अपने शेरों के लिए मशहूर गुजरात राज्य का नाम सुनते ही आपको किसी गधे की याद तो नहीं ही आएगी. इनसानी भाषा और संस्कृति में कभी बहुत ज्यादा इज्जत न कमा सकने वाले गधों की संख्या किस तरह गिर रही है, इस बारे में तो नहीं ही सोचेंगे. लेकिन वौथा गांव की तरफ को जाने वाली धूल-धक्कड़ से भरी उस पुरानी सड़क पर आगे बढ़ते हुए, जहां अहमदाबाद और खेड़ा के बॉर्डर मिलते हैं, आप पाएंगे कि मानव सभ्यता में हर कदम पर उसका साथ देता आया यह पशु गुम हो रहा है. और पीछे छोड़ता जा रहा है एक पारिस्थितिक खालीपन.
वौठा में हर साल एक मेला लगता है जिसे गधों का वार्षिक व्यापार मेला कहा जा सकता है. लेकिन वौठा के पूर्व सरपंच महेंद्रसिंह मंडोरा वौठा 'लोक मेलो' के भविष्य के बारे में अनिश्चितता व्यक्त करते हैं. उनका कहना है कि यह मेला छह दशक पहले शुरू हुआ था और इसमें पारंपरिक रूप से हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के विभिन्न हिस्सों से 20,000 से अधिक गधे बिक्री के लिए लाए जाते रहे हैं. मगर वर्तमान में यह संख्या का केवल 4,000 रह गई है. यह गिरावट इस विनम्र भारवाहक पशु में व्यापारियों की कम होती में दिलचस्पी को दर्शाता है. अब जब वाहनों का बोलबाला हो गया है तो देशभर में पालतू जानवरों की आबादी में चिंताजनक गिरावट देखी गई है. पिछली पशुधन गणना के अनुसार, गुजरात में गधों की आबादी 2012 में 38, 993 से 71 प्रतिशत कम होकर 2019 में 11,291 हो गई है. राष्ट्रीय स्तर पर, गिरावट 62 प्रतिशत है, जो 2012 में 3,20,000 से घटकर 2019 में 120,000 हो गई है.
Denne historien er fra December 27, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra December 27, 2023-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही