Kadambini - May 2020Add to Favorites

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Kadambini, HT Media’s monthly socio-cultural literary magazine has a legacy of more than 51 years old. Its first editor was Late Shri Balkrishna Rao, a prominent Hindi writer. Following him many well known literary figures like Late Shri Ramanand Doshi, Shri Rajendra Awasthy, Ajenya, Mahadevi Verma & Kunwar Narayan have contributed immensely to the magazine taking it to unscalableheights.Known for its quality content, Kadamini has becomeindispensible with evolved and discerning reader who yearns forsomething ‘intelligent’ to read. It covers a wide range of subjects including literature, art, culture, science, history,sociology, films and health giving fresh perspectives on them to its readers.

आदमी हारने के लिए पैदा नहीं हुआ

हौसला उम्र नहीं देखता। यह ऐसा जज्बा है,जो इनसान को हारने के बाद भी टूटने नहीं देता है। उम्र के आखिरी पड़ाव की ओर बढ़ रहे व्यक्ति में भी यह जोश भर सकता है। 'द ओल्ड मैन एंड द सी' एक ऐसे ही बेमिसाल हौसले की दास्तां है। नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत इस उपन्यास को मशहूर अमेरिकन कथाकार अर्नेस्ट हेमिंग्वे ने लिखा है

आदमी हारने के लिए पैदा नहीं हुआ

1 min

एटम बम

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागाशाकी शहरों पर परमाणु बम गिराया था। यह किसी महामारी से कम नहीं था, क्योंकि इसमें जो लोग बच गए थे उनके लिए जीना दर्द के दरिया को पार करने जैसा था। कई दशकों तक लोगों पर इसके विकिरण का प्रभाव रहा। लेकिन ऐसे में भी मनुष्य की जिजीविषा ही काम आई और वह फिर उठ खड़ा हुआ

एटम बम

1 min

ज़िंदगी को एक मतलब चाहिए

समुद्री पक्षियों के बारे में कहा जाता है कि वे कभी ऊंची उड़ान नहीं उड़ सकते। उनकी उड़ान सिर्फ मछली पकड़ने तक सीमित रहती है। लेकिन जोनाथन सामान्य समुद्री पक्षी नहीं था। उड़ान ही उसका लक्ष्य था। अपनी अदम्य जिजीविषा से उसने वह कर दिखाया, जो कोई नहीं कर सका

ज़िंदगी को एक मतलब चाहिए

1 min

अदम्य जिजीविषा की कहानियां

जीवन चलते-चलते जैसे अचानक ठहर-सा गया है। चारों तरफ डर का माहौल है। अपनों के साथ होते हए भी अपनों से दूर होने का डर। इस डर को जितना भगाओ, उतना ही यह और करीब आता जाता है।

अदम्य जिजीविषा की कहानियां

1 min

कोरोना के संत

कोरोना महामारी और उसके चलते हुए लॉकडाउन ने हम सबकी जिंदगी बदलकर रख दी है। आनेवाले समय में जब इतिहास लिखा जाएगा, तो शायद वह इतिहास भी लॉकडाउन पूर्व और लॉकडाउन बाद ही दर्ज हो। इसने हमारी जीवनशैली तो बदली ही,हमारी भाषा में तमाम नए शब्द भी जोड़ दिए हैं जो ऐतिहासिक हैं

कोरोना के संत

1 min

हताशा में जगातीं आशा

आशा और उम्मीद शब्द भर नहीं हैं। मनुष्य की रचनात्मकता और जिजीविषा के स्रोत हैं। मानवीय इतिहास के हजारों-लाखों साल में कितनी विपदाएं, कितनी महामारियां और कितने संकट आए, कितनी सभ्यताएं नष्ट भी हुईं, लेकिन मनुष्य की उम्मीद ने उसका साथ नहीं छोड़ा और वह फिर उठ खड़ा हुआ। दुनियाभर का साहित्य इस बात का प्रमाण है कि मनुष्य कभी हार नहीं सकता

हताशा में जगातीं आशा

1 min

Les alle historiene fra Kadambini

Kadambini Magazine Description:

UtgiverHT Digital Streams Ltd.

KategoriCulture

SpråkHindi

FrekvensMonthly

Kadambini, HT Media’s monthly socio-cultural literary magazine has a legacy of more than 51 years old. Its first editor was Late Shri Balkrishna Rao, a prominent Hindi writer. Following him many well known literary figures like Late Shri Ramanand Doshi, Shri Rajendra Awasthy, Ajenya, Mahadevi Verma & Kunwar Narayan have contributed immensely to the magazine taking it to unscalableheights.Known for its quality content, Kadamini has becomeindispensible with evolved and discerning reader who yearns forsomething ‘intelligent’ to read. It covers a wide range of subjects including literature, art, culture, science, history,sociology, films and health giving fresh perspectives on them to its readers.

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