नौर्स साम्राज्य कलाकृति और कुशल कारीगरी के लिए जाना जाता था. राज्य के बच्चे भी काम में कुशल थे.
एक दिन तेज धूप में ओडिन और उस के तीन दोस्त स्कैंडिनेवियाई एड जंगल के घनघोर हिस्से में चले गए. लंबे और सीधे खड़े देवदार के पेड़ों को घूरते हुए ओडिन ने हैरानी से कहा, "देवदार की लकड़ी हमारी नाव के लिए सब से अच्छी होती है. यह बिलकुल वही है, जो मैं ने मन में सोचा था."
एरिक, विगो और ग्राई ने हंसते और बातें करते हुए पेड़ से लकड़ियां काट दीं. प्रत्येक ने एकएक लकड़ी लीं.
वे एड जंगल के किनारे एक शैड में चले गए, जहां बच्चे अपना दैनिक काम पूरा करने के बाद मिलते थे. उन्होंने लकड़ियां अलगअलग लट्ठों और कुछ औजारों के साथ एक कोने में सावधानी से जमा कर दीं.
बच्चे तटीय किसान परिवारों से थे. किसान छोटे जहाज बनाने में कुशल थे और अपने 'फ्री' यानी राजा के आदेश पर आसानी से जल्दी उन का एक बेड़ा बना सकते थे.
ओडिन उन्हें घंटों देखता रहता था, जब उस के पिता और चाचा नाव और जहाज बना रहे होते थे, तब उन्होंने उसे अनुमति दी तो उस ने नाव के डिजाइन में प्रयुक्त होने वाली सामग्री के बारे में नोट्स बना कर मदद की.
उस ने सोचा कि उसे एक जहाज बनाना चाहिए. ग्राई ने विशेष विवरणों की एक सूची बनाई. जैसे ही लकड़ियां इकट्ठी हो गईं, उस ने इन्हें सूची से हटा दिया. "अब हमें नट और बोल्ट का एक बौक्स लेना होगा."
"मैं अपने पिताजी के टूलबौक्स से उन्हें हासिल कर सकता हूं. बौक्स में बहुत सारे नटबोल्ट हैं," विगो ने कहा.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.