बुरा न मानो होली है

“इस बार तुम सब क्या शैतानी करने की योजना बना रहे हो?” कौलिन मगरमच्छ ने अंदर आते हुए पूछा.
मिली ने आंखें मटकाते हुए कहा, “होली रंगों का त्योहार है, शरारतों का नहीं और वैसे भी हमारे फ्लोरा वन में हर कोई जानता है कि असली शरारती कौन है?”
“वाह, गजब का है तुम्हारा भाषण और आदर्श, इन की वजह से तुम्हारी होली हर साल उबाऊ होती है. तुम्हें तो मौजमस्ती करनी ही नहीं आती,” कौलिन ने उस का मजाक उड़ाया.
“कौलिन, त्योहार खुशियां मनाने के लिए होते हैं, किसी को दुखी या परेशान करने के लिए नहीं,” मिली ने उस पर पलटवार किया.
कौलिन हंसते हुए बोला, “सच तो यह है कि तुम डरे हुए हो, अगर तुम में हिम्मत होती तो मेरी तरह हिम्मत कर के होली का त्योहार मनाते.”
“साहसिक कार्य?” रोहित ने उत्सुकता से पूछा.
“पिछले साल मैं ने डिंकी हिरण को रंगों से रंग दिया था,” कौलिन ने शेखी बघारी.
सब लोग हैरानी से उस की तरफ देखने लगे.
“लेकिन डिंकी को रंगों से नफरत है,” पोपो तोता अपने पंख फड़फड़ाते हुए बोला.
“बिलकुल, लेकिन फिर भी मैं उसे रंगने में कामयाब रहा. इसे ही मैं साहस कहता हूं,” कौलिन ने गर्व से कहा.
“क्या डिंकी तुम पर गुस्सा नहीं हुआ?” हसन हेजहोग ने संदेह से पूछा.
उस की प्रतिक्रिया देने से पहले ही मैं छिप गया और चिल्लाया, "बुरा न मानो होली है."
"उसे भी नहीं मालूम था कि वह मैं था," कौलिन हंसते हुए बोला.
“मैं इन बातों पर विश्वास नहीं करती. इस के अलावा जो लोग होली नहीं खेलना चाहते, उन पर रंग डालना ठीक नहीं है,” मिली ने सख्ती से कहा.
“ओह, बहाने बनाना बंद करो, मैं तुम्हें एल्मो को रंगने की चुनौती देता हूं. यदि हिम्मत है तो एल्मो हाथी को रंग लगा कर दिखाओ. अगर तुम ऐसा करने में सफल हो गए, तो मुझे विश्वास हो जाएगा कि तुम डरपोक नहीं हो,” कौलिन ने मिली को चुनौती दी.
मिली बोली, “एल्मो को रंग लगाना मुश्किल नहीं है, लेकिन जब किसी को होली खेलना पसंद न हो तो उसे मजबूर करना गलत है.”
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मिहिर की पूंछ
मिहिर केवल 9 साल का था, लेकिन अपनी तेज बुद्धि और मजेदार अंदाज के लिए वह जाना जाता था. उस की एक बुरी आदत थी कि वह बड़े-बड़े वादे करता था, लेकिन उन्हें कभी निभाता नहीं था.

हिप्पो कब जाएंगे
क्लोई और जोई हिरण बहनें थीं और एमरल्ड तालाब के पास बसंत में पहली बार तितलियों के साथ खेल रही थीं. अचानक उन्होंने दूर से एक दरियाई घोड़े को आते देखा.

अच्छा पड़ोसी
रविवार की सुबह थी. अभी पौ भी नहीं फटी थी. गिगी जिराफ और बौब भालू, जो और्गेनिक खेती करने वाले पड़ोसी थे और शहर के बाहर ही रहते थे. वे अपने खेतों की ओर तेजी से जा रहे थे. उन के घर एकदूसरे के घर से सटे हुए थे.

बरगद के पेड़ का भूत
चंंपकवन की यह शाम ठंडी और धुंध भरी थी और जंगल असामान्य रूप से शांत था. इतना ही नहीं, चहचहाते झींगुर भी शांत हो गए थे. चीकू खरगोश और मीकू चूहा, स्कूल में एक दिन बिताने के बाद लौट रहे थे और आनंदवन में होने वाली खेल प्रतियोगिता के बारे में बातें कर रहे थे.

खोया हुआ दोस्त
मंची कैटरपिलर और बैडी सेंटीपीड बहुत अच्छे दोस्त थे. उन दोनों के कई पैर थे और उन्हें हरीभरी घास के बीच एकदूसरे के साथ दौड़ लगाना पसंद था.

मिशन अखरोट
बसंत के आगमन के साथ, ब्लूहिल वन गतिविधि से गुलजार हो गया था. जानवर और पक्षी अपने वार्षिक वसंत मेले की तैयारी में व्यस्त थे.

रंगों और पकवानों के साथ होली
“होली रे होली, होली आई रे,” चेतन की दादी के आंगन में खुशी की धुनें गूंज रही थीं। बच्चे इधरउधर दौड़ रहे थे, एकदूसरे पर रंग फेंक रहे थे। उन में से कुछ खंभों के पीछे छिप कर रंगों से बचने की कोशिश कर रहे थे। गुलाल, फूटते पानी के गुब्बारों और पानी की पिचकारियों के रंगबिरंगे स्प्रे से पूरे आंगन में अफरातफरी का माहौल था.

हर्बल होली
होली नजदीक आ रही है. चलो, इस बार कुछ अलग करते हैं,” डिंकी हिरणी ने अपनी सहेलियों से कहा.

गजरू की होली
नंदनवन में होली की तैयारियां जोरों पर थीं, हर जानवर शैतानी से होली की मस्ती की योजना बना रहा था. रंग, गुलाल, पानी के गुब्बारे सबकुछ तैयार किए जा रहे थे, लेकिन एक बार फिर गजरू छछंदर सब से बड़ी बाधा बन गया था.