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जोर दोनों तरफ बराबर
दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक केंद्रीय मंत्री के लिए चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल, लेकिन मतदाताओं की उदसीनता बनी चुनौती
बागियों ने बनाया रोचक
बागियों और दल-बदल कर रहे नेताओं के कारण इस बार राज्य में चुनाव हुआ रोचक, दारोमदार आदिवासी वोटों पर
एक और पानीपत युद्ध
भाजपा की तोड़ में हुड्डा समर्थकों और जाति समीकरणों पर कांग्रेस का दांव
संविधान बना मुद्दा
यूपी में वोटर भाजपा समर्थक और विरोधी में बंटा, पार्टी की वफादारी के बजाय लोगों पर जाति का दबाव सिर चढ़कर बोल रहा, बाकी सभी मुद्दे वोटरों की दिलचस्पी से गायब दिख रहे
तेजस्वी चुनौती
राजद के लिए इस बार लोकसभा चुनाव करो य मरो वाला, एनडीए में नेताओं की फौज के मुकाबले अकेले डटे पूर्व उप-मुख्यमंत्री क्या चुनौती पर खरे उतरेंगे
करो या मरो के मैदान
आम चुनाव के अगले चरणों में सबसे ज्यादा सीटों वाले चार राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के क्षेत्रीय दल क्या भाजपा के अजेय कहे जाने वाले रथ को रोक कर सियासी हवा बदल पाएंगे?
बनारस में विरोधाभासी रंग
प्राचीन शहर को दो बार के सांसद नरेंद्र मोदी अपनी छवि और विकास में ढाल रहे, लेकिन बड़ा हिस्सा उपेक्षित
क्यों है बवाल
कांग्रेस के घोषणा-पत्र पर हमले के लिए भाजपा ने विरासत कर को मुद्दा बनाकर नए विवाद को जन्म दिया
चुनावी जंग गजब रंग
अनंतनाग-राजौरी सीट पर वोटिंग टलने के मायने और मंशा पर उठ रहे हैं कई सवाल
खतरनाक है सबको कलाकार कहना
यह बहस अश्लीलता और सभ्यता की है, जिसके लिए लकीर खींचना वाकई जरूरी है
कूचे में बेआबरू
इस आइपीएल में मुंबई इंडियंस के खराब प्रदर्शन से नए कप्तान पांड्या, लोगों के निशाने पर
जाति का गणित
भाजपा का ओबीसी उम्मीदवारों पर दांव तो कांग्रेस ने सवर्ण और महिला प्रत्याशियों को दी तरजीह, झामुमो की आदिवासी वोटों पर नजर
चुनावी मुठभेड़
पहले चरण से ठीक पहले निकला माओवाद का जिन्न किसके लिए
राजनैतिक विज्ञापनों का अर्थशास्त्र
चुनाव आते ही आरोप लगाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों का बाजार गरम हो गया
इनफ्लुएंसर काल में चुनाव
सोशल मीडिया के लोकप्रिय चेहरों को भुनाकर राजनीतिक दलों ने मतदाताओं तक पहुंचने के एक सशक्त औजार को साध लिया
सिनेमा से बनती-बिगड़ती सियासत
फिल्मी सितारों का सबसे ज्यादा प्रभाव राजनीति में अगर कहीं रहा है, तो वह है दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु
वजूद बचाने की जंग
तेलंगाना के चुनावी अखाड़े में सबके अपने भारी के बड़े-बड़े दावे
द्रविड़ पहचान बनाम हिंदुत्व
यहां मुकाबला दोतरफा, सिवाय एकाध सीटों के जहां भाजपा का कुछ दांव है
जाति, पानी और हिंदुत्व से चढ़ता चुनाव
भाजपा को दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपि के तीन तटीय जिलों से उम्मीद है
विरासत का द्वंद्व
पिता की विरासत को आगे बढ़ाने वाले जगन का भाजपा-कांग्रेस से रिश्तों में रवैया ढुलमुल
प्रांतीय राजनीति की चुनौती
भाजपा के रणनीतिकारों को यह बात समझ नहीं आई है कि नब्बे के दशक के बाद इस देश की राजनीति एकदम बदल गई है
चुनावी फासले
पिछले एक दशक में हुए चुनावों से पता चलता है कि उत्तर और दक्षिण के बीच सियासी दूरी बढ़ती जा रही है, मौजूदा आम चुनाव इस विभाजन की पुष्टि करते हैं
सुक्खू की साख का सवाल
भाजपा असेंबली में अपनी ताकत को बढ़ाने की फिराक में है ताकि कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाए और गिर जाए
बेदम 'स्टारडम'
फिल्मी परदे पर गरजने वाले कलाकारों की सदन में आवाज नहीं निकलती
आंबेडकर और गांधी
भारत निर्माण के दोनों युग-प्रवर्तकों में मतभेदों के बावजूद लक्ष्य के प्रति काफी स्पष्टता थी
सियासी सफर पर क्वीन
फिल्मी दुनिया के अनगिनत विवादों के बीच राजनीति में क्या गुल खिलाएंगी, देखना बाकी
सब कुछ नयाँ है
आइपीएल में इस बार बहुत सी बातें पहली बार हैं, पहली-पहली बार के ये अनुभव दर्शकों को रोमांचित भी कर रहे हैं और आनंद भी दे रहे
स्त्री स्वर, लय, थाप और थिरकन
ओडिशी नृत्यांगना निताशा नंदा ने नृत्य, गायन, वादन और पारंपरिक तथा पाश्चात्य ध्वनियों के संगम से स्त्री सशक्तीकरण का अनोखा रंग पेश किया
संवेदना विस्तार की कथा
एक धारणा है, जो इस समुदाय के प्रति होती है, एक आवरण जो इस समुदाय को घेरे रहता है। इस आवरण की वजह से कयास हैं। जहां भी कयास होते हैं, वहां परिणाम गलत होते हैं।
स्त्री नहीं समाज का संघर्ष
वरिष्ठ कवि अरुण कमल की ये पंक्तियां पुस्तक के मूल को बहुत अच्छे से परिभाषित करती है। साहित्य-समालोचक और दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक डॉ. राजीव रंजन गिरि द्वारा संपादित यह पुस्तक स्त्रीवाद पर एक सारगर्भित संकलन है।