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योजनाएं और कार्यक्रम तथ्य व विश्लेषण
आगामी प्रारंभिक परीक्षाओं (संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित) के आलोक में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का यहां संक्षिप्त तथ्यपरक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इनमें सरकार की कुछ प्रमुख नवीनतम योजनाओं की अद्यतन स्थिति व सीमाएं भी शामिल हैं।
कोरोनावायरस कब-क्या-कैसे?
नोवेल कोरोनावायरस और उससे जनित रोग कोविड-19, 7 मार्च, 2020 तक विश्व के 118 देशों को अपनी चपेट में लिया था और इस तिथि तक 124,518 लोग संक्रमित हो चुके थे तथा 4607 लोगों की मौत हो चुकी थी (विश्व स्वास्थ्य संगठन)।
केरल बाढ़ 2018 सर्वश्रेष्ठ अभ्यास और सबक
वर्ष 2018 के केरल बाढ़ से सक्षम सर्वोत्तम अभ्यासों, सीखे गए सबक और भावी परिदृश्य पर पुनः अवलोकन आवश्यक है। इनमें आपदा जोखिम में कमी के लिए सामुदायिक प्रत्युत्तर और बाढ़ जोखिम प्रबंधन के लिए संस्थागत क्षमता निर्माण भी शामिल है। इस आलेख में इस समीक्षा का समर्थन करने के लिए आरंभिक प्रत्युत्तर के रूप में प्रथम प्रत्युत्तर देने वाली सामाजिक पूंजी के महत्व और फिर इस सामाजिक पूंजी को संस्थागत रूप देने की आवश्यकता का गंभीर रूप से विश्लेषण किया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का क्षेत्र
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के भविष्य पर दो तरह की विचारधाराएं देखने को मिल रही हैं: एक तरफ नौकरियों के नुकसान और मानव-रोबोट संघर्ष संबंधी तर्क हैं तो दूसरी ओर जीवन के सभी रूपों पर इसके असाधारण प्रभाव संबंधी तर्क हैं।
आपदा बचाव का पारितंत्र आधारित द्रष्टिकोण
भारत तेजी से शहरी विस्तार के दौर से गुजर रहा है। बढ़ती आबादी, तीव्र विकास और आधारसंरचना विकास के साथ शहरी भारत आज आपदा के नए हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं।
भारतीय कृषि में जैव उर्वरक
जैव उर्वरक नाइट्रोजन स्थिरकों, फास्फोरस विलेयकों आदि जैसे कृषीय रूप से उपयोगी सूक्ष्मजीवों से निर्मित पदार्थ हैं और एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन का एक घटक है। भारत में जैव उर्वरक का वाणिज्यिक उत्पादन 1956 में शुरु हुआ। 65 हजार टन उत्पादन और इसमें संलग्न 150 से अधिक वाणिज्यिक इकाइयों के साथ जैव उर्वरकों के उपयोग में लगातार वृद्धि हो रही है।
भारत में स्वास्थ्य क्षेत्रक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की वर्तमान क्षमताएं, जो मुख्य रूप से डेटा संग्रह, भंडारण, कंप्यूटिंग और संचार प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाती हैं, विज्ञान मिथक के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। कई देशों की सरकारों ने अपनी एआई रणनीतियों की घोषणा की है। इस परिप्रेक्ष्य में, नीति आयोग ने 2018 में एक चर्चा पत्र जारी किया है जिसमें स्वास्थ्य सेवा को उच्च प्रभाव की संभावना वाले क्षेत्रों में से एक के रूप में रेखांकित किया गया है।
भारतीय संदर्भ में पोषण पर जलवायु परिवर्तन का प्राभाव
सतत विकास लक्ष्यों को 2030 तक प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक पोषण लक्ष्यों को प्राप्त करना आवश्यक है। भारत सरकार और इसके साझेदारों के ठोस प्रयासों के बावजूद, कुपोषण गंभीर दरों पर बना हुआ है। जलवायु परिवर्तन, कृषि और पोषण के बीच के अंतर को समझना स्वास्थ्य और उत्पादकता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
भारत में वन स्थिति रिपोर्ट 2019
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने 30 दिसंबर, 2019 को भारत वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा तैयार 'भारत में वन स्थिति रिपोर्ट 2019' (India State of Forest Report- ISFR 2019) जारी किया।
महाराष्ट्र में एचटीबीटी कॉटन बीज की अवैध खेती
हाल में महाराष्ट्र की कई जगहों से 'कीटनाशक सह-ट्रांसजेनिक बीज' जिसे एचटीबीटी (Herbicide-Tolerant Transgenic Seeds: HTBt.) कहा जाता है की खेती की रिपोर्ट समाचारपत्रों में छपी थी।
भारत में बहु-स्तरीय नियोजन
भारत जैसे संघीय शासन प्रणाली वाले देश में जहाँ प्रादेशिक और अन्तःप्रादेशिक विषमता व्यापक स्तर पर पायी जाती है वहाँ प्रादेशिक नियोजन के अन्तर्गत बहुस्तरीय नियोजन की प्रक्रिया का अपनाया जाना अत्यन्त आवश्यक है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 क्या है सच?
संसद् ने 11 दिसंबर, 2019 को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को पारित कर दिया। राज्यसभा ने 11 दिसंबर को जबकि लोकसभा ने 9 दिसंबर, 2019 को इसे पारित किया।
बेलगाम विवाद
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के साथ ही बेलगाम मुद्दा पर फिर से बहस आरंभ हो गई है। विवाद के फिर से उभरने के पश्चात कर्नाटक के बेलगाम एवं महाराष्ट्र के कोल्हापुर के बीच बस सेवा रोक दी गई।
नाइट्रोजन चक्र
नाइट्रोजन पृथ्वी पर सभी जीवन प्रक्रियाओं के लिए एक महत्त्वपूर्ण तत्व है। वायुमंडल में इसकी मात्रा 78 प्रतिशत है और यह प्रत्येक सजीव ऊत्तक से जुड़ा है। यह एमीनो अम्ल, प्रोटीन और न्युक्लीक अम्लों का एक संघटक है। कार्बन के अपवादस्वरूप नाइट्रोजन जीवन का सर्वाधिक सार्वभौमिक तत्व है।
बाढ़ नुकसान में कमी और प्रतिरोध क्षमता
भारत की लगभग 12 प्रतिशत भूमि बाढ़ की चपेट में है। अल्पावधि में भारी वर्षा; अपर्याप्त जलाशय विनियमन; नालियों द्वारा कम पानी वहन क्षमता क्षमता और तटबंध जैसी बाढ़ प्रबंधन संरचनाओं की विफलता बाढ़ को भीषण बनाने में मदद करते हैं। भारत के उत्तरी, उत्तरी पूर्वी और तटीय राज्यों में बाढ़ से जीवन, आजीविका, बुनियादी ढांचे, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को काफी नुकसान होता है।
नव-उदारवादी भारत में प्रवासी श्रमिक
यह अनुमान लगाया गया था कि आर्थिक सुधारोपरांत की अवधि में भारत के भीतर ही प्रवासन की प्रवृत्ति में बढोतरी होगी, परंतु इस आशा के विपरीत प्रवासन में कोई व्यापक वृद्धि नहीं देखी गई। हालांकि 2001-2011 के दशक में, पर्याप्त वृद्धि जरूर हुई है।
बाजार में अत्यधिक सरकारी हस्तक्षेप-नुकसानदेह या लाभकारी?
बाजार में अत्यधिक सरकारी हस्तक्षेप-नुकसानदेह या लाभकारी?
कॉप-25 अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने में रहा असफल
स्पेन की राजधानी मैड्रिड में 2-15 दिसंबर, 2019 तक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कोप-25) आयोजित हुआ। यह सम्मेलन 13 दिसंबर को ही समाप्त होना था परंतु विभिन्न मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए इसे 15 दिसंबर तक जारी रखा गया।
आर्थिक समीक्षा विश्लेषण 2019-20
वर्ष 2019-20 की अप्रैल-अक्तूबर अवधि में देश में सबसे अधिक किफायती थाली झारखण्ड में थी। झारखंड में दैनिक मजदूरी 244 रुपये थी और एक थाली का मूल्य 22.2 रुपये था।
“THEY STOLE MY WOMB”
Thousands of women across the country are being misled by doctors to get their uterus removed. What’s shocking is that most of them are under 30 and do not really need surgery. Hysterectomy at this age can interfere with one’s hormonal balance, triggering high blood pressure, osteoporosis, vision loss and mental illnesses. As the government remains blind to this emergency, doctors make quick money through insurance schemes. KUNDAN PANDEY investigates the untold tragedy
Share denied
As industry explores energy potential of crop residues, millers and intermediaries are set to alienate farmers from the value chain
Three isn't a crowd
FOR THE FIRST TIME, CONFERENCE OF PARTIES TO THE ONLY CONVENTION FOR MIGRATORY ANIMALS WAS HELD IN INDIA; THREE SOUTH ASIAN SPECIES GOT SOME ADDITIONAL ATTENTION ISHAN KUKRETI GANDHINAGAR
Royally ignored
Small hydropower projects have suffered the rise of solar power
Nothing human about it
A dam on river Human can alienate tigers from one of their largest corridors in Maharashtra
Green laws matter
A COMPENDIUM OF CASES THAT INTERPRET THE CONSTITUTION FOR ENVIRONMENTAL JURISPRUDENCE
Lost in the game
Jharkhand government has quietly wiped three wildlife sanctuaries off its records in West Singbhum district to abet iron ore mining
First contact, is it?
The periodic radio waves hitting Earth from a neighbouring galaxy are unlikely to be from aliens, but the possibility cannot be ruled out AKSHIT SANGOMLA NEW DELHI
A fare deal
Luxembourg has a solution to India’s traffic jams
ஃபிலிப் போன்
கடந்த சில வருடங்களில் மக்கள் மத்தியில் பெரிய தாக்கத்தைச் செலுத்திய எலெக்ட்ரானிக்ஸ் சாதனம் எதுவென்று கேட்டால் 'ஸ்மார்ட்போன்' என்று பதில் வரும்.
அபூர்வ மீன்கள்
பல கோடி ஆண்டுகளாக நன்னீரில் மட்டுமே சில மீன்கள் வாழ்ந்து வருகின்றன.