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जंपी की तुकबंदी
चंपकवन में जंपी बंदर विद्वान बना घूम रहा था. उस ने हाल ही में व्याकरण की एक मजेदार किताब पढ़ी थी, जो उसे जंगल में एक स्पेलिंग प्रतियोगिता जीतने पर मिली थी और अब वह उस का पूरा उपयोग अपनी दिनचर्या में कर रहा था.
खो गई बौल
निखिल टीवी पर कार्टून शो देखने का मजा ले रहा था. उस के हाथ में एक बौल थी. अचानक मां ने आवाज दी, तो निखिल बौल टेबल पर रख कर किचन की ओर गया. कुछ देर बाद जब वह वापस कमरे में आया तो चौंक उठा.
सच्ची दोस्ती
डिना हिरण और ऐली हाथी की दोस्ती से जग्गू सियार बहुत ईर्ष्या करता था. हालांकि वह दोनों में से किसी को भी पसंद नहीं करता था, इसलिए उन की दोस्ती को तोड़ने के लिए उस ने एक शरारत करने का निर्णय किया.
आलू
सब्जी वाले ने ठेले पर सारी सब्जियां अच्छे ढंग से रखी थीं. वह राहगीरों को आवाज लगा कर उन्हें बेच रहा था, "लो भिंडी, टमाटर बैगन, गोभी सब्जी ले लो सब्जी."
मैं हूं न
शाम के 6 बजे थे और रोहन अभी होमवर्क करने बैठा ही था कि कौलबेल बजी नोटबुक एक ओर सरका कर वह दरवाजे की तरफ बढ़ा ताकि देख सके कौन आया है.
टौमी की नाव
"नमस्ते चाचा, यहां अकेले बैठे क्या कर रहे हो? सब ठीक तो है?' चीकू खरगोश ने टौमी बिलौटे से पूछा.
सच्चे दोस्त की कीमत
अफ्रीका के मसाईमारा सफारी में बहुत से जंगली जानवर रहते थे. डैनी शेर वहां का राजा था.
मानसूनी बादल
सोहित और साहिल फुटबौल मैच खेलने के लिए मिनी स्टेडियम गए थे.
भूरी बिल्ली ऊंचा ऊंट
विनय के बाल काफी ज्यादा भूरे थे. उस के बाल, आंखों की पलकें और त्वचा का रंग अन्य बच्चों से काफी अलग लग रहा था.
हैलो मिस मैगी
"रीना, क्या तुम ने मिस मैगी को देखा? कक्षा में आते ही यामा ने पूछा.
नए दोस्त का स्वागत
मानव का परिवार हाल में नए घर में शिफ्ट हुआ था. घर एक शांत इलाके में था. बाहर हरेभरे पेड़पौधे नजर आते थे. कुछ दूरी पर एक सुनसान सड़क थी, जहां से इक्कीदुक्की गाड़ियां ही गुजरती थीं. मानव को शांत माहौल काफी अच्छा लगता था, लेकिन पहली बार हकीकत में उसे यह मिला था.
बारिश में कैटी
टप...टप...टप... बारिश की पहली बूंद जैसे ही चंपकवन की सूखी मिट्टी पर पड़ी, पूरे जंगल में सौंधी महक फैल गई.
भैस का जन्मदिन केक
'यह इतनी अच्छी खुशबू कहां से आ रही है?' बेला चुहिया ने सोचा और नाक ऊपर कर चारों तरफ सूंघने लगी. फिर उस ने अपनी गोलमटोल आंखें घुमाईं तो उसे एक कोने में घर का किचन दिखाई पड़ा.
सबसे अच्छा दिन
"टीवी का रिमोट कहां है?" पापा ने नैना से पूछा.
पहाड़ों की रानी
जंपी बंदर को सैरसपाटे का बड़ा शौक था. वह घूमने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देता था. गर्मियों का मौसम शुरू होते ही जंपी गर्मियों की छुट्टियों का इंतजार करने लगा. वह जानता था कि हर बार की तरह उस के पापा इस बार भी उसे कहीं न कहीं घुमाने के लिए अवश्य ले जाएंगे.
शरारती मीकू
चंपकवन में बारिश का मौसम शुरू हो गया था. मौसम का फायदा उठाने और कुछ पैसे कमाने के लिए डमरू गधे ने बारिश के मौसम को देखते हुए दुकान खोल कर छाते बेचने का काम शुरू कर दिया.
रेत के टीलों पर ऊंट नाचा किस ने देखा
''मां, इस बार हम गर्मियों की छुट्टियों में घूमने कहां जा रहे हैं?' 10 साल की ईशा अपनी छोटी बहन मायरा को देख कर हंसी और मां से यह सवाल पूछ लिया.
ब्लू माउंटेन
हर बार जब हम ब्लू माउंटेन आस्ट्रेलिया की यात्रा को याद करते हैं तो हमें काफी आनंद आता है और बदन में डर से सिहरन सी दौड़ जाती है. उस शाम कुछ भी अनहोनी हो सकती थी.
असली महामारी
आनंदवन की रानी शीना शेरनी आज बहुत परेशान लग रही थीं. सुबह से ही वह अपनी गुफा में इधरउधर टहल रही थीं. परेशानी उन के चेहरे पर साफ झलक रही थी.
काला भूत
ऐसा लगता है, गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है,” इंदु खरगोश ने बीना बुलबुल से कहा.
मिल गया खजाना
गिन्नी ने जैसे ही मोबाइल पर यह समाचार पढा, वह खुशी से उछल पड़ी.
चंपकवन में शरणार्थी
चंपकवन के महाराजा शेरसिंह सुबह समाचारपत्र पढ़ रहे थे. पड़ोसी जंगलों रैडवुड और ग्रीनवुड के बीच चल रहे युद्ध के समाचार से वे खिन्न हो गए थे. जब वे दोनों जंगलों के निर्दोष जानवरों के बारे में सोच रहे थे, तभी चंपकवन का सुरक्षा प्रमुख यानी सिक्युरिटी चीफ रौकी कुत्ते ने गुफा में प्रवेश किया.
कैंप में चिप्स के पैकेट्स
मौसम बदल गया था. ठिठुरती ठंड अपना बोरियाबिस्तर समेट कर जा चुकी थी और इस के साथ ही बढ़ गई थी चुनमुन और तान्या की उछलकूद. अब वे घर में कहां टिकने वाले थे. अमेरिका से आए चाचा वहां रह रहे थे. इस के अलावा उन्हें अपने भतीजे और भतीजी की चापलूसी करने की आदत थी.
रैना की पहाड़ यात्रा
रैना चुहिया गरमी सहन नहीं कर पाती थी. इसलिए इस बार उस ने फैसला किया कि गरमी से बचने के लिए पहाड़ों की सैर करेगी, लेकिन वह वहां जाएगी कैसे? ये तो उस ने सोचा ही नहीं था. इन दिनों वह दिनरात इसी उधेड़बुन में लगी रहती थी.
गजब का सहायक फुरू
फुरू ने कहा, "लेकिन मालिक, मैं तो उसे नहीं जानता हूं. मैं उसे कैसे पहचानूंगा?"
पंखों की प्रशंसक फराह
फराह एक छोटी सी खूबसूरत लड़की, पंखों की प्रशंसक थी. उस के मम्मीपापा के कमरे में एक लाल रंग का सीलिंग फैन था. दादीमां के कमरे में छत का सफेद पंखा था. फराह के पास ब्लू कलर का एक टेबल फैन था. उस के बाद भी फराह की शिकायत थी, "हमारे स्टोररूम और काम के एरिया में एक भी पंखा नहीं है. मुझे अपनी पम्मी बिल्ली के लिए भी एक छोटे से पीले रंग के पंखे की जरूरत है."
प्यारे नर्स भैया
पारस के पापा पेशे से डाक्टर थे. उन का अपना नर्सिंगहोम था, जिस में मरीजों के रहने के लिए दस कमरे व एक औपरेशन थियेटर था. समयसमय पर और भी डाक्टर वहां आते थे. इस के अलावा उन्होंने मरीजों की देखभाल करने के लिए कुछ नर्से भी नियुक्त की थीं.
जंगल में चुनाव
मध्य प्रदेश में सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच चंपकवन नाम का एक बहुत घना जंगल था. शेरसिंह वहां के राजा थे. शेरसिंह बहुत अच्छे राजा थे और वे अपनी प्रजा का पूरा ध्यान रखते थे. उस के राज में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही तरह के जानवर खुशीखुशी जंगल में रहते थे. जंगल में सभी के लिए पर्याप्त खाना और पानी था, किसी को कोई परेशानी नहीं थी. इसलिए सब शेरसिंह को काफी पसंद करते थे.
शांत महारानी
नूरनाम का एक बाघ महारानी थी, जो घमंडी और गर्ममिजाज की थी. वह बिना मतलब गुर्राती, दहाड़ती और जंगल के जानवरों को डराती थी.
मैं भी चार्ली चैप्लिन बनूंगी
तिष्या दादाजी की छड़ी ले कर शीशे के सामने खड़ी हो गई और गुनगुनाने लगी, "मैं भी चार्ली चैप्लिन की तरह बनूंगी, मैं चार्ली चैप्लिन की तरह रहूंगी,” तभी उस के कानों में अचानक दादाजी की आवाज सुनाई दी, “तिष्या, मेरी छड़ी और बोलने से ही काम नहीं चलेगा, बल्कि उस के लिए दिल भी बिलकुल चार्ली चैप्लिन जैसा होना चाहिए."