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शराब घोटाला: केजरीवाल पर लटकती गिरफ्तारी की तलवार
ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है। खैर, शराब घोटाले के मामले में भले ही मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के घर और अन्य ठिकानों से सीबीआई और ईडी को कोई भी साक्ष्य न मिले हों लेकिन अब इस मामले में गिरफ्तारी की तलवार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर लटक रही है।
दस्तक देने को है नई महामारी!
चीन के उत्तर-पूर्वी इलाके में स्थित लियाओनिंग प्रांत और बीजिंग के बच्चों में सर्वप्रथम निमोनिया के नए और हैरान करने वाले लक्षण देखे जा रहे हैं। बच्चों को तेज खांसी, बुखार और फेफड़ों में सूजन की समस्या हो रही है, जिससे इलाके के सभी अस्पताल लगभग भर गए हैं। इस बीमारी के प्रकोप को देखते हुए चीन के सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है । ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी अलर्ट हो गया है और उसने चीन से इस बीमारी की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
नहीं खुल पायी मोहब्बत की दुकान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की गयी 'भारत जोड़ो यात्रा' को जिस प्रकार का जनसमर्थन मिला, वह मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वोटों में तब्दील नहीं हुआ। यानि हिन्दी पट्टी पर 'मोहब्बत की दुकान' नहीं खुल पायी। वास्तव में इस चुनाव में राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ राज्य में जहां कांग्रेस की सरकार थी, सरकार के प्रति जनाक्रोश उभरता कहीं से नजर नहीं आ रहा था।
मोदी की राह होगी आसान, 'इंडिया' में मचेगा घमासान!
मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व के कारण भाजपा को मिली जीत
चक दे इंडिया!
वर्ल्डकप में लगातार छठी जीत के साथ भारतीय टीम ने शानदार ढंग से सेमीफाइन में किया प्रवेश
भारतीय संस्कृति में दिवाली के विविध रंग
दीपावली का त्योहार इस बात का प्रतीक है कि हम इन दीपों से निकलने वाली ज्योति से सिर्फ अपना घर ही रोशन न करें वरन् इस रोशनी में अपने हृदय को भी आलोकित करें और समाज को राह दिखाएं। दीपक सिर्फ दीपावली का ही प्रतीक नहीं वरन् भारतीय सभ्यता में इसके प्रकाश को इतना पवित्र माना गया है कि मांगलिक कार्यों से लेकर भगवान की आरती तक इसका प्रयोग अनिवार्य है।
इजराइल-फिलिस्तीन संबंधों पर भारत का क्लियर स्टैंड
भारत और इजरायल के संबंध इसलिए भी दिखते हैं क्योंकि दोनों देशों में दक्षिणपंथी नेतृत्व है, लेकिन भारत की पॉलिसी इजरायल को लेकर पूरी तरह से यथार्थवादी बनी हुई है और फिलिस्तीन को लेकर वो आगे भी आदर्शवादी बना रहेगा और उसे समर्थन देगा। यही डी-हाईफेनेशन की नीति है।
कतर और भारतीय डिप्लोमेसी
ईरान को हमास के लिए टेरर फंडिंग करने का जिम्मेदार माना जाता है। ईरान ने हमास को हथियार भी दिए और पैसे भी और फिलिस्तीन के साथ अपनी इस्लामिक बंधुत्व भाव को भी उजागर करता रहा। इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि प्रधानमंत्री मोदी का इजरायल के साथ खड़े होने की बात करना पश्चिम एशिया की राजनीति करने वाले कुछ देशों को रास नहीं आया।
महाराष्ट्र की सियासत में खत्म हो रहा शरद पवार युग!
27 साल की उम्र में विधायक बने शरद पवार की राजनीति की विशेषता शुरुआती दौर से ही सूझ-बूझ से भरी रही है। यही वजह रही कि साल 1967 में वो एमएलए चुने गए जब उनकी उम्र महज 27 साल थी। शरद पवार लगातार उसके बाद बुलंदियों को छूते रहे और तत्कालीन दिग्गज नेता यशवंत राव चव्वहाण उनके राजनीतिक संरक्षक के तौर पर उन्हें आगे बढ़ाते रहे।
मिशन 2024 : भाजपा सेट कर रही जीत का फॉर्मूला
सीएम की कुर्सी छिनने के बाद पार्टी ने उन्हें संगठन में अहम जिम्मेदारी दी। उन्हें लगातार दो बार पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया। लेकिन, भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व 2019 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद यह बात भी समझ चुका था कि पार्टी को अगर झारखंड की सत्ता में लौटना है तो आदिवासी चेहरे के हाथ में नेतृत्व की कमान सौंपनी होगी।
मोक्ष की धरती पर अर्द्धकुंभ
दुनिया के पहले गणतंत्र की धरती बिहार का धार्मिक इतिहास बहुत ही समृद्ध है। राजा जनक, माता सीता जैसी बहुत सी विभूतियों से बिहार की धरती ऐतिहासिक रही है। यहां तीन बार स्वयं शक्ति ने अवतरण लिया। माता सीता, अहिल्या और समुद्र मंथन से लक्ष्मी जी का अवतरण हुआ। गौतम बुद्ध को यही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। कुंभ भी इसे धार्मिक रूप से और समृद्ध बनाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार मिथिला के राजा विदेह के समय से ही सिमरिया गंगा नदी तट पर कल्पवास मेले की परंपरा चली आ रही है।
धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति से पूर्व मंत्री हरक रावत की बढ़ीं धड़कनें
जांच रिपोर्ट में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह समेत विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया। खास बात यह है कि इस मामले में उत्तराखंड की सीबीआई पहले ही जांच कर रही है और तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत से लेकर विभाग के कई आईएफएस अधिकारी भी इसकी जांच के घेरे में हैं। बड़ी बात यह है कि शासन स्तर पर वित्तीय मंजूरी दिए जाने के विषय पर भी कुछ बड़े अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं।
भ्रष्टाचारियों पर खूब चल रहा धामी का डंडा
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के कारण उत्तराखंड की देशभर में हो रही चर्चा, आईएएस व आईएफएस को भी नहीं बख्शा
जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार की हरी झंडी
परियोजना के निर्माण से नैनीताल जिले में हल्द्वानी शहर को 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध होगा। 1.50 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी। साथ में 63 मिलियन यूनिट बिजली भी मिलेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र के इस कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह बांध परियोजना हल्द्वानी व आसपास के क्षेत्र की पेयजल व सिंचाई की समस्या का समाधान करेगी।
विकास पर कुंडली मार बैठे कई अफसर बजट का सही उपयोग होता तो बदल जाती उत्तराखंड की तस्वीर
योजनाओं को धरातल पर उतारने और बजट के सदुपयोग का समय जैसे ही आता है, विभाग ढीले पड़ने लगते हैं। बजट खर्च के आंकड़े इस सच से पर्दा उठा रहे हैं। आपदा प्रबंधन से हर वर्ष सबसे अधिक प्रभावित होने के बावजूद विभागीय बजट का उपयोग चौकाने वाला है। वर्ष 2022-23 में विभाग को 1366.63 करोड़ खर्च के लिए दिए गए, लेकिन मात्र 833.64 करोड़ का उपयोग हुआ। 532.99 करोड़ की राशि का उपयोग होता तो आपदा से प्रभावितों के पुनर्वास और क्षतिपूर्ति के संवेदनशील प्रकरण निस्तारित हो सकते थे।
जब मोदी भी बिना कहे न रह सके, वाह धामी जी वाह!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिथौरागढ़ दौरे की धमक से धामी सरकार गदगद है। गढ़वाल में चारधाम यात्रा की तरह कुमाऊं में मानसखंड यात्रा के लिए गलियारा तैयार करने का मुख्यमंत्री जो सपना देख रहे हैं, पीएम ने उसे नई उड़ान दे दी है। बकौल पीएम, हमारी सरकार केदारखंड और मानसखंड की कनेक्टिविटी पर बहुत जोर दे रही है। जो लोग केदारनाथ और बदरीनाथ धाम जाते हैं, वे आस्था के केंद्र जागेश्वर धाम, आदि कैलाश और ओम पर्वत भी आसानी से आ सकेंगे।
उत्तराखण्ड ने विगत 23 वर्षों में लगाई लम्बी छलांगें
राज्य गठन के समय बैंकों की संख्या 873 थी जो कि आज 1452 तक पहुंच गयी। उस समय प्रति 10 हजार जनसंख्या पर एक बैंक था, अब 8 हजार की जनसंख्या पर एक बैंक माना जा रहा है। सन 2002 में जब पहली निर्वाचित सरकार ने सत्ता संभाली तो उस समय बैंकों का ऋण जमा अनुपात मात्र 19 था। मतलब यह कि बैंक जनता से 100 रुपये जमा करा रहे थे तो मात्र 19 रुपये यहां कर्ज दे रहे थे और बाकी धन का कहीं और व्यवसायिक उपयोग कर रहे थे।
सीएम धामी ने दिखाया डबल इंजन का 'दम', उत्तराखंड नहीं किसी से कम
पुष्कर सिंह धामी सरकार जल्द प्रदेश को सौंपेगी यूसीसीए भू-कानून व महिला नीति आंदोलनकारियों को आरक्षण देना एवं अर्थव्यवस्था को 5 गुना करना भी लक्ष्य कई सालों बाद अस्थिरता से उबरा प्रदेश, आंदोलनकारियों के कई सपने भी साकार
जेल की 'तन्हाइयों' में आजम का परिवार
रामपुर की जेल में बंद आजम और अब्दुल्ला के चलते शहर की कानून व्यवस्था की स्थिति खराब न हो, इसलिए प्रशासन ने आजम खान को सीतापुर और अब्दुल्ला को हरदोई जेल में शिफ्ट कर दिया। बाकी की सजा यह दोनों इन्हीं जेलों में काटेंगे। इस तरह से आजम के परिवार के सियासत का 'सूर्यास्त' हो गया। इतना सब हो गया है, लेकिन आजम के समर्थन में कही से कोई आवाज नहीं उठी।
खूब बंट रही मुफ्त की रेवड़ियां
'मुफ्त का चंदन घिस मेरे नंदन....' यह कोई कहावत नहीं लेकिन मुफ्तखोरी करने वालों के ऊपर यह बहुचर्चित कटाक्ष है। सत्ता हासिल करने के लिए लगभग सभी दल मतदाताओं को लुभाने के लिए 'रेवड़ियां' बांटने में कोई गुरेज नहीं करते हैं। चाहे घोषणापत्र हो या संकल्प पत्र या फिर बात गारंटी के माध्यम से कही जाये, निहितार्थ सभी के एक जैसे हैं।
इंडिया गठबंधन: अखिलेश जयंत का नरम-गरम रवैया
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने 'इंडिया' गठबंधन की परतें उधेड़ के रख दी हैं। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए कोई भी सीट छोड़ने से इनकार कर दिया था। इससे अखिलेश यादव की त्योरियां चढ़ गईं। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि जिस तरह से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच मनमुटाव बढ़ता जा रहा है, उससे इंडिया गठबंधन को खतरा हो सकता है।
पांच मैचों की मेजबानी को इकाना तैयार
लखनऊ में 13 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया द. अफ्रीका के बीच खेला जाएगा मुकाबला 29 को भारत-इंग्लैंड होंगे आमने-सामने
सनातन धर्म अजन्मा न कोई आदि न अंत
धर्म एक है, यही सनातन धर्म है। इसे वैदिक धर्म भी कहते हैं और हिन्दू धर्म भी इसका विकास वैदिक दर्शन से हुआ है। यह सतत् विकासशील है। इसमें कालवाह्य छूटता जाता है, नया कालसंगत जुड़ता जाता है। वैदिक साहित्य में धर्म के लिए ऋत शब्द का प्रयोग भी हुआ है। प्रकृति की गतिविधि में सुसंगत व्यवस्था है। यही ऋत है। वैदिक समाज में प्रकृति की शक्तियों की गतिविधि के प्रति आदर भाव है। जीवन जगत के रहस्यों के प्रति जिज्ञासा भी रही है। जिज्ञासा, प्रश्न व संशय धर्म के विकास में सहायक रहे हैं। रिलीजन या पंथ मजहब धर्म नहीं हैं। वे विश्वास हैं। रिलीजन या मजहब के विश्वासों पर प्रश्न संभव नहीं है।
भारत विरोध की प्रयोगशाला बना कनाडा, मोदी का करारा जवाब
टूडो को शायद अपनी धरती और संप्रभुता की रक्षा की जरूरत तो दिखाई दे रही है लेकिन भारत की ऐसी ही जरूरत के संबंध में उनकी आंखों पर लंबे समय से पट्टी क्यों लगी हुई है? टूडो इस बात में रूचि नहीं रखते। इसलिए भारत के विदेश मंत्रालय ने हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर कनाडा को यह अहसास करा दिया है कि कनाडा की धरती भारत विरोध की प्रयोगशाला नहीं है। कूटनीतिक, आर्थिक, राजनीतिक, सामरिक हर प्रकार के संबंध प्रभावित हो सकते हैं और इस मुद्दे पर भारत इसके लिए तैयार दिख रहा है। भारत इस समय निर्णायक रूप से कार्यवाही करने से पीछे नहीं रह सकता।
तीन हजार करोड़ से अधिक का होगा विनिवेश
असम में उद्योग लगाने के लिए सरकार के नया समझौता करने वाली इन कंपनियों में लांग स्पान स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने 139 करोड़, एसबीएल बिस्किट्स प्राइवेट लिमिटेड ने 139.15 करोड़, केसर पेट्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने 2000 करोड़, उमरांग्सो इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड ने 285 करोड़, मेसर्स सुनीत ब्रेवरीज प्राइवेट लिमिटेड ने 151 करोड़ और मेसर्स जेरिको फूड्स एंड बेवरेजेज ने 410 करोड़ के विनिवेश का प्रस्ताव रखा है।
सरना धर्म कोड पर गरमाई सियासत
साल 2021 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार देश में लगभग 12 करोड़ आदिवासी निवास करते हैं। झारखंड में आदिवासियों की संख्या एक करोड़ से भी अधिक है। झारखंड की एक बड़ी आबादी सरना धर्म को मानने वाली है। इस प्राचीनतम सरना धर्म का जीता-जागता ग्रंथ स्वयं जल, जंगल, जमीन और प्रकृति है। सरना धर्म की संस्कृति, पूजा पद्धिति, आदर्श और मान्यताएं प्रचलित सभी धर्मों से अलग है।
हरियाणा सिविल सर्विस परिणाम - क्या बुद्धि-बंजर हो चुकी है हरियाणा की धरती!
बड़ी दुखद बात है कि हरियाणा की इस मुख्य परीक्षा में 1190 अभ्यर्थियों में से केवल 61 अभ्यर्थी ही इन शर्तों को पूरा कर पाए और शेष 1129 अभ्यर्थी इस बाधा को पार करने में असफल रहे। इससे अधिक विडंबना क्या होगी कि कुछ अभ्यर्थी तो इंग्लिश व हिन्दी में न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक भी नहीं ले सके। ऐसी स्थिति पहली बार उत्पन्न नहीं हुई है।
जातीय विद्वेष की नई प्रयोगशाला बनता बिहार
रामचरितमानस पर राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान की आग अभी ठंडी भी नहीं पड़ी कि ठाकुर (क्षत्रिय) जाति को लेकर विवाद शुरू हो गया है। रामचरितमानस को लेकर विवाद खड़ा किया गया। इसके जरिए सवर्णों को निशाना बनाया गया। एक बार फिर सवर्ण ही निशाने पर हैं। यह सारा खेल पिछड़ी व दलित जातियों को लुभाने के लिए हो रहा है। हिंदुओं के वोट को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर जीत हासिल करने का फार्मूला खोजा जा रहा है।
जातीय जनगणना की मांग हुई तेज
बिहार सरकार द्वारा जातिगत जनगणना को लेकर लिए निर्णय के बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है। इसमें सरकार ने कहा है कि जनगणना का अधिकार राज्यों के पास नहीं है। इससे पहले कोर्ट में बिहार सरकार ने दलील देते हुए कहा कि राज्य में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। सारे डाटा भी ऑनलाइन अपलोड कर दिए गए हैं। इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से डाटा रिलीज करवाने की मांग की थी। इससे पूर्व पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जातीय जनगणना को लेकर उठ रहे सवालों पर सुनवाई की थी।
नारी शक्ति वंदन
27 साल तक लटके रहा महिला आरक्षण विधेयक 19 सितम्बर को संसद की नई इमारत में पहले दिन पेश किया गया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पेश किया। इस विधेयक में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। वास्तव में महिला आरक्षण के लिए पेश किया गया विधेयक 128वां संविधान संशोधन विधेयक है। विधेयक में कहा गया है कि लोकसभा, राज्यों की विधानसभाओं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसका अर्थ यह हुआ कि लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।