Kadambini - July 2020Add to Favorites

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Kadambini, HT Media’s monthly socio-cultural literary magazine has a legacy of more than 51 years old. Its first editor was Late Shri Balkrishna Rao, a prominent Hindi writer. Following him many well known literary figures like Late Shri Ramanand Doshi, Shri Rajendra Awasthy, Ajenya, Mahadevi Verma & Kunwar Narayan have contributed immensely to the magazine taking it to unscalableheights.Known for its quality content, Kadamini has becomeindispensible with evolved and discerning reader who yearns forsomething ‘intelligent’ to read. It covers a wide range of subjects including literature, art, culture, science, history,sociology, films and health giving fresh perspectives on them to its readers.

और बदलेगी दुनिया

आजकल पूरी दुनिया अपने आपको थोड़ा- थोड़ा रोज बदल रही है। यह बदलना हर स्तर पर जारी है। चाहे वह व्यक्ति के रूप में हो या फिर समाज के स्तर पर। चाहे वह चलना-फिरना हो, आना-जाना हो, रहन- सहन, खान-पान हो या फिर तौर-तरीके या सलीके। सब कुछ बदल रहे हैं।

और बदलेगी दुनिया

1 min

बदली-बदली-सी होगी यह दुनिया

कोरोना और लॉकडाउन से बहुत कुछ बदल रहा है। इनसान के रहन-सहन से लेकर उसके काम करने का ढंग तक बदला है। लॉकडाउन पूरी तरह खत्म होने के बाद हमारे सामने जो दुनिया होगी, वह बहुत कुछ नई-नई-सी और बदली हुई होगी। यह बदलाव कैसा होगा, यह तो आनेवाला समय ही बताएगा। लेकिन यह तय है कि अभी बहुत कुछ बदलेगा

बदली-बदली-सी होगी यह दुनिया

1 min

ऑफिस आखिर कितना ऑफिस

हालात ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। और बहुत लोगों के लिए घर ही ऑफिस हो गया। भले ही इसके पीछे मजबूरी थी। लेकिन यह मजबूरी कहीं जरूरत न बन जाए। एक बात तय है कि अब ऑफिस का पूरा अंदाज बदलेगा। ऑफिस का बड़ा हिस्सा अब घर हो सकता है।

ऑफिस आखिर कितना ऑफिस

1 min

बदला-बदला सा होगा मिजाज

साफ नदियां, साफ हवा, सुबह उठते ही पक्षियों की चहचहाहट-ये देन है लॉकडाउन की। प्रकृति के लिए तो यह कम-से-कम वरदान ही साबित हुआ है। देखनेवाली बात यह होगी कि प्रकृति का यह बदला-बदला मिजाज कब तक कायम रहता है

बदला-बदला सा होगा मिजाज

1 min

घर अब घर नहीं रहेगा!

सुकून पाने के लिए इनसान अपने घर जाता है। आज यही इनसान अपने-अपने घरों में है तो, लेकिन यहां सुकून नहीं एक अनजाना डर है। इस डर का विस्तार कोरोना वायरस से लेकर नौकरी जाने तक का है। भुखमरी, बेरोजगारी ने जैसे आदमी ही नहीं, पूरे घर के चैन को छीन लिया है। सब साथ-साथ रहते हैं, लेकिन डरे-सहमे से कुछ शिकायतों के साथ

घर अब घर नहीं रहेगा!

1 min

नए अवसर नई चुनौती

कोई भी आपदा सिर्फ संकट लेकर ही नहीं आती, अवसर लेकर भी आती है। यह हम पर है कि हम उसका उपयोग कैसे और कितना कर पाते हैं? इन अवसरों के रास्ते में चुनौतियों की कमी नहीं होती, लेकिन इससे पार पाकर ही एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण होता है

नए अवसर नई चुनौती

1 min

नए तौर-तरीकों की सिनेमाई दुनिया

कोरोना से सबसे ज्यादा नुकसान थिएटर और सिनेमा को हुआ है। भीड़भाड़ के बिना इस माध्यम की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। बदले हालात में उसे भी बदलना है। शुरुआत हो चुकी है। अब नए तौर-तरीकों और तेवर वाला होगा सिनेमा

नए तौर-तरीकों की सिनेमाई दुनिया

1 min

...कल फिर बदलेगी दुनिया

दुनिया बदलती है। कभी अपने आप से, कभी किसी कारण से। आज यह कोरोना वायरस और लॉकडाउन से पैदा हुए हालात से बदल रही है। कहां तक बदलेगी, कोई नहीं जानता। हां, इसके बदलने की शुरुआत हो चुकी है

...कल फिर बदलेगी दुनिया

1 min

Les alle historiene fra Kadambini

Kadambini Magazine Description:

UtgiverHT Digital Streams Ltd.

KategoriCulture

SpråkHindi

FrekvensMonthly

Kadambini, HT Media’s monthly socio-cultural literary magazine has a legacy of more than 51 years old. Its first editor was Late Shri Balkrishna Rao, a prominent Hindi writer. Following him many well known literary figures like Late Shri Ramanand Doshi, Shri Rajendra Awasthy, Ajenya, Mahadevi Verma & Kunwar Narayan have contributed immensely to the magazine taking it to unscalableheights.Known for its quality content, Kadamini has becomeindispensible with evolved and discerning reader who yearns forsomething ‘intelligent’ to read. It covers a wide range of subjects including literature, art, culture, science, history,sociology, films and health giving fresh perspectives on them to its readers.

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