रामबाण दवा या भानुमति का पिटारा?
India Today Hindi|August 21, 2024
एससी और एसटी के उपवर्गीकरण की इजाजत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से बहस छिड़ गई है कि क्या आरक्षण से वाकई सामाजिक समता आएगी या फिर यह महज वोट बैंक साधने का सियासी औजार बनकर रह जाएगा
कौशिक डेका
रामबाण दवा या भानुमति का पिटारा?

सर्वोच्च न्यायालय ने सकारात्मक उपायों की रूपरेखा को फिर से परिभाषित करते हुए 1 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुआई में सात जजों की पीठ ने 6:1 के बहुमत से दिए फैसले में राज्यों को अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के वर्गों के भीतर उपवर्गीकरण करने की इजाजत दे दी. इसका मकसद इन वर्गों के भीतर सबसे पिछड़े समुदायों के बीच आरक्षण के फायदों का ज्यादा न्यायसंगत बंटवारा सुनिश्चित करना है. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि एससी-एसटी की सूचियां एक समान या सजातीय नहीं हैं और इन समुदायों के बीच सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का स्तर अलग-अलग है. अब राज्य एससी के लिए निर्धारित 15 फीसद और एसटी के लिए निर्धारित 7.5 फीसद आरक्षण के भीतर विशिष्ट जातियों के लिए आरक्षण की सीमा तय कर सकते हैं. इस फैसले ने 2004 में ई.वी. चिनैया बनाम आंध्र प्रदेश सरकार मामले में दिया गया सुप्रीम कोर्ट का वह फैसला उलट दिया जिसमें एससी-एसटी सूचियों को एक समान बताते हुए कहा गया था कि उनमें उपविभाजन नहीं किया जा सकता. यह फैसला इस दलील का समर्थन करता है कि आरक्षण के फायदे सभी जातियों तक बराबर-बराबर नहीं पहुंचे हैं और ज्यादा कमजोर समूहों को आरक्षण के ढांचे में निश्चित हिस्सेदारी की जरूरत है.

कई शोध इस फैसले का समर्थन करते हैं, मगर आलोचक आगाह करते हैं कि सियासी तबका वोट बैंक बनाने के लिए इस फैसले का फायदा उठा सकता है. फैसले पर सियासी दलों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं, चाहे वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में हों या विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) में.

This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM INDIA TODAY HINDIView all
डॉक्टरी की पढ़ाई 3 डी से होती आसान
India Today Hindi

डॉक्टरी की पढ़ाई 3 डी से होती आसान

मेडिकल कोर्सेज में दाखिला मिलना अमूमन मुश्किल होता है, लेकिन दाखिला मिलने के बाद वहां अच्छे से पढ़ाई और भी मुश्किल होती है.

time-read
2 mins  |
December 18, 2024
सुखबीर के जीवन का निर्णायक क्षण
India Today Hindi

सुखबीर के जीवन का निर्णायक क्षण

चार दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सेवा देते हुए शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) नेता सुखबीर सिंह बादल को अप्रत्याशित खतरे का सामना करना पड़ा.

time-read
3 mins  |
December 18, 2024
क़ुदरत के रंग-राग
India Today Hindi

क़ुदरत के रंग-राग

बेंगलूरू में हो रहे इकोज ऑफ अर्थ म्यूजिक फेस्टिवल के सातवें संस्करण का लाइनअप जबरदस्त

time-read
2 mins  |
December 18, 2024
टैंक को स्वदेशी बनाने की कनपुरिया तकनीक
India Today Hindi

टैंक को स्वदेशी बनाने की कनपुरिया तकनीक

कानपुर के कालपी रोड में इंडस्ट्रियल एस्टेट के प्लॉट नंबर 98 में चल रही तीन मंजिला फैक्ट्री आम कारखानों से अलग है.

time-read
3 mins  |
December 18, 2024
पुरानी कारों का यूनीकॉर्न
India Today Hindi

पुरानी कारों का यूनीकॉर्न

पुरानी कार खरीदने में यही दुविधा रहती है कि कहीं चोरी की तो नहीं या पुलिस केस में तो नहीं फंसी है.

time-read
4 mins  |
December 18, 2024
अफसानों का उस्ताद
India Today Hindi

अफसानों का उस्ताद

फिल्म निर्माता इम्तियाज़ अली देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल के संरक्षक होने और दोबारा रिलीज हुई लैला मजनूं की सफलता वगैरह के बारे में

time-read
1 min  |
December 18, 2024
आखिरी नतीजे तक जंग
India Today Hindi

आखिरी नतीजे तक जंग

बस्तर में सुरक्षा बलों की भारी मौजूदगी, तकनीक का साथ और सरकार की तरफ से अभियान चलाने की पूरी आजादी के बूते 2024 में माओवादियों के खिलाफ लड़ाई भारी सफलता के साथ आगे बढ़ी

time-read
7 mins  |
December 18, 2024
एसी के पीछे की गर्म हवा ! उसे भी साधने का है जुगाड़
India Today Hindi

एसी के पीछे की गर्म हवा ! उसे भी साधने का है जुगाड़

पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक प्रमोद स्टीफन का मन ऐसी खोजों में रमता है जो लोगों के लिए लाभदायक तो हो साथ ही पर्यावरण के लिए भी मुफीद हो. उन्होंने इस बार ऐसा जुगाड़ तैयार किया है, जो एसी की गर्म हवा से बाहरी दुनिया को बचाता है.

time-read
3 mins  |
December 18, 2024
चाय वालों के लिए वरदान 'फिल्टर कॉफी' मशीन
India Today Hindi

चाय वालों के लिए वरदान 'फिल्टर कॉफी' मशीन

चंपारण के किसी शहर, कस्बे या बाजार में जाएं, आपको चाय दुकानों पर एक खास चीज नजर आएगी.

time-read
2 mins  |
December 18, 2024
बैलों से बना रहे बिजली
India Today Hindi

बैलों से बना रहे बिजली

लखनऊ में गोसाईंगंज को मोहनलालगंज से जोड़ने वाली सड़क पर पड़ने वाली नई जेल के पीछे तीन एकड़ जमीन पर बनी गोशाला और यहां लगी मशीनें अपनी ही बिजली से रौशन हैं.

time-read
2 mins  |
December 18, 2024