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नई पीढी का बजट
बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के लिए मोदी सरकार - का कदम क्या कारगर होगा?
दिलकश नजारों के बीच विवाह
बेहद धूमधाम से होने वाली शादियां हमें बहुत भाती हैं. भारत के कुछ सबसे अच्छे वेडिंग डेस्टिनेशन, साथ ही ठहरने की जगहों और गजब की तस्वीरें लेने के बारे में पेश हैं कुछ सुझाव
घूमकर देखो जहां तक
हीरामंडी के दिलकश अदाकार ताहा शाह बडूशा कान (फ्रांस) से लेकर मॉनसून की सैरगाहों तक अपनी सम्मोहक यात्राओं के तजुर्बे साझा कर रहे हैं
असमी आन-बान
असम अपने प्राकृतिक सौन्दर्य, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविध वन्यजीवों के साथ एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है, जिसे उद्योग का दर्जा और होमस्टे और चाय पर्यटन को बढ़ावा देने जैसी सरकारी योजनाओं का समर्थन हासिल है. निवेश को आकर्षित करने, सैलानियों के अनुभवों को बढ़ाने और स्थायी पर्यटन प्रथाओं के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की योजना तैयार है
बरसात में जगल का मज़ा
मुन्नार से कोच्चि और फिर वायनाड तक, केरल में बरसात के मौसम का भरपूर आनंद लें
पहले आपस में तो लड़ लें
लोकसभा चुनाव के बाद यूपी भाजपा में मची अंतर्कलह दूर करने में विफल रही कार्यसमिति बैठक, शीर्ष नेतृत्व किया हस्तक्षेप
सावधान! आगे टूटा हुआ पुल है
बिहार में नदियों की गाद निकासी से लेकर पुल-पुलिया बनाने तक में ठेकेदारों, इंजीनियरों और अफसरों ने नदियों का स्वभाव समझने में की बड़ी भूल. धड़ाधड़ गिरते पुल उसी का नतीजा
किसी भी कीमत पर जाएंगे अमेरिका
पश्चिमी देशों में जाने के गैर-कानूनी 'डंकी' रूट की दिल दहला देने वाली कहानियों के बावजूद गुजरात, पंजाब और देश के दूसरे हिस्सों के नौजवानों को बेहतर जिंदगी का सपना लुभाता है, इंडिया टुडे ने गुजरात में कुछ परिवारों से बातचीत करके पता लगाने की कोशिश कि अवैध आव्रजन की पूरी अर्थव्यवस्था है क्या
मोर्चे पर डटे दूसरे महारथी
अगर सब कुछ ठीक रहा तो ये सभी भारतीय एथलीट अपने शॉट्स, स्ट्रोक्स, टेकडाउन और पंच से पेरिस में भारत की चमक बढ़ा सकते हैं
सोने की जुस्तजू
ओलंपिक का अद्यतन ध्येय वाक्य कहता है, \"सिटियस, अल्टियस, फोर्टियस-कम्युनिटर'. अर्थ है और तेज, और ऊंचा, और मजबूत-एक साथ. एक और लैटिन शब्द पर गौर किया जा सकता है-'फॉर्चुना'. किस्मत-या, जैसा कि एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली बैडमिंटन जोड़ी के एक साथी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी कहते हैं, “नियति\"-भी मुनासिब भूमिका निभाती ही है.
बैकफुट पर सीएम सिद्धारमैया
विधानसभा के पश्चिम प्रवेश पर नया नक्काशीदार शीशम का दरवाजा भीतर उठ रहे तूफान से कुछ भी संरक्षण नहीं देता. मॉनसून सत्र के पहले दिन 15 जुलाई को जब सदन की बैठक आहूत की गई तो इस सदन ने सदस्यों का स्वागत किया. कर्नाटक के दो विपक्षी दल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसका सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) पहले से ही सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार को भ्रष्टाचार के कथित मामलों को लेकर हफ्तों से निशाना बना रहे हैं.
पुरुष रेप अब अपराध नहीं!
आइपीसी की धारा 377 समाप्त
बीमारियों की भरमार
दरअसल, केरल में एक 'दिमाग-भक्षक' अमीबा ने बीते दो महीनों में तीन बच्चों की जान द ले ली और एक अन्य को संक्रमित किया. यह अमीबा गर्म ताजा पानी के जलाशयों में फलता-फूलता है.
सुक्खू की साख मजबूत
मानसून के मौसम में हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियां भले ही उमड़-घुमड़कर बरसते काले बादलों से सराबोर हो रही हों मगर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी पर छाए राजनीतिक अनिश्चितता के बादल जरूर छंटते नजर आ रहे हैं. राज्य में 10 जुलाई को तीन सीटों देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर के लिए हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने दो पर जीत दर्ज की.
एमवीए को झटका
हालिया लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने वाले विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के लिए महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के नतीजे एक बड़ा झटका साबित हुए. एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) शामिल हैं.
पंगु करने के प्रयास शुरू!
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) की शक्तियां और अधिकार केंद्र सरकार ने बढ़ा दिए हैं. उन्हें उन मामलों का अधिकार भी सौंप दिया गया है जिनमें राज्य के वित्त महकमे की सहमति की जरूरत थी. यह 'कार्य संचालन' नियमों में बदलाव के जरिए किया गया. इससे प्रमुख प्रशासनिक और कानूनी मामलों में एलजी के अधिकार बढ़ गए. ये चुनी हुई सरकार के सत्ता में आने के साथ लागू होंगे.
कई इन्वेंशन किए कल्कि के लिए
डायरेक्टर नाग अश्विन अपनी फिल्म कल्कि 2898 एडी, इसमें किए गए इन्वेंशन और महाभारत की किस्सागोई पर
काका और दादा की दोस्ती का दम
सिनेमा में सक्रिय होने के बावजूद दो खुट अभिनेता दोस्त कुमुद मिश्र और शुभ्रज्योत बराट हिंदी थिएटर के प्रतिनिधि चेहरे बनकर उभरे
चौथे से पहले स्तंभ तक
चौथे स्तंभ से जुड़े रहे ये कुछ नाम अब भारतीय लोकतंत्र की विधायिका के सदस्य के रूप में अपने हुनर को आजमाएंगे
इनकी सबसे ऊंची छलांग
इन नेताओं ने विधानसभा तक में भी पैर नहीं धरा था और अब ऊंची छलांग लगाकर सीधे राष्ट्रीय संसद में पहुंचे
आए कुछ अतिवादी भी
पंजाब और जम्मू-कश्मीर में उथल-पुथल भरे अतीत की कुछ चिनगारियां इस बार के चुनाव में दिखीं
जड़ों से गहरे जुड़ाव वाले
ये सांसद जमीन से जुड़े ऐसे नेता हैं जो किसानों के मुद्दों से लेकर तमाम जमीनी मुद्दे उठाते हुए संसद तक पहुंचे
महत्वाकांक्षाओं की फसल
धरतीपुत्र विभिन्न रूप में आए हैं, श्रमिक से लेकर वरिष्ठ और मजबूत वामपंथी. उनके बीच समानता यह है कि वे सभी खेती-किसानी और जमीन से गहरे से जुड़े हुए हैं
नेता वही, पार्टी नई
एक पार्टी से दूसरी में छलांग लगाने और नई वफादारियों की कसमें खाने के बाद चुनावी फतह हासिल करने वाले नेता
संसद में संकाय सदस्य
स्कूल शिक्षकों के साथ-साथ बिजनेस, कंप्यूटर साइंस और कल्चरल स्टडीज के प्रोफेसरों ने अपने-अपने क्लासरूम से निकलकर राजनीति की खासी हल्ले-गुल्ले वाली दुनिया में कदम रखा. पहली बार चुने जाकर वे संसद में पहुंचे
अब फिक्र देश की सेहत की
लोकसभा में दाखिल हो कई सदस्य ऐसे हैं जिन्हें चिकित्सा सेवा की विविध विधाओं में महारत हासिल है - कोई कार्डियोलॉजी, सर्जरी या फिर मनोचिकित्सा से जुड़ा तो कोई आयुर्वेद और होम्योपैथी का विशेषज्ञ. विधायी कार्यों में इनका अनुभव खासा कारगर साबित होने वाला
अब बनाएंगे कानून
अदालत में दलीलों और बहसबासी से आगे बढ़कर अब संसद में तर्क-वितर्क. इन कानूनविदों के लिए भूमिका का बदलाव
बाबूगीरी से निकलकर बड़े मंच तक
पूर्व नौकरशाह चुनावी राजनीति का हिस्सा बने. सरकारी प्रशासन की बाबूगी वाली कुर्सी मेज से आगे निकलकर वे देश की विधायी व्यवस्था के बड़े मंच पर पहुंचे
बड़े मोर्चे पर मिला मौका
वे अब तक राज्य की राजनीति में सक्रिय थे लेकिन 4 अपने फैसले में जनता ने ऐसे कई नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने का दिया मौका
ऊपर से नीचे के सदन में
राज्यसभा के कई दिग्गज सदस्यों ने आखिरकार जनता की अदालत में जाने का फैसला किया और अब अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि के तौर पर लोकसभा की शोभा बढ़ाने पहुंचे