Farm and Food - March First 2024Add to Favorites

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This issue talks about a range of topics from seeds to crops to post-harvest technology in a simple and easy to understand language, provides useful insights into farm machineries and marketing techniques too. Among various other features, you will find success stories, market analysis, technology tips and global trends in agricultural sector and its impact in agro-based industries and small businesses in India.

नेटाफिम सिंचाई तकनीक बूंदबूंद पानी का इस्तेमाल

आज के समय में पानी व सिंचाई ऐसा विषय है, जिन पर बहुतकुछ सोचा व किया जा रहा है, खासकर खेती की सिंचाई की बात करें, तो हमारे देश में अलगअलग जलवायु है. कहीं बेहिसाब पानी है, तो कहीं सूखा पड़ता है, इसलिए हमें पानी को ले कर जल संरक्षण के बारे में सोचना होगा. कम पानी में भी अच्छी खेती की जा सकती है. इस के लिए हमें खेती में सिंचाई के लिए आधुनिक तौरतरीकों को जानना होगा और उन्हें अपनाना होगा.

नेटाफिम सिंचाई तकनीक बूंदबूंद पानी का इस्तेमाल

2 mins

भारत में टौप सुपर सीडर

सुपर सीडर यंत्र किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी है. इस से मजदूरी, समय, पैसे आदि की भी बचत होती है. इस के उपयोग से हमारा वातावरण दूषित नहीं होता है और मिट्टी की उर्वरता और गुणवत्ता दोनों ही अच्छी बनी रहती हैं.

भारत में टौप सुपर सीडर

2 mins

मिल्किंग मशीन : दुधारू पशुओं से दूध दुहने का खास यंत्र

मिल्किंग मशीन किसानों के लिए एक ऐसी खास मशीन है, जो घरेलू पशुपालन और डेयरी फार्मिंग के लिए बहुत ही उपयोगी है. इस के इस्तेमाल से पशुओं से साफसुथरा दूध निकाला जाता है. इस में समय भी कम लगता है और पशु भी सुविधा रहती है.

मिल्किंग मशीन : दुधारू पशुओं से दूध दुहने का खास यंत्र

4 mins

जीवाणु कल्चर बायोडीकंपोजर

बायोडीकंपोजर 'जैविक कृषि अनुसंधान केंद्र' द्वारा बनाया गया अपशिष्ट विघटनकारी है. न कोई खाद, न कोई पैस्टीसाइड, न फफूंदनाशी. यह कृषि की एक नई विधि है, जो पूरी तरह से जैविक है. यह बायोडीकंपोजर किसानों की लागत को आधा करती है. पैस्टीसाइड पर होने वाले खर्च को भी बहुत कम कर देती है.

जीवाणु कल्चर बायोडीकंपोजर

1 min

जैव उर्वरकों से पोषण प्रबंधन और उपयोग के तरीके

पिछले कुछ दशकों में आत्मनिर्भरता की स्थिति तक कृषि की वृद्धि में उन्नत किस्म के बीजों, उर्वरकों, सिंचाई जल एवं पौध संरक्षण का उल्लेखनीय योगदान है. वर्तमान ऊर्जा संकट और निरंतर क्षीणता की ओर अग्रसर ऊर्जा स्रोतों के कारण रासायनिक उर्वरकों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं.

जैव उर्वरकों से पोषण प्रबंधन और उपयोग के तरीके

3 mins

कैसे पहचानें असलीनकली उर्वरक

नकली एवं मिलावटी उर्वरकों की समस्या से निबटने के लिए समयसमय पर विभागीय अभियान चला कर जांचपड़ताल की जाती है, फिर भी यह आवश्यक है कि खरीदारी करते समय किसान उर्वरकों की शुद्धता मोटेतौर पर उसी तरह से परख लें, जैसे बीजों की शुद्धता, बीज को दांतों से दबाने पर कट और किच्च की आवाज से, कपड़े की गुणवत्ता 'उसे छू कर या मसल कर और दूध की शुद्धता की जांच उसे उंगली से टपका कर लेते हैं.

कैसे पहचानें असलीनकली उर्वरक

2 mins

मार्च महीने में खेती के खास काम

इस महीने में जहां एक ओर रबी की फसलें तैयार होने को होती हैं, तो वहीं दूसरी तरफ जायद की तमाम फसलों की बोआई का सिलसिला चालू हो जाता है. गेहूं की फसल में दाने बनने लगते हैं. चीनी की फसल यानी गन्ना कटाई के लिए तैयार हो जाता है.

मार्च महीने में खेती के खास काम

4 mins

घीया की खास किस्म 'एचबीजीएच हाईब्रिड-35'

हरियाणा के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित घीया की संकर किस्म 'एचबीजीएच हाईब्रिड35 किस्म ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है, जिस से कि किसान न केवल इस किस्म की अच्छी पैदावार पा सकते हैं, बल्कि अच्छी आमदनी हासिल कर अपनी माली हालत को मजबूत भी कर सकते हैं.

घीया की खास किस्म 'एचबीजीएच हाईब्रिड-35'

1 min

55 दिनों में तैयार होगी 'जनकल्याणी मूंग'

वाराणसी के प्रगतिशील किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी ने बताया कि उन की 'कुदरत कृषि शोध संस्था' द्वारा मूंग की नई प्रजाति 'जनकल्याणी मूंग' विकसित की गई है, जिस की फसल मात्र 55 दिनों में पक कर तैयार हो जाएगी.

55 दिनों में तैयार होगी 'जनकल्याणी मूंग'

1 min

जलकुंभी से करें जल का उपचार

जलकुंभी एक जलीय पौधा है, जिस का उपयोग अपशिष्ट ज जल और भारी धातुओं को हटाने के लिए किया जा सकता है. जी हां, जलकुंभी फ्री फ्लोटिंग यानी स्वतंत्र रूप से तैरने वाला जलीय पौधा है, जिस का उपयोग अपशिष्ट जल के उपचार और भारी धातुओं को हटाने के लिए किया जा सकता है.

जलकुंभी से करें जल का उपचार

1 min

Les alle historiene fra Farm and Food

Farm and Food Magazine Description:

UtgiverDelhi Press

KategoriFood & Beverage

SpråkHindi

FrekvensFortnightly

This issue talks about a range of topics from seeds to crops to post-harvest technology in a simple and easy to understand language, provides useful insights into farm machineries and marketing techniques too. Among various other features, you will find success stories, market analysis, technology tips and global trends in agricultural sector and its impact in agro-based industries and small businesses in India.

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