Farm and Food - August First 2024Add to Favorites

Farm and Food - August First 2024Add to Favorites

Få ubegrenset med Magzter GOLD

Les Farm and Food og 9,000+ andre magasiner og aviser med bare ett abonnement  Se katalog

1 Måned $9.99

1 År$99.99

$8/måned

(OR)

Abonner kun på Farm and Food

1 år $4.99

Kjøp denne utgaven $0.99

Gave Farm and Food

7-Day No Questions Asked Refund7-Day No Questions
Asked Refund Policy

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

Digitalt abonnement
Umiddelbar tilgang

Verified Secure Payment

Verifisert sikker
Betaling

I denne utgaven

This issue talks about a range of topics from seeds to crops to post-harvest technology in a simple and easy to understand language, provides useful insights into farm machineries and marketing techniques too. Among various other features, you will find success stories, market analysis, technology tips and global trends in agricultural sector and its impact in agro-based industries and small businesses in India.

ढैंचा की खेती से बढाएं मिट्टी की उर्वरता

हमारे देश की बढ़ती आबादी की खाद्यान्न जरूरतों को पूरा करने के लिए किसानों द्वारा अपने खेत में बोई गई फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए अंधाधुंध कैमिकल खादों व उर्वरकों का प्रयोग किया जा रहा है. इस की वजह से मिट्टी में जीवाश्म की मात्रा में दिनोंदिन कमी होती जा रही है और मिट्टी ऊसर होने के कगार पर पहुंचती जा रही है.

ढैंचा की खेती से बढाएं मिट्टी की उर्वरता

3 mins

हरी खाद के लिए रोटावेटर

रोटावेटर खेती में काम आने वाला एक ऐसा यंत्र है, जिस का उपयोग खेत में जुताई, बोआई और खेत को तैयार करने के लिए किया जाता है.

हरी खाद के लिए रोटावेटर

1 min

धान की फसल में कीट नियंत्रण

बरसात की प्रमुख फसल होने के नाते धान की फसल की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है, क्योंकि इस समय फसल में कीटपंतगों का प्रकोप कुछ ज्यादा ही होता है. धान की फसल में सिंचित व असिंचित दशा में अलगअलग तरह के कीटों का प्रकोप होता है, जो फसल की अलगअलग अवस्थाओं में नुकसान पहुंचाते हैं, जिस से धान की फसल पूरी तरह बरबाद हो जाती है और फसल उत्पादन घट जाता है.

धान की फसल में कीट नियंत्रण

4 mins

कीड़ेमकोडों और रोगों की रोकथाम के लिए छोटे स्प्रेयर यंत्र

समयसमय पर देखने में आया है कि फसलों में तरह के अनेक स खरपतवार उग आते हैं, जो फसल को पनपने नहीं देते. इस के अलावा अनेक तरह के कीट व रोगों का प्रकोप भी खेतों में होता है, जिन से उपज पर खासा बुरा असर होता है.

कीड़ेमकोडों और रोगों की रोकथाम के लिए छोटे स्प्रेयर यंत्र

2 mins

फैरोमौन ट्रैप : जैविक तरीके से फसल सुरक्षा

फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए किसान उम्दा किस्म के खादबीज इस्तेमाल करता है और फ फसल की देखभाल करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ता, लेकिन कई बार फसल में कीटों का हमला हो जाता है, जिस से फसल को बहुत अधिक नुकसान होता है.

फैरोमौन ट्रैप : जैविक तरीके से फसल सुरक्षा

3 mins

'कृषि कथा' लौंच : सफलता की कहानियों को मिलेगा बढ़ावा

भारत के केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी 'कृषि कथा' लौंच की, जो भारतीय किसानों की आवाज को प्रदर्शित करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफार्म के रूप में काम करने वाली एक ब्लौग साइट है, जो देशभर के किसानों के अनुभवों, अंतर्दृष्टियों और सफलता की कहानियों को बढ़ावा देगी.

'कृषि कथा' लौंच : सफलता की कहानियों को मिलेगा बढ़ावा

1 min

प्राकृतिक खेती करने वाले किसान को सब्सिडी

लखनऊ में प्राकृतिक खेती पर संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री के 'धरती को रसायनों से बचाने' के सपने को पूरा करते हुए हम कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में किसान रसायनमुक्त खेती करें, ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रहे.

प्राकृतिक खेती करने वाले किसान को सब्सिडी

1 min

छोटे और सीमांत किसानों के लिए नया कौम्पैक्ट ट्रैक्टर

भारत में 80 फीसदी से ज्यादा सीमांत और छोटे किसान हैं. उन में से एक बड़ी आबादी अभी भी बैलों से खेती करने पर निर्भर है, जिस में परिचालन लागत, रखरखाव और खराब रिटर्न एक चुनौती है. हालांकि पावर टिलर बैलों से चलने वाले हल की जगह ले रहे हैं, लेकिन उन्हें चलाना बोझिल है. वहीं दूसरी ओर ट्रैक्टर छोटे किसानों के लिए काफी महंगे हैं.

छोटे और सीमांत किसानों के लिए नया कौम्पैक्ट ट्रैक्टर

1 min

सभी पशु रोग जूनोटिक नहीं होते

जूनोसिस संक्रामक रोग है. इस का संक्रमण जानवरों से मनुष्यों में हो सकता है, जैसे रेबीज, एंथ्रेक्स, इन्फ्लुएंजा (एच 1, एन1 और एच5, एन1), निपाह, कोविड19, ब्रूसेलोसिस और तपेदिक, ये रोग बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी और कवक फफूंद सहित विभिन्न रोगजनकों के कारण होते हैं.

सभी पशु रोग जूनोटिक नहीं होते

3 mins

पद्धति बदली तो संजीव की होने लगी लाखों की कमाई

संजीव पहले धान की पारंपरिक खेती करते थे. जीतोड़ मेहनत के बावजूद उन्हें अपनी खेती से उतनी आमदनी नहीं हो पाती थी, जितनी वे उम्मीद रखते थे. ऊपर से यदि मानसून दगा दे जाए, तो उत्पादन और भी घट जाता है. संजीव ने फसल में बदलाव क्या किया, उन की जिंदगी ही बदल गई. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ने उन के जीवन में सुखद बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई है.

पद्धति बदली तो संजीव की होने लगी लाखों की कमाई

1 min

बजट 2024 : किसानों के साथ एक बार फिर 'छलावा'

भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट 2024-25 खासतौर पर 2 माने में अभूतपूर्व रहा. पहला तो यह कि देश के इतिहास में पहली बार किसी वित्त मंत्री ने 7वीं बार बजट पेश किया है. हालांकि इस रिकौर्ड के बनने से देश का क्या भला होने वाला है, पर इकोनॉमी पर क्या प्रभाव पड़ना है, यह अभी भी शोधकर्ताओं के शोध का विषय है. दूसरा यह कि कृषि की वर्तमान आवश्यकता के मद्देनजर इस बजट में देश की खेती और किसानों के लिए ऐतिहासिक रूप से अपर्याप्त न्यूनतम राशि का प्रावधान किया गया है.

बजट 2024 : किसानों के साथ एक बार फिर 'छलावा'

5 mins

खेत हो रहे बांझ इस का असल जिम्मेदार कौन?

अपने देश में पिछले 5 सालों में विभिन्न कारणों से किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं, पर आज हम न तो आंदोलनों की बात करेंगे और न ही किसी सरकार पर कोई आरोप लगाएंगे. हम यहां भारतीय खेती की वर्तमान दशा व दिशा का एक निष्पक्ष आकलन करने की कोशिश करेंगे.

खेत हो रहे बांझ इस का असल जिम्मेदार कौन?

6 mins

कम खेती में कैसे करें अधिक कमाई

अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए किसानों को अपनी मानसिकता में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए बदलाव लाना होगा. खेती के अलावा किसानों को उद्यानिक फसलों की ओर भी ध्यान देना होगा.

कम खेती में कैसे करें अधिक कमाई

2 mins

पालक की उन्नत खेती

पत्तेदार सब्जियों में सर्वाधिक खेती पालक की होती है. यह एक ऐसी फसल है, जो कम समय और कम लागत में अच्छा मुनाफा देती है. पालक की बोआई एक बार करने के बाद उस की 5-6 बार कटाई संभव है. इस की फसल में कीट व बीमारियों का प्रकोप कम पाया जाता है.

पालक की उन्नत खेती

3 mins

तालाबों में जल संरक्षण के साथ हों मखाने की खेती

दुनिया का 90 फीसदी मखाना भारत में होता है और अकेले बिहार में इस का उत्पादन 85 फीसदी से अधिक होता है. इस के अलावा देश के उत्तरपूर्वी इलाकों में भी इस की खेती आसानी से की जा सकती है. यहां पर जो तालाब हैं, उन में पानी भर कर मखाने की खेती को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिस से किसानों को फायदा होगा. साथ ही, जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिल सकेगा.

तालाबों में जल संरक्षण के साथ हों मखाने की खेती

5 mins

टिंगरी मशरूम से बनाएं स्वादिष्ठ अचार

हमारे यहां की रसोई में अचार अपना एक अलग ही स्थान रखता है. यह हमारे भोजन को और भी लजीज व स्वादिष्ठ बनाता है. भारतीय रसोई में ह मशरूम भी अहम स्थान रखते हैं. मशरूम का अचार इसे और भी अधिक लजीज और रुचिकर बना देता है. इस का स्वाद और खुशबू हर किसी को मोहित कर देती है.

टिंगरी मशरूम से बनाएं स्वादिष्ठ अचार

5 mins

पोपलर उगाएं ज्यादा कमाएं

पोपलर कम समय में तेजी से चढ़ने वाला पेड़ है. इस की अच्छी नस्लें तकरीबन 5 से पा 8 साल में तैयार हो जाती हैं. पोपलर की पौध एक साल में तकरीबन 3 से 5 मीटर तक ऊंची हो जाती है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों में इन को देखा जा सकता है.

पोपलर उगाएं ज्यादा कमाएं

3 mins

हेलदी की उन्नत खेती बढाए आमदनी

हलदी का प्रयोग न केवल मसाले के रूप में खाने के लिए होता है, बल्कि सौंदर्य प्रसाधनों और औषधियों के लिए भी होता है. हलदी को एक बेहतर एंटीबायोटिक माना गया है, जो शरीर में रोग से लड़ने की कूवत को बढ़ाने में मदद करता है.

हेलदी की उन्नत खेती बढाए आमदनी

4 mins

बागबानी के लिए आम की विदेशी रंगीन किस्में

आम उत्पादन के मामले में भारत दुनियाभर में पहले स्थान पर है. इस की एक खास वजह यह है कि भारतीय आम अपने आ स्वाद, रंग, बनावट और गुणवत्ता के मामले में किसी को भी अपना मुरीद बना लेता है.

बागबानी के लिए आम की विदेशी रंगीन किस्में

9 mins

अगस्त महीने के खेती के काम

अगस्त के महीने में बरसाती मौसम का आखिरी दौर चल रहा होता है और देश के अनेक हिस्सों में धान की खेती बरसात के भरोसे ही की जाती है. बरसात के दिनों में फसल में कीट, रोगों व खरपतवारों का भी अधिक प्रकोप होता है, इसलिए समय रहते उन की रोकथाम भी जरूरी है.

अगस्त महीने के खेती के काम

3 mins

Les alle historiene fra Farm and Food

Farm and Food Magazine Description:

UtgiverDelhi Press

KategoriFood & Beverage

SpråkHindi

FrekvensFortnightly

This issue talks about a range of topics from seeds to crops to post-harvest technology in a simple and easy to understand language, provides useful insights into farm machineries and marketing techniques too. Among various other features, you will find success stories, market analysis, technology tips and global trends in agricultural sector and its impact in agro-based industries and small businesses in India.

  • cancel anytimeKanseller når som helst [ Ingen binding ]
  • digital onlyKun digitalt
MAGZTER I PRESSEN:Se alt