Kadambini - January 2020
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Kadambini, HT Media’s monthly socio-cultural literary magazine has a legacy of more than 51 years old. Its first editor was Late Shri Balkrishna Rao, a prominent Hindi writer. Following him many well known literary figures like Late Shri Ramanand Doshi, Shri Rajendra Awasthy, Ajenya, Mahadevi Verma & Kunwar Narayan have contributed immensely to the magazine taking it to unscalableheights.Known for its quality content, Kadamini has becomeindispensible with evolved and discerning reader who yearns forsomething ‘intelligent’ to read. It covers a wide range of subjects including literature, art, culture, science, history,sociology, films and health giving fresh perspectives on them to its readers.
नया साल मुबारक
यह हमारी रंग-बिरंगी आकांक्षाओं और संकल्पों का दिन है। यह दिन हमारे भोगे हुए कष्टों और अनजाने सुख के बीच की कड़ी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसका भविष्य क्या होगा। आज तो इसके उत्सव का दिन है। इसके स्वागत का दिन है। नए सपने सजाने और उन्हें पूरा करने के संकल्प का दिन है
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अपने-अपने सपने
नया साल अपने साथ बहुत कुछ लेकर आता है । इन्हीं कुछ में से एक होता है-हमारे सपने । इनमें से कुछ पिछले वर्षों के हैं तो कुछ नए साल के। कुछ उम्मीदभरे, तो कुछ इन उम्मीदों को पूरा करने का जज्बा लिए । हर आंख के अपने सपने हैं । अपने रंग हैं ।... और इन्हें पूरा करने का अपना हौसला है
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किसी पल का इंतजार!
लंबे समय तक एक-सा ही काम करते रहने से तन ही नहीं, मन भी थक जाता है । उसे भी आराम की जरूरत होती है । और यह आराम सिर्फ । ' आराम' करने से ही नहीं मिलता, बल्कि कुछ नया करने से भी मिलता भागदौड़भरी जिंदगी में कुछ देर ठहरें । साल का पहला दिन कुछ ठहरकर देखने का दिन होता है
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याद है पीछे कुछ छूट गया था
पिछले साल के अधूरे कामों को पूरा करना भी नए साल का संकल्प होना चाहिए । पर्यावरण से लेकर प्रदूषण, स्वच्छता, सामाजिक समरसता और मजबूत लोकतंत्र को बनाए रखने की जिम्मेदारी बेहद महत्त्वपूर्ण है । इसके लिए जरूरी है मानसिकता और विकास की अवधारणा में बदलाव
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बनी रहे हमारी सुर-ताल
जीवन में बदलाव जरूरी हैं। ये इनसान के विकास को दर्शाते हैं, लेकिन ये बदलाव सकारात्मक होने चाहिए। इनका कुछ उद्देश्य होना चाहिए। अगर ये सार्थक हैं तो जीवन में सुर-ताल बनी रहती है
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जैसे नया मनुष्य जन्मता है
सुख-दुख, आशा-निराशा के बीच फिर नया साल आ गया । अपने आप से वादे का दिन । एक ऐसी दुनिया गढ़ने का दिन, जिसमें सब सुरक्षित हों । कोई अपराध न हो । न गरीबी, न भुखमरी । न किसी प्रकार का कोई दुख... कुछ ऐसे ही हैं नए साल के संकल्प
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20 कदम सेहत की ओर
जीवन की कोई भी खुशी सेहत के बिना अधूरी है। अगर आप स्वस्थ नहीं हैं, तो रुपया-पैसा और जीवन के तमाम सुख बेमानी हैं। कहा भी गया है कि पहला सुख निरोगी काया। हम साल के पहले दिन उन । छोटी-छोटी, मगर काम की बातों पर ध्यान दें, जो हमें सालभर ही नहीं, बल्कि जीवनभर तंदरुस्त रखें
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उस दिन को बनाएं खास
कोई भी खास दिन और भी खास हो आपके परिवार है, जब आपका पूरा जाता साथ हो । कुछ ऐसा ही होता है, नए साल के पहले दिन । इस दिन परिवार के साथ की गई मौज मस्ती और बिताया समय पूरे साल एनर्जी देता है । बता रही हैं प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री
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खुद को बदलो नहीं पहचानो
नए साल पर हम सब कुछ न कुछ संकल्प लेते हैं जो अक्सर टूट जाते हैं । ऐसा इसलिए होता है कि हम खुद को, अपने अवचेतन को नहीं जानते । जब हम अपने भीतर के भय और असुरक्षा को जान लेते हैं तो फिर संकल्प की कोई जरूरत नहीं रह जाती
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एक बार फिर पहले की तरह मिले-जुलें
कुछ करने के लिए की जरूरत होती है और जोश के लिए किसी मौके या बहाने की । ये बहाना कुछ भी हो सकता है । मूल बात यह है कि इस बहाने की सीढ़ियां चढ़कर ही कोई भी इनसान कुछ भी कर सकता है । नया साल बहुतों के लिए ऐसा ही बहाना है
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अपने से वादे 20-20 के दौर में
जिंदगी को रिचार्ज करने के लिए हम कई तरीके आजमाते हैं। ये तरीके पढ़ने-लिखने से लेकर खेल-कूद हो सकते हैं। सामाजिक गतिविधियों से लेकर परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना या और कुछ भी हो सकते हैं। इन सबको करने के लिए जरूरी होता है अपने आप से वादा करना
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कुछ भी एक बार नहीं
संकल्पों के साथ एक अजीब बात है कि एक झटके में बड़े बड़े संकल्प लेना और उनका पूरा न हो पाना आपको और परेशानी में डाल सकता है । ध्यान रहे कि एक बार में कुछ भी नहीं होता। छोटे-छोटे संकल्प लें और उनमें निरंतरता बनाए रखें । इससे आप अपने भीतर बहुत खुशी महसूस करेंगे
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थोड़ी कोशिश खुद को बदलने की
पुराने साल की विदाई और नए साल का स्वागत, जब अपनों के साथ होता है तो बात ही कुछ और होती है । नया साल नए वादों के साथ मन में जोश पैदा करता है । कुछ कर गुजरने का हौसला देता है
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हमें धरती की जरूरत है उसे नहीं
हर साल नया साल आता है और बीत जाता है । लेकिन एक संकल्प ऐसा है, जिसकी कसौटी पर हमारा खरा उतरना बाकी है । यह कसौटी है धरती को बचाने की
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एक तारीख तो बताओ
1जनवरी कोई खास तारीख है? मानो तो है, वरना नहीं। किसी के लिए हर महीने आनेवाली एक तारीख-जैसी ही है। किसी के लिए साल का पहला दिन। नया साल, नई शुरुआत। नए इरादों के साथ कुछ नया करने का जज्बा। कुछ तो है ऐसा, जो इस तारीख को खास बनाता है
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कुछ छोड़ना भी सीखो
अपना वजन कम करेंगे । मीठा नहीं खाएंगे । झूट नहीं बोलेंगे । ऐसी बहुत सारी बातें हैं, जो साल के पहले दिन हम अपने आप से बोलते हैं । इनमें से कितनी पूरी होती हैं, यह अलग बात है । हमारी कोशिश यह होनी चाहिए कि अपने मन को काबू में करें न कि मन के काबू में रहें
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वे सपने अब नहीं
सपनों का कोई अंत नहीं है । जीवन में सपने कभी भी देखे जा सकते हैं, लेकिन नए साल में पूरे साल के सपनों को देखना और उन्हें पूरा करने का जज्बा रखना अलग ही मायने रखता है । सपने देखना अच्छा है लेकिन उससे भी अच्छा है, जीवन में संतुष्टि का भाव
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बीती बिसार दे!
बीते हुए साल में हम जो नहीं कर पाए, उसका गम नहीं करना चाहिए। उसे अगले... और अगले नए साल में करने का प्रयत्न करना चाहिए। नया साल इसलिए आता है, ताकि हम अपने पिछले साल के कुछ अधूरे, तो कुछ नए साल के नए वादों को पूरा कर सकें ।
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इंतजार
एक ही लड़की थी । बड़े अरमानों से पाला, पर बड़ी हुई तो अपनी मर्जी की मालिक हो गई । अपने मन से शादी की और कनाडा चली गई । अंतर्मन की पीड़ा सहते गुजरते वक्त के साथ नायिका के पति प्रकाश बीमारी का शिकार हो इस दुनिया से चले गए । ऐसे में नायिका को किरायेदार लड़की मोहिनी के रूप में उम्मीद की एक नई किरण मिली, लेकिन एक दिन वह आया कि.....
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मूँग की दाल
महंगाई का हाल यह है कि आम आदमी के लिए अब दाल- रोटी भी मुश्किल होती जा रही है। प्याज-टमाटर के दाम तो अब सरकार बनाने-गिराने के काम आने लगे हैं। अब वह दिन भी दूर नहीं जब पानी भी इतना महंगा हो जाए कि दाल में दाल तो छोड़िए पानी भी मयस्सर न हो
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कहीं ठंड न लग जाए दिल को
वैसे तो सर्दियों का मौसम सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, पर दिल के रोगियों के लिए यह खतरे की संभावना बढ़ा देता है। तापमान कम होने से धमनियां सिकुड़ने लगती हैं, जिससे हृदय तक रक्त की पहुंच मुश्किल होने लगती है। स्मॉग भी समस्या बढ़ाने का काम करता है। ऐसे में बढ़ती हुई ठंड में दिल की खास देखभाल की जरूरत होती है
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...ताकि दिल ठीक रहे
एक समय था कि हृदय रोगों को बड़े-बूढ़ों की बीमारी कहा जाता था, पर अब यह युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है। आयुर्वेद के अनुसार त्रिदोषों के कुपित होने पर यह रोग होता है। हृदय रोगों से बचाव के लिए इस पद्धति के चिकित्सकीय सुझाव बड़े काम के हैं
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Kadambini Magazine Description:
Utgiver: HT Digital Streams Ltd.
Kategori: Culture
Språk: Hindi
Frekvens: Monthly
Kadambini, HT Media’s monthly socio-cultural literary magazine has a legacy of more than 51 years old. Its first editor was Late Shri Balkrishna Rao, a prominent Hindi writer. Following him many well known literary figures like Late Shri Ramanand Doshi, Shri Rajendra Awasthy, Ajenya, Mahadevi Verma & Kunwar Narayan have contributed immensely to the magazine taking it to unscalableheights.Known for its quality content, Kadamini has becomeindispensible with evolved and discerning reader who yearns forsomething ‘intelligent’ to read. It covers a wide range of subjects including literature, art, culture, science, history,sociology, films and health giving fresh perspectives on them to its readers.
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