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हे राम! ओली को सद्बुद्धि देना
ऐसे समय में जब भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव बना हुआ है, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने अयोध्या पर एक विवादास्पद टिप्पणी की है जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है.
गैंग्स ऑफ कानपुर के डॉन की 'विकास' कथा
विकास दुबे की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद सियासत गर्म हो चली है तो सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु है. इस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए इस पर सवाल उठाये जा रहे हैं.
'जंगलराज' के लिए माफी के मायने
पिता की अनुपस्थिति में तेजस्वी को इस चुनाव में नीतीश की लगातार चौथी विजय को रोकने के पूर्व कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. उन्हें न सिर्फ पार्टी को टूटने से बचाना है, बल्कि महागठबंधन के घटक दलों को एकजुट रखने की चुनौती भी है.
कांग्रेस के तर्क तो और बेतुके!
इसमें संदेह नहीं है कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता और यहां तक कि सरकार के मंत्री भी देश में चल रहे विमर्श को बदलने, भटकाने का सोचा समझा प्रयास कर रहे हैं.
रक्त शिराओं को बेचने जैसा है रेलवे का निजीकरण
हादसों की वजह से चर्चा में रहने वाली भारतीय रेल अब कोरोना से उपजे वित्तीय संकट की जद में है. दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेल नेटवर्क को पटरी पर लाने के लिए सरकार उसके स्वरूप में बदलाव की तैयारी कर रही है. इसके तहत हजारों पदों में कटौती करने के अलावा नई नियुक्तियों पर रोक लगाने और देश के कई रूट पर ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं.
चीन के डिजिटल सिल्क रुट पर भारत का डिजिटल स्ट्राइक
भारत सरकार ने बीते दिनों 59 चीनी ऐप पर बैन लगा कर चीन के महत्वाकांक्षी परियोजना डिजिटल सिल्क रोड पर स्ट्राइक कर दी है. अब इसके बाद कई अन्य देश भी इस तरह के डिजिटल स्ट्राइक करने की राह में है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियों ने भी बीते दिनों स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को ध्यान में रख कर अमेरिका चीनी ऐप को प्रतिबंध करने के विषय की समीक्षा कर रहा है.
भारत वैश्विक अगुआ!
नियति कभी-कमी उस मार्ग पर चलने के लिए बाध्य कर देती है, जिसके बारे में हम आप न तो पहले से तैयार होते हैं और ना ही उसके लिए हमारी कोई योजना होती है. परंतु किसी व्यक्ति, समाज या देश के लिए ऐसे मौके अनायास ही आ जाते हैं, जिसे एक अवसर की तरह लेकर नजीर गढ़ना संभव हो जाता है. आज भारत के साथ भी ऐसा ही हो रहा है. एक प्रकार से मारत के समक्षा इस तरह की चुनौतियां बीते दिनों में दरपेश हुई हैं, जिसके लिए मारत तैयार नहीं था. बावजूद इसके इसने उन चुनौतियों को बड़ी सुझबूझ से पार किया. यह देख कर वैश्विक समुदाय भारत की ओर एक आशा मरी नजरों से देख रहा है.
कोलकाता के चाइना टाउन पर सीमा विवाद की छाया
तब युद्ध के दौरान और उसके बाद उपजे हालात की वजह से हजारों की तादाद में यहां के चीनी विदेशों में बस गए थे. यहां रहने वाले ज्यादातर लोग यहीं पैदा हुए हैं और कभी चीन नहीं गए हैं.
जैव-विविधता ख़त्म कर रही है सरकार !
मोदी सरकार द्वारा 18 जून को देश की 41 कोयला खदानों की नीलामी के ऐलान के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सोरेन ने इससे पहले केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि कोरोना महामारी के वक्त आनन-फानन में घने जंगलों वाले इलाके कोयला खनन के लिए न खोले जाएं.
क्या भारत और नेपाल के बीच टेंशन का है चाइनीज कनेक्शन?
कोरोना वायरस से जूझ रहे भारत पर अम्फान तूफान कहर बनकर टूटा है. देश महामारी और प्राकृतिक आपदा से जूझ ही रहा था कि चीन ने बॉर्डर पर टेंशन बढ़ा दी. भारत ने इसका भी माकूल जवाब दिया लेकिन इस बीच भारत के सबसे अच्छे दोस्त माने जाने वाले नेपाल ने अपने सुर बदल लिए हैं.
धर्मनिरपेक्षता और माननीय प्रतीक्षारत प्रधानमंत्री
माननीय प्रतीक्षारत प्रधानमंत्री जी अब आपके चीर साथी की भी बात की जाए. 19 जून, 2020 को भारत के लद्दाख सीमा पर हुए विभत्स हिंसक संघर्ष के बाद उपजी परिस्थितियों पर प्रधानमंत्री द्वारा आहुत सर्वदलीय बैठक में आपकी माता श्री के साथ ही आपके साथी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा भी मौजूद थे. इस बैठक में उनका सारा ध्यान इसी ओर था कि भारत अपना सामरिक सहयोग अमेरिका के साथ क्यों कर रहा है, लेकिन डी राजा ने एक शब्द भी चीन के संबंध में नहीं कहा.
चीनी कम या चीनी ज्यादा
एक आवरण में छिपे चीन का छद्म रुप ही दुनिया के सामने आता है, जो चमकीला, संपन्न और मिठास से भरा दिखता है लेकिन वास्तव में हकीकत क्या है ? इससे दुनिया अंजान नहीं है. चीन की चालबाजियों के बीच उसकी कारगुजारियां कम खतरनाक है या ज्यादा, इसका विश्लेषण करता यह आलेख....
नए रोजगार दूर की कौड़ी
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आइआइए) से जुड़े रजत मेहरा कहते हैं, 'सरकार ने पहली बार इन श्रमिकों के बारे में डेटाबेस बनाया है, इस प्रयास की तारीफ करनी होगी. लेकिन हमें देखना होगा कि उद्योगों में इनके लिए कितनी संभावनाएं हैं. लॉकडाउन के बाद अभी तक कोई भी उद्यम पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पा रहा है. तीसरे लॉकडाउन के बाद उद्योगों ने पूरी ताकत समेट कर उत्साह के साथ काम तो शुरु किया, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद उत्पादन क्षमता के 40 फीसदी तक ही काम कर पा रहे हैं.
पलायन रोक पाएगी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना?
20 जून को केंद्र सरकार देश के प्रवासी मजदूरों के लिए एक विशेष योजना गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरूआत की.
भारत की शक्ति के आगे नतमस्तक होगा अब धूर्त चीन
क्या वजह है कि हमारे प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री और विदेश मंत्री ने चीन के विरुद्ध एक शब्द नहीं बोला जबकि भारत के आम लोगों का खून गरमाया हुआ है ? वे जगह-जगह चीन-विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं, मोदी के मित्र चीनी राष्ट्रपति शी चिन फिंग के पुतले जला रहे हैं, चीनी माल के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं और चीन को सबक सिखाने की बात कह रहे हैं. हमारे 20 जवानों की अंतिम यात्रा के दृश्य टीवी चैनलों पर देवकर दिल दहल उठता है
दलित आंदोलन की सुगबुगाहट
गुजरात सरकार पर आरोप हैं कि वह राज्य के दलितों के विकास के लिए उचित धन का आवंटन नहीं करती है और जितना करती है उसका सही इस्तेमाल नहीं करती है.
मध्यप्रदेश में जलचिन्तन
मध्यप्रदेश में भले ही सियासी उठा-पटक चल रही हो, लेकिन जल की समस्या और उसके समाधान के लिए सरकारी विभाग अपनी रफ्तार से चिंतन, कार्यशालाएं आयोजित कर रही है और विशेषज्ञों से सलाह ले रही है कि भविष्य में जल संकट से कैसे बचा जाए और लोगों को साफ पानी कैसे मुहैया कराया जाए. सरकारें आती-जाती रहती हैं लेकिन कुछ मूल मुद्दे होते हैं, जो हर सरकार की जिम्मेदारी होती है. ऐसा ही है मध्यप्रदेश में जल संकट का समाधान...
कोरोनाबंदी से महामंदी
दुनिया भय और दहशत में है. जैसे दुनिया थम सी गई है और भारत में स्थिति भी लगातार विकट होती जा रही है. लॉकडाउन की शुरुआत भी हो गई है. खतरा कितना अधिक खतरनाक होगा, अभी ठीक- ठीक अंदाजा नहीं लग पा रहा है लेकिन कोरोना वायरस के कहर से उबर भी जाए तो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया महामंदी से दो चार करने की स्थिति में आ गई है. खतरा लगातार और खतरनाक होता जा रहा है....श्रीराजेश
जल ही कल है
नीति आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में करीब 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं. 2030 तक देश में पानी की मांग उपलब्ध जल वितरण की दोगुनी हो जाएगी और देश की जीडीपी में छह प्रतिशत की कमी देवी जाएगी. इस गंभीर जल संकट से सामाजिक ताने-बाने पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है. जल संकट की वजह से भविष्य की स्थितियों का आंकलन करती विभिन्न रपटे - सरकारी, गैरसरकारी और मीडिया संस्थानों से निकल कर सामने आई है, वह इसे बखूबी समझा रही है. जल संकट की त्रासदी कैसी होगी, उन्हीं रिपोर्टों के आईने में गंभीर समाचार की प्रस्तुति...
भू-जल संरक्षण किसी को इनाम तो कोई फिसड्डी
भू-जल संरक्षण को लेकर सबसे चिंताजनक हालात कही है तो वे राजस्थान में है. लेकिन सरकार, प्रशासन एवं आमजन के मिले-जुले प्रयासों के फलस्वरूप स्थितियों में आंशिक सुधार जरूर आया है. पिछली वसुंधरा सरकार की बात करें तो मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के माध्यम से भू-जल स्तर के सुधार एवं वर्षा द्वारा प्राप्त होने वाले जल के संचयन को लेकर हुए प्रयासों से काफी बदलाव देखने को मिले. इतना ही नहीं, उत्कृष्ट उपलब्धियों के आधार पर वसुंधरा सरकार को कई पुरस्कार लेकिन वर्तमान सरकार इस मामले में फिसड्डी ही साबित हुई है. भी मिले,
क्या धोनी का खेल खत्म ?
बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) ने अपनी नई सेंट्रल कांट्रैक्ट लिस्ट जारी कर दी है. इसमें कोई विशेष रद्दोबदल नहीं किया गया है. सूची में खिलाड़ियों के नाम और उनके ग्रेड भी लगभग वही हैं.
एक अस्पताल जहां हृदय रोग का होता है मुफ्त इलाज
हृदय कहिए, दिल कहिए या हार्ट, यह मानव संरचना का ऐसा अंग है जिसके बिना नहीं रहती किसी की ठाठ.
एक डर जो तारी था
वे चले तो अकेले या फिर परिवार के साथ... लेकिन भीड़ में बदल गये... चेहरे पर चिंता की लकीरें...मन में आशंका... और किसी तरह दुनिया की वह इकलौती जगह जहां उन्हें सुरक्षित होने का अहसास होता है-
कांग्रेस की नई ब्रिगेड
उत्तर प्रदेश में जमीन तलाश रही कांग्रेस प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कोई बड़ा ‘मास्टर स्ट्रोक' लगाने के लिए अवसर तलाश रही है, लेकिन क्या यह इतना आसान है....
कोरोना काल में संक्रमित भारतीय मीडिया
मीडिया सिर्फ सूचनाएं देने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह देश-समाज को उचित मार्ग दिखाने के लिए माहौल सृजित करता है लेकिन वर्तमान में मीडिया की जो भूमिका है वह जनसरोकार से कटा सा लगता है, ऐसी स्थिति में मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठना लाजिमी हैं.
मंद मंद मंदी
हर कोई परेशान है. गरीब से लेकर अमीर तक. देश की आर्थिक सेहत अभी बिगड़ने की तरफ ही इशारा कर रहे हैं. रोजगार घटेगा, आय घटेगा. इससे उबरने का फिलहाल कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा.
फिर बसेगा 'उजड़ा' शाहीनबाग!
कोविड-19 ने भले ही सीएए व एनआरसी के विरोध का प्रतीक बने शाहीनबाग को विरान कर दिया है, लेकिन प्रदर्शनकारी इस अंतराल के बाद फिर नये जोशखरोश से आंदोलन की तैयारी में है. तो क्या फिर शाहीनबाग विरोध-प्रदर्शन का इतिहास रचेगा...
बिहार में देहात' उपलब्ध करा रहा बाज़ार
किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या है, उत्पादित फसलों का समुचित मूल्य मिलना और व्यापक बाजार तक किसानों की सीधी पहुंच ना हो पाने से इस समस्या का निदान नहीं मिल पा रहा, लेकिन 'देहात' ने समस्या को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है...
युद्ध का नया तरीका
धरती पर युद्ध का अस्तित्व कभी समाप्त नहीं हुआ. हम वैश्विक शांति की जितनी अधिक कामना करते हैं, उतना ही अधिक युद्धों में उलझते जा रहे हैं. विगत सौ वर्षों में हथियारों के निर्माण में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है. आधुनिक हथियारों के निर्माण में वृद्धि के साथ ही युद्ध के पारंपरिक तौर-तरीकों में भी बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. इनमें एक नया तरीका जैविक हथियारों का भी है.
साज़िश का कोरोना
जमात ने कोरोना को तकरीबन तीसरे चरण की ओर ढकेल दिया है पर कोरोना से तेज फैलने वाली अफवाहों ने इस महामारी के खिलाफ लड़ी जाने वाली जंग को इस से भी बहुत बुरी तरह से धक्का पहुंचाया है, अभी भी संभलने का समय है.