गौतम कुमावत, 27 वर्ष फाउंडर, हैकिंगफ्लिक्स
साल 2020 में डेटा हैकर्स ने अमेरिका के एक अस्पताल से मरीजों का ब्योरा चुरा लिया. उन्हें एचआइवी जैसी गंभीर बीमारियां थीं. फिर उनके मित्रों को उलटे-सीधे मैसेज भेजे जाने लगे. लोग बहुत परेशान हो गए और इन लोगों ने अस्पताल से शिकायत की. अस्पताल ने जयपुर के इथिकल हैकर गौतम कुमावत से मदद मांगी तो गौतम और उनकी टीम जुट गई. यह टीम हैकर्स से डेटा वापस तो नहीं ले सकी लेकिन उसने हैकर्स के कंप्यूटर का आइपी एड्रेस ट्रैक कर हैकर्स के कंप्यूटर से वह डेटा डिलीट कर दिया. गौतम बताते हैं, "यह एक असंभव सा काम था और इस काम के लिए ज्यादा तो नहीं, मात्र डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान हमें हुआ था."
ऐसे साइबर अटैक हों या लोगों को इथिकल हैकिंग, साइबर सिक्योरिटी सिखाना हो, ये सब काम गौतम कुमावत और उनकी कंपनी हैकिंगफ्लिक्स डॉट कॉम कर रही है. एक मध्यमवर्गीय परिवार के पढ़ाई में औसत रहे गौतम ने 27 साल की उम्र में ही करोड़ों का कारोबार और अपना खुद का इथिकल हैकिंग ब्रांड अपनी अथक मेहनत से स्थापित किया है.
हालांकि गौतम के लिए इसकी पृष्ठभूमि बचपन में ही तैयार हो गई थी. जब वे सिर्फ पांच साल के थे तब उनकी मां का देहांत हो गया. वे पांच भाई-बहन हैं. बड़ी बहन ने ही उनकी देखभाल की. तब वे परिवार सहित झुंझुनूं की सूरजगढ़ तहसील के कुम्हारों का वास नामक एक गांव में रहा करते थे. गौतम वहीं के सरकारी स्कूल में पांचवीं तक पढ़े. बचपन में उनके गांव में बिजली नहीं थी. वे पांचवीं से नौवीं तक चार किलोमीटर दूर के गांव काझड़ा में पढ़ने के लिए पैदल जाते थे. पिता सिविल इंजीनियर थे और प्राइवेट नौकरी करते थे. उम्र में नौ साल बड़ी बहन ने गौतम को पाला पोसा था. 12वीं तक बहनें साथ में रहीं. नौवीं की पढ़ाई के बाद ग्रेजुएशन तक पढ़ाई जयपुर में की क्योंकि पूरा परिवार जयपुर आ गया. दो साल पहले उनके पिता का निधन हो गया. गौतम ने 12वीं विज्ञान से दो बार की दोबारा भी गणित में 36 नंबर ही आए.
Denne historien er fra December 13, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra December 13, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.