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मुर्गी पालन-सीमांत किसानों के लिए वरदान
उत्तरप्रदेश- सहायक व्यवसाय
मृदा प्रदूषण की रोकथाम सुनहरे भविष्य की है पहचान
मृदा के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में से किसी एक में भी नकारात्मक परिवर्तन जो पर्यावरण, जीवों और पौधों के लिए हानिकारक हो उसे मृदा प्रदूषण, कहा जाता है। यह मानव जीवन, जीवजंतुओं, फसल उत्पादन, मृदा की गुणवत्ता और उपयोगिता पर विपरीत प्रभाव डालता है।
सूरजमुखी की खेती कैसे करें
सूरजमुखी की खेती खरीफ, रबी एवं जायद तीनों ही मौसमों में की जा सकती है। परन्तु खरीफ में सूरजमुखी पर अनेक रोग कीटों का प्रकोप होता है, फूल छोटे होते हैं। तथा उनमें दाना भी कम पड़ता है। जायद में सूरजमुखी की खेती से अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है।
अनुवांशिक फसलों की अनुमति देश को संकट में डालेगी
मध्यप्रदेश - जीएम फसलें
खरपतवार विज्ञानी डॉ. माइकल विडरिक
डॉ. माइकल विडरिक की खोज खरपतवारों के खात्मे के भिन्न-भिन्न ढंगों से संबंधित है। वह कहते हैं कि एक गैर रासायनिक नियंत्रण, औषधीय पौधों से जंगली बूटी के खतरे को खत्म करने में सहायक साबित होता है।
जैविक टीकाकरण गन्ने की खेती में करेगा सुधार
दो महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि जैविक टीकाकरण के उपयोग से गन्ने के खेतों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है और 50% नेमाटोड का नियंत्रण प्रदान किया है।
भूमि का अंधाधुंध उपयोग जैव विविधता के लिए हानिकारक
भूमि का अंधाधुंध उपयोग न केवल जैव विविधता के लिए हानिकारक है, बल्कि यह जमीन के नीचे रहने वाले जीवों को भी भारी नुकसान पहुंचा रही है।
परागण में कमी के कारण हो सकती है उत्पादन में कमी
परागण की कमी के चलते फल, सब्जियों, बादाम और अखरोट जैसे कड़े छिलके वाले फलों के उत्पादन में पांच प्रतिशत तक की गिरावट आ रही है।
केंद्र सरकार की ओर से कृषि को पुनर्योजी योजना कितनी सार्थक
1960 के दशक की हरित क्रांति ने भारत को भूखमरी के कगार से वापस खींचकर इसे एक आत्मनिर्भर और एक बड़े खाद्य निर्यातक देश में बदल दिया। लेकिन इस क्रांति के कारण भारत दुनिया का सबसे बड़ा भूजल उत्सर्जक देश भी बन गया।
पराली प्रदूषण से लोगों की जान को खतरा
भारत में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है जिसके लिए अनेक कारण जिम्मेवार हैं। इनमें से एक कारण पराली भी है। पता चला है कि देश में फसलों के बचे अवशेषों को जलाने से न केवल वायु गुणवत्ता खराब हो रही है, साथ थी इसकी कीमत इंसानी जीवन के रुप में भी चुकानी पड़ रही है।
जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर मोटे अनाज की अहमियत
चलंत मसला
पौधों में ऊतक संवर्धन (टिशू कल्चर) और उनके फायदे
हरियाणा - टिशू कल्चर
बसन्तकालीन गन्ने की वैज्ञानिक खेती
उत्तरप्रदेश- नकदी फसल
टमाटर की वैज्ञानिक खेती से किसानों की आय में मुनाफा
शालू रानी, कोमलप्रीत एवं रवनीत कौर
कृषि से कृषि व्यापार कैसे बने ?
कृषि एक बहुमुखी शब्द है जो उन कई ढंगों को दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिनके द्वारा पालतु पशु एवं फसली पौधे भोजन एवं अन्य वस्तुएं पैदा करके विश्व की आबादी की सहायता करते हैं। शब्द 'Agriculture' दो लातीनी शब्दों 'Ager' या 'Agri' से बना है जिसका अर्थ है मिट्टी, 'Culture' का अर्थ है कृषि। हालांकि इस शब्द अधीन बहुत सी गतिविधियां आती हैं जो कृषि के लिए आवश्यक हैं, जिसमें काश्त, पशुपालन, बागवानी, वृक्ष लगाने, सब्जियाँ लगाना
मृदा की उर्वरा शक्ति और फसलों की उत्पादकता पर जैव उर्वरकों का प्रभाव
हरियाण- जैव उर्वरक
खुम्ब का उत्पादन एक पर्यावरण अनुकूलित एवं उत्तम व्यवसाय
हरियाणा - सहायक व्यवसाय
रबी फसलों में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें
हरियाणा - खरपतवार नियंत्रण
कीट प्रतिरोधक टमाटर की नई किस्म
एक कॉर्नेल शोधकर्ता ने टमाटर की नई किस्मों को विकसित करने के लिए एक दशक लंबा कार्यक्रम पूरा किया है जो प्राकृतिक रूप से कीटों का प्रतिरोध करती है और कीड़ों द्वारा वायरल रोग के हस्तांतरण को सीमित करती है।
खाद्य उत्पादन में भारत अग्रणी
डब्ल्यूईएफ की एक नई रिपोर्ट में कहा गया कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है, जो छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों की क्षमता को अनलॉक करके परिणामों के व्यापक सेट के लिए अपनी खाद्य प्रणाली विकसित करने में सक्षम हैं।
धान में बीज व उत्पादन सुधार के लिए प्रयास...
एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने 95 प्रतिशत दक्षता के साथ बीज के माध्यम से एक वाणिज्यिक संकर चावल की नस्ल को क्लोन के रूप में प्रचारित करने में सफलता प्राप्त की है।
मधुमक्खियों में रोगों से बचाव के लिए वैक्सीन
पूरी दुनिया में शहद को चीनी के एक सब्सीट्यूट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
खरपतवारों के उचित समाधान के लिए खोज...
दुनिया भर में किसानों द्वारा सामना की जाने वाली सबसे खराब खरपतवार नियंत्रण समस्याओं में से एक- शाकनाशी प्रतिरोध के एक अध्ययन ने वैज्ञानिकों की एक टीम को एक विकासवादी पौधे के गुण के पीछे के जीन को निर्धारित करने में मदद की है।
मौसमी बदलाव के कारण घटेगा कपास व मक्के का उत्पादन
चलंत मसला
आलू, बैंगन, टमाटर से बन सकती है कैंसर की नई दवाएं
पोलिश वैज्ञानिकों ने सोलनम जीन वाले पौधों में ऐसे बायोएक्टिव यौगिकों की पहचान की है जिनकी मदद से कैंसर की नई दवाएं तैयार की जा सकती हैं। गौरतलब है कि आलू (सोलनम ट्यूबरोसम), टमाटर (सोलनम लाइकोपर्सिकम) और बैंगन (सोलानम मेलोन्गेना) जैसे पौधे जीन सोलनम का हिस्सा हैं।
धान और गेहूं की फसल में समय से पहले अंकुरण का खोजा समाधान
बीज निष्क्रियता एक विकासवादी अनुकूलन है जो बीजों को अनुपयुक्त पारिस्थितिक स्थितियों के दौरान अंकुरित होने से रोकता है जो आमतौर पर अंकुर के जीवित रहने को कम करता है।
की सेहत पर मधुमक्खियों प्रभाव डाल रहे हैं इमारती ढांचे
निवास स्थान मधुमक्खियों में रोगजनकों के स्तर का सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव डाल सकता है।
पांच वर्षों में जारी किये पराली प्रबंधन के लिए तीन हजार करोड़ रुपये
फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी की खरीद के लिए किसानों को मशीनरी की लागत का 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है और किसानों की सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को परियोजना लागत का 80 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
कृषि में मौसमी बदलाव के प्रभाव आ रहे हैं नजर
मानसून के दौरान बारिश की विफलता के चलते वो अपनी खरीफ की फसल की समय पर बुवाई नहीं कर पाए थे। वहीं कुछ इलाकों में बारिश में काफी देरी हुई। इसके चलते किसानों ने अगली रबी की फसलों की समय पर बुवाई करने के लिए खरीफ की फसल के मौसम को पूरी तरह से टाल दिया।
भारतीय कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के प्रयोग और उनकी सार्थकता
भारत सरकार ने कृषि में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करते हुए विभिन्न गतिविधियां शुरू की हैं।