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संविधान के लिए लोग ही लड़ेंगे
संविधान के दर्शन और मनुष्यता के दार्शनिक संकट से अपनी बात की शुरुआत करना चाहूंगा। उसके बाद भारत के संविधान को लेकर जो चीजें घट रही हैं, मैं उस पर आऊंगा। हम जिस संकट पर यहां बात कर रहे हैं, वह सिर्फ भारत की परिस्थिति नहीं है, पूरी मानव प्रजाति का मामला है। इतिहास में बहुत बार मानवता ऐसे दार्शनिक संकटों से गुजरी है जब पूरे मानवीय अंतस को ही अलग-अलग कारणों से धक्का पहुंचता है।
संविधान का आधार हैं अर्जित मूल्य
पूरी दुनिया में बीसवीं सदी के आरंभ से लगभग 1960 तक अलग-अलग जगह संवैधानिक लोकतंत्र सरकार के रूप में प्रस्थापित होता रहा। अफ्रीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, भारत, एशिया, यूरोप के कुछ देशों में जहां कहीं राजा थे, उनकी जगह संविधान के साथ लोकतंत्र आया।
संविधान गया, तो लोकतंत्र नहीं बचेगा
लोकतंत्र और संविधान का अभिन्न रिश्ता है। हर देश में संविधान के निर्माण और उसे लो अपनाने के कई कारण होते हैं। मगर दो कारण प्रमुख हैं। पहला कारण तो वह है, जिसका परिणाम दुनिया में हिंदुस्तान का अहम योगदान है। हमारी विविधता ज्यादा है और हम पराधीन थे, तो इन दोनों का हल निकालने के लिए एक ऐसे दस्तावेज की दरकार थी जो सबको समेटे, जनतंत्र, प्रजातंत्र की स्थापना करे, हम किसी के अधीन न हों, हम किसी राजा-महाराजा के तहत न रहें।
हसीना का पतन भारत की चिंताएं
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में अब भारत का कोई हितैषी नहीं बचा, यह सबसे बड़ी दिक्कत, फिलहाल अगले घटनाक्रम का इंतजार है
तीन हफ्ते बनाम सोलह साल
अवामी लीग के भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा हुआ आंदोलन कैसे तख्तापलट तक पहुंच गया
त्रासदी का अध्याय साहस के प्रसंग
बाढ़ में बह गई बस्तियां ही बस्तियां, मौत हौसला फिर भी कम कर न सकी, केरल की भीषण तबाही के बीच जीवन की उम्मीद की कहानी
जैसा समाज वैसे बाबा
अब भारतीय सिनेमा में परदे पर बाबाओं को फर्जी, ठग और खलनायक के रूप में दिखाना आम बात
लेखक की पाठकीय जीवनी
दशकों के एकत्रित किए गए अनुभवों से बने व्यक्तिगत लेखनशास्त्र को साझा करती सुधांशु गुप्त की 'पुस्तक साहित्य में 'अप्रोच' को रेखांकित करती है।
विरोधाभासों के बीच स्त्री अस्मिता के प्रश्न
ऋषि च्यवन और सुकन्या पर केंद्रित उपन्यास वैसे, तो पौराणिक कथा पर आधारित है लेकिन यह वर्तमान स्त्री की स्थिति को भी रेखांकित करता है।
पूजा कांड से कठघरे में आयोग
फर्जी प्रमाण-पत्र के जरिए पास करने वाली अभ्यर्थी के पकड़े जाने पर यूपीएससी की कार्यप्रणाली पर लगे सवालिया निशान
पुराना सवाल, नया संदर्भ
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से प्रतिबंध हटने के बाद देखना दिलचस्प होगा कि सरकार को इससे बढ़त कैसे मिलेगी
रायगढ़ में सती?
पति की मौत के बाद गुमशुदा पत्नी को लेकर तरह-तरह की कहानियां
'भाजपा को जम्मू-कश्मीर का राजनैतिक पुनर्गठन महंगा पड़ा'
माकपा के राज्य सचिव एम.वाइ. तारिगामी जम्मू-कश्मीर की बेहद खास राजनैतिक शख्सियत हैं।
चुनाव हुए तो असेंबली होगी लाचार
हाल में पुनर्गठन कानून में किए गए बदलाव से लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यकारी अधिकारों में इजाफा किया गया, जिससे विधानसभा हो जाएगी शक्तिहीन
कश्मीर सूरते हाल
अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाए जाने के पांच साल पूरे, छह साल से असेंबली भंग और जम्मू आतंकवाद का नया ठिकाना बना, पुनर्गठन कानून में फेरबदल से विधायिका हुई पंगु, चुनावों का इंतजार
जिंदा दफनाने की कोशिश
प्रदेश में रीवा जिले की घटना से कानून-व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
संघवाद तार-तार!
बजट 2024-25 पर विपक्ष के सवाल, देश के राजकोषीय संघवाद की वर्तमान स्थिति राज्यों की वित्तीय स्वायतता के लिए खतरे की घंटी
बिहार को तोहफा, झारखंड को झटका
अगल-बगल के राज्य होने के बाद भी एक राज्य को बजट में मिली ढेरों सौगात, जबकि दूसरा राज्य अपनी बकाया राशि लेने में भी विफल
इस बजट से तो रोजगार बढ़ने से रहा
जनादेश 2024 के बाद एनडीए सरकार का पहला बजट क्या अर्थव्यवस्था की मंद चाल में कुछ तेजी ला पाएगा ?
कोटा पर फूटा छात्रों का कहर
सत्ताधारी पार्टी के लोगों को सरकारी नौकरी के खिलाफ भड़का असंतोष
पहली महिला राष्ट्रपति की आस
चुनाव 'को सौ दिन से भी कम रह गए हैं और कमला हैरिस का चुनाव जोर पकड़ रहा है, लेकिन दक्षिणपंथी ताकतों की चुनौती भी कम नहीं
गरमा रही हैं लंदन की सड़कें
ब्रिटेन में दक्षिणपंथ तथा नस्लवाद के उभार से लेबर सरकार चौकस
गौरव का प्रतीक
अपनी फिल्मों, कॉलमों, साक्षात्कारों और कपड़े पहनने के तरीके से रितुपर्णो घोष अपनी वास्तविक पहचान जाहिर करने से बहुत पहले क्वीर समुदाय के गौरव प्रतीक बन गए थे
संकट में एडटेक कारोबार
ऑफलाइन केंद्रों के सहारे भी नहीं टिक पा रहा है प्रौद्योगिकी आधारित ऑनलाइन शिक्षा का बाजार, विलय की खबरें तेज
2007 का विलेन, 2024 में हीरो
एक दौर ऐसा भी था जब द्रविड़ बतौर कप्तान टी20 की ट्रॉफी नहीं उठा सके थे। कोच के रूप में टीम को जीत दिलाकर उन्होंने आखिरकार इसकी भरपाई कर ली
रो-को के बाद कौन?
जिस देश में क्रिकेट का नशा धर्म से कम नहीं है, वहां के दो आला खिलाड़ियों का तुरंता फॉर्मेट टी-20 से संन्यास ले लेना खेलप्रेमियों के लिए सदमे से कम नहीं, सबके मन में एक ही सवाल- कौन थामेगा जिम्मेदारी?
निकाय चुनावों का मुकाबला
नगर निकाय और पंचायत चुनावों के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कसी कमर, आंदोलन की तैयारी
कांग्रेसीकरण से उपजा रोष
हाल ही में कांग्रेस से आए नेताओं को भाजपा सरकार में मंत्री पद से नवाजे जाने पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में बेचैनी
संसद में मेहदी के रंग
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद अपने पहले भाषण से ही बने कश्मीरियों के चहेते
मरना मंजूर पर डरना नहीं
राज्य में प्रेम विवाह करने वाली लड़कियों के साथ लड़के भी असुरक्षित, सूबे में फिर छलांग लेने लगा 'ऑनर किलिंग' का कलंक