Rishi Prasad Hindi - September 2023Add to Favorites

Rishi Prasad Hindi - September 2023Add to Favorites

Få ubegrenset med Magzter GOLD

Les Rishi Prasad Hindi og 9,000+ andre magasiner og aviser med bare ett abonnement  Se katalog

1 Måned $9.99

1 År$99.99 $49.99

$4/måned

Spare 50%
Skynd deg, tilbudet avsluttes om 12 Days
(OR)

Abonner kun på Rishi Prasad Hindi

1 år $0.99

Kjøp denne utgaven $0.99

Gave Rishi Prasad Hindi

7-Day No Questions Asked Refund7-Day No Questions
Asked Refund Policy

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

Digitalt abonnement
Umiddelbar tilgang

Verified Secure Payment

Verifisert sikker
Betaling

I denne utgaven

* Spiritual Questions answered by Pujya Bapuji
* The highest duty of the Disciple
* Shraddha – a ritual that brings happiness, prosperity, longevity, and gratifies the manes
* Even you can take the benefit of “Collective ShrÍddha”
* The joy experienced without sense-activity is supreme joy
* Sanatana Dharma has been disgraced, not Bapuji
* This will ease the attainment of rare Brahmajnana for you.
* Days of abstinence, fasting, and worship of Shakti
* My SatGuru, the treasure-house of grace, teaches Vedanta in Practice!
* What is required to attain Self-realization?
* The result of prayer and strong determination
* How to protect oneself from the downfall, caused by the external environment.
* Develop pure Viveka, and attain the joy of the Supreme Lord
* Whatever I have is Yours
* Why is fault-finding contemptible?
* Benedictory experiential words of Saints
* Bapuji taught the importance of Yogasana
* Kundalini Yoga: Yoga that bestows divine bliss and Moksha
* Orange: a fruit rich in nutrients and a pacifier of pitta
* A tonic that provides longevity, health, Ojas and energy
* Prevention and cure of Eye Flu
* How to please Lakshmi Ji?
* A miracle of Guru’s grace and divine therapy
* …then your worldly activity will become sÍdhanÍ

शिष्य का परम धर्म

लाहौर निवासी भाई सुजान एक अच्छे वैद्य थे। वे लोगों का उपचार तो करते पर उनका मन अशांत और बेचैन रहता था। मन की शांति कैसे मिले इसका वे चिंतन करते रहते थे। आत्मशांति की इसी खोज ने उन्हें आनंदपुर साहिब गुरु गोविंदसिंहजी के दरबार में पहुँचा दिया। सुजानजी ने दर्शन कर मत्था टेका तो बड़ी शांति, तृप्ति मिली। उन्होंने उसी क्षण मन-ही-मन गुरु गोविंदसिंहजी को गुरु मान लिया और सोचा कि अब इन्हींके चरणों में रहूँगा।'

शिष्य का परम धर्म

3 mins

सुख-समृद्धि, दीर्घायु व पितरों को तृप्ति प्रदाता कर्म : श्राद्ध

श्राद्ध पक्ष : २९ सितम्बर से १४ अक्टूबर

सुख-समृद्धि, दीर्घायु व पितरों को तृप्ति प्रदाता कर्म : श्राद्ध

2 mins

कलंक बापूजी पर नहीं, सनातन धर्म पर लगाया है

आशारामजी बापू को जिस प्रकार टारगेट किया गया यह किसी साधारण व्यवस्था का काम नहीं है, इसके पीछे अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था है।

कलंक बापूजी पर नहीं, सनातन धर्म पर लगाया है

2 mins

मेरे सद्गुरु कृपानिधान, सिखाते व्यवहार में ऊँचा ज्ञान

(गतांक से आगे)

मेरे सद्गुरु कृपानिधान, सिखाते व्यवहार में ऊँचा ज्ञान

3 mins

प्रार्थना व दृढ़निश्चय का फल

(महात्मा गांधी जयंती : २ अक्टूबर)

प्रार्थना व दृढ़निश्चय का फल

3 mins

विमल विवेक जगा के परमेश्वर के माधुर्य को पा लो

जिस शरीर को छोड़ जाना है उसके अहं को सजाने में जिंदगी तबाह हो जाती है और जो साथ में रहना है उसको व्यक्ति पाता ही नहीं है क्योंकि विवेक की कमी है। लौकिक विवेक तो है परंतु सत्य-असत्य का विवेक नहीं है, सार-असार का विवेक नहीं है। सार के लिए प्रयत्न करें, असार से थोड़ा-सा उपराम हो जायें, सच्चाई का आसरा लें। बस, सारी बाजी जीत लें।

विमल विवेक जगा के परमेश्वर के माधुर्य को पा लो

2 mins

परमहंस संत भूमानंदजी के जीवन-प्रसंग

('बाहर से मूकवत्, अंदर से उतने ही सजग!’ गतांक से आगे)

परमहंस संत भूमानंदजी के जीवन-प्रसंग

2 mins

दोषबुद्धि निंदनीय क्यों?

ईर्ष्या का परम भयानक स्वरूप

दोषबुद्धि निंदनीय क्यों?

2 mins

दैवी चिकित्सा व गुरुकृपा का अद्भुत परिणाम

२०१७ में मुझे लीवर सिरोसिस की बीमारी हुई। उपचार चला किंतु तकलीफ पूरी तरह ठीक नहीं हुई।

दैवी चिकित्सा व गुरुकृपा का अद्भुत परिणाम

1 min

...तो आपका व्यवहार साधनामय हो जायेगा

मंगलमय संदेश

...तो आपका व्यवहार साधनामय हो जायेगा

2 mins

Les alle historiene fra Rishi Prasad Hindi

Rishi Prasad Hindi Magazine Description:

UtgiverSant Shri Asharamji Ashram

KategoriReligious & Spiritual

SpråkHindi

FrekvensMonthly

Started in 1990, Rishi Prasad has now become the largest circulated spiritual monthly publication in the world with more than 10 million readers. The magazine is a digest of all thought provoking latest discourses of His Holiness Asharam Bapu on various subjects directing simple solutions for a peaceful life. The magazine also features news on happenings at various ashrams in past month, inspirational texts from scriptures/legends , practical tips for healthy day-to-day living balancing materialism by idealism, Bapuji's answers to questions raised by seekers, disciples's experiences etc.

  • cancel anytimeKanseller når som helst [ Ingen binding ]
  • digital onlyKun digitalt