोगों के रोगकारक भूमि की सतह पर आ जाते हैं और तेज धूप से नष्ट हो जाते हैं।

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15th June 2021
प्रमुख साझेदारों व राज्यों की भागीदारी के बिना कृषि सुधार विफल होना तय
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प्रमुख साझेदारों व राज्यों की भागीदारी के बिना कृषि सुधार विफल होना तय

दिल्ली की सीमा के बाहर सबसे बड़े किसान प्रदर्शनों में से एक को 6 महीने पूरे हो गए। विशेषज्ञों व नीति पर नजर रखने वालों का कहना है कि तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे प्रतिरोध से सभी को सीख मिलती है कि सभी हिस्सेदारों और राज्यों की सहमति के बगैर कृषि क्षेत्र में कोई भी बड़ा सुधार करने पर उसे लागू करने की राह में व्यवधान आना तय है।

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15th June 2021
सूचना संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना
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सूचना संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना

भारत के सबसे महान सपूतों में से एक स्वामी विवेकानंद ने उद्धृत किया कि, 'जब तक महिला की स्थिति में सुधार नहीं किया जाता है, तब तक दुनिया के कल्याण का कोई मौका नहीं है। एक पक्षी के लिए केवल एक पंख पर उड़ना संभव नहीं है।"

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15th June 2021
आम में लगने वाले रोग व उनसे बचाव के उपाय
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आम में लगने वाले रोग व उनसे बचाव के उपाय

परिचय : भारत विश्व में आम का सबसे बड़ा उत्पादन करने वाला देश है, परन्तु इसकी उत्पादकता क्षमता से कम है। आम में लगने वाली बीमारियां एवं विकार इसके कम उत्पादन का एक महत्वपूर्ण कारण है, जिससे नर्सरी से तुड़ाई के पूर्व एवं उपरांत फसल को प्रतिवर्ष भारी नुकसान होता है। भारत में अनेक प्रकार की जलवायु होने के कारण लगभग 140 प्रकार के रोग फसल के उत्पादन में विभन्न स्तर पर क्षति पहुँचाते हैं। इसलिए बागवानों से यह अपील करता हूँ कि इस लेख में दी गई जानकारी का प्रयोग करें जिससे आम में लगने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है और आम की गुणवत्ता को और निर्यात बढ़ाया जा सकता।

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15th June 2021
औषधीय गुणों से भरपूर अनाज, बदलती जलवायु और विषम परिस्थितियों में भी उग सकते हैं
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औषधीय गुणों से भरपूर अनाज, बदलती जलवायु और विषम परिस्थितियों में भी उग सकते हैं

गेहूं और चावल का चाव बढ़ा तो इन मोटे अनाजों की मांग भी घटती गई नतीजन कीमतें घटी तो किसानों ने भी इन्हें उगाना कम कर दिया। इन सभी का परिणाम है जो आज स्वास्थ्य और पर्यावरण के दृष्टिकोण से फायदेमंद यह फसलें काफी हद तक हमारी थाली और खेतों से गायब हो चुकी हैं।

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15th June 2021
'सफेद सोना किसानों को बना रहा आत्मनिर्भर'
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'सफेद सोना किसानों को बना रहा आत्मनिर्भर'

कपास उत्पादन में देश आत्मनिर्भर बन गया है, बल्कि अब अधिशेष मात्रा का निर्यात अन्य देशों को भी होने लगा है। फाइबर के रूप में कुल उत्पादन का एक तिहाई भाग विश्व बाजार में निर्यात हो रहा है।

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15th June 2021
स्वस्थ मिट्टी खुशहाल किसान
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स्वस्थ मिट्टी खुशहाल किसान

स्वस्थ भूमि की मिट्टी हाथ से आसानी से भर जाती है और इसमें हवा-पानी का सही आदान-प्रदान होता है। भूमि में जैविक पदार्थ, सुक्ष्म जीव व अन्य भूमि में रहने वाला जीव जैसे कि गंडोआ, मिलीपीड़ इत्यादि का उचित मात्रा में अस्तित्व भूमि में होना चाहिए।

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15th June 2021
धान की सीधी बिजाई की सफलता के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें
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धान की सीधी बिजाई की सफलता के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें

धान यमुनानगर की मुख्य फसल है। यहां इसकी खेती अधिकतर सिंचित भूमि में होती है लेकिन लेबर की समस्या के मद्देनजर इस वर्ष धान की फसल का क्षेत्रफल सीधी बिजाई में बढ़ने के आसार हैं।

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1st June 2021
जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव एवं फसल विविधीकरण का महत्व
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जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव एवं फसल विविधीकरण का महत्व

कृषि की मौसम पर अत्याधिक निर्भरता की वजह से फसलों पर लागत अधिक आती है, विशेषकर मोटे अनाजों की फसलों पर, जिनकी खेती अधिकतर उन क्षेत्रों में होती है जो वर्षा पर निर्भर होते हैं। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि आने वाले 80 वर्षों में खरीफ फसलों के मौसम में औसत तापमान में 0.7 से 3.3 डिग्री की वृद्धि हो सकती है।

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1st June 2021
धान की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
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धान की फसल में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व

मैंगनीज की भूमिका को लोहे के साथ निकटता से जुड़ा हुआ माना जाता है। मैंगनीज भी संयंत्र में लोहे के आंदोलन का समर्थन करता है। यह पौधों में ऑक्सीजन के स्तर को प्रभावित करता है। पौधे में मैंगनीज की मात्रा उम्र के बढ़ने के साथ-साथ घटती है, तथा निम्न पत्तियों में कम और पौधों की ऊपरी पत्तियों की मात्रा अधिक होती है।

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1st June 2021
बागवानी फसलों का सच्चा मित्र है ट्राइकोडमा
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बागवानी फसलों का सच्चा मित्र है ट्राइकोडमा

ट्राइकोडर्मा पौधों के जड़-विन्यास क्षेत्र (राइजोस्फियर) में खामोशी से अनवरत कार्य करने वाला सूक्ष्म कवक है, जो प्रायः मृदा में सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों के ऊपर तीव्र गति से वृद्धि करता है।

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1st June 2021
जैविक कीटनाशी से कीट व रोग नियंत्रण
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जैविक कीटनाशी से कीट व रोग नियंत्रण

आधुनिक समय में बढ़ती हुई जनसंख्या के खाद्यान्न पूर्ति हेतु किसान रासायनिकों जैसे-खाद खरपतवारनाशी, रोगनाशी तथा कीटनाशकों के प्रयोग कर रहें हैं।

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15th May 2021
कृषकों की आमदनी बढ़ाने में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान
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कृषकों की आमदनी बढ़ाने में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान

देश में खेती-बाड़ी के साथ पशुपालन, बागवानी, मुर्गी पालन, मछली पालन, वानिकी, रेशम कीट पालन, कुक्कुट पालन व बत्तख पालन आमदनी बढ़ाने का एक अहम हिस्सा बनता जा रहा है। देश की राष्ट्रीय आय का एक बड़ा हिस्सा कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों से प्राप्त होता है।

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15th May 2021
पोलीहाउस में बीज रहित खीरे की खेती लाभकारी उद्यम
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पोलीहाउस में बीज रहित खीरे की खेती लाभकारी उद्यम

परिचय एवं महत्व : खीरा (Cucumissativus L.) लौकी परिवार Cucurbitaceae का एक सदस्य है, जिसमें दुनिया के गर्म भागों में 117 जेनेरा और 825 प्रजातियां शामिल हैं। यह सबसे पुरानी सब्जी फसलों में से एक माना जाता है और भारत में 3000 से अधिक वर्षों के लिए खेती में पाया गया है। खीरा एक थर्मोफिलिक और ठंड-अति संवेदनशील फसल है जो 20 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान पर बढ़ती है।

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15th May 2021
धान की सीधी बिजाई: मुख्य समस्याएं व समाधान
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धान की सीधी बिजाई: मुख्य समस्याएं व समाधान

पंजाब में साल 2020 में लगभग 13 लाख एकड़ व हरियाणा में 35000 एकड़ पर धान की सीधी बिजाई की गई थी। इस विधि द्वारा पानी व श्रम की बचत होती है। सीधी बिजाई भूमिगत जल को रिचार्ज करने में भी सहायक सिद्ध होती है।

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15th May 2021