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स्वादसुगंध से भरपूर अल्पान केला (बिहार का चीनिया केला)
अल्पान केले को विभिन्न प्रदेशों में चंपा, चीनी चंपा, चीनिया, डोरा वाज्हाई, कारपुरा चाक्काराकेली इत्यादि नामों से जानते हैं. ये सभी प्रजातियां मैसूर समूह में आती हैं.
हराभरा स्मार्ट गांव पिपलांत्री देश में ही नहीं विदेशों तक धमक
राजस्थान के राजसमंद जिले का पिपलांत्री गांव देशविदेश के मानचित्र पर किसी परिचय का मोहताज नहीं है. गूगल पर गांव का नाम डालते ही इस के इतिहास से लेकर वर्तमान तक की कई कहानियों और तसवीरों के लिंक यहां दिखाई देने लगते हैं.
फसल अवशेष और इस का प्रबंधन
कृषि में संसाधन संरक्षण तकनीक स्थायी रूप से दीर्घकालीक खाद्य उत्पादन में सहायक होता है, परंतु मशीनों के अधिक प्रयोग से मृदा उर्वरता में कमी आने लगती है. धानगेहूं फसल प्रणाली में आधुनिक व बड़े आकार के फार्म मशीनरी जैसे कंबाइन हार्वेस्टर, रोटावेटर, सीड ड्रिल वगैरह की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है.
पशुपालन को बनाएं उद्योग
खेती के साथसाथ अनेक ऐसे काम किए जा सकते हैं, जो किसानों को अतिरिक्त मुनाफा तो देते ही हैं, साथ ही रोजगार भी मिल जाता है. ऐसा ही काम है पशुपालन, जो किसानों के लिए बेहतर आमदनी का जरीया हो सकता है. सरकार की भी अनेक योजनाएं पशुपालन के क्षेत्र में आती रहती हैं, जो किसानों की राह आसान बनाती हैं. पिछले कुछ समय में भारत सरकार ने किसानों और पशुपालकों को ले कर लगातार योजनाएं लौंच की हैं.
नवजात बछडे की देखभाल की वैज्ञानिक विधि
किसी भी डेरी की कामयाबी के लिए जरूरी है कि उस डेरी की प्रजनन के काबिल सभी गाय हर साल बच्चा पैदा करें. साथ ही साथ यह भी जरूरी है कि पैदा हुए सभी बच्चे जिंदा रहें.
चैनलों की भक्ति गायब किसान के मुद्दे
देशभर में आंदोलन कर रहे किसान यह शिकायत करते हैं कि मीडिया के लोग किसानों की बात जनता के सामने लाने में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. ज्यादातर न्यूज चैनल हमेशा की तरह सरकार की पीठ थपथपाने और उस की चाटुकारिता में लगे हैं. इसी बात की पड़ताल के लिए हमारी टीम ने 9 सितंबर के प्राइम टाइम में कुछ हिंदी चैनलों पर अपनी नजर बना कर रखी थी, जो इस तरह थी:
पपीते की खास किस्म रैड लेडी
पपीते की एक खास किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा विकसित की गई है, जिसे 'रैड लेडी' नाम दिया गया है. यह एक संकर किस्म है. इस किस्म की खासीयत यह है कि नर व मादा फूल एक ही पौधे पर होते हैं, लिहाजा हर पौधे से फल मिलने की गारंटी होती है.
बरसात में न कटने दें खेत की मिटटी
बरिश न हो या कम हो तो सभी किसान परेशान रहते हैं, लेकिन समझदार किसान लगातार तेज बारिश से भी घबराते हैं, क्योंकि इस से मिट्टी का कटाव होता है, जो खेत का आकार तो बिगाड़ता ही है, साथ ही जरूरी पोषक तत्त्वों को भी साथ बहा ले जाता है.
पशुओं में खुरपकामुंहपका रोग
पशुओं में खुरपकामुंहपका रोग यानी एफएमडी बेहद संक्रामक वायरल है. यह रोग वयस्क पशुओं में घातक नहीं होता है, लेकिन बछड़ों के लिए यह घातक होता है. यह गायभैंसों, बकरियों,
गेंदा फूल की खेती
गेंदा फूल को शादीब्याह, जन्मदिन, सरकारी व निजी संस्थानों में आयोजित विभिन्न समारोहों के अवसर पर, पंडाल, मंडपद्वार और गाड़ी, सेज आदि सजाने व अतिथियों के स्वागत के लिए माला, बुके, फूलदान सजाने में भी इस का प्रयोग किया जाता है. गेंदा की खेती खरीफ, रबी व जायद तीनों मौसम में की जाती है. पूर्वांचल में गेंदा की खेती की काफी संभावनाएं हैं, बस यह ध्यान रखना है कि कब कौन सा त्योहार है, शादी के लग्न कब हैं, धार्मिक आयोजन कब-कब होते है. इस को ध्यान में रख कर खेती की जाए, तो ज्यादा लाभदायक होगा.
धान की फसल का कीटों से बचाव
आप ने पिछले अंक में धान फसल में होने वाले रोगों के बारे में जाना कि किस तरह से उन से छुटकारा पाएं. उसी कड़ी में अब आगे पढ़ें कीटों के बारे में.
लासोडे का बनाए अचार और सब्जियां
हमारे आसपास कई ऐसे पेड़पौधे होते हैं, जिन्हें हम बेकार समझ कर ध्यान नहीं देते हैं, जबकि इस में से कुछ ऐसे होते हैं, जो सेहत का खजाना होते हैं.
खो गई गन्ने की मिठास
उत्तर प्रदेश के तराई वाले इलाके में बसा खीरी जिला गन्ने की फसल के लिए प्रसिद्ध है. इस जिले में कुलमिला कर 9 चीनी मिलें हैं. ये सारी चीनी मिलें अपने लिए गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन का अलगअलग लक्ष्य रखती हैं. मसलन, गोला चीनी मिल ने 110 लाख क्विटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा और उसे पूरा कर 16.80 लाख क्विटल चीनी की पैदावार की और अन्य मिलें भी अपने लिए गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन का अलगअलग लक्ष्य रखती हैं.
कम लागत में अधिक लाभ के लिए करें तिल की उन्नत खेती
तिलहनी फसलों में तिल एक प्रमुख फसल है, जिसे कम लागत और सीमित संसाधनों में उगा कर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. तिल का क्षेत्रपल धीरेधीरे बढ़ रहा है.
खस की खेती से खुशहाली
खस यानी पतौरे जैसी दिखने वाली वह झाड़ीनुमा फसल, जिस की जड़ों से निकलने वाला तेल काफी महंगा बिकता है. इंगलिश में इसे वेटिवर कहते हैं.
कीवी एक जरूरी फल
कीवी एक ऐसा बहुगुणी फल है, जो हर मौसम में हर जगह आसानी से मिल भी रहा है और पूरी दुनिया में अपनी विशेषताओं के लिए खास फल रूपी औषधि भी बन रहा है.
धान से अच्छी पैदावार के लिए रोग से बचाना जरूरी
भारत में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. यह प्रमुख खाद्यान्न खरीफ फसल है. यह अधिक पानी वाली फसल है. हालांकि अब धान की कुछ ऐसी प्रजातियां और ऐसी तकनीकियां भी आ गई हैं, जिन में अधिक पानी की जरूरत नहीं होती.
ब्रुसेल्स स्प्राउट की उन्नत खेती से बढाएं आमदनी
किसानों के लिए सब्जी की खेती नकदी का सब से अच्छा जरीया माना जाता है. अगर सब्जियों की खेती वैज्ञानिक तरीकों से की जाए तो आमदनी और भी बढ़ जाती है.
कश्मीर में कैसर मुनाफा और मजबूरियां
कश्मीर को अगर प्राकृतिक सुंदरता के लिए 'धरती का स्वर्ग' कहा जाता है, तो इसी कश्मीर को पूरी दुनिया में केसर की उम्दा खेती के लिए भी जाना जाता है. यही वजह है कि आज कश्मीर के केसर की मांग भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बढ़ती जा रही है.
भैंसपालन : अच्छी नस्ल और खानपान
गांवदेहात व शहरी इलाकों में दूध की जरूरत की सप्लाई के लिए आमतौर पर किसान गायभैंस पर ही निर्भर रहते हैं. कई बार अच्छी भैंस खरीद कर लाने के बाद भी हमें अच्छा दूध का उत्पादन नहीं मिल पाता है या कई बार भैंस दूध में रहने के बाद भी समय से गरम नहीं होती. इस के चलते किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होता है.
राज्य स्तरीय फार्म एन फूड अवार्ड से नवाजे गए किसान
भारत के जाने माने प्रकाशनों में शुमार दिल्ली प्रैस वर्षों से अपने पाठकों की पसंदनापसंद का खयाल रखते हुए अलगअलग तबकों को ध्यान में रख पत्रिकाओं का प्रकाशन कर लेखों के जरीए सही राह दिखाने का काम करता रहा है. दिल्ली प्रैस की पत्रिकाओं के बैनर तले आएदिन पाठकों के साथ अलगअलग आयोजन कर उन से रूबरू होने का प्रयास भी किया जाता रहा है.
अगस्त माह में करें खेती से जुड़े काम
हमारे यहां खेती के नजरिए से किसानों के लिए वैसे तो हर महीना खास होता है, लेकिन अगस्त का महीना, जिसे हम हिंदी महीने के रूप में श्रावण और भाद्रपद के नाम से जानते हैं, खेती के लिए इसलिए ज्यादा अहम होता है कि इस महीने में मानसून जोरों पर होता है और वर्षा वाले क्षेत्रों में झमाझम बारिश भी होती है. यह भी कह सकते हैं कि मानसून बरसात की झड़ी लगा देता है, जिस के चलते चारों तरफ हरियाली बढ़ जाती है.
कम अवधि में पपीते की खेती
पपीता सब से कम समय में फल देने वाला पौधा है, इसलिए कोई भी इसे लगाना पसंद करता है.
अनाज में लगने वाले प्रमुख कीट और बचाव
अनाज में लगने वाले 4 मुख्य कीट हैं, चावल का घुन, गेहूं का खपरा, दालों का झंग, आटे की सूंड़ी. इन कीटों से प्रभावित होने वाले अनाज इस प्रकार हैं:
ऐसे कीजिए धान में खरपतवार प्रबंधन
धान की फसल ज्यादा पानी वाली फसल है और इस की खेती भी ज्यादातर इलाकों में बरसात के ऊपर ही निर्भर है. इन दिनों तरहतरह के खरपतवार भी तेजी से पनपते हैं, जो फसलों को खासा नुकसान पहुंचाते हैं. अगर समय पर इन की रोकथाम नहीं की जाए, तो फसल की उपज में भी कमी आती है
अरहर की खेती से मुनाफा कमाएं जमीन को उपजाऊ बनाएं
एक कहावत तो हम सब ने सुनी ही है कि आम के आम और गुठलियों के दाम. यह बात अरहर की फसल पर भी लागू होती है, क्योंकि इस की फसल से भी आप दूसरे कई फायदे ले सकते हैं. जैसे कि आप चाहें तो इस की हरी पत्तियों से टोकरी बना सकते हैं.
गन्ने की फसल में ऐसे करें देखभाल
किसान भाइयो, वर्तमान समय में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण जरूर कराएं और दूसरे लोगों को भी जागरूक करते रहें.
धान की नर्सरी और किस्मों का चयन
धान खरीफ की मुख्य फसल है. अगर कुछ बातों का शुरू से ही ध्यान रखा जाए, तो धान की फसल ज्यादा मुनाफा देगी.
घरआगन में उगाएं सजहन
भारत की गरम जलवायु में आसानी से उगने वाले और सूखा सहन करने वाले सहजन यानी मोरिंगा ओलिफेरा को हम सालों से देखते आ रहे हैं. पूरी दुनिया में सहजन के उत्पादन में
धान का बीज शोधन और रोपाई
धान की नर्सरी की तैयारी करने के लिए हलकी व उर्वरक भूमि को चुनते हैं, जिस से पौधों का विकास अच्छी तरह से हो सके और इस से रोपाई के लिए उखाड़ते समय जड़ें कम खराब होती हैं. रोपाई करने से 20-25 दिन पहले नर्सरी तैयार करनी चाहिए.