CATEGORIES
Kategorier
हंसयोग और गोचर में धनु का बृहस्पति
हंस नामक पंचमहापुरुष योग द्विस्वभाव एवं चर राशि की लग्मों में निर्मित होता है। यदि इन लग्मों में गुरु केन्द्र में स्व या उच्चराशि का हो, तब हंस नामक योग का निर्माण होता हे। यह योग अत्यथिक शुभफलदायक है।
वर्ष 2020 में आपकी आर्थिक स्थिति?
आधुनिक भौतिकवादी युग में जीवन के महत्त्वपूर्ण पक्षों में आर्थिक पक्ष भी प्रमुखता से सम्मिलित किया जाता है। इसके अतिरिक्त गोचरीय ग्रहस्थिति का आर्थिक पक्ष पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है, जो कि इस पक्ष के उतार-चढ़ाव को संकेतित करता है।
शनि दैया एवं साढ़ेसाती निवारक पैकेज
शनि के गोचरजन्य अशुभ प्रभावों में कमी हेतु
सन्तान सुख ओर धनु का बृहस्पति
भारतीय ज्योतिष में पुत्र एवं भा सन्तति के नैसर्गिक कारक के रूप में बृहस्पति सुस्थापित है। बिना बृहस्पति की कृपा के सन्तति सुख की कल्पना नहीं की जा सकती। यही कारण है कि गोचर में बृहस्पति की स्थिति के आधार पर सन्तति सुख भी प्रभावित होता है।
मासिक राशिफल
सजग रहें लेन देन में !यह माह आपके लिए विगत माह की तुलना में तो बेहतर रहना चाहिए , परन्तु अभी भी समस्याओं का पूर्णतः निराकरण होने में समय लगेगा । आपको स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए , अन्यथा आप मौसमी बीमारी अथवा किसी रोग के शिकार हो सकते हैं ।
शनि और महाकाली
घोर अंधकार के समान श्यामवर्ण, भयानक रूप, पापियों के लिए विनाशकारी एवं मोक्ष देने वाले के रूप में हम किसे जानते हैं ? ग्रहों में शनि एवं देवी देवताओं में माँ शक्ति के रूप में महाकाली ।
शनिदेव द्वारा प्रायोजित कर्मयुद्ध
शनिदेव कर्म स्वामी हैं, इसलिए शनिदेव का कर्मक्षेत्र के मामले में विशेष प्रभाव राहत है।
भाग्य और उसके नियमक ग्रह
एक कहावत है ‘ काज़ी के पाजी ' अर्थात् विद्वान् के घर मूर्ख का जन्म या फिर एक चिर परिचित पंक्ति ' बूढ़ा वंश कबीर का , उपजा पूत कमाल । ' भारतीय दर्शन में इस पहेली जैसी पंक्तियों का एक ही उत्तर है ' कर्मफल ।
व्यापार - व्यवसाय की दृष्टि से शनि का मकर राशि में गोचर
जिनके कॅरिअर में अवसर मौजूद हों , वे ग्रहगोचर एवं दशाओं से अधिक प्रभावित होते हैं । इस सम्बन्ध में शनि का गोचर सर्वाधिक प्रमुख रूप से प्रभावित करता है ।
वेंकटाध्वरि कृत राघवयादवीयम् (भाग-4)
वेंकटाध्वरि के 30 श्लोकों वाले काव्य ग्रन्थ राघवयादवीयम् में प्रत्येक श्लोक सीधे क्रम में भगवान् राम की गाथा का वर्णन करता है, वहीं विलोम क्रम में श्रीकृष्ण की लीला का वर्णन करता है। इस ग्रन्थ के प्रथम 10 श्लोकों को भावार्थ सहित विगत अंकों में प्रकाशित किया गया था, उसी क्रम में आगे के चार श्लोक प्रस्तुत आलेख में प्रेषित किए गए हैं।
पारिवारिक सुख की दृष्टि से सन् 2020
ग्रहों की गोचरीय स्थिति का पारिवारिक सुख पर विशेष प्रभाव पड़ता है । सन् 2020 में ग्रहों की गोचरीय स्थिति के आधार पर विभिन्न राशि वालों के लिए पारिवारिक सुख का पूर्वाकलन प्रस्तुत आलेख में किया जा रहा है ,
ये हैं प्रमुख शनिधाम
शनि के राशि परिवर्तन करते ही सभी के मन में यह विचार आता है कि उनके दुष्प्रभावों में कमी के लिए ऐसा क्या करें , जिससे शनिदेव प्रसन्न हो सकें ? इस सम्बन्ध में हिन्द धर्म में देवता विशेष की प्रसन्नता हेतु तथा पाप एवं अन्य कष्टों के निवारण के लिए उनके तीर्थों , धामों इत्यादि की यात्रा करने का विधान बताया गया है ।
प्रेतात्माओं की अग्नि-आकृतियॅा !
अचानक मैंने और मेरे सहयोगी ने एक विचित्र , अज्ञात धक्के का अनुभव किया। हमे ऐसा भान हुआ की मानो किसी अदृश्य शक्ति के वाशीभूत हो सम्मोहित हुए जा रहे है। कमरे में हवनकुण्ड से उत्तपन्न धुआँ फैलता जा रहा था ... ...
नन्ददास जी
वल्लभाचार्य द्वारा स्थापित पुष्टिमार्ग को जिन सन्तों ने पल्लवित किया , उन अष्टसखाओं में एक हैं नन्ददास जी । नन्ददास जी गोस्वामी विट्ठलनाथ जी के शिष्य थे ।
विवाह के 11 साल बाद संतान प्राप्ति को लेकर - जन्मपत्री क्या कहती हैं जानें
आजकल हमने देखा है कि कई दम्पती सन्तान प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं । सन्तान का न होना , वैवाहिक जीवन में अन्य समस्याओं का कारण बनता है । कई बार यह विवाह टूटने और अलगाव का मूल भी साबित होता है ।
धर्म-अध्यात्म - ब्रह्मतेज प्राप्ति के लिए गायत्री उपासना
वेद में राष्ट्रीय प्रार्थना करते हुए कहा गया है कि 'आ ब्रह्म ब्रह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम्' हमारे ब्राह्मण ब्रह्म तेजयुक्त होएँ। ब्राह्मण कौन है? तो उत्तर मिलता है
निःशुल्क ज्योतिष परामर्श
प्रश्न : पुलिस अधिकारी बनने के लिए क्या योग हैं ?(06.12.92, 08:30 बजे , मन्दसौर) रवि भाटिया , मन्दसौर ( मध्यप्रदेश )उत्तर : जन्मपत्रिका में पुलिस अधिकारी बनने के योग विद्यमान हैं, परन्तु बहुत बली नहीं हैं ।
राजयोगकारी है गुरु - शनि का योग
शनि का योग
धन-सम्पदा ओर धनु का गुरु
भारतीय ज्योतिष में बृहस्पति धन का नैसर्गिक कारक माना जाता है। यही कारण है कि धनभाव द्वितीय एवं आय भाव एकादश का भी यह नैसर्गिक कारक है। इसकी दशा- अन्तर्दशा-गोचर धन के सम्बन्ध में विशेष महत्त्वपूर्ण होते हैं।
ज्योतिष से जानें गीत - संगीत क्षेत्र में सम्भावना
द्वितीय स्थान ' वाणी ' का है और इसका कारक बुध है । अगर द्वितीय भाव और द्वितीयेश पर पाप ग्रहों की दृष्टि न हो और शुक्र बलवान् होकर केन्द्र में स्थित होकर दशम भाव अथवा दशमेश या लग्न अथवा लग्नेश को प्रभावित करे , तो व्यक्ति गायक बनता है ।
लंका से यहाँ आए थे शनिदेव !
त्रेतायुग में जब हनूमान् जी माता सीता की खोज में लंका गए हुए थे और उनकी पूँछ में राक्षस सैनिकों ने आग लगा दी थी , तो हनूमान् जी ने लंका को जलाने का प्रयास किया , परन्तु वे लंका को जलाने में असफल हो रहे थे ।
जैमिनि ज्योतिष ओर अन्तरजातीय विवाह
भारतीय समाज में विवाह एक संस्कार के रूप में माना जाता है, जिसमें शामिल होकर सत्री-पुरुष मर्यादापूर्ण तरीके से अपनी कामेच्छाओ की पूर्ति कर वंशवृद्धि करते हैं।
नौकरी की दृष्टि से सन् 2020
आगामी वर्ष 2020 में तीनों बड़े ग्रहों का गोचरीय परिवर्तन होने के कारण नौकरी के मामले में विशेष प्रभाव पड़ने की उम्मीद की जा रही है। गुरु, शनि एवं राहु तीनों ग्रह इस वर्ष राशि परिवर्तन करेंगे।
मासिक राशिफल
शुभ समाचारों की प्राप्ति सम्भववर्ष का प्रथम माह आपके लिए विगत माह की तलना में बेहतर व्यतीत होना चाहिए ।
ग्रहों के कोप से ऐसे बचें
लाल किताब की पद्धति पारम्परिक ज्योतिष से अलग है। इसमें कुण्डली के भाव और उसमें स्थित ग्रह पर अधिक बल दिया जाता है। इसमें कुण्डली के भाव को 75 प्रतिशत तथा भाव स्थिति राशि को 25 प्रतिशत मान दिया गया है। कालपुरुष के हिसाब से लग्न को मेष राशि मानकर बारह भाव में 1 से 12 तक अंक स्थापित माने जाते हैं।
गीता का महत्त्व
मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को गीता जयन्ती के रूप में मनाया जाता है । मान्यता है कि महाभारत युद्ध के दौरान इसी दिन मोहग्रस्त अर्जुन को भगवान् श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था ।
परम सत्य को जानें योग साधना से
' योग ' शब्द संस्कृत की ' युज् ' धातु से बना है , जिसका अर्थ है जुड़ना । योगशास्त्रानुसार योग की परम अवस्था आत्मा और परमात्मा का मिलन है ।
गुरु-चाण्डाल योग और धनु का गुरु
धनु का गुरु का योग
खण्डग्रास सूर्यग्रहण (26 दिसम्बर, 2019)
इस माह 26 दिसम्बर को पौष अमावस्या , गुरुवार को खण्डग्रास सूर्यग्रहण घटित होगा । यह सम्पूर्ण भारत मेंदिखाई देगा । भारत के अलावा यह मध्यपूर्व , उत्तरी पूर्वी अफ्रीका , उत्तरी एवं पूर्वी रूस को छोड़कर , पूर्ण एशिया , उत्तरी एवं पश्चिमी आस्ट्रेलिया इत्यादि स्थानों में भी यह दिखाई देगा ।
कैसा रहेगा भारत के लिए धनु का गुरु?
मौसम एवं प्राकृतिक आपदा से सम्बन्धित अप्रत्याशित घटना होने की आशंका रहेगी।