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जैविक कीटनाशी से कीट व रोग नियंत्रण
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जैविक कीटनाशी से कीट व रोग नियंत्रण

आधुनिक समय में बढ़ती हुई जनसंख्या के खाद्यान्न पूर्ति हेतु किसान रासायनिकों जैसे-खाद खरपतवारनाशी, रोगनाशी तथा कीटनाशकों के प्रयोग कर रहें हैं। सम्भवत इनके प्रयोग से किसान प्रथम वर्ष अधिक उत्पादन तो प्राप्त कर लेते हैं। परन्तु धीरे-धीरे इनके प्रयोग से मृदा की उर्वरा शक्ति क्षीण होने लगती हैं और फसलों की उत्पादन क्षमता भी कम हो जाती है। इन रसायनों की अधिक कीमत होने के कारण खेती की लागत बढ़ जाती है। क्षीण हुई मृदा उर्वरता के कारण इन रसायनो के प्रयाग से भी वे मुनाफा प्राप्त नहीं कर पाते हैं। यही नहीं इन रसायनों के प्रयोग से पर्यावरण में भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।

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15th January 2022
गेहूं के प्रमुख रोग, कीट, खरपतवार एवं उनका प्रबंधन
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गेहूं के प्रमुख रोग, कीट, खरपतवार एवं उनका प्रबंधन

राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषक तत्वों की सुरक्षा में गेहूं एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

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15th January 2022
कृषि में उपयोग हो रहा प्लास्टिक सेहत एवं पर्यावरण के लिए खतरा
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कृषि में उपयोग हो रहा प्लास्टिक सेहत एवं पर्यावरण के लिए खतरा

दुनिया भर में जिस तरह से समुद्र तटों और महासागरों में प्लास्टिक कचरे की मात्रा बढ़ रही है उसने पिछले कुछ वर्षों में सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, लेकिन एफएओ के अनुसार जिस भूमि का उपयोग हम अपने भोजन और फसलों को उगाने के लिए कर रहे हैं वो उससे कहीं ज्यादा मात्रा में प्लास्टिक से दूषित हो रही है।

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15th January 2022
पौधों के पोषक तत्वों के बारे में समुचित ज्ञान होने से किसानों की आय दोगुनी करना
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पौधों के पोषक तत्वों के बारे में समुचित ज्ञान होने से किसानों की आय दोगुनी करना

जैसा कि हम जानते हैं कि सभी किसान आय को दोगुना करने की बात कर रहे हैं, यहाँ तक कि भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी 2022-23 तक किसानों की आय को दोगुना करने और इस दिशा में हर संभव प्रयास करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस संबंध में हर छोटी बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए जो उपज को कम करने के लिए जिम्मेदार है। पौधे के पोषण के बारे में उचित ज्ञान होने से एक किसान फसल के लिए अधिकतम उपज प्राप्त कर सकता है।

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1st December 2021
छोटे किसान मुल्क की शान
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छोटे किसान मुल्क की शान

मुल्क के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नारा दिया है 'छोटे किसान, मुल्क की शान'। उनका यह नारा बिल्कुल दुरुस्त है जिसकी स्पष्टता राष्ट्रीय संघ की एक रिपोर्ट से हो जाती है। इस रिपोर्ट में यह तथ्य सामने लाया गया है कि पारिवारिक कृषि द्वारा ही पूरी दुनिया के लिए अनाज सुरक्षा यकीनन बनाई जा सकती है और पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सकता है।

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1st December 2021
बीएयू से विकसित आठ फसलों के 10 किस्मों को मंजूरी
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बीएयू से विकसित आठ फसलों के 10 किस्मों को मंजूरी

संक्षेप

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1st December 2021
दूध एक पूर्ण पेय पदार्थ है
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दूध एक पूर्ण पेय पदार्थ है

दूध का महत्व

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1st December 2021
गेहूं की फसल में बीजोपचार व खरपतवार नियन्त्रण
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गेहूं की फसल में बीजोपचार व खरपतवार नियन्त्रण

खाद्यान्न फसलों में गेहूं का प्रमुख स्थान है। गेहूं की नई-नई किस्मों के चयन, संतुलित खादों व पानी के समुचित प्रयोग से गेहूं की पैदावार में निरंतर बढ़ोतरी हुई है तथा कृषि की उन्नत कनीकों को अपनाकर किसानों ने पिछले तीन-चार वर्षों में गेहूं का रिकार्ड उत्पादन किया है। परन्तु कुछ ऐसे बिन्दु हैं जिन पर यदि किसान समय पर ध्यान दें तो इस उत्पादन में किसान और अधिक बढ़ोतरी प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विभाग व कृषि विश्वविद्यालय समय-समय पर किसानों को बीजोपचार व खरपतवार नियन्त्रण के विषय में जानकारी उपलब्ध करवाते हैं। यद्यपि किसान इस जानकारी अनुसार कृषि कार्य करते भी हैं लेकिन कुछ कमियां छोड़ देते हैं और हमें अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते। इस लेख में इन्हीं बिन्दुओं पर लिखा गया है।

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1st December 2021
किसान भाई मशीनों द्वारा पराली प्रबंधन करके ज्यादा पैदावार लें
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किसान भाई मशीनों द्वारा पराली प्रबंधन करके ज्यादा पैदावार लें

आज कृषि को लेकर भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व की तकनीक में रोज नए आविष्कार हो रहे हैं और किसानों को विशेषकर भारतीय किसानों का ऑनलाइन तकनीक से जुड़ना बेहद जरुरी हो गया है, क्योंकि किसान जब तक तकनीक से नहीं जुड़ेगा वह पीछे ही रहेगा और कृषि जगत की नई जानकारियों से अवगत नहीं हो पाएगा।

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1st December 2021
पंजाब में कनौला सरसों के उत्पादन की सम्भावनायें क्षमता एवं उत्पादन तकनीक
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पंजाब में कनौला सरसों के उत्पादन की सम्भावनायें क्षमता एवं उत्पादन तकनीक

कैनोला सरसों के उत्पादन में वृद्धि पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत है

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15th December 2021
शकरकंदी की खेती से किसानों को होगा भारी मुनाफा
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शकरकंदी की खेती से किसानों को होगा भारी मुनाफा

भारत में भारी मात्रा में शकरकंद की खेती होती है। यह खाने योग्य, चिकनी त्वचा और आकर में लम्बी और थोड़ी मोटी होती हैं। गहरे लाल रंग वाली स्वादिष्ट शकरकंद आमतौर पर दक्षिणी क्षेत्रों में उगाई जाती हैं, क्योंकि उन्हें चार महीने के गर्म मौसम की आवश्यकता होती है।

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15th December 2021
गेहूँ के मामा खरपतवार नियन्त्रण के प्रभावी उपाय
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गेहूँ के मामा खरपतवार नियन्त्रण के प्रभावी उपाय

हमारे देश की तीव्र गति से बढ़ती हुई जनसंख्या और उनकी खाद्यान्न पूर्ति की समस्या का समाधान प्रति इकाई क्षेत्र, समय व साधनों के समुचित प्रयोग से अधिक से अधिक उत्पादन लेना संभव है। गेहूँ एवं धान खाद्यान्न की ऐसी फसलें हैं, जिनमें गरीबी और भूखमरी की समस्या से लड़ने की अदभुत क्षमता है। देश की बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु वर्ष 2030 के अन्त तक 28.4 करोड़ टन गेहूँ की आवश्यकता होगी। इसे हमे प्राकृतिक संसाधनों के क्षरण, भूमि, जल एवं श्रमिक कमी तथा उत्पादन अवयवों के बढ़ते मूल्य के सापेक्ष प्राप्त करनी होगी। उत्तर प्रदेश के वर्ष 2001-02 से वर्ष 2016-17 के गेहूँ उत्पादन एवं उत्पादकता के आंकड़ों से स्पष्ट है कि इसमें एक ठहराव सा आ गया है।

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15th December 2021
दूधारु पशुओं में तपेदिक रोग
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दूधारु पशुओं में तपेदिक रोग

वर्तमान में पशुपालन एक सहायक धंधा न होकर, रोजगार प्राप्ति का मुख्य साधन बनता जा रहा है। पशुपालन को रोजगार के रूप में अपनाकर, पशुपालक अपनी आजीविका कमा रहे हैं। पशुपालन में नुकसान का एक बड़ा कारण कीटाणुओं (जीवाणु, विषाणु, आदि) से होने वाली बीमारियां हैं। इन बीमारियों में तपेदिक/ट्यूबरकुलोसिस/टीबी एक महत्वपूर्ण रोग है जिसे क्षय रोग भी कहा जाता है। यह रोग मनुष्यों में भी पाया जाता है। सामान्यतः पशुओं में यह रोग माइकोबैक्टेरियम बोविस तथा मनुष्यों में माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु से होता है। दोनों प्रजातियां पशुओं एवं मनुष्यों में क्षय रोग उत्पन्न करने में सक्षम हैं। क्षय रोग अर्थात तपेदिक या टी बी एक दीर्घकालिक संक्रामक रोग है। यद्यपि इस रोग से गाय, भैंस और मनुष्य अधिक प्रभावित होते हैं। परंतु सूअर, बिल्ली, घोड़ा, स्वान, भेड़, बकरी आदि तथा जंगली पशु भी प्रभावित होते हैं। यह रोग पक्षियों में भी देखने को मिलता है। यह एक बहुत ही खतरनाक पशुजन्य अर्थात जूनोटिक रोग है।

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15th December 2021
फल मक्खी के प्रकोप से फलों को कैसे बचाएं
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फल मक्खी के प्रकोप से फलों को कैसे बचाएं

हमारे फलों को फल मक्खियों से कैसे बचाया जाए, इस बारे में एक दिलचस्प पठन

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15th December 2021
कृषि कानूनों की वापसी और बदलता परिदृश्य
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कृषि कानूनों की वापसी और बदलता परिदृश्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की तो ऐसी तमाम टिप्पणियां सामने आई जिनमें इस बात की व्याख्या की गई कि भारतीय कृषि के लिए ये निर्णय क्या मायने रखते हैं। आमतौर पर यही कहा गया कि नए कानूनों को वापस लेना कृषि सुधारों के लिए झटका है और सरकार को ऐसा तरीका निकालना चाहिए ताकि ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय को बिना राजनीतिक विरोध के लागू किया जा सके।

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15th December 2021
मशरूम के पौष्टिक एवं औषधीय गुण
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मशरूम के पौष्टिक एवं औषधीय गुण

मशरूम एक विशेष प्रकार का कवक है। इसका उपयोग अनेक प्रकार से ताजा व सुखाकर किया जाता है। विश्व भर में मशरूम की लगभग 14,000 प्रजातियां पायी जाती हैं। इनमें से 3,000 खाने योग्य तथा 300 से के करीब औषधीय गुणों से युक्त हैं। साधारणत: श्वेत बटन मशरूम को ही मशरूम के रूप में जाना जाता है। इसके फल में डंठल व टोपी के अलावा गलफड़ों में सूक्ष्म बीजाणु पाए जाते हैं, जो कवक को एक से दूसरी जगह फैलने में सहायता करते हैं। विश्व के कुल मशरूम उत्पादन यानी लगभग 40 मिलियन मीट्रिक टन में से चीन लगभग 33 मिलियन मीट्रिक टन अकेले पैदा करता है, जो कि 80 प्रतिशत से अधिक है। भारत में इसका वार्षिक उत्पादन मात्रा 1.55 लाख मीट्रिक टन है। दुनिया भर में इसका सेवन प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष 2-3 कि.ग्रा. है, जबकि चीन में 2022 कि.ग्रा. तथा भारत में मात्रा 70-80 ग्राम है।

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15th December 2021
आलू में लगने वाले प्रमुख रोग एवं नियंत्रण पाने का आसान तरीका
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आलू में लगने वाले प्रमुख रोग एवं नियंत्रण पाने का आसान तरीका

आलू एक प्रकार की सब्जी है, जिसे वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से एक तना माना जाता है। यह गेहूं, धान और मक्का के बाद सबसे ज्यादा उगाया जाता है। आलू की खेती (Potato Farming) भारत में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में होती है। इसे जमीन के नीचे पैदा किया जाता है। आलू के उत्पादन में चीन और रूस के बाद भारत का तीसरा स्थान है।

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15th December 2021
आधुनिक कृषि तथा पर्यावरण
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आधुनिक कृषि तथा पर्यावरण

बढ़ती जनसंख्या और भूखमरी ने खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने हेतु तत्काल और कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता पर बल दिया जिसके परिणामस्वरूप हरित क्रांति उभरकर सामने आई। देश में हरित क्रांति 1960 के दशक में परम्परागत कृषि को आधुनिक कृषि तकनीकी द्वारा प्रतिस्थापित होने के पश्चात आई। हरित क्रांति की शुरूआत 1966-1967 में प्रमुख रासायनिक उर्वरकों का उपयोग लगभग 7 किग्रा. प्रति हैक्टेयर था, जो 2018-2019 में बढ़कर 123.4 किग्रा. प्रति हैक्टेयर हो गया।

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15th December 2021
सब्जी की फसलों में खरपतवार नियंत्रण
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सब्जी की फसलों में खरपतवार नियंत्रण

हरियाणा के शहरी इलाकों या उनके साथ लगते गांवो में काफी मात्रा में सब्जियाँ उगाई जाती हैं। प्रांत में मुख्यत : आलु, प्याज, लहसुन, मटर, भिण्डी, टमाटर, हल्दी, बैंगन, पत्तागोभी, मेथी व फूलगोभी की काश्त ज्यादा की जाती है।

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15th November 2021
हाइड्रोपोनिक्स-एक नई तकनीक
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हाइड्रोपोनिक्स-एक नई तकनीक

हाइड्रोपोनिक्स प्रोजेक्ट की सफलता सही हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर निर्भर करती है। हार्डवेयर में परियोजना के सभी बुनियादी ढांचे जैसे ग्रीनहाउस, बढ़ती प्रणाली, सिंचाई प्रणाली, फॉगिंग प्रणाली, स्वचालन प्रणाली, छाया जाल आदि शामिल हैं और सॉफ्टवेयर में फसल उगाना शामिल है जैसे तापमान, आर्द्रता, सूर्य के प्रकाश, पोषक तत्व नुस्खा, ईसी, पीएच, पानी का तापमान आदि।

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15th November 2021
गेहूँ की अधिक पैदावर लेने के वैज्ञानिक तरीके
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गेहूँ की अधिक पैदावर लेने के वैज्ञानिक तरीके

भारतीय कृषि का वर्तमान व भविष्य, बहुत हद तक कृषि अनुसंधान व विस्तार पर निर्भर है। कृषि विस्तार, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं एवं किसानों के बीच की एक अहम कड़ी है। पिछले कई वर्षों से, गेहूँ उत्पादकता में कुछ ठहराव सा देखने को मिला है, जो कृषि प्रसार व वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौती बन गया है।

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15th November 2021
बीजीय मसाला फसलों की उत्पादन तकनीक एवं आर्थिक महत्व
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बीजीय मसाला फसलों की उत्पादन तकनीक एवं आर्थिक महत्व

भारत मसाला उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर है तथा इसे 'मसालों की भूमि' के नाम से जाना जाता है। इन मसालों के औषधीय गुणों व खुशबू के कारण विश्वभर के व्यापारी भारत की तरफ आकर्षित होते हैं।

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15th November 2021
मशरूम में लगने वाले कीट-बीमारियाँ एवं उनका प्रबन्धन
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मशरूम में लगने वाले कीट-बीमारियाँ एवं उनका प्रबन्धन

मशरूम जिसे आमतौर पर खुम्ब या छतरी कहा जाता है जो "कवक" की एक विशिष्ट प्रजाति है। मशरूम की खेती पश्चिमी प्रदेशों एवं उत्तरांचल के अलावा अब पूर्वांचल में भी व्यावसायिक स्तर पर की जाने लगी है। आमतौर पर इसकी खेती पूरे वर्ष की जाती है, परन्तु अधिकतर मात्रा में अगस्त-सितम्बर से लेकर फरवरी-मार्च तक किया जाता है।

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15th November 2021
कृषि व्यापार में इंटरनेट मंडीकरण का महत्व
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कृषि व्यापार में इंटरनेट मंडीकरण का महत्व

सूचना क्रांति ने मानवीय जीवन के लगभग हर पहलू को छूआ है। आगामी समय में सूचना क्रांति की आर्थिक, सामाजिक एवं व्यापारिक ढांचों पर गहरी छाप छोड़ने की उम्मीद है। सूचना क्रांति में अनेक प्रौद्योगिकियों का योगदान है जैसे कि कंप्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल फोन इत्यादि।

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15th November 2021
भारतीय कृषि में मौसम-एक जुआ
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भारतीय कृषि में मौसम-एक जुआ

कृषि एक जुआ है, क्योंकि कृषि पूर्ण रूप से मौसम पर निर्भर होती है। भारतीय कृषि सदियों से अधिकांशत मौसम और मानसून की विशेषताओं के मीनाज पर निर्भर है।

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1st November 2021
पराली प्रबंधन एवं गेहूं की बुआई में मशीनों की भूमिका
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पराली प्रबंधन एवं गेहूं की बुआई में मशीनों की भूमिका

पराली प्रबंधन के मौजूदा विकल्पों को देखा जाए तो इसका यथास्थान प्रबंधन ही सबसे उपयुक्त विकल्प है जो कि पराली प्रबंधन के साथसाथ मृदा की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखने या वृद्धि करने में सहायक है।

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1st November 2021
जैविक पोल्ट्री उत्पादन
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जैविक पोल्ट्री उत्पादन

पोल्ट्री राशन में इसका उपयोग सीमित है क्योंकि यह महंगा है और साथ ही जैविक उत्पादों को फिश टेंट्स मिलते हैं। अंकुरित अनाज विटामिन का एक अच्छा स्रोत हैं और सिंथेटिक एमिनो एसिड को प्रतिस्थापित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

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1st November 2021
गेहूँ में खरपतवारों का सभ्य प्रबंधन जरूरी...
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गेहूँ में खरपतवारों का सभ्य प्रबंधन जरूरी...

गेहूँ में खरपतवारों पर काबू करने के लिए समय पर योजनाबंदी और सचेत रहने की ज़रूरत है। इस संबंधित किसानों को स्वयं ध्यान रखने की ज़रूरत है कि खरपतवारों पर काबू करने के लिए कौन-कौन से खरपतवारनाशकों का प्रयोग करना ज़रूरी है। कौन-कौन से खरपतवारों का प्रकोप उनके खेतों में है।

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1st November 2021
सरसों की खेती ऐसे करें उत्पादन में बढ़ोतरी
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सरसों की खेती ऐसे करें उत्पादन में बढ़ोतरी

सरसों की खेती : इस साल सरसों के भावों में हुई बढ़ोतरी से किसानों का सरसों की खेती की ओर रूझान बढ़ रहा है। इससे इस आने वाले सीजन में किसान अधिक क्षेत्रफल पर इसकी बुवाई कर सकते हैं। ऐसी उम्मीद है। इस बार सरसों उत्पादक राज्यों सरसों की खेती का रकबा बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए कि इस सीजन सरसों के भाव ऊंचे रहे जिससे किसानों को भी इसे बेचने पर काफी फायदा हुआ। इससे उत्साहित किसान अब सरसों की खेती पर अपना ध्यान बढ़ा सकते हैं। आगे भी उम्मीद की जा रही है कि सरसों के भावों में तेजी बनी रहेगी। इससे किसानों को सीजन में सरसों की फसल से लाभ होगा।

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15th October 2021
बछड़े/बछियों को स्वस्थ रखने हेतु सुझाव
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बछड़े/बछियों को स्वस्थ रखने हेतु सुझाव

आज की बछड़ी या बछड़ा कल की होने वाली गाय/भैंस या बैल है। अगर जन्म से ही बछड़े या बछड़ी की देखभाल अच्छे से की जाए तो वह भविष्य में अच्छी गाय-भैंस या बैल बन सकते हैं। इसलिए शुरूआती दौर में इनकी देखभाल, इनके स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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15th October 2021