भारत में पर्यटन के लिए आगरा के ताज महल, राजस्थान के किलों और महलों, गोवा के समुद्र तट और केरल के बैकवाटर्स के अलावा भी बहुत कुछ है. अब तक थोड़ी अनजान रहीं आकर्षक जगहें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो रही हैं. मिसाल के तौर पर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर को लें, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां शिव-पार्वती का विवाह हुआ था. यह अब एक लोकप्रिय वेडिंग डेस्टिनेशन बनता जा रहा है. वहीं, ओडिशा में समुद्र तट के पास बसे कोणार्क शहर में लोग पहले जहां केवल एक दिन बिताते थे, वहीं अब वे वहां चार-पांच दिन रुकना पसंद करते हैं. और इस लोकप्रियता का श्रेय हाल ही में लॉन्च इको रिट्रीट 'ग्लैम कैंप' को जाता है. भारत का पर्यटन क्षेत्र 'लोकल' की अहमियत को तेजी से पहचान रहा है और यही विचार उद्योग से जुड़े दिग्गजों और शीर्ष अधिकारियों के बीच चर्चा में तेजी से उभरा, जो इंडिया टुडे टूरिज्म सर्वे ऐंड अवॉर्ड्स, 2023 में कोविड-19 महामारी के बाद तेजी से पटरी पर लौटते पर्यटन क्षेत्र के भविष्य पर चर्चा के लिए एक साथ जुटे थे.
2019 में भारत ने करीब 1.1 करोड़ ने विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया और घरेलू पर्यटकों का आंकड़ा 1.8 अरब रहा. हालांकि, कोविड काल में इस क्षेत्र को एक बड़ा झटका लगा लेकिन अब इससे उबरने के संकेत साफ हैं और पर्यटकों का आंकड़ा कोविड-19 पूर्व के स्तर तक पहुंच गया है. पर्यटन मंत्रालय में सचिव, अरविंद सिंह कहते हैं, "पर्यटकों की आमद बढ़ी है और घरेलू पर्यटन में खासी वृद्धि देखी गई है. ऐसी नई जगहों पर भी लोगों का आना काफी ज्यादा बढ़ा है जहां पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया है."
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अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
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अराजकता के गर्त में वापसी
केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं
अब आई मगरमच्छों की बारी
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नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"