CATEGORIES

कीटनाशक स्प्रे का किसानों पर बढ़ता प्रभाव...
Modern Kheti - Hindi

कीटनाशक स्प्रे का किसानों पर बढ़ता प्रभाव...

कृषि में बढ़ता कीटनाशकों का प्रयोग भारत सहित दुनिया भर में किसानों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। एक तरफ फसलों में छिड़का जाने वाला यह जहर कीटों को खत्म करता है, साथ ही इसके संपर्क में आने वाले पौधों, जानवरों और दूसरे जीवों पर भी प्रतिकूल असर डालता है। यहां तक कि इसके संपर्क में आने वाले किसानों के स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा असर पड़ता है।

time-read
3 mins  |
1st September 2024
नाइट्रोजन खाद का उचित प्रयोग करने वाली धान की किस्में
Modern Kheti - Hindi

नाइट्रोजन खाद का उचित प्रयोग करने वाली धान की किस्में

भारतीय वैज्ञानिकों ने पाया है कि धान की कुछ किस्में नाइट्रोजन का इस्तेमाल अन्य किस्मों की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से करती हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक धान की विभिन्न किस्में प्राकृतिक तौर पर नाइट्रोजन का उपयोग कितनी दक्षता से करती हैं, उसमें पांच गुणा अंतर है।

time-read
2 mins  |
1st September 2024
गुलाबी सुंडी पर नियंत्रण करने के लिए तैयार की एक नई तकनीक
Modern Kheti - Hindi

गुलाबी सुंडी पर नियंत्रण करने के लिए तैयार की एक नई तकनीक

कपास की फसल में लगने वाली गुलाबी सुंडी एक खतरनाक कीड़ा है, जो फसल को नुकसान पहुंचाता है। यह कीड़ा कपास के फूलों पर हमला करता है, जिससे कपास की खेती करने वाले किसानों को गुलाबी सुंडी की वजह से पैदावार में 50 से 60 प्रतिशत तक का नुकसान हो रहा है।

time-read
2 mins  |
1st September 2024
अधिक फास्फोरस व नाइट्रोजन खादों के उपयोग के कारण बढ़ रहा नुकसान
Modern Kheti - Hindi

अधिक फास्फोरस व नाइट्रोजन खादों के उपयोग के कारण बढ़ रहा नुकसान

दुनिया भर में फास्फोरस के जरूरत से ज्यादा उपयोग के कारण इसकी भारी मात्रा बर्बाद हो रही है। इस बात का खुलासा लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी और रॉयल बोटेनिक गार्डन के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है।

time-read
2 mins  |
1st September 2024
अरहर की फसल में कीट प्रबंधन
Modern Kheti - Hindi

अरहर की फसल में कीट प्रबंधन

खरीफ की दलहनी फसलों में अरहर का महत्वपूर्ण स्थान है। अरहर की खेती कई तरह की कृषिगत जलवायु में की जा सकती है। हमारे यहां इसकी खेती लगभग पूरे प्रदेश व खासकर वर्षा पर निर्भर क्षेत्रों में की जाती है क्योंकि अरहर की खेती बारिश के मौसम में की जाती है तो इस फसल में कीटों का प्रकोप लगभग रहता ही है।

time-read
2 mins  |
15th August 2024
आधुनिक कृषि की वर्तमान स्थिति और चुनौतियां
Modern Kheti - Hindi

आधुनिक कृषि की वर्तमान स्थिति और चुनौतियां

भारत की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। यहां की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। आज के समय में कृषि क्षेत्र में कई परिवर्तन और चुनौतियां देखी जा रही हैं।

time-read
6 mins  |
15th August 2024
बैंगन लगायें मुनाफा कमाएं
Modern Kheti - Hindi

बैंगन लगायें मुनाफा कमाएं

बैंगन (सोलेनम मैंलोजेना) सोलेनेसी जाति की फसल है जो कि आलू के बाद दूसरी सबसे अधिक खपत वाली सब्जी की फसल है। बैंगन की खेती प्राचीन काल से भारत में होती आ रही है बैंगन की खेती साल भर की जाती है।

time-read
7 mins  |
15th August 2024
स्प्रे टैक्नॉलोजी का उचित प्रयोग
Modern Kheti - Hindi

स्प्रे टैक्नॉलोजी का उचित प्रयोग

स्प्रे करने के लिए सही नोज़ल का चुनाव एवं उसका उचित प्रयोग करना बहुत आवश्यक है। दवाओं को सही स्थान पर पहुंचाने का कार्य छिड़काव करने वाले यंत्र ही करते हैं। सही छिड़काव करने के लिए नोज़लों की बहुत बड़ी अहमियत है। स्प्रे करते समय नोज़लों का सही चुनाव होना बहुत आवश्यक है।

time-read
10+ mins  |
15th August 2024
बाजरा में पोषक तत्व प्रबंधन और खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?
Modern Kheti - Hindi

बाजरा में पोषक तत्व प्रबंधन और खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?

आमतौर पर बाजरा की खेती कम उर्वरता की भूमियों में खाद और उर्वरकों की थोड़ी मात्रा में प्रयोग करके उगाई जाती है, परन्तु अच्छी पैदावार प्राप्त करने के उद्देश्य से समुचित मात्रा में सन्तुलित उर्वरकों का प्रयोग आवश्यक होता है। उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर किया जाना फायदेमंद है।

time-read
3 mins  |
15th August 2024
गुलदाउदी की खेती से आमदनी बढ़ाएं किसान
Modern Kheti - Hindi

गुलदाउदी की खेती से आमदनी बढ़ाएं किसान

गुलदाउदी के फूल आकर्षक और मनमोहक होते हैं। गुलदाउदी का उपयोग डंडी वाले या कट फ्लावर के रूप में गुलदस्ते बनाने तथा घरों एवं कार्यालय में सजावट के लिए गुलदान में रखने के लिए किया जाता है।

time-read
3 mins  |
15th August 2024
हरी खाद-स्वस्थ भूमि व अधिक उपज
Modern Kheti - Hindi

हरी खाद-स्वस्थ भूमि व अधिक उपज

भूमि की उपजाऊ शक्ति और फसलों की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी के भौतिक, जैविक एवं रासायनिक गुणों की सही मात्रा और बढ़िया अवस्था में होना बहुत जरूरी है। परन्तु, रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोग, सघन कृषि, गेहूं- धान फसल चक्र एवं अति विश्लेषित खादों के प्रयोग से न सिर्फ लोगों की सेहत खराब हो रही है, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी नुकसान हो रहा है।

time-read
4 mins  |
15th August 2024
भारत डेयरी में विश्व नेता बन सकता है?
Modern Kheti - Hindi

भारत डेयरी में विश्व नेता बन सकता है?

भारत का डेयरी उद्योग, दशकों के सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी से मजबूत होकर, दुनिया में सबसे बड़ा है। 1965 में, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की स्थापना भारत के ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए डेयरी को एक साधन में बदलने के लिए की गई थी।

time-read
2 mins  |
15th August 2024
देसी बीजों के लिए केन्याई कानून के खिलाफ आंदोलन
Modern Kheti - Hindi

देसी बीजों के लिए केन्याई कानून के खिलाफ आंदोलन

केन्या के बीज और पौध किस्म अधिनियम की धाराओं के खिलाफ विरोध का स्वर बढ़ता जा रहा है, जो देशी, अप्रमाणित और अपंजीकृत बीजों के आदान-प्रदान पर रोक लगाता है। किसानों और कार्यकर्ताओं ने तर्क दिया है कि ये प्रतिबंध कृषि नवाचार को बाधित करते हैं, खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालते हैं और छोटे पैमाने के किसानों के अधिकारों को कमजोर करते हैं।

time-read
2 mins  |
15th August 2024
मक्के की फसल में रोग प्रतिरोधकता के लिए नये बैक्टीरिया मिले
Modern Kheti - Hindi

मक्के की फसल में रोग प्रतिरोधकता के लिए नये बैक्टीरिया मिले

ब्रेवीबैक्टीरियम ने फफूंद से संक्रमित मक्के के पौधों में बीमारी को कम करने में मदद की। साथ ही इसके साथ अन्य जीवाणुओं ने विशिष्ट जीन और अणुओं को सक्रिय करके पौधों की प्रतिरक्षा को मजबूत बनाने में मदद की।

time-read
2 mins  |
15th August 2024
कसावा से बनेगा बायोप्लास्टिक...
Modern Kheti - Hindi

कसावा से बनेगा बायोप्लास्टिक...

दुनिया भर में बढ़ता प्लास्टिक कचरा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है, लेकिन नागालैंड के किसान जिस तरह इससे निपटने का प्रयास कर रहे हैं, वो अपने आप में एक उदाहरण है। नगालैंड के गांवों में कसावा की खेती को बढ़ावा देने की एक योजना पर काम शुरू हो गया है। इसकी मदद से कम्पोस्टेबल बायोप्लास्टिक बैग तैयार किए जाएंगे।

time-read
2 mins  |
15th August 2024
रोबोट का प्रयोग होगा अब ग्रीन हाऊस में...
Modern Kheti - Hindi

रोबोट का प्रयोग होगा अब ग्रीन हाऊस में...

ग्रीनहाउस के अंदर छिड़के जाने वाले रसायनों के कई हानिकारक प्रभाव होते हैं क्योंकि वे हवा में घुलते नहीं हो सकते हैं, जिस वजह से अगर किसान या कोई भी व्यक्ति उस हवा में सांस लेता है तो वो उसके अंदर जा सकता है। इसलिए, इस तरह का नवाचार मजदूरों के लिए वरदान है।

time-read
1 min  |
15th August 2024
बरसात के मौसम में बकरियों का प्रबंधन
Modern Kheti - Hindi

बरसात के मौसम में बकरियों का प्रबंधन

बरसात के मौसम में बकरियों का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन उचित योजना और देखभाल से आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी बकरियां स्वस्थ और उत्पादक रहें।

time-read
2 mins  |
1st August 2024
मानसून में डेयरी पशुओं का प्रबंधन
Modern Kheti - Hindi

मानसून में डेयरी पशुओं का प्रबंधन

डेयरी पशुओं के लिए उचित देखभाल, सुरक्षा और प्रबंधन की आवश्यकता होती है ताकि जानवर अप्रिय मौसम में सुरक्षित रहें। नमी, अशुद्ध पानी और बरसात के मौसम में अधिक काम करने से पशुओं के स्वास्थ्य, उत्पादकता और दक्षता पर असर पड़ सकता है।

time-read
3 mins  |
1st August 2024
जूट उद्योग और कच्चे जूट का परिदृश्य
Modern Kheti - Hindi

जूट उद्योग और कच्चे जूट का परिदृश्य

जूट उद्योग में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। जूट 'स्वर्ण रेशा' के नाम से मशहूर है। जूट उद्योग का पहला कारखाना कोलकाता के समीप रिसरा नामक स्थान में 1859 में लगाया गया था। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत विभाजन से सर्वाधिक प्रभावित होने वाला उद्योग यही था, क्योंकि तत्कालीन 120 कारखानों में से 10 पूर्वी पाकिस्तान में चले गए थे, जबकि जूट उत्पादन का अधिकांश भाग उसके पास था।

time-read
6 mins  |
1st August 2024
जैविक खेती से फसलों की उत्पादकता में वृद्धि
Modern Kheti - Hindi

जैविक खेती से फसलों की उत्पादकता में वृद्धि

प्राचीन काल में मानव स्वास्थ्य के अनुकूल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान का चक्र (पारिस्थितिकी तंत्र) निरंतर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था। भारत वर्ष में प्राचीन काल से कृषि के साथ-साथ गौ पालन किया जाता था, जिसके प्रमाण हमारे ग्रंथों में प्रभु कृष्ण और बलराम हैं जिन्हें हम गोपाल एवं हलधर के नाम से संबोधित करते हैं अर्थात कृषि एवं गोपालन संयुक्त रूप से अत्याधिक लाभदायी था, जोकि प्राणी मात्र व वातावरण के लिए अत्यंत उपयोगी था।

time-read
4 mins  |
1st August 2024
परवल अधिकतम आमदनी देने वाली सब्जी
Modern Kheti - Hindi

परवल अधिकतम आमदनी देने वाली सब्जी

हमारे देश में किसान भाईयों को अगर अपनी आमदनी दोगुनी करनी हो या इससे भी अधिक आमदनी प्राप्त करनी है तो गेहूं-धान के साथ सब्जियों की ओर भी विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि सब्जियों की काश्त ही किसानों की आय को अन्य फसलों की अपेक्षा उम्मीद से बहुत ज्यादा आमदनी का श्रोत बन सकती है। थोड़ी सी मेहनत व कुछ श्रम के साथ इन सब्जियों की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है जो आमदनी को दोगुनी चौगुनी बड़े आसानी से कर सकती है।

time-read
2 mins  |
1st August 2024
कांग्रेस घास पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा- इसका नियंत्रण कैसे करें
Modern Kheti - Hindi

कांग्रेस घास पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा- इसका नियंत्रण कैसे करें

गाजर घास (Parthenium hysterophorus), जिसे कांग्रेस घास के नाम से भी जाना जाता है, गाजर जैसा दिखने वाला खरपतवार है। इसका तना रोयेंदार और गाजर जैसी दिखने वाली पत्तियों पर भी छोटे रोयें लगे होते है। इस पौधे की लंबाई 1 से 1.5 मीटर तक हो सकती है। इसका बीज बहुत छोटा होता है और एक पौधा लगभग 10000 से 25000 तक बीज पैदा कर सकता है जो जमीन पर गिरने के बाद नमी पाकर जल्दी अंकुरित होते हैं। यह पूरे साल फलता-फूलता रहता है। अत: 3 से 4 महीने में जीवन चक्र पूरी करने वाली यह घास एक साल में 3-4 पीढ़ी पूरी कर लेती है।

time-read
4 mins  |
1st August 2024
पोषक तत्वों से भरपूर जैविक खाद वर्मीकम्पोस्ट
Modern Kheti - Hindi

पोषक तत्वों से भरपूर जैविक खाद वर्मीकम्पोस्ट

वर्मीकम्पोस्ट (vermicompost) एक ऐसी खाद है, जो विशेष प्रजाति के केंचुओं द्वारा बनाई जाती है। केंचुओं द्वारा गोबर एवं कचरे को खाकर, मल द्वारा जो चाय की पत्ती जैसा पदार्थ बनता है, यही वर्मीकम्पोस्ट है।

time-read
2 mins  |
1st August 2024
उद्यमी किसान के लिए फूड प्रोसैस्सिंग में अपार अवसर
Modern Kheti - Hindi

उद्यमी किसान के लिए फूड प्रोसैस्सिंग में अपार अवसर

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक देश है। यह चीन से पीछे है। परन्तु इसकी कृषि के क्षेत्र में इतनी क्षमता है कि यह दुनिया का नंबर एक देश बन सकता है। खाद्य एवं फूड प्रोसैस्सिंग के क्षेत्रों में बड़े निवेशों के बहुत अवसर आ रहे हैं।

time-read
10+ mins  |
1st August 2024
बीजोपचार का कृषि में महत्व
Modern Kheti - Hindi

बीजोपचार का कृषि में महत्व

कृषि क्षेत्र की प्राथमिकता उत्पादकता को बनाये रखने तथा बढ़ाने में बीज का महत्वपूर्ण स्थान है। उत्पादकता बढ़ाने के लिए उत्तम बीज का होना अनिवार्य है।

time-read
4 mins  |
1st August 2024
धान में पोषक तत्व प्रबन्धन
Modern Kheti - Hindi

धान में पोषक तत्व प्रबन्धन

धान हरियाणा की एक महत्वपूर्ण फसल है। इसका मुख्य उत्पादन करनाल, कैथल, अम्बाला, कुरुक्षेत्र, पानीपत व यमुनानगर में किया जाता है। बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्य व अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करना एक बहुत बड़ी चुनौती है।

time-read
4 mins  |
1st August 2024
तिलहन उत्पादन में गंधक पोषक तत्व महत्व
Modern Kheti - Hindi

तिलहन उत्पादन में गंधक पोषक तत्व महत्व

गंधक का पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में प्रमुख स्थान है। गंधक तिलहन फसलों में तेल निर्माण के लिए आवश्यक होने के कारण इन फसलों के लिए यह अद्वितीय तत्त्व माना गया है।

time-read
4 mins  |
1st August 2024
जलवायु संकट के कारण उत्तर प्रदेश में 20 फीसदी तक घट सकती है धान की पैदावार
Modern Kheti - Hindi

जलवायु संकट के कारण उत्तर प्रदेश में 20 फीसदी तक घट सकती है धान की पैदावार

जलवायु परिवर्तन भारतीय किसानों के लिए एक कड़वी सच्चाई बन चुका है। न चाहते हुए भी देश में किसानों को इस अनजाने खतरे से जूझना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के किसान भी इन बदलावों से सुरक्षित नहीं हैं।

time-read
3 mins  |
1st August 2024
कृषि विकास के लिए वैज्ञानिकों को खेतों तक पहुंचना होगा ...
Modern Kheti - Hindi

कृषि विकास के लिए वैज्ञानिकों को खेतों तक पहुंचना होगा ...

केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के जुड़ाव पर जोर देते हुए कहा कि सारे वैज्ञानिक साल में एक महीना खेत में जाकर किसानों को सिखाएं।

time-read
2 mins  |
1st August 2024
बड़े हो रहे खेत, खेती-बाड़ी को किस दिशा ले जाएंगे?
Modern Kheti - Hindi

बड़े हो रहे खेत, खेती-बाड़ी को किस दिशा ले जाएंगे?

खेती का पेशा सभ्यतागत बदलाव के दौर में है। भोजन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए टिककर खेती करने की यह मानवीय पहल 12,000 वर्ष से ज्यादा पुरानी है। जब मानव इस पेशे में उतरे थे, तब खेती केवल आवश्यकता आधारित थी। अब यह कई ट्रिलियन डॉलर का व्यवसाय बन चुकी है और वर्तमान में 60 करोड़ खेत दुनियाभर की 800 करोड़ की आबादी का पेट भर रहे हैं। कृषि क्षेत्र में 1980 के दशक से जो परिवर्तन शुरू हुआ वो अगले 30 वर्षों में चरम पर पहुंच जाएगा। अब सवाल उठता है कि आखिर यह परिवर्तन है क्या?

time-read
2 mins  |
1st August 2024

ページ 3 of 39

前へ
12345678910 次へ