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इस बजट से तो रोजगार बढ़ने से रहा
जनादेश 2024 के बाद एनडीए सरकार का पहला बजट क्या अर्थव्यवस्था की मंद चाल में कुछ तेजी ला पाएगा ?
कोटा पर फूटा छात्रों का कहर
सत्ताधारी पार्टी के लोगों को सरकारी नौकरी के खिलाफ भड़का असंतोष
पहली महिला राष्ट्रपति की आस
चुनाव 'को सौ दिन से भी कम रह गए हैं और कमला हैरिस का चुनाव जोर पकड़ रहा है, लेकिन दक्षिणपंथी ताकतों की चुनौती भी कम नहीं
गरमा रही हैं लंदन की सड़कें
ब्रिटेन में दक्षिणपंथ तथा नस्लवाद के उभार से लेबर सरकार चौकस
गौरव का प्रतीक
अपनी फिल्मों, कॉलमों, साक्षात्कारों और कपड़े पहनने के तरीके से रितुपर्णो घोष अपनी वास्तविक पहचान जाहिर करने से बहुत पहले क्वीर समुदाय के गौरव प्रतीक बन गए थे
संकट में एडटेक कारोबार
ऑफलाइन केंद्रों के सहारे भी नहीं टिक पा रहा है प्रौद्योगिकी आधारित ऑनलाइन शिक्षा का बाजार, विलय की खबरें तेज
2007 का विलेन, 2024 में हीरो
एक दौर ऐसा भी था जब द्रविड़ बतौर कप्तान टी20 की ट्रॉफी नहीं उठा सके थे। कोच के रूप में टीम को जीत दिलाकर उन्होंने आखिरकार इसकी भरपाई कर ली
रो-को के बाद कौन?
जिस देश में क्रिकेट का नशा धर्म से कम नहीं है, वहां के दो आला खिलाड़ियों का तुरंता फॉर्मेट टी-20 से संन्यास ले लेना खेलप्रेमियों के लिए सदमे से कम नहीं, सबके मन में एक ही सवाल- कौन थामेगा जिम्मेदारी?
निकाय चुनावों का मुकाबला
नगर निकाय और पंचायत चुनावों के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कसी कमर, आंदोलन की तैयारी
कांग्रेसीकरण से उपजा रोष
हाल ही में कांग्रेस से आए नेताओं को भाजपा सरकार में मंत्री पद से नवाजे जाने पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में बेचैनी
संसद में मेहदी के रंग
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद अपने पहले भाषण से ही बने कश्मीरियों के चहेते
मरना मंजूर पर डरना नहीं
राज्य में प्रेम विवाह करने वाली लड़कियों के साथ लड़के भी असुरक्षित, सूबे में फिर छलांग लेने लगा 'ऑनर किलिंग' का कलंक
वनवास से लौटे लेबर
चौदह साल लगातार सत्ता में रही कंजर्वेटिव पार्टी की ऐतिहासिक हार के पीछे अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन और सुधारवादी ताकतों का उदय
बदलते यूरोप की ध्वनियां
इस साल चुनावों से गुजर रही दुनिया की आधी आबादी कुछ बदलावों का गवाह चुपचाप बन रही है तो कुछ बदलाव खुद ला रही है
'अतीत और भविष्य में उलझी सरकार वर्तमान को नकार रही'
देश के वरिष्ठ राजनेता, पूर्व विदेश तथा वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा से मौजूदा दौर के सियासी मुद्दों और आने वाले बजट पर हरिमोहन मिश्र ने खास बातचीत की। प्रमुख अंश:
हादसे की जटिल परतें
हाथरस में हुई मौतों के पीछे गरीबी, उत्पीड़न, जातिभेद से राहत की सामूहिक आकांक्षा का सवाल, मौके से रपट
परदे पर नहीं भा रहा खेल
बड़े खिलाड़ियों पर आधारित फिल्में नहीं कर पाईं अपेक्षित कमाई, फीका रहा प्रदर्शन
केरल से कान: मलयाली औरतों का झंडा
हाल में कान महोत्सव में दक्षिण के इस राज्य ने जता दिया कि महिलाओं को साथ लेकर कैसे आगे बढ़ा जाता है
17 साल बाद जीता विश्व
यह फाइनल लंबे समय बाद रोमांचकारी जीत के साथ-साथ दो श्रेष्ठ खिलाड़ियों के संन्यास के लिए भी याद किया जाएगा
महायुति में हलचल
विधानसभा चुनाव के गणित पर लोकसभा चुनाव का साया
'जल्द' की मियाद
राज्य का दर्जा और चुनाव की बाट जोह रहे लोगों को अब आश्वासन नहीं ठोस कदम चाहिए
अब सीबीआइ घोटालेबाज
मध्य प्रदेश की विधानसभा में मानसून सत्र भाजपा के लिए नर्सिंग घोटाले में 3,000 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी का सैलाब लेकर आया
मुखिया फरार कारिंदे अंदर
पूरे भारत में फैला पेपर लीक गिरोह का जाल, ताबड़तोड़ छापों और गिरफ्तारियों के बावजूद बड़ी मछलियां पकड़ से बाहर, आंदोलनरत छात्र बेहाल
धांधली 'मॉडल'
इस देश में सरकारी परीक्षाओं के परचे लीक होते-होते अब संसद में बहस और सड़कों पर आंदोलन का बायस बन चुके हैं, सवाल व्यवस्था परिवर्तन तक आ चुका है, केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी पर जवाबदेही और संघीयता की भावना को धता बताने के सवाल उठे
मजबूत मौजूदगी
'आयरन लेडी' के नाम से ख्यात हो रहीं कल्पना सोरेन ने पति हेमंत के लिए हर तरह से सहारा बनाए रखने का काम किया
चुनाव बीता, नशा हुआ बेलौस
हर चुनाव में नशा मुद्दा बनता है, मगर उसके बाद कुछ तबादलों से कर्मकांड पूरा हो जाता है और नशे का तांडव बढ़ता जाता है
एक रिहाई सौ सवाल
विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज चौदह साल के वनवास के बाद मुक्त होकर घर पहुंच गए हैं, लेकिन उनके किए और कहे से हमने कुछ सीखा है क्या?
हुआ क्या है हिंदी को
बड़ा प्रश्न यह है कि जगह का अकाल विचारों को हिंदी में ही क्यों झेलना पड़ा
इंसानी तबाही का सामाजिक दस्तावेज
छह खंडों में छपी करीब सवा दो सौ पन्नों की इस किताब में प्रकाशित लेख हमारे समय और भविष्य का दस्तावेज हैं
देसी रोनॉल्डो की विदाई
गेंद को छकाते हुए मैदान के उस पार ले जाकर छेत्री ने भारत में फुटबॉल को रोमांचकारी बनाया