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चलता पुरजा चलता ही रहेगा
कुछ लोग समझते हैं कि छल-कपट करनेवाला व्यक्ति बड़ा होता है। बोलते हैं: 'यह बड़ा चलता पुरजा है।'...
उनको छू के आनेवाली हवा भी कल्याण कर देती है
जिनको परमात्मा का अनुभव हो जाता है उनका स्वभाव बालवत्, निर्दोष हो जाता है।
निर्मल वैराग्य का स्वरूप
जो ईश्वर की प्राप्ति चाहते हैं, आत्मतत्त्व का ज्ञान चाहते हैं उन्हें जीवन में साधना की आवश्यकता होती ही है।
शीलवान व्यक्ति के लिए कुछ भी असम्भव नहीं
आत्मबल, आत्मसुख के आगे और सब बल, सब सुख छोटे हो जाते हैं।
हलकी आदतें निकालने में है बहादुरी
जो संत की बात टालता है वह अपने भाग्य को लात मारता है।
संत-दर्शन व सत्संग के २ अक्षर कहाँ से कहाँ पहुँचा देते हैं!
संत का सान्निध्य भगवान के सान्निध्य से भी बढ़कर माना गया है।
इन आठ पुष्पों से भगवान तुरंत प्रसन्न होते हैं
एक बार राजा अम्बरीष ने देवर्षि नारदजी से पूछा: \"भगवान की पूजा के लिए भगवान को कौन-से पुष्प पसंद हैं?\"...
मेरु पर्वत तुल्य महापापों को नष्ट करनेवाला व्रत
मोहिनी एकादशी: १ मई
बिनशर्ती समर्पण करता भव से पार
संत परम हितकारी होते हैं। वे जो कुछ कहें उसका पालन करने के लिए डट जाना चाहिए। इसीमें हमारा कल्याण निहित है।
स्वस्तिक का महत्त्व क्यों ?
स्वस्तिक अत्यंत प्राचीनकाल से भारतीय संस्कृति में मंगल- प्रतीक माना जाता रहा है।
ब्रह्महत्या आदि पाप व पिशाचत्व नाशक व्रत
[(कामदा एकादशी : १ अप्रैल (स्मार्त), २ अप्रैल (भागवत)]
परम सत्ता पर निर्भरता से होता रोग-निवारण
('उत्तम स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है ईश्वरीय शक्ति का अवलम्बन !' अंक ३६१ का शेष)
करोड़ों सूर्यग्रहण से अधिक फलदायक है यह व्रत
श्रीरामनवमी : ३० मार्च २०२३
... तो आपके जन्म, कर्म दिव्य हो जायेंगे
भगवान श्रीकृष्ण मध्यरात्रि १२ बजे प्रकट हुए, रामजी मध्याह्न १२ बजे प्रकट हुए और आपके बाबाजी भी मध्याह्न १२ बजे... यह कैसी लीला है ! आत्मप्रसाद बाँटनेवाले भगवद्अवतार, संत-अवतार इस प्रकार सुयोग्य समय में अवतरित होते हैं।
आप भी ऐसा जीवन - लक्ष्य बना लो
श्री हनुमान जयंती : ६ अप्रैल
संत श्री आशारामजी बापू पर दर्ज केस की क्या है सच्चाई ?
(वर्ष २०१३ में एक सुनियोजित साजिश के तहत पूज्य बापूजी पर सूरत की एक महिला के माध्यम से १२ वर्ष पूर्व ऐसी-ऐसी घटना हुई ऐसी कल्पित कहानी गढ़कर आरोप लगवाया जाता है। ९ वर्ष तक अदालत की प्रक्रिया चलती है और इस दौरान ऐसे अनेक तथ्य सामने आते हैं जिनसे पूरी तरह स्पष्ट हो जाता है कि लगाया गया आरोप सरासर गलत है। लेकिन इस मामले में आये अदालत के निर्णय को सुनकर इस केस के तथ्यों को जाननेवाले लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं। जानते हैं केस के कुछ तथ्यों को केस के अधिवक्ता सुप्रसिद्ध विद्वान श्री नितिन गांधी द्वारा)
सज्जनों की सक्रियता ने किया साजिश को विफल
भगवान शाश्वत हैं तो भगवान के भक्तों की गाथाएँ भी शाश्वत हो जाती हैं।
निचली अदालत के निर्णय के बाद आया पूज्य बापूजी का संदेश
तुम 'स्व' में मिल जाना, सच्चिदानंद स्वभाव में जग जाना।
ऐसी तबाही में बापूजी ने हजारों की जान बचायी
सन् १९९९ की घटना है। ओड़िशा के समुद्रतट पर पारादीप बंदरगाह के निकट बसे कुजंग गाँव में मेरा होटल था। ओड़िशा में खतरनाक तूफान (super cyclone) आया था।
व्यवहार में ये ५ बातें लाओ, फिर देखो...
अपने अल्प जीवन में मनुष्य ऐसा काम करे कि चौरासी-चौरासी लाख योनियों के बंधन कट जायें, ऐसा काम न करे कि चौरासी लाख योनियों में भटकता रहे, दुःखी होता रहे। जिसको अंतःकरण की शुद्धि करनी है उसको व्यवहार में ५ बातें ध्यान में रखनी चाहिए।
शारीरिक-मानसिक आरोग्य हेतु संजीवनी बूटी : पैदल भ्रमण
कैसा भ्रमण है लाभदायी?
हुई किडनी की भयंकर बीमारी लेकिन गुरुकृपा रही प्रारब्ध पर भारी
मुझे बी.पी. व कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने की शिकायत रहती थी । १९९९ की बात है । पूज्य बापूजी रजोकरी आश्रम में पधारे थे। मैं वहाँ गया तो बोले : \"सुन, तू खान-पान में लापरवाही करता है । तेरे गुर्दों की दशा ठीक नहीं है। तू पुनर्नवा (साटोड़ी) का सेवन शुरू कर दे तो गम्भीर स्थितियों में भी बच निकलेगा।\"
नमस्कार क्यों ?
(अंक ३५९ से आगे)
अब 'आर बेला नाई'
कोलकाता की एक घटना है। किसी सेठ के यहाँ दूध देनेवाली ग्वालिन आती थी। उसने दूध देने के बाद मुनीम से पैसे माँगे। मुनीम ने कहा : \"अभी थोड़ा हिसाब कर रहा हूँ, बाद में आना।”
ऐसे महापुरुष मिल जायें तो कहना ही क्या !
आप सभीको मेरे परमात्मस्वरूप पूज्यपाद भगवत्पाद साँईं श्री लीलाशाहजी प्रभु के अवतरण दिवस की खूब-खूब बधाई!
आनंद-आहाद, उत्साह व आरोग्य प्रदाता होलिकोत्सव
होली पर्व : ६ से ८ मार्च
उनके हरानेवाले दाँवों में भी छुपी होती है हमारी जीत !
एक लड़का संयमी था । उसने अपने पहलवान गुरु से खूब मल्ल - विद्या सीखी। गुरु ने उसकी पीठ ठोक दी : \"बेटा ! जा, विजयी भव।\"
विश्वमानव के लिए पूज्य बापूजी का हितभरा संदेश
ऐसा है तुलसी का प्रभाव !
स्वास्थ्य - रक्षा व शारीरिक सुडौलता दायक मोटे अनाज
मोटे अनाज अत्यंत पोषक, पचने में तथा उगाने में आसान होते हैं। ये कम पानी और कम उपजाऊ भूमि में भी उग जाते हैं। इनकी खेती में यूरिया और दूसरे रसायनों की भी जरूरत नहीं पड़ती इसलिए ये हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण की दृष्टि से भी अच्छे हैं। मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, मकई, कंगनी, कुटकी, कोदो, सावाँ आदि का समावेश होता है।
गणेशजी प्रथम पूजनीय क्यों ?
(मातृ-पितृ पूजन दिवस पर विशेष )