तभी घंटी बजी और सब बच्चे स्कूल के ग्राउंड में चल पड़े. लियो शेर ने उन का स्वागत किया और उन्हें बताया कि स्कूल में एक नए अध्यापक गैरी जिराफ आए हैं. वह कक्षा 6 के क्लास टीचर होंगे.
यह सुनते ही कक्षा 6 के विद्याथियों ने जोरदार तालियां बजाईं.
असेंबली के बाद बच्चे फिर से अपनी अपनी कक्षाओं में चले गए, लेकिन कक्षा 6 में हलचल कुछ ज्यादा ही थी. सब बच्चे अपने नए क्लास टीचर गैरी जिराफ के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. सब के मन में एक ही प्रश्न था, 'हमारे नए कक्षा अध्यापक कैसे होंगे?'
गैरी ने कक्षा में आते ही अपना परिचय दिया और उस के बाद हर बच्चे से उस का परिचय पूछने लगे. सब से अंत में मोंटी बंदर की बारी आई. उस की गरदन पर कुछ खरोंच के निशान थे. उन निशानों को देख कर गैरी ने बड़ी उत्सुकता से पूछा, “अरे मोंटी, तुम्हारी गरदन पर ये निशान कैसे पड़े?”
एल्मो हाथी ने तुरंत जवाब दिया, “सर, मोंटी को तेंदुए ने पकड़ लिया था.”
“अरे, यह कैसे हुआ, मोंटी?” गैरी ने पूछा.
मोंटी ने बताना शुरू किया, “सर, एक दिन मैं अपनी मां के साथ खेत पर गया था. हमारे खेत के पास ही गन्ने का खेत था.”
अभी मोंटी ने बताना शुरू ही किया था कि तभी गैरी ने उसे अपने पास बुला कर पूरी क्लास को सुनाने के लिए कहा.
“हां, मोंटी, हम सब भी सुनना चाहते हैं कि तुम ने और तुम्हारी मां ने कैसे उस खतरनाक तेंदुए का मुकाबला किया?” रोरो खरगोश बोला.
मोंटी ने आगे बताया, “मैं गन्ने के खेत के पास खेल रहा था और मेरी मां खेत में काम कर रही थीं."
“फिर क्या हुआ, मोंटी?” शीलू गिलहरी ने बड़ी जिज्ञासा से पूछा.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.