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बीसवीं सदी के अनुभव और इक्कीसवीं सदी का यथार्थ
साहित्य में योगदान के लिए सम्मानित पंकज सुबीर का एक और कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ है। इसमें उनकी दस कहानियां हैं।
संघर्ष, प्रेम और दर्द की बात करती रचनाएँ
अर्चना दानिश के संघर्ष, साहस, प्रेम, दर्द और उल्लास की गहन छाप इस संग्रह में देखने को मिलती है।
रहस्य और रोमांच की दुनिया
फ्लाई विंग्स प्रकाशन ने रहस्य और रोमांच के संसार की दो गाथाओं को प्रस्तुत किया है। अभिनव जैन के उपन्यास 'प्रतिहारी : कालचक्र का खेल' और अभिलाष दत्ता के उपन्यास 'अवतार : महारक्षकों का आगमन' खास किताबें हैं जिन्हें इन दिनों पढ़ा जा सकता है।
भारतीय सेना के सबसे सफल मिशन की सच्ची कहानी
क्या आप जानते हैं कि अफ्रीका के जंगलों में भारतीय सेना के 233 जवान लगभग तीन महीने तक की घेराबंदी में फँस गए थे और उनके पास खाने को कुछ भी नहीं था?
बाउल कवि लालन शाह
बाउल कवि कि 'लालन शाह साधना और साहित्य'
अब तो मुझको पसंद आ जाओ...
लेकिन पर एक सार
भारतीय सेना के अदम्य साहस की कहानियाँ
भारतीय सेना के प्रशंसकों के लिए यह सर्वोत्तम और पठनीय पुस्तक है। क्या आपने कभी सोचा है कि एक सैनिक का जीवन कैसा होता है? भारत के जाँबाज'भारतीय सेना के सबसे जाने-माने अधिकारियों में से एक की ओर से किया गया बेहद अनूठा वर्णन है। पुस्तक में जान की बाजी लगानेवाले अभियानों और साहसिक सर्जिकल स्ट्राइक की हैरतअंगेज कहानियाँ हैं। जंग लड़नेवाले सैनिक कितने कठोर प्रशिक्षण से गुजरते हैं; एल.ओ.सी. पर जीवन कैसा होता है, और कैसे होते हैं वे जवान, जो अपने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं-इनका अत्यंत प्रेरक और रोचक विवरण इस पुस्तक में प्रस्तुत है। इस पुस्तक में आप भारतीय सेना और हमारे शूरवीर जवानों को इतना करीब से देखेंगे जितना पहले कभी नहीं देखा होगा। भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस, अप्रतिम त्याग-समर्पण और अद्भुत जिजीविषा का सजीव वर्णन करती पुस्तक, जो हर भारतीय को राष्ट्रप्रेम के लिए प्रेरित करेगी।
रोमांचक सक्सेस स्टोरी
जीवन को देखने का पीयूष का नजरिया कुछ ऐसा है कि आप उन्हें पढ़ते चले जाते हैं। जीवन के सबसे बेरंग अनुभवों में कल्पना के रंग भरना एक कला है और हमारा लेखक निश्चित रूप से एक कलाकार है
संघर्ष, सफलता और प्रेरणा
हौसले की ऊँची उड़ान
झाँसी की वीरांगना
झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई भारतवर्ष के सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नेत्री थीं। झाँसी के कण-कण में रानी लक्ष्मीबाई का त्याग और शौर्य विद्यमान है। यद्यपि बुंदेलखंड में कई वीरांगनाएँ हुईं पर उनमें लक्ष्मीबाई आज भी भारतीय आकाश में नक्षत्र की भाँति देदीप्यमान हैं। उन्होंने उफनती बेतवा नदी को घोड़े पर पार करके, पार्श्ववर्ती राज्य ओरछा को पराजित कर, अंग्रेज लेफ्टनेंट डॉकर को घायल करके, सिंधिया के ग्वालियर पर विजय प्राप्त कर तथा युद्धों में अपनी तलवार से शत्रु के सैकड़ों सैनिकों को मारकर तथा घायल करके अपने अद्वतीय रणपराक्रम तथा रणनीतिक कौशल को स्थापित किया जो आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी सेना में सभी जातियों, धर्मों और कई देशों के सैनिकों तथा सेनानायकों को उनकी योग्यता के आधार पर शामिल किया गया। साथ-साथ उन्होंने स्थानीय महिलाओं को सैन्य रूप में संगठित करके नारी-शक्ति को बुलंद किया। उनका प्रशासन पूर्णतः विकेंद्रीकृत था। झाँसी राज्य की समृद्धि तथा राजकोषीय आय का उपयोग उन्होंने सन् 1857 की क्रांति के पृष्ठपोषण में किया। विश्व इतिहास में लक्ष्मीबाई सैन्य नेत्रियों में अग्रणी हैं। ऐसी विश्वनेत्री का व्यक्तित्व एवं कृतित्व भारत की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने हेतु भारतीयों के लिए अजस्र प्रेरणास्रोत और मार्गदर्शक हैं।
नई किताबें
इन दिनों पढ़ें कुछ खास किताबें
गंगापुत्र भीष्म
प्रभात प्रकाशन जहां विभिन्न विषयों पर विद्वान लेखकों की पुस्तकों का प्रकाशन कर रहा है वहीं भारतीय सांस्कृतिक इतिहास के महान नायकों के जीवन चरित्र को पाठकों के सम्मुख प्रमुखता से प्रस्तुत करने वाले लेखकों की पुस्तकों की लंबी श्रृंखला जारी रखे है। इसी श्रृंखला में महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण पात्र यानी कौरवपांडव दोनों पक्षों के पितामह भीष्म की जीवन यात्रा पर प्रख्यात लेखक अंकुर मिश्रा की 'गंगापुत्र भीष्म' पुस्तक प्रकाशित की है।
किताबें पढ़ना, लिखने से ज्यादा जरूरी है
पिछले दिनों प्रवीण कुमार की किताब 'डार्विन जस्टिस' फ्लाई ड्रीम्स प्रकाशन से प्रकाशित हुई। इस किताब को पाठकों ने किताब के आकर्षक कवर के साथ-साथ इसकी कहानी को लेकर भी खूब सराहा। आइये लेखक प्रवीण कुमार से इस किताब के बारे में जानते हैं...
अनकही-अनसुनी फिल्मी बातें
फिल्मों की तरह उनसे जुड़ी कहानियाँ भी कम फिल्मी नहीं होतीं। 'इतना तो याद है मुझे' प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित ऐसी पस्तक है जो हमें फिल्मी दनिया के ऐसे किस्से और कहानियों से अवगत कराती है जिन्हें जानकर हम हैरान हो सकते हैं। फिल्मी जगत से जुड़ी ऐसी बातें भी इस किताब का हिस्सा हैं जिनसे पर्दे के आगे और पीछे की दिलचस्प दुनिया के अलग-अलग रंगों का पता चलता है।
गांधी को नए सिरे से खोजती किताब
इस किताब का हर पन्ना कोई नयी कहानी कहता है जो गांधी के बारे में अनसुना और अनकहा है। रामचंद्र गुहा की पुस्तक 'गांधी' के बारे विस्तार से बता रहे हैं जानेमाने टीवी पत्रकार ब्रजेश राजपूत...
कोरोनाकाल की सच्ची कहानियाँ - उम्मीद जगाने वाला कहानी-संग्रह
कोरोनाकाल की सच्ची कहानियाँ पुस्तक में कुल उन्नीस कहानियाँ हैं। संग्रह में 'लॉकडाउन टूट गया', 'जीवन में भागने में नहीं', 'कर्मबीरा', 'नई सुबह', 'रुपया देना है', 'फिर करीब ले आया कोरोना' आदि कहानियाँ शामिल हैं। ये कहानियाँ एक उम्मीद जगाती हैं, एक विश्वास पैदा करती हैं कि हम विकट परिस्थितियों में भी चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ने का साहस करते हैं। कोई भी महामारी मानव की दृढ़-इच्छाशक्ति के आगे बेबस नजर आती है। मुश्किल दौर में हमने मानवता का धर्म निभाया और मिलकर कठिन दौर का मुकाबला किया। इस पुस्तक के लेखक हैं डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'। पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन ने किया है। यह पुस्तक क्यों और कैसे लिखी गई, खुद पोखरियाल जी बता रहे हैं...
किन्नर : सेक्स और सामाजिक स्वीकार्यता
देखा जाये तो इन्सानी वजूद के रूप में जन्म लेने के बावजूद ज़रा -सी शारीरिक असमानता के चलते परित्यक्त होती जाने कितने ही सन्तानों के आर्तनाद गूंज रहे हैं चारों तरफ़।
ब्रेन ड्रेन की त्रासदी पर एक खास उपन्यास
यह पुस्तक एक उपन्यास है, जो यथार्थ के पंख लगाकर काल्पनिकता के धरातल पर एक सशक्त भारत की आधारशिला रखता है।
बाल कहानियों की अलबेली और चटपटी दुनिया
दादा-दादी की कहानियों का पिटारा
पिशाच उजले चेहरों के बदनुमा दाग
पत्रकारिता के साथ संजीव पालीवाल ने उपन्यास लेखन के क्षेत्र में भी अपनी कलम चलायी है। उनका पहला उपन्यास 'नैना' पाठकों में बेहद लोकप्रिय हुआ था। हाल में उनका दूसरा उपन्यास 'पिशाच प्रकाशित हुआ है।
ज़ेन : सरल जीवन जीने की कला
शुनम्यो मसुनो ज़ेन को आधुनिक दुनिया के लिए बेहद सरल तरीके से प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं। वे एक प्रसिद्ध बौद्ध संन्यासी हैं तथा पुरस्कार प्राप्त ज़ेन गार्डन डिज़ाइनर भी हैं।
जीवन से भरी एक स्त्री
मशहूर साहित्यकार उषाकिरण खान के बारे में
विरोधाभासों से बेपरवाह गुजरती जिंदगी
यह पुस्तक मूल रूप से डेनिश में 2011 में प्रकाशित हुई थी। वर्ष 2012 में इस उपन्यास के लिए जब लेखिका हेल्ले हेल्ले को प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार द गोल्डन लॉरेल से सम्मानित किया गया तो मेरा ध्यान इस उपन्यास ने अपनी ओर खींचा। मैंने इसे पढ़ा और तब ही इसका हिंदी अनुवाद करना तय कर लिया था। लेखिका हेल्ले हेल्ले और उनके प्रतिष्ठित प्रकाशन ग्यूलडेंडल ग्रुप एजेंसी ने सहर्ष स्वीकृति दे दी। इस बीच मुझे डेनिश लिटरेचर संस्था के सचिव श्री पीटर होल्लेरूप ओलेसेन से ज्ञात हुआ कि डेनिश आर्ट फाउंडेशन' में डेनिश साहित्य का दूसरीभाषाओं में अनुवाद के लिए अनुदान का प्रावधान है, सो इस अनुदान के लिए आवेदन किया गया और सौभाग्य से उपन्यास के हिंदी प्रकाशन के लिए 'डेनिश आर्ट फाउंडेशन से अनुदान प्राप्त हुआ।
नारीवादी निगाह से
इस किताब की बुनियादी दलील नारीवाद को पितृसत्ता पर अन्तिम विजय का जयघोष सिद्ध नहीं करती इसके बजाय वह समाज के एक क्रमिक लेकिन निर्णायक रूपान्तरण पर जोर देती है ताकि प्रदत्त अस्मिता के पुरातन चिह्नों की प्रासंगिकता हमेशा के लिए खत्म हो जाए। नारीवादी निगाह से देखने का आशय है मुख्यधारा तथा नारीवाद, दोनों की पेचीदगियों को लक्षित करना। यहाँ जैविक शरीर की निर्मिति, जातिआधारित राजनीति द्वारा मुख्यधारा के नारीवाद की आलोचना, समान नागरिक संहिता, यौनिकता और यौनेच्छा, घरेलू श्रम के नारीवादीकरण तथा पितृसत्ता की छाया में पुरुषत्व के निर्माण जैसे मुद्दों की पड़ताल की गई है। एक तरह से यह किताब भारत की नारीवादी राजनीति में लम्बे समय से चली आ रही इस समझ को दोबारा केन्द्र में लाने का जतन करती है कि नारीवाद का सरोकार केवल महिलाओं से नहीं है। इसके उलट, यह किताब बताती है कि नारीवादी राजनीति में कई प्रकार की सत्ता-संरचनाएँ सक्रिय हैं जो इस राजनीति का मुहावरा एक दूसरे से अलग-अलग बिन्दुओं पर अन्तःक्रिया करते हुए गढ़ती हैं।
जीने की राह श्रीमद्भगवद्गीता
निस्संदेह श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। मैं समझता हूँ, लोकप्रियता में इससे बढ़कर कोई दूसरा ग्रंथ नहीं और मैं पिछले पचास वर्षों से निरंतर देख रहा हूँ कि इस दिव्य पुस्तक की लोकप्रियता आधुनिक विज्ञानवादी समाज में दिन-प्रति -दिन बढ़ती ही जा रही है। गीता के उपदेशों को समझने के बाद सभी ने खुले मन से इस दिव्य पुस्तक को स्वीकृत किया है, अतः मैं यह बहुत जिम्मेदारी से कह सकता हूँ कि श्रीमद्भगवद्गीता किसी संप्रदाय विशेष का ग्रंथ न होकर सभी का ग्रंथ है। मेरा अटूट विश्वास है कि
आइडिया से परदे तक सपने को सच में बदलते देखना
ज़्यादातर लोग अपने सपनों का पीछा न करने के बहुत से बहाने ढूँढ़ लेते हैं। अगर आपका सपना फ़िल्में लिखने का है तो आपके बहाने काफ़ी हद तक ठीक भी हैं
अमीर ख़ुसरो- हिन्दवी लोक काव्य संकलन
प्रो. गोपी चन्द नारंग ने अमीर ख़ुसरो के कृतित्व पर कई दशकों से गम्भीर शोध किया है। अमीर ख़ुसरो ने हिन्दवी में जो रचनाएं लिखीं और संकलित नहीं की थीं और जो लम्बे समय से जनमानस के मानस में सुरक्षित थीं, उन्हें प्रो. नारंग ने सम्हालने और उनका सही पाठ तैयार करने का अभूतपूर्व कार्य किया है
'बैड मैन असल में एक गुड मैन है'
बैड मैन- गुलशन ग्रोवर की आत्मकथा
रहस्य और रोमांच से भरा उपन्यास
वेयरवोल्फ की कथाओं को हमने अभी तक सुना था। उन कहानियों को इस उपन्यास से फिर से जीवन्त कर दिया है
अमृता प्रीतम और साहिर
साहिर अमृता के जीवन में उस प्रेम की तरह आये जो अपनी अनुपस्थिति में भी हमेशा स्थायी तौर पर उपस्थित रहा-टीस से भरे एक ज़ख़्म की तरह, या उनके सपनों के हमसफ़र की तरह जिसकी स्मृतियाँ बहुत गहरी थीं और जिन स्मृतियों से लगातार खून रिसता रहता था।