Grihshobha - Hindi - June First 2024Add to Favorites

Grihshobha - Hindi - June First 2024Add to Favorites

Magzter GOLDで読み放題を利用する

1 回の購読で Grihshobha - Hindi と 9,000 およびその他の雑誌や新聞を読むことができます  カタログを見る

1 ヶ月 $9.99

1 $99.99 $49.99

$4/ヶ月

保存 50%
Hurry, Offer Ends in 12 Days
(OR)

のみ購読する Grihshobha - Hindi

1年 $10.99

保存 57%

この号を購入 $0.99

ギフト Grihshobha - Hindi

7-Day No Questions Asked Refund7-Day No Questions
Asked Refund Policy

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

デジタル購読。
インスタントアクセス。

Verified Secure Payment

検証済み安全
支払い

この問題で

The most widely read women’s magazine in India, Grihshobha is published in 8 languages. It covers topics that are relevant for women – personal development, professional growth, beauty, fashion, family and relationships, travel, recipes, home care, as well as important societal issues. Grihshobha has been a genuine advisor and an agent of change for the Indian woman.

औरतों को गुलाम बनाए रखने की साजिश

पिछले छले आम चुनावों में तरहतरह से मतदाताओं को प्रलोभन देने और हर वोट की कीमत है, समझ कर सभी पार्टियों ने परस्पर विरोधी बातें भी कहीं पर फिर भी जड़ों में अंदर तक जमा भेदभाव पिघला नहीं. देश का बड़ा वर्ग मुसलमानों, दलितों को ही अलगअलग रखता रहा. इन की ही नहीं सवर्णों व ओबीसी यानी पिछड़ों की औरतों को भी निरर्थक समझता रहा.

औरतों को गुलाम बनाए रखने की साजिश

3 mins

यहां मायावी मकड़जाल है

ई कॉमर्स के हजार गुण हों पर ई असलियत में यह एक तरह की साजिश है जिस में सस्ती लेबर का इस्तेमाल कर के खातेपीते लोगों को घर से निकले बिना सब सुविधाएं दिलाना है. ई कॉमर्स का मुख्य धंधा एक तरफ वेयर हाउसिंग, स्टैकिंग और डिलिवरी पर निर्भर है तो दूसरी ओर ग्राहकों को मनमाने प्रोडक्ट घर बैठे पाने के लालच में खरीदने के लिए एनकरेज करना है.

यहां मायावी मकड़जाल है

2 mins

आजादी सिर्फ आदमियों के लिए नहीं

पैट डॉग्स आदमी का साथी सदियों से रहा है पर जब से आदमी ने गांवों को छोड़ कर घने शहरों की बस्तियों और फिर बहुमंजिले मकानों में रहना शुरू कर दिया है, मैन ऐनिमल कंपीटिशन चालू हो गया है.

आजादी सिर्फ आदमियों के लिए नहीं

2 mins

महिला नेताओं को महिला मुद्दों से सरोकार क्यों नहीं

महिलाएं पुरुषों की तरह ही अच्छी नेता बनने में सक्षम हैं. मगर एक खास मुकाम पर पहुंचाने के बाद वे महिलाओं के मुद्दे पर ही चुप्पी साध लेती हैं. आखिर क्यों...

महिला नेताओं को महिला मुद्दों से सरोकार क्यों नहीं

10+ mins

औयली स्किन से ऐसे पाएं छुटकारा

बरसात के दिनों औयली स्किन से होने वाली समस्याएं और बचाव के तरीके को जानें...

औयली स्किन से ऐसे पाएं छुटकारा

4 mins

कैसे बढ़ाएं गट हैल्थ

बदलते मौसम में गट का हैल्दी होना क्यों जरूरी है, एक बार जानिए जरूर...

कैसे बढ़ाएं गट हैल्थ

4 mins

बारिश में स्कैल्प कैसे करें केयर

बारिश के सीजन में हमारी स्कैल्प को ऐक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है...

बारिश में स्कैल्प कैसे करें केयर

3 mins

आप भी कर सकती हैं पुरुषों वाले काम

महिलाएं पुरुषों का ठप्पा लगे काम स्वयं कर किस तरह आत्मनिर्भर बनें, जरूर जानिए...

आप भी कर सकती हैं पुरुषों वाले काम

3 mins

हरी सब्जियों के अनूठे जायके

हरी सब्जियाँ कैसे पकाएँ

हरी सब्जियों के अनूठे जायके

1 min

संस्कार धर्म का कठोर बंधन

व्यावहारिकता के बजाय संस्कारों के नाम पर औरतों को गुलाम रखने की एक साजिश सदियों से चली आ रही है. आखिर इस के जिम्मेदार कौन हैं...

संस्कार धर्म का कठोर बंधन

3 mins

गृहशोभा एम्पावर मौम्स इवैंट

'मदर्स डे' के खास मौके पर महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए 'दिल्ली प्रैस की मैगजीन गृहशोभा ने 'एम्पावर मौम्स' इवैंट का आयोजन किया. इस के सह-संचालक एपिस थे. एसोसिएट स्पौंसर जॉनसंस एंड जॉनसंस, स्किन केयर पार्टनर ग्रीनलीफ, गिफ्टिंग पार्टनर डेलबर्टो, होमियोपैथी पार्टनर एसबीएल और स्पैशल पार्टनर श्री एंड सैम थे.

गृहशोभा एम्पावर मौम्स इवैंट

3 mins

क्या है खुश रहने का फौर्मूला

सुखसुविधा से संपन्न जिंदगी जी रहे हैं मगर खुश नहीं रह पाते, तो यह जानकारी आप के लिए ही है...

क्या है खुश रहने का फौर्मूला

5 mins

क्राइम है सैक्सुअल हैरसमैंट

शिक्षा ने महिलाओं के विकास और बराबरी का मार्ग तो प्रशस्त किया है, लेकिन कई बार उन्हें कितनी भारी कीमत चुकानी पड़ती है, जान कर हैरान रह जाएंगे आप...

क्राइम है सैक्सुअल हैरसमैंट

10 mins

सैक्स के बिना नीरस है दांपत्य

सैक्स को ले कर अकसर गलत और भटकाने वाली बातें होती हैं. मगर क्या आप जानते हैं इसके फायदों के बारे में...

सैक्स के बिना नीरस है दांपत्य

6 mins

इंडियन ब्राइडल फैशन शो और क्राफ्ट कला प्रतियोगिता का आयोजन

दिल्ली प्रैस की पत्रिका 'गृहशोभा' द्वारा समयसमय पर महिलाओं को ले कर अनेक छोटेबड़े आयोजन होते रहते हैं. इन आयोजनों के लिए 'गृहशोभा' एक मजबूत मंच है.

इंडियन ब्राइडल फैशन शो और क्राफ्ट कला प्रतियोगिता का आयोजन

1 min

मोबाइल जब फोबिया बन जाए

क्या आप भी हर समय अपने फोन में लगे रहते हैं, तो आइए जानते हैं क्या हैं इस के नुकसान...

मोबाइल जब फोबिया बन जाए

5 mins

Grihshobha - Hindi の記事をすべて読む

Grihshobha - Hindi Magazine Description:

出版社Delhi Press

カテゴリーWomen's Interest

言語Hindi

発行頻度Fortnightly

Grihshobha is a monthly Hindi magazine published by the Delhi Press Group. It is one of the most popular women's magazines in India. The magazine is known for its engaging content on a variety of topics, including:

* Family and relationships: Grihshobha features articles on family relationships, such as parent-child relationships, husband-wife relationships, and sibling relationships.
* Home and lifestyle: Grihshobha also covers home and lifestyle topics, such as interior design, cooking, and fashion.
* Health and fitness: Grihshobha also features articles on health and fitness, such as nutrition, exercise, and beauty.
* Culture and tradition: Grihshobha also covers Indian culture and tradition, including festivals, customs, and beliefs.
* Entertainment and travel: Grihshobha also features articles on entertainment and travel, including the latest trends in movies, music, and books, as well as tips on planning vacations.

Grihshobha is a valuable resource for women who are interested in a variety of topics, including family, home, lifestyle, health, fitness, culture, tradition, entertainment, and travel. It is a must-read for any woman who is looking to stay informed about the latest trends and developments in these areas.

  • cancel anytimeいつでもキャンセルOK [ 契約不要 ]
  • digital onlyデジタルのみ