उस कॉल की लोकेशन और अन्य जानकारी जुटाई गई तो पुलिस के पैरों तले से जमीन खिसक गई. दरअसल, वह कॉल जयपुर सेंट्रल जेल से आई थी और कॉल करने वाले ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को गोली मारने की धमकी दी थी. पांच घंटे में कॉल से संबंधित जानकारियां जुटाने के बाद पुलिस ने जयपुर सेंट्रल जेल में छापा मारकर धमकी देने वाले व्यक्ति मुकेश और उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया. मुकेश बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के मामले में पांच साल से जेल में बंद था. जेल प्रशासन ने कार्य के प्रति कोताही बरतने पर जयपुर सेंट्रल जेल के कार्यवाहक अधीक्षक ओम प्रकाश और हेड वार्डन अजय सिंह राठौड़ तथा मनीष यादव को निलंबित कर दिया गया.
केस-2:
27 जुलाई 2024 की रात 3 बजे जयपुर पुलिस के कंट्रोल रूम में फोन करके मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी दी गई. उससे पुलिस महकमे में अफरातफरी मच गई. लोकेशन और अन्य जांच में यह सामने आया कि वह कॉल राजस्थान की स्पेशल जेल श्यालावास में बलात्कार के मामले में बंद नीमो नामक व्यक्ति ने की थी. धमकी देने वाले की पहचान होते ही पुलिस और जेल प्रशासन की ओर से दौसा जेल में सर्च अभियान चलाया गया जिसमें 10 कैदियों के पास मोबाइल फोन बरामद हुए. श्यालावास गांव की यह स्पेशल सेंट्रल जेल जयपुर केंद्रीय कारागार से ट्रांसफर होने वाले गंभीर प्रवृत्ति के अपराधियों के लिए बनाई गई थी. ऐसे में सुरक्षा को लेकर उठे सवालों के बाद जेल के कार्यवाहक अधीक्षक कैलाश प्रसाद, जेलर बिहार लाल और जेल के हेड वार्डन अवधेश को निलंबित कर दिया गया.
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नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"