इंजनों से बदल जाएगा अंदाज
एफ414 जेट इंजन के निर्माण की खातिर प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए अमेरिका के साथ करार हुआ है. इससे भारत को भविष्य में अपने खुद के हाइ-टेक इंजनों के उत्पादन के लिए अहम तकनीकी क्षमता हासिल करने में मदद मिलेगी।
लड़ाकू विमान हमारी वायु रक्षा और आक्रमण क्षमता दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं. चाहे वे जमीन से उड़ने वाले हों या फिर विमानवाहक पोत से संचालित होने वाले. फिर भी हम इन विमानों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा - उसका इंजन बनाने में आज तक सक्षम नहीं हो सके हैं. यह स्वदेशी लड़ाकू जहाजों के विकास के रास्ते की सबसे बड़ी बाधा साबित हुआ है. जरा इन तथ्यों पर नजर डालें: दुनिया में लगभग 40 विमान निर्माता हैं. लेकिन सैन्य जहाजों के इंजन को पूरी तरह से डिजाइन, विकसित और उत्पादन करने की तकनीक केवल चार देशों के पास है: अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस. चीन ने अपना जेट इंजन विकसित करने के लिए 2 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च किए हैं, फिर भी लड़ाकू विमानों के इंजन के लिए वह रूस से आयात पर निर्भर है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) का तैयार किया गया स्वदेशी कावेरी इंजन लड़ाकू विमानों को पर्याप्त ताकत दे पाने के मापदंडों पर खरा न उतर सका. इस वजह से भारत के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) निर्माण कार्यक्रम में देरी हुई. एलसीए तेजस में फिलहाल जीई एफ404 इंजनों का इस्तेमाल हो रहा है. तेजस का निर्माण करने वाले हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इसे अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस से खरीद समझौते के बाद हासिल किया है.वर्षों के विचार-विमर्श के बाद आखिरकार अमेरिका ज्यादा शक्तिशाली जीई एफ414 इंजन के साझा उत्पादन के लिए 80 फीसद जेट इंजन तकनीक भारत को हस्तांतरित करने को राजी हो गया है. नए जीई एफ414 इंजन एचएएल के एलसीए तेजस एमके-2 फाइटर जेट में लगेंगे.
यह गेमचेंजर क्यों है
ये जीई एफ414 आइएनएस6 इंजन दरअसल एलसीए एमके2 को एडवांस सेंसर, बड़ा डिस्प्ले कॉकपिट और ज्यादा हथियारों को लेकर उड़ने की ताकत देते हैं. साथ ही वे बेहतर परिचालन क्षमता, मरम्मत और रखरखाव वगैरह कम समय में पूरा करना सक्षम बनाते हैं.
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
शोख सनसनी दिल्ली की
आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं
पाइ पटेल की भारत यात्रा
यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं
अब शासन का माझी मंत्र
मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे
कुछ न कर पाने की कसक
कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.