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बात करने वाले यंत्र बने मौत के औजार
हिजबुल्ला को निशाना बनाने के लिए जिस सधे अंदाज में पेजर हमले किए गए, उससे भयावह साइबर काइनेटिक जंग का अंदेशा बढ़ गया है. इसमें बड़े पैमाने पर संचार तकनीक को भौतिक विनाश साधन बनाया जा सकता है. भारत के लिए खतरा बड़ा है क्योंकि इसकी ज्यादातर कनेक्टेड डिवाइसेज चीन में या दूसरे देशों में बने उपकरणों पर निर्भर
पूरा प्रदेश तलाश रहा जमीन के कागजात
रिकॉर्ड को अपडेट करने और जमीन के झगड़े खत्म करने के मकसद से किया जा रहा विशेष भूमि सर्वेक्षण सरकार और रैयत दोनों के लिए बन रहा मुसीबत. सरकार ने जनता से उसकी जमीन के दस्तावेज मांग लिए हैं, जबकि उसके पास खुद के दस्तावेज या तो मौजूद नहीं या फिर उनकी हालत खस्ता
विवादों के बुखार से बेहाल
इस प्रतिष्ठित चिकित्सा केंद्र में नौ महीनों के भीतर हटाए गए दो निदेशक उद्घाटन के 33 महीने बाद भी नहीं शुरु हो पाईं सुपरस्पेशिएलिटी सेवाएं
शुद्धता की विशुद्ध राजनीति
तिरुपति लड्डू विवाद से पता चलता है कि विभाजनकारी एजेंडे को शह देने के लिए प्रसाद तक के इस्तेमाल करने से भी कोई गुरेज न रहा
जंगली भैंसों की ली सुध
भारत में वैसे तो गाय को पूजनीय पशुधन माना जाता है लेकिन महाराष्ट्र अपनी भैंसों की भी परवाह करने में पीछे नहीं है. कम से कम जंगली जल भैंस (बुबैलस अर्नी) प्रजाति की तो सुध ले ही रहा है. दुनियाभर में जंगली जल भैंसों की कुल आबादी का 91 फीसद हिस्सा भारत में ही पाया जाता है, जहां इनकी तादाद करीब 3,400 है.
आफत की बारिश नेपाल में, डूबा बिहार
राहत की बात इतनी ही है कि नेपाल में बारिश रुक गई है और कोसी तथा गंडक में जलप्रवाह फिर से सामान्य हो गया है.
कम होती बसों के मामले में बेबस
एक तरफ जहां अभी भी आर. जी. बलात्कार और हत्याकांड के मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच चल रही है, वहीं ताजा कानूनी पचड़ा बसों का है जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार फंसी है. हालांकि बसों का यह मामला तुलनात्मक रूप से कम नुक्सान पहुंचाने वाला है.
निर्दलीय उम्मीदवारः धीरे-धीरे दलदल में
शरद ऋतु के आगमन के साथ कश्मीर में धूप ज्यों-ज्यों मद्धिम होती जा रही है, जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों के लिए चुनाव लड़ रहे 365 निर्दलीय उम्मीदवारों की किस्मत भी धुंधली पड़ती जा रही है.
उलटी पड़ गई जादूगर की चाल
मुकाबला तो बराबरी का ही था, लेकिन उस समय केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मु नेता गजेंद्र सिंह शेखावत के लिए स्थितियां थोड़ी जटिल हो गई थीं. वे अपने गृहनगर जोधपुर के प्रतिद्वंद्वी, राजनैतिक दांव-पेच में माहिर और पिछले दिसंबर तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत के साथ एक राजनैतिक और कानूनी विवाद में उलझ गए.
और आखिर हुआ पुत्र उदय
उदयनिधि की पदोन्नति एक शुरुआत है. असल चुनौती है ऐक्टर विजय का उभार. डीएमके बुढ़ाते नेताओं के बूते उनका मुकाबला नहीं कर सकती
सोणा पंजाबी एल्बम मान दा
गायक-अभिनेता-गीतकार गुरदास मान दूरदर्शन के साथ शुरुआत से लेकर अपने नए एल्बम साउंड ऑफ सॉएल, वीर जारा के किस्से और नई पीढ़ी के कलाकारों पर
"हाथ से सितार ले लिया जाए तो मैं दुनिया के किसी काम का नहीं"
उस्ताद शुजात खान इस दौर के श्रेष्ठतम सितारवादकों में से एक हैं. छह साल की उम्र से ही स्टेज पर परफॉर्म करने वाले, ग्रैमी अवार्ड के लिए नामित, इमदाद खान घराने के ये 64 वर्षीय संगीतकार जितने सादगीपसंद हैं उतने ही जिंदादिल. एक अरसा पहले वे दिल्ली की चिल्लपों से दूर गोवा के एक गांव में जा बसे जो पणजी से 12 किमी दूर है. दी लल्लनटॉप और इंडिया टुडे के संपादक सौरभ द्विवेदी ने हाल में जिंदगी के तमाम पहलुओं पर उनसे लंबी बातचीत की. उसी के अंशः
सदा के लिए नहीं रहा हीरा
भारत के हीरा उद्योग में भूचाल जैसी स्थिति है और इसे तराशने वाले कुशल कारीगर घटती आय और अनिश्चित भविष्य से जूझ रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि लैब में तैयार हीरे की बढ़ती मांग के आगे प्राकृतिक पत्थर की असली चमक फीकी पड़ती जा रही है
लुटी-पिटी विरासत के बादशाह!
बेभाव उधारियां उठाकर केसीआर ने तेलंगाना का दीवाला ही निकाल दिया. उनके इस फितूर का खामियाजा अगले एक दशक तक राज्य को उठाना पड़ेगा
अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश
कांग्रेस ने यूपी में जनआंदोलनों और कई सारे कार्यक्रमों के जरिए अपने जनाधार विस्तार की रणनीति बनाई. पिछड़ों, दलित और अल्पसंख्यकों पर विशेष रूप से फोकस
दिलचस्प से हरियाणे का सियासी सांग
सत्ता-विरोधी भावना का मुकाबला करते हुए कांग्रेस से अपने गढ़ को बचाने की पुरजोर कोशिश में लगी भाजपा. दूसरी ओर अंदरुनी लड़ाई के बावजूद कांग्रेस उम्मीदों पर सवार
उम्मीदों में उलझीं कुछ गुत्थियां भी
विरोध के बावजूद भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की योजना को आगे बढ़ाने की ठानी. अगर ऐसा हुआ तो ये सवाल पूछे जाएंगे कि इससे हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा या कमजोर?
"सड़क हादसो जितनी मौतें तो युद्ध में भी नहीं हुई"
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी देश के हाइवे पर बढ़ते हादसों को लेकर काफी चिंतित हैं और उन्होंने खतरों को घटाने के लिए कई कदम उठाए हैं. लेकिन ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा और एसोसिएट एडिटर अभिषेक जी. दस्तीदार के साथ बातचीत में उन्होंने साफ-साफ स्वीकार किया कि यही इकलौता मामला है जिसमें वे अपने तय किए लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहे. बातचीत के संपादित अंशः
जान के दुश्मन हाइवे
खराब सड़क डिजाइन, लचर पुलिसिया व्यवस्था, प्रशिक्षण की कमी, नाकाफी सुरक्षा इंतजामात, और हादसे के वक्त इलाज की सुविधा के अभाव की वजह से भारत की सड़कें दुनिया में सबसे ज्यादा जानलेवा-
मेडिकल कुंडली से हो रहा शादी का फैसला
बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा तहसील के लक्ष्मी नगर के रहने वाले विकेश और अंजलि की दो माह पहले शादी हुई है. सगाई के वक्त जब दोनों के परिजन कुंडली मिलाने की तैयारी कर रहे थे तभी विकेश और अंजलि बागीदौरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दूसरे की मेडिकल रिपोर्ट मिलान कर रहे थे. दरअसल, विकेश और अंजलि ने सिकल सेल एनीमिया की जांच कराई थी और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही दोनों ने शादी की सहमति दी. विकेश कहते हैं, \"हमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम ने सिकल सेल बीमारी के बारे में जानकारी दी थी. अगर हम दोनों में से किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आती तो हम शादी नहीं करते.\"
हादसे ने उड़ा दी पूजा की भी रंगत
हर साल अगस्त में पश्चिम बंगाल में धूम मचाने वाली 'पूजा की भावना ' इस बार जोर नहीं पकड़ रही. दीपावली तक बनी रहने वाली दुर्गा पूजा अक्तूबर में चार दिवसीय उत्सव तक अपने शिखर पर रहती आई है. सामाजिक मनोदशा का असर कारोबार पर भी पड़ता ही है. पिछले साल राज्य की पूजा से जुड़ी अर्थव्यवस्था 50,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी.
घिर गए सिद्धा, अब...
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में अनियमितताओं के जरिए अपनी पत्नी को लाभ दिलाने के आरोपों से घिरने के करीब तीन महीने बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया के लिए हालात और विकट हो गए हैं.
अराजकता में नई उम्मीद
दिसानायके ने एनपीपी सांसद हरिणी अमरसूर्या को प्रधानमंत्री नियुक्त किया, इससे उन्हें महिलाओं के वोट मिलने की उम्मीद
भुवन की बम-बम
भुवन बाम 27 सितंबर को डिज्नी + हॉटस्टार पर ताजा खबर के नए सीजन के साथ वापसी कर रहे
हरित ऊर्जा की तरफ कूच
जीवाश्म ईंधन से सोलर सेल तक भारत की ऊर्जा क्रांति रोमांचकारी है, मगर क्या इसकी मौजूदा रफ्तार कायम रखी जा सकती है? नीति निर्माता, उद्योग के अगुआ और विशेषज्ञ बता रहे हैं अपना-अपना नजरिया और चिंताएं
मुश्किल में मुखर्जी नगर की विरासत
हिंदी माध्यम में सिविल सेवा तैयारी के सबसे बड़े केंद्र दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग संस्थानों के सामने अस्तित्व का संकट
सोने के प्रति नई ललक
देश में बढ़ते जेवरात बाजार के मद्देनजर बड़े कॉर्पोरेट घराने हिस्सेदारी ने की होड़ में उपभोक्ताओं की खातिर खांटी माल और आकर्षक डिजाइन लेकर हाजिर
अवधपुरी में धांधली की गहराती धमक
अयोध्या में जमीन की खरीद और मुआवजा वितरण में धांधली पर समाजवादी पार्टी का आक्रामक रुख. विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब देने में आखिर कमजोर क्यों साबित हो रही भाजपा सरकार?
शिंदे की रेवड़ी बांटने वाली चाल
क्या इससे उन्हें अधर में लटके महायुति के भविष्य को नई दिशा देने में मदद मिलेगी?
जन सुराज प्रशांत किशोर का पोलिटिकल वेंचर!
दो साल से बिहार में चल रहा जन सुराज अभियान गांधी जयंती के दिन पार्टी की शक्ल लेने जा रहा. पहली बार कोई पार्टी रिसर्च, स्ट्रैटजी और पेशेवर प्रबंधनों से बन रही. कहीं न कहीं इसके पीछे पैसों की ताकत भी है. प्रशांत किशोर का मानना है कि बिहार में सफल रहने पर इस प्रयोग को देश के दूसरे इलाकों में भी आजमाया जाएगा