CATEGORIES
खेतीबारी में कृषि शिक्षा की महत्ता समझने की जरूरत
विश्व में खाद्यान्न संकट पैदा होने की आहट के बीच और वायरसरूपी हमले के मद्देनजर कृषि प्रधान देश भारत की खेतीबारी पर भी असर पड़ना तय है. अब तो ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि क्या हम कृषि प्रधान देश नहीं रहे.
खेती को बनाएं फायदेमंद
वर्तमान समय में पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है. इस वजह से देश में सभी कारोबार ठप हैं. सभी के कामधंधों पर भी खासा असर पड़ रहा है, परंतु खेतीबारी का काम ऐसा है, जो समय से नहीं हुआ तो फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ेगा. साथ ही, देश की माली हालत भी खराब हो जाएगी.
अपनी दुधारू गाय खुद तैयार कीजिए
छठे अंक में आप ने पढ़ा था : गाय जब पहली बार हीट में आती है, तो इंतजार करना चाहिए. इस के तीसरे महीने के बाद दोबारा हीट में आने के बाद किसी अच्छे सांड़ से गाभिन करवा देना है. इस में पहले से के अनुपात में गाय को उस के महीनों के हिसाब से पोषण वाला चारा देना चाहिए. जब 8 महीने पूरे हो जाएं तब...
युवाओ ने की पहल तो खेती में मिली सफलता
देश में युवाओं के सामने रोजगार एक बड़ी समस्या है. उन का रोजगार की तलाश में घर से दूर पलायन करने का कारण स्थानीय लैवल पर रोजगार न मिलना भी है. ऐसे में युवाओं के पलायन की रोकथाम के लिए ऐसी पहल की जरूरत है, जिस से उन्हें स्थानीय लैवल पर ही रोजगार मुहैया हो पाए. इस के लिए जरूरत है स्थानीय लैवल पर रोजगार के अवसरों की तलाश. ऐसे ही बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में काम करने वाली सामाजिक संस्था आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत ने जौन डियर इंडिया के सहयोग से कई गांवों में स्थानीय लैवल पर खेती में रोजगार के अवसरों की तलाश की और गांव से पलायन कर चुके युवाओं को फिर से गांव में वापस लाने में मदद भी की है. इस से इन युवाओं की दिशा ही बदल गई है. आज बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के गांवों के ये युवा खेती के जरीए लाखों रुपए की आमदनी प्राप्त कर रहे हैं.
पौधशाला में एकीकृत जीवनाशी प्रबंधन
पौधशाला किसी पौधे की अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होती है, जिस में वह खूब पनपता और किसान का उत्पादन बढ़ाता है.
धान की फसल: रोगों और कीटों से बचाव
हमारे देश में खरीफ की प्रमुख खाद्यान्न फसल धान है. इस की खेती असिंचित व सिंचित दोनों परिस्थितियों में की जाती है. धान की फसल में विभिन्न रोगों व कीटों का प्रकोप होता है. कीट व रोग प्रबंधन का कोई एक तरीका समस्या का समाधान नहीं बन सकता. इस लिए रोग व कीट प्रबंधन के उपलब्ध सभी उपायों को समेकित ढंग से अपनाया जाना चाहिए.
कैसे हो मशरूम का अच्छा उत्पादन
मशरूम एक उच्चवर्गीय कवक है, जो औषधि और भोजन दोनों के रूप में प्रयोग किया जाता है.
अदरक की वैज्ञानिक विधि से खेती
महामारी कोरोना के चलते इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अदरक की बहुत अधिक उपयोगिता है, इसलिए लगातार इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में जिन सब्जियों का अधिक से अधिक उपयोग हो सकता है, उन की बाजार में लगातार मांग बढ़ती जा रही है. इन्हीं में से एक अदरक है, जिस की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है और लोग इस को काफी अधिक उपयोग में ला रहे हैं.
'तीलू रौतेली पुरस्कार विजेता बबीता रावत बंजर धरती में उगाया सोना
24 साल की बबीता रावत से जब मैं फोन पर बात कर रहा था, तब उन का आत्मविश्वास देखने लायक था. आज एक तरफ जब पहाड़ों की मुश्किल जिंदगी से तंग आ कर वहां की ज्यादातर नौजवान पीढ़ी मैदानी शहरों में छोटीमोटी नौकरी कर के जैसेतैसे गुजारा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के गांव सौड़ उमरेला की रहने वाली इस लड़की ने अपनी मेहनत और लगन से बंजर धरती को भी उपजाऊ बना दिया है और यह साबित कर दिया है कि सीमित साधनों का अगर दिमाग लगा कर इस्तेमाल किया जाए, तो कमाई तो कहीं भी की जा सकती है.
धान में भूरी खाद की उपयोगिता
फसलों की उपज बढ़ाने में रासायनिक उर्वरकों का योगदान किसी से छिपा नहीं है. रासायनिक उर्वरकों के ही इस्तेमाल से भारत में हरित क्रांति आई, लेकिन असंतुलित रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत का स्तर काफी गिर गया है और रासायनिक उर्वरकों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कंपोस्ट व गोबर की खाद भरपूर मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
देशी बैगन वासुकी
यह बैगन की एक परंपरागत, बहुवर्षीय देशी प्रजाति है, जो अपने बेहतरीन उत्पादन, ज्यादा मजबूत पौधे, सर्पाकार बैगन की लंबाई और बैगनीसफेद मिश्रित धारियों के फलों के रंग के चलते जानी जाती है.
जानें अलसी के फायदे
अलसी के बीज ब्लड प्रैशर और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में बहुत ज्यादा फायदेमंद होते हैं. इस के अलावा अलसी में विटामिन बी कौंप्लैक्स, मैग्नीशियम, मैगनीज जैसे तत्त्वों की भरपूरता होती है,
पुराने बागों को नया बनाएं मुनाफा बढ़ाएं
फलों के उत्पादन में भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर आता है. फलों के उत्पादन में अग्रणी होने के लिए हम सभी को नए व पुराने बागों में नई तकनीकों और उचित देखभाल की जरूरत पर जोर देना पड़ेगा. जैसे कि बागों को लगाने की सघन पद्धति व पुराने बागों में उत्पादकता में बढ़ोतरी की जा सकती है.
पपीते से बना पपेन काम का
किसी भी फसल से ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना किसानों का खास मकसद होता है. यही बात पपीते पर भी लागू होती है. पपीते के फलों व दूध की अलगअलग अहमियत होती है. पपीते का सुखाया हुआ दूध 'पपेन' कहलाता है, जो सफेद या हलके क्रीम रंग और हलकी तीखी गंध वाला पाउडर होता है. बाजार में यह पपायोटिन, पपायड, कैरायड वगैरह नामों से जाना जाता है.
फार्म एन फूड को मिला देश का सब से बड़ा कृषि पत्रकारिता सम्मान
देश के सब से बड़े प्रकाशन समूह दिल्ली प्रैस की पत्रिका 'फार्म एन फूड' में लेखक, कृषि पत्रकार बृहस्पति कुमार पांडेय को भारत सरकार के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रिंट मीडिया हिंदी की श्रेणी में दिए जाने वाले कृषि अनुसंधान और विकास में उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए 'चौधरी चरण सिंह पुरस्कार 2019' से सम्मानित किया गया है.
मशरूम से बढ़ेगी रोग प्रतिरोधकता
कोरोना महामारी के चलते देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया परेशान है. अब तक इस वायरस ने लाखों लोगों की जान ले ली है, पर लाखों लोग इस बीमारी से लड़ कर अस्पताल से वापस घर आ चुके हैं
धान में लगने वाले कीटों और उन का प्रबंधन
.खरीफ फसलों में धान की खेती खास माने रखती है. देश के अनेक हिस्सों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार, असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल वगैरह में काफी मात्रा में धान की खेती की जाती है.
प्राकृतिक आपदाओं के समय पशु प्रबंधन
देश में गरीबी उन इलाकों में सब से ज्यादा है, जो प्राकृतिक आपदाओं के लिए अधिक संवेदनशील है : उत्तर प्रदेश, उत्तरी बंगाल और उत्तरपूर्वी क्षेत्र आदि के बाढ़, भूकंप ग्रस्त क्षेत्र, छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसान कुल पशुधन का 70 फीसदी के मालिक हैं.
रोग प्रतिरोधकता शरीर के लिए है जरुरी
बहुत ही साधारण शब्दों में कहें, तो शरीर में रोग पैदा करने वाले हानिकारक कीटाणुओं को कोशिकाओं के अंदर प्रवेश न करने देने की क्षमता को ही रोग प्रतिरोधकता कहते हैं.
सघन खेती प्रणाली में लाभकारी जैविक खेती
हरित क्रांति की शुरुआत के बाद से देश की बेतहाशा बढ़ रही आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए खेतीबारी में उर्वरकों के इस्तेमाल को भारी बढ़ावा मिला है और हम ने अपने लक्ष्यों को पूरा किया है, खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल की है. लेकिन सघन खेती प्रणाली के खतरे बड़े चुनौती भरे हैं, क्योंकि इन से पारिस्थितिकीय संतुलन पर भारी असर पड़ता है.
स्टिकी ट्रैप करे कीटों से सुरक्षा
टमाटर, भिंडी व बैगन में फल छेदक की सूंडी और सफेद मक्खी का प्रकोप दिखता है. इस के लिए 'एनपीवी और वीटी' जैव दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं.
आंवला के पौधों में कीट व रोग
औषधीय गुणों से भरपूर फल आंवला में विटामिन सी के अलावा कैल्शियम, फास्फोरस और पोटैशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इस के फलों की प्रोसैसिंग कर के अनेक तरह के खाद्य पदार्थ जैसे मुरब्बा, कैंडी, अचार, जैम, जूस आदि बनाए जाते हैं. इस के अलावा अनेक दबाओं में भी आंबले का इस्तेमाल होता है.
खेत को उपजाऊ बनाती हरी खाद
फसल उत्पादन और उत्पाद को बबालिटी बढ़ाने के लिए मिट्टी पर कैमिकल खादों का लगातार अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है. जीवांश बाली खादों, जैसे फार्म यार्ड मैन्योर यानी गोबर की खाद, कंपोस्ट च हरी खादों का इस्तेमाल न के बराबर हो रहा है. इस का नतीजा यह है कि खेतों की पैदावारी कूबत लगातार घट रही है.
बेल की खेती
कम पानी वाले इलाकों में खेती करने से सिंचाई में ही काफी पूंजी खर्च हो जाती है, लेकिन ऐसे इलाकों में बेल की खेती आसानी से हो जाती है और बढ़िया मुनाफा भी मिलता है. बेल के पौधों और पेड़ों को काफी कम पानी की जरूरत होती है. इसे हर तरह की मिट्टी में और हर मौसम में उगाया जा सकता है.
टिड्डी दलों का हमला उपाय और बचाव के तरीके
कोरोना वायरस से फैली महामारी का हमला अभी कम भी नहीं हुआ था कि टिड्डी दल के हमले ने कृषि वैज्ञानिकों समेत किसानों को चिंता में डाल दिया है, राजस्थान से मध्य प्रदेश ह्येते हुए उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके के हमीरपुर और झांसी में इन के हमले की सूचना मिली है.
श्री विधि से धान की खेती
यह धान की खेती की ऐसी तकनीक है, जिस में बीज, पानी, खाद और मानव श्रम का समुचित तरीके से इंतजाम करना शामिल है, जिस का मकसद प्रति इकाई क्षेत्रफल में ज्यादा से ज्यादा उत्पादकता बढ़ाना है.
सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद
आजकल देश डायबिटीज के मरीज बहुत तेजी से बढ़ते चले जा रहे हैं और इस समय लौकडाउन के चलते लोग घर में हैं, जिस से लोगों के खानपान और रहनसहन में बहुत बदलाव आया है.
अपनी दुधारू गाय खुद तैयार कीजिए
दूसरे अंक में आप ने पढ़ा था : बछिया के जन्म से 26 हफ्ते तक के उस के फीडिंग शैड्यूल में दूध, काफ स्टार्टर, सूखी और हरी घास की मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. काफ स्टार्टर को घर पर ही बनाया जा सकता है, जो ज्यादा पौष्टिक व सस्ता पड़ता है. बछिया के 9वें महीने से 24वें महीने तक के उस के खाने में रातिब भी बहुत अहम होता, ताकि वजन सही रहे. अब पढ़िए आगे...
खेती में जल प्रबंधन जरूरी
सब सब से ज्यादा जल यानी पानी की जरूरत खेती में होती है. यही वजह है कि हमारे देश में जमीनी पानी का लैवल लगातार गिर रहा है.
चीनिया केला किसानों का दर्द सुनेगा कौन?
स्वाद और सेहत के लिए मशहूर चीनिया केले की खेती मुश्किल दौर में है और खेती करने वाले किसानों की हालत पतली.