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भोजन उत्पादों के प्रभावी मंडीकरण में पैकिंग एवं लेबलिंग की भूमिका
मौजूदा समय में पैकिंग का महत्व बढ़ता जा रहा है। विशेष तौर पर भोजन पदार्थों के मंडीकरण में पैकिंग वाला पहलू अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। वर्तमान समय का उपभोक्ता जानकार एवं जागरुक है। मंडियों के प्रसार एवं भोजन पदार्थों संबंधी चलंत मसलों के कारण वर्तमान उपभोक्ता गुणवत्ता भरपूर सुरक्षित एवं स्वस्थ भोजन पदार्थों की खपत की ओर बढ़ रहा है। भोजन पदार्थों की पैकिंग उपरोक्त दर्शाये गये संदर्भ में सफल होने के लिए सहायक सिद्ध हो सकती है।
वर्टिकल गार्डनिंग
भारत में अत्यंत तेज गति से हो रहे शहरीकरण के शहर के आसपास खेती करने योग्य भूमि निरंतर कम होती जा रही है। शहर के लोग घर के पास ही सब्जियों की खरीदारी को इच्छुक होते हैं।
टमाटर की फसल में एकीकृत कीट प्रबंधन
यह देखा गया है कि टमाटर की उपज और गुणवत्ता कम करने के कई कारक हैं जैसे बीज, नर्सरी का खराब स्रोत, पौधों की आबादी, समय से पहले रोपाई, किस्मों का अनुचित चयन, उर्वरकों और सिंचाई का अत्याधिक उपयोग, खरपतवारों की असमय जांच, कीट-पतंगों और बीमारियों की गंभीर समस्या।
धान की पौध उगाते समय सावधानियां
धान हरियाणा की महत्वपूर्ण फसल है। बढ़ती हुई माँग व निर्यात को देखते हुए धान की पैदावार में प्रति एकड़ बढ़ोतरी करना आवश्यक है जिसके लिए जरूरी है कि धान की पौध उगाने से लेकर रोपाई तक महत्वपूर्ण ध्यान दिया जाये। अगर धान की पौध स्वस्थ होगी तभी अच्छी पैदावार की सम्भावना की जा सकती है।
सण्डा विधि से धान की रोपाई
सण्डा का शाब्दिक अर्थ होता है तगड़ा या हृष्ट-पुष्ट (रोबस्ट) क्योंकि इस विधि से तैयार नर्सरी पहली सघन रोपाई तथा अच्छे प्रबन्ध के बाद हृष्ट-पुष्ट होती है जिसमें सूखा एवं बाढ़ दोनों सहने की क्षमता होती है।
हैविट अवार्ड विजेता डॉ. पीटर एस ओजीआंबो
डॉ. ओजीआंबो ने प्रत्येक साइंसदानों के साथ मिलकर सीडोपैरोनस्पोरा की लाग व ताप एवं पत्तों में नमी को निपटने के लिए एक नया मॉडल तैयार किया।
सब्जी की खेती से किस्मत बदलने वाले रामेश्वर सुथार
किसान रामेश्वर सुथार ने अपने गांव में सब्जी की खेती शुरू की है। वे 6 बीघा जमीन पर कई तरह की सब्जी उगा रहे हैं।
फंगस का बढ़ रहा है फसलों पर हमला
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि महत्वपूर्ण फसलों पर तेजी से बढ़ती फंगस हमलों से दुनियाभर में भूखमरी का संकट उत्पन्न होने का खतरा है, क्योंकि फंगस की वजह से बड़ी मात्रा में फसलें नष्ट हो रही हैं।
जलवायु परिवर्तन का फसलों पर हो रहा है प्रभाव
देश में बदलती जलवायु का असर कई हिस्सों में दिखाई दे रहा है, जहां गेहूं तथा अन्य फसलों के पकते समय ओलावृष्टि तथा बेमौसम बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया है। नुकसान लगभग देश के सभी हिस्सों में हुआ है लेकिन भारत के उत्तर पश्चिम और पूर्वी हिस्से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
मधुमक्खियों के मरने के कारण कम हो सकता है सेब का उत्पादन
बेमौसमी बारिश और बर्फबारी ने हिमाचल के सेब बागवानों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। एक ओर जहां सेब और अन्य गुटलीदार फलों की सेटिंग (फूल से फल बनने की प्रक्रिया) में गहरा असर पड़ा है। वहीं दूसरी ओर पॉलिनेशन (परागण) के लिए रखी इटालियन मधुमक्खियों की मौत से बागवानों के साथ-साथ मधुमक्खी पालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
अब अमेरिका में भी कर रहे हैं किसान आत्महत्याएं
केवल भारत में ही आत्महत्या नहीं कर रहे हैं, बल्कि यहां से हजारों किलोमीटर दूर अ देश अमेरिका में भी किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। अमेरिका में बिना किसी शोर शराबे के एक किसान की मौत के खिलाफ लड़ाई ने अब और तेजी पकड़ ली है।
कुप्रबंधन के कारण बढ़ रहा है पानी का संकट
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि भारत में जल संकट, जल संसाधनों की कमी के कारण नहीं बल्कि उसके कुप्रबंधन के कारण है।
मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए हरित क्रांति जैसी गलती तो नहीं दोहरा रहे हैं हम!
मोटे अनाजों की ऐसी कई किस्में भी हैं जिन्हें बायोफोर्टिफिकेशन तकनीकों के माध्यम से विकसित किया गया है। इसके तहत प्रजनन और संकरन तकनीकों के माध्यम से बीजों में पोषक तत्वों को बढ़ाया जाता है।
कृषि गतिविधियों को सैटेलाइट से मॉनीटर करेगा कृषि मैपर ऐप
कौन-से खेत में, कौन-सी फसल हो रही है, कहां ज्यादा है-कहां कम। कहां बर्बादी है, कहां फायदा है, इसका अवलोकन कर सकेंगे। इसके आधार पर किसानों को सलाह दी जा सकेगी कि इस बार किस हिस्से में खेती करना है, कहां नहीं।
धान रोपाई का नया विकल्प ढूंढने की जरूरत
दुनियाभर में जल बचाने की कोशिशें जारी हैं। जल संरक्षण एक नागरिक के तौर पर भी हमारा दायित्व है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51ए (7) के मुताबिक, हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है- वनों, झीलों, नदियों, भूजल और वन्य जीवन सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना।
बेमौसमी बारिश परेशान अन्नदाता
राज्यों की सरकारों ने किसानों के आंसू पोछने की घोषणा भी कर दी है। उदाहरणार्थ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रभावित किसानों की बर्बाद हुई फसलों की विशेष गिरदावरी कराकर शीघ्र रिपोर्ट तलब की है ताकि उन्हें मुआवजा देने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जा सके। इसी तरह सबसे बड़े प्रभावित राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी किसानों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
एग्रीटेक स्टार्टअप की बढ़ रही संख्या
बीते आठ-नौ साल में केंद्र सरकार की ओर से लगातार ये कोशिश रही है कि देश की ताकत उभरकर दुनिया के राजनीतिक मंच पर आए। हमारे देश के किसान, नौजवान, स्टार्टअप इत्यादि की ताकत को नियोजित तरीके से उभारकर लक्ष्य साधकर काम किया जाए।
ग्रामीण तालाबों में मछली पालन कैसे करें?
हरियाणा में मछली पालन के मुख्य स्रोत मानसून के पानी को सिंचाई एवं दैनिक उपयोग के लिए एकत्रित करने हेतु बनाए गए छोटे एवं बड़े तालाब हैं। मानसून की अनिश्चितता एवं कृषि कार्यों की आवश्यकता के अनुरूप राज्य के तालाबों में पानी का भराव एवं ठहराव की स्थिति भी अनिश्चित रहती है। ऐसी अवस्था में राज्य में मछली पालन हेतु पद्धति का निर्धारण पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखकर किया जाना उचित होता है।
गोमूत्र सुरक्षित नहीं है इंसानों की सेहत के लिए...
ताजा बिना डिस्टिल्ड गौमूत्र मानव सेवन के लिए सुरक्षित नहीं है। हालांकि शोधकर्ताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि इस अध्ययन में डिस्टिल्ड गौमूत्र सुरक्षित है या नहीं इस पर अभी और अध्ययन करने की आवश्यकता है।
टिकाऊ खेती ही समाधान करेगी पंजाब के कृषि संकट
पंजाब हमेशा हरित क्रांति का प्रतीक रहा है।
थ्रिप्स के खतरे का मुकाबला करने के लिए मिर्च का नया हाईब्रिड बीज विकसित किया
मिर्च की फसल में देश के दक्षिणी भागों में अन्य थ्रिप्स प्रजातियों के विपरीत उत्तर पूर्व मानसून की भारी वर्षा के कारण टी. परविस पिनस का भारी संक्रमण देखा गया।
कृषि में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता
कृषि परियोजनाओं की मदद से महिलाओं को सशक्त किया जा सकता है। ऐसे में विशेषज्ञों ने नीतिगत स्तर पर सम्पत्ति, टैक्नॉलॉजी व संसाधनों की सुलभता में व्याप्त खाई को भरने के लिए तत्काल कदम उठाने की सिफारिश की है। उनका कहना है कि कृषि-खाद्य क्षेत्र में महिलाओं का सशक्तीकरण महत्वपूर्ण है।
किसान, प्रकृति और आपदा
कभी सब्जी बर्बाद होती है, कभी फसल बर्बाद होती है, कभी घुन का हमला होता है, कभी ओलावृष्टि होती है, तो कभी आंधी तुफान किसान की तबाही का कारण बनती है।
शहद मार्केटिंग के बदलते हुए मानक
जब यह घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों शहद की मार्केट की बात आती है तो मूल्य और मात्रा दोनों महत्वपूर्ण पहलू हैं। एक स्वस्थ प्राकृतिक मिठास के रूप में, सामान्य बीमारियों के लिए एक पुराने घरेलू उपचार के रूप में एक भोजन सामग्री के रूप में एवं मिठाईयों में भी शहद का औद्योगिक एवं घरेलू प्रयोग में एक विलक्षण स्थान है।
पशुओं में लगने वाले रोगों का टीकाकरण और उनके बचाव
रोग में पशु के कंधे या पुट्ठे की मांसपेशियों में गैस भरी सुजन हो जाती है, जिसके कारण पशु लंगड़ाने लगते हैं। इसमें बुखार होने से पशुओं की मौत भी हो जाती है।
महाराष्ट्र में कृषि क्षेत्र में बढ़ता रोजगार
कोविड-19 महामारी के बाद के दौर में महाराष्ट्र में रोजगार की स्थिति में काफी सुधार दिखा है।
पशुओं में खनिज मिश्रण का महत्व
खनिज मिश्रणों को बाजार से आसानी से खरीदा जा सकता है। यह अलग अलग कंपनी के अलग-अलग नाम से आते हैं उन्हीं के अनुसार इनकी कीमत भी होती है। अगर किसान इस मिश्रण को पशु के युवावस्था से पहले ही चारे में उन्हें प्रदान करें तो उनका सर्वांगीण विकास होता है
जलवायु परिवर्तन समझना आज के समय की जरूरत
जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा अनियमित होने की सम्भावना है। भारत के काफी क्षेत्र में वर्षा आधारित कृषि की जाती है। यदि ऐसा हुआ तो इस सारे क्षेत्र में कृषि करना असंभव हो जाएगा। इस समय भी मानसूनी क्षेत्रों में या तो ज्यादा बारिश होने से बाढ़ आ रही है या बारिश न होने से सूखे जैसी हालात हो रही हैं।
प्रसिद्ध खरपतवार विज्ञानी स्टीफन मौस
स्टीफन मौस को उनके द्वारा अपनी टीम के साथ मिलकर रोथमस्टैंड में रजिस्टैंस टैस्ट विकसित करने के लिए दिया गया है। इस टैस्ट से खरपतवारों की खरपतवारनाशकों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को नापा जा सकता है। इस तकनीक द्वारा खरपतवार पर खरपतवारनाशक के कम या अधिक प्रभाव को नापा जा सकता है।
एग्रीटेक स्टार्टअप से भारत होगा मजबूत
भारत में छोटे और मध्यम आकार के व्यवसाय सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों के वाहक हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। ये बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करते हैं।