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...सेवा का अवसर पाया
बीते दो दशकों में भारत की वृद्धि को सेवा क्षेत्र ने ताकत दी और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख चालक के तौर पर उभरा
विकास की वेदना
आर्थिक तौर पर फिसड्डी देश की छवि से दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था में भारत का कायापलट. यह किस्सा दरअसल बीते कुछ दशकों की दूरदर्शी योजनाओं का नतीजा है
हम लोग
आम आदमी के लिए आजादी के 75 वर्षों का क्या मतलब है? हां, उन्हें अब रोटी, कपड़ा और शायद मकान हासिल है, पर उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए और भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है
नियति से नया साक्षात्कार
आजादी की अपनी 75वीं वर्षगांठ पर भारत गरीबी का कुहासा काफी हद तक छंटने और आर्थिक विकास के तेज रफ्तार पकड़ने का जश्न मना सकता है, लेकिन सौवीं वर्षगांठ तक एक विकसित देश बन पाने की कठिन चुनौती तब भी उसके सामने है
किसने सही किया और कौन ठहरा गलत
सत्तर फीसद से ज्यादा लोगों ने चीन के साथ सरहदी गतिरोध से निबटने के केंद्र सरकार के तरीके का समर्थन किया और करीब 50 फीसद ने माना कि यूक्रेन पर रूसी हमला गलत था
मैदान के महारथी
खेलों में लोकप्रियता अब केवल पुरुष क्रिकेटरों का विशेषाधिकार नहीं रही; पी. बी. सिंधु ने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है।
स्कॉर्पियो हुई जवान
महिंद्रा ने 20 साल पुरानी स्कॉर्पियो की बुनियादी खासियतों के साथ स्कॉर्पियो - एन बनाई जो इसकी विरासत को इलेक्ट्रॉनिक्स और कनेक्टिविटी के युग में ले जा सकती है
आजादी की आवाज, नीचे थोड़ा और नीचे
तकरीबन आधे उत्तरदाताओं को लगता है कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है, लेकिन बहुत सारे लोग यह नहीं सोचते कि उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. हालांकि उनकी खुशी पर मार पड़ी है
इकलौता रामबाण
सरकार के टीकाकरण प्रयासों की सराहना तो हो रही है लेकिन यह मानने वालों की तादाद भी अच्छी-खासी है कि खतरा बिल्कुल कम नहीं हुआ है
धूल झाड़ने की कठिन कवायद
न तो कांग्रेस और न ही विपक्ष लोगों का भरोसा जीतने में सक्षम नजर आ रहा है. देश का मिज़ाज सर्वेक्षण के अधिकतर उत्तरदाताओं को उनकी नीयत और क्षमता दोनों पर संदेह है
आखिर कितना नमक छिड़केगी मुई महंगाई
अर्थव्यवस्था की हालत के बारे में केंद्र के आश्वासनों के बावजूद बढ़ती कीमतों और बेरोजगारी से बुरी तरह परेशान भारतीय नागरिकों की उम्मीदें। अर्थव्यवस्था को संभालना अब भी सरकार की सबसे बड़ी चुनौती रही हैं.
मोदी का जादू बरकरार
प्रधानमंत्री की अपनी लोकप्रियता अब भी बेदाग है जो आर्थिक मोर्चे पर सरकार के कमजोर प्रदर्शन की भरपाई करती है. उन्हें महंगाई और बेरोजगारी जैसी उन सभी समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है जो सर्वे में सामने आई हैं
जानलेवा गांठों से हलकान गोवंश
राजस्थान में लंपी वायरस की चपेट में आकर अब तक करीब 14 हजार गायों की मौत हो चुकी है, क्या हैं यहां के पशुपालकों के हाल
20 की टीस 24 पर दांव
नीतीश ने नए सिरे से लिखी बिहार - और शायद देश में विपक्ष की भी राजनैतिक पटकथा, उनकी फिरकी को समझ पाने में नाकाम भाजपा को नए सिरे से गढ़नी होगी 2024 की रणनीति
परिवर्तन के पथप्रदर्शक
एमिटी यूनिवर्सिटी हमारी शिक्षा व्यवस्था में नए आयामों को खोजने में अग्रणी रही है, चाहे वह एनईपी 2020 लागू करने का मामला हो या सरकारी विभागों के साथ मिलकर छात्रों के लिए नए पाठ्यक्रम पेश करना
उत्कृष्टता ही पहचान
केंद्र की तरफ से अतिरिक्त धन, भारतीय भाषाओं के नए स्कूल, नए पाठ्यक्रमों और विदेशों में कैंपस के प्रस्तावों के साथ इस वक्त जेएनयू में होना अद्भुत है
कामयाबी के ऊंचे शिखर
अलग-अलग विधाओं के अव्वल भारतीय विश्वविद्यालयों के बारे में हमारी यह सालाना गाइड बताती है कि अगर सुधारों को लागू किया गया तो भारतीय शिक्षा प्रणाली में कितनी अधिक संभावनाएं हैं
थार में प्यार, सूचना सीमापार
राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान की महिला एजेंटों का 'हनी ट्रैप' बना एक बड़ी चुनौती, इसमें फंसकर सेना के जवान और स्थानीय लोग खुफिया जानकारियां सीमापार भेजते हुए पकड़े जा रहे
दस गुना का वादा
दस गुना ज्यादा तेज कनेक्टिविटी और पलक झपकते डाउनलोड की सहूलत के साथ अगली पीढ़ी की मोबाइल टेलीकॉम टेक्नॉलोजी से संचार की दुनिया में नई क्रांति दस्तक दे रही है.
एक घोटाले का मकड़जाल
बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के ब्यौरों में झांकिए तो आपको भ्रष्ट अफसरों और उनके बेताब असामियों का रिश्वत और धोखाधड़ी का दूर-दूर तक फैला जाल नजर आएगा
क्या यादव मतदाताओं को साइकिल से उतार पाएगी भाजपा
समाजवादी पार्टी के मुख्य वोटबैंक यादव मतदाताओं को रिझाने की भाजपा की रणनीतियां सफल होती तो दिख रही हैं, लेकिन इससे जुड़ी कुछ चुनौतियां भी उसके सामने हैं
बनाकर हम भी देखेंगे
हिंदी फिल्मों की कई अभिनेत्रियां प्रोड्यूसर बनकर महिलाओं के मजबूत किरदारों वाली कहानियां सामने लाने में बड़ी भूमिका निभा रहीं
अंगड़ाई या आगे की लड़ाई
हाल तक सुस्त गति से आगे बढ़ रही बिहार भाजपा की गतिविधियों में जुलाई महीने के आखिर में अचानक तेजी आ गई.
कौन है सेना का नाथ
अब व्यावहारिक राजनीति के लगातार दांवपेच वाले खेल में पिछड़ने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कानूनी दायरे की ओर कदम बढ़ाए हैं.
इस नोट को कहां दर्ज करें पार्थ?
पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती विवाद को अब सोने और नकदी की काफी ठोस जमीन मिल गई है. पार्टी के दिग्गज पार्थ चटर्जी के हिरासत में जाने से बुरी फंसी तृणमूल को अब इस घोटाले से उबरने की कोई तरकीब खोजनी होगी
जिन्होंने बढ़ाई कुनबे की शान
आदिवासी समाज के ऐसे पुरुष और महिलाएं जिन्होंने अपनी उपलब्धियों से अपने समुदायों के लिए फख्र करने का मौका मुहैया कराया
आसान नहीं है बोम्मई की राह
इसी सप्ताह कुर्सी पर एक साल पूरा करने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई के लिए आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिलाना कड़ी चुनौती
अफसरों से क्यों नाराज हैं नेता
प्रदेश के कई मंत्री और नेता अपने विभाग या इलाके के वरिष्ठ अधिकारियों से इस कदर नाराज हैं कि उसे सार्वजनिक रूप से जाहिर कर रहे हैं और इस तरह सरकार के लिए शर्मिंदगी की वजह बन रहे हैं
सूनी कक्षाएं, लेट-लतीफ डिग्रियां
बिहार की उच्च शिक्षा व्यवस्था इन दिनों कहीं आंदोलन से पस्त, कहीं स्थायी कुलपति के अभाव में ठप, कक्षाओं से छात्र नदारद, सत्र दो से चार साल तक लेट, राज्य के अलगअलग विश्वविद्यालयों की यात्रा में मिली कई पीड़ादायक कहानियां
जे पिपरा के पतवा खायं
क्या कहा, लाल चींटियों की चटनी ? हां जी! वही गिनती के व्यंजनों से आगे निकलकर कुछ अलहदा जायके वाली चीजों का आनंद लीजिए. जनजातीय इलाकों की आंचलिक थालियां दरअसल उन्हें पकाने वाली मिट्टी और उस पूरे माहौल का लजीज जलसा हैं जो जायके को जगह और पहचान के एहसास से जोड़ती हैं