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मटर की अच्छी पैदावार और बीज का उत्पादन
मटर का स्थान शीतकालीन सब्जियों में प्रमुख है. इस का इस्तेमाल आमतौर पर हरी फली की सब्जी के तौर पर जाना जाता है, वहीं साबुत मटर और दाल के लिए भी किया जाता है. मटर की खेती सब्जी और दाल के लिए उगाई जाती है..
बदलते बिहार की कहानी
दशकों से बिहार की छवि देश में गरीब, भूखे और नंगों के राज्य के रूप में रही है, लेकिन अब बिहार ने न केवल लोगों की नजर में अपनी छवि सुधारी है, बल्कि यहां के लोग देशदुनिया के साथ कई बड़े पदों पर पहुंच कर अपने राज्य का झंडा बुलंद कर रहे हैं.
प्याज बिचैलियो के बीच पिसते किसान
अदना सा प्याज केवल काटने पर ही आंसू बहाने पर मजबूर नहीं करता है, खरीदने पर भी ग्राहकों के आंसू निकाल देता है. कई सरकारें प्याज के बढ़ते दामों की भेंट चढ़ चुकी हैं. केंद्र की मोदी सरकार के समय प्याज की कीमतों ने पुराने सभी रिकोर्ड तोड़ दिए हैं. देश में पहली बार प्याज की कीमत ने सैंचुरी लगाई और 150 रुपए प्रति किलोग्राम से भी ज्यादा हो गई थी.
नकदी फसल है गन्ना
नकदी फसलों में गन्ना प्रमुख फसल है. इस की खेती हर इलाके में की जाती है. यह चीनी का प्रमुख स्रोत है, क्योंकि दुनियाभर में 80 फीसदी चीनी गन्ने से ही बनती है. गन्ना उत्पादन में दुनियाभर में भारत का दूसरा स्थान है.
टमाटर की नई किस्म से दोगनी पैदावार
आमतौर पर सामान्य प्रजाति के टमाटरों का उत्पादन 400 से 600 क्विटल प्रति हेक्टेयर होता है, लेकिन अब टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने एक ऐसी नई किस्म तैयार की है, जिस से प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 1,200 से 1,400 क्विटल तक ली जा सकती है. टमाटर की इस किस्म को नामधारी 4266 का नाम दिया गया है, जो अब किसानों के लिए उपलब्ध है.
जांचपरख कर लें कृषि यंत्र
अब खेती में बोआई से कटाई तक हर कदम पर मशीनें काम आती हैं. इन के इस्तेमाल से वक्त, पैसा और मेहनत बचती है, पैदावार व कमाई बढ़ती है.
जनवरी माह में खेती के खास काम
जनवरी माह में खेती के खास काम
गैरपरंपरागत नकदी फसलों की खेती
राजस्थान भारत का सब से बड़ा राज्य है और पिछड़े हुए राज्यों की कैटीगरी में आता है. यह राज्य भारत की उत्तरीपश्चिमी सीमा पर बसा है.
गन्ने की खेती से नवाचार
गन्ने की फसल एक वहुवर्षीय फसल है, जिस में किसान हर साल एक हेक्टेयर रकबे में एक लाख से ले कर डेढ़ लाख रुपए तक का मुनाफा कमा सकते हैं. गन्ना एक प्रमुख व्यावसायिक फसल है. विषम हालात में भी गन्ने की फसल को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर पाती. इन्हीं सब वजहों से गन्ने की खेती अपनेआप में सरक्षित व लाभ की खेती है.
खेती के लिए खास जीवाणु खाद
आज के समय में खेती की पैदावार बढ़ाने के लिए कैमिकल खादों और दवाओं का जम कर इस्तेमाल किया जाता है, जिस से दिनप्रतिदिन खेत की मिट्टी की सेहत खराब हो रही है और पर्यावरण को भी अच्छाखासा नुकसान पहुंच रहा है.
केले में कीट व रोगों की रोकथाम
आप ने पिछले अंक में पढ़ा था कि वैज्ञानिक तरीके की खेती कैसे से केले करें और केले की अच्छी उपज देने वाली खास किस्मों के बारे में विस्तार से बताया गया था. इस अंक में आप को केले की फसल में लगने वाले कीट व रोगों के बारे में जानकारी व उन की रोकथाम कैसे की जाए बताया जा रहा है.
केले के पौधों से रेशा उत्पादन
इनसानी जाति के लिए ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ा खतरा है. ग्लोबल वार्मिंग के असर को रोकने के लिए इस के प्रभाव को बदलने की जरूरत है. यह बदलाव लाने के लिए सब से अच्छा तरीका कृषि अपशिष्ट के लिए नएनए तरीकों का इस्तेमाल करना या उन्हें ढूंढ़ना है.
कम खर्च में तैयार होती नाडेप खाद
आज देश के अनेक किसान खेती में जैविक तरीके अपना रहे हैं. जैविक खाद बनाने के अनेक तरीके हैं, जिन्हें हमारे देश में अपनाया जाता है.
महिला किसानो के हिसाब से बनते कृषि यंत्र
आज देश में खेती के काम में 35 फीसदी से ज्यादा भागीदारी महिलाओं की है और खेती के अनेक काम ऐसे हैं, जिन में कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है.
पाले से कैसे करें फसलों की सुरक्षा
सर्दी का मौसम शुरू होते ही हर किसी के सामने ठंड एक समस्या बन कर खड़ी हो जाती है. जब सर्दी अपनी चरम सीमा पर होती है, उस समय किसानों को भी अपनी फसलों को बचाने की चिंता सताने लगती है, क्योंकि कड़क सर्दी के कारण फसलों पर पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है. इस से रबी फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है.
डेरी लगाने के लिए नाबार्ड से लें सब्सिडी
हमारे देश के किसान अपने खेत में मवेशियों का जम कर इस्तेमाल करते हैं और उस का दूध बेच कर अतिरिक्त आमदनी हासिल करते हैं, पर ज्यादातर किसानों को पता ही नहीं है कि सरकार उन के लिए कई योजनाएं लाती है, लिहाजा वे इन योजनाओं का फायदा उठा नहीं पाते हैं.
स्पिरुलिना की खेती उन्नति का आधार
हमारे देश के ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती पर निर्भर हैं, जिस से उन्हें अपेक्षा के अनुरूप फायदा नहीं मिल पाता है.
जैतून है लाभकारी
औलिव औयल यानी जैतून के तेल के बारे में ज्यादातर सभी लोग जानते हैं. जैतून तेल के अनेक प्राकृतिक उपयोगों से अनेक सौंदर्य प्रसाधन बनाए जाते हैं.
जीरा : मसालों का राजा
मसाला उत्पादन और मसाला कारोबार के मामले में भारत नंबर वन है. मसाले हमारे भोजन को जायकेदार बनाते हैं, साथ ही उन का निर्यात कर हम विदेशी लोगों के भोजन को भी जायकेदार बनाते हैं.
चारा व सब्जी फसल बरबटी की खेती
बरबटी की खेती पशुओं के लिए हरा चारा, दाल व हरी फलियों की सब्जी के तौर पर की जाती है. बरबटी को लोबिया नाम से भी जाना जाता है. यह प्रोटीन का बहुत सस्ता और अच्छा जरीया है. इस को खाने से कब्ज नहीं होता और शरीर मजबूत बनता है.
गन्ना सुधार के लिए जैव प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका
गन्ना एक बारहमासी फसल है, जो 12 से 18 महीने की अवधि के बीच पक कर तैयार होती है. आमतौर पर भारत में 12 महीने के लिए गन्ना लगाया जाता है. इस को खेत में जनवरीफरवरी माह में रोपा जाता है. 16 से 18 महीने के लिए दक्षिण भारत के राज्यों में जैसे आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में जुलाई से अगस्त माह में लगाया जाता है. इस के अलावा अक्तूबर से नवंबर माह में गन्ने को लगाया जा सकता है, जिस को पूर्व मौसमी 15 महीने की फसल के नाम से भी जाना जाता है.
खेतीकिसानी के फरवरी महीने के खास काम
फरवरी महीने की आबोहवा जहां एक ओर तनबदन में चुस्तीफुरती भरने वाली होती है, वहीं दूसरी ओर काम चाहे गन्ने की बोआई का हो या तेजी से तैयार हो रही गेहूं की फसल की देखभाल का, किसान पूरी शिद्दत से जुट जाते हैं. फरवरी में सुस्ती एकबारगी नौदोग्यारह हो चुकी होती है और खेतों में चहलपहल बढ़ जाती है..आइए लेते हैं एक जायजा, फरवरी माह के दौरान खेतीजगत में होने वाले खास कामों का :
खेती में अपनाए प्राकतिक तौर तरीके
भरतपुर जिले की भरतपुरबयाना सड़क पर गांव पना के पास कमल मीणा परिवार ने अपने 16 बीघा खेत यानी फार्महाउस में विभिन्न प्रकार के फल व फूलदार पौधे, औषधीय व सब्जियों और खाद्यान्नों की फसलें लगा कर किसानों के लिए समन्वित खेती का बेहतरीन उदाहरण सामने रखा है.उन्होंने अपने खेत में कैमिकल खाद व कीटनाशक दवाओं के बजाय प्राकृतिक विधि को अपनाया है, ताकि खाद्य पदार्थों में जहरीले तत्त्व न हों.
केला बनाए मालामाल
केले की प्रोसैसिंग से उत्पाद बना कर न केवल इस के उत्पादक अमीर हो रहे हैं, बल्कि ग्राहकों को भी अलगअलग वैराइटी मिलती है.
कृषि यंत्र बैंक बनाएं पैसा कमाएं
अच्छी कमाई करने के लिए खेती में आधुनिक तरीके अपनाने होते हैं. इस में उन्नत किस्म के बीज, मिट्टी जांच के अनुसार खेती में दिए जाने वाले खादउर्वरक, समय पर पानी और खेती में कृषि यंत्रों का उपयोग.
कीड़ों से बचाएं सरसों की फसल
सरसों भारत की एक अहम तिलहनी फसल है. यह फसल ज्यादातर पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में उगाई जाती है. राजस्थान में सरसों आमतौर पर सभी जिलों में पैदा की जाती है, लेकिन जोधपुर, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, पाली, जालौर व श्रीगंगानगर जिलों में इस की फसल बड़े पैमाने में ली जाती है.
मिट्टी की जांच कराएं पैदावार बढ़ाएं
मिट्टी की जांच का मतलब है, मिट्टी को लैब में ला कर वैज्ञानिक तरीके से उस का विश्लेषण करना. इस से खेत की मिट्टी की सही क्वालिटी के बारे में जानकारी मिलती है, मिट्टी की समस्याओं के बारे में पता चलता है और कई फसलों के लिए उपयोगी उर्वरकों व खाद की सही मात्रा के बारे में पता चलता है.
मार्च महीने में खेती के जरूरी काम
मार्च के महीने में गेहूं की फसल में दाने या बालियों में दूध बनने लगता है. इस दौरान खेत में नमी का होना बहुत जरूरी होता है, इसलिए समय पर फसल में सिंचाई करें. दिन में अगर ज्यादा तेज हवा चल रही हो, तो रात को सिंचाई करें.
मशरूम की खेती से करें कमाई
मशरूम की गिनती महंगी सब्जियों में होती है और शाकाहारी लोग इसे बेहद पसंद भी करते हैं. कम जगह में पैदा होने वाली इस की खेती में मुनाफा भी अच्छा मिलता है. जरूरत है केवल जानकारी की. इस की ट्रेनिंग ले कर आप भी मशरूम की खेती कर अपनी कमाई का जरीया बना सकते हैं.
बंजर जमीन में आंवला की खेती से मुनाफा
एक समय था, जब लोग पढ़लिख कर नौकरी पा जाते थे और अपढ़ लोग खेती किसानी के काम में लग जाते थे, लेकिन समय के बदलाव के साथ अब लोगों की सोच भी बदल रही है. अब इंजीनियरिंग और मैनेजमैंट की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौजवान खेती की ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं.