बहुसंख्या सफलता का चिह्न नहीं है, दृढ़ता सफलता का चिह्न है। एक व्यक्ति भी यदि अपने स्वरूप में टिक जाय अच्छी तरह से और वह अड़ जाय कुछ करने को तो उसके लिए कुछ असम्भव नहीं है। २-४ नहीं, १०-२० नहीं, उसकी पार्टी के सभी व्यक्ति नहीं, केवल एक ही व्यक्ति... और जिसको सब लोग तिरस्कृत करते हों, कोई सहायता नहीं देता हो, वह भी यदि डट जाय अपने स्वरूप में तो समस्त ब्रह्मांड उसकी सहायता करने को बाध्य हो जायेगा। सारी दुनिया के लोग उसके पक्ष में होने को बाध्य हो जायेंगे। पहले हिलायेंगे, यदि हिला नहीं तो सारा संसार उसको सहाय करने को बाध्य हो जायेगा। भोग में न हिला, स्त्री में न हिला, धन में न हिला और अपने सिद्धांत पर अडिग रहा तो दुनिया उसकी हाँ में हाँ मिलाने को बाध्य होगी ही, लाचार होकर उनको सहयोग देना पड़ेगा।
एक बड़ी प्रेरक कथा है। समुद्र-किनारे एक टिटिहरी-टिटिहा रहते थे। उनके अंडे फूटने को थे।
هذه القصة مأخوذة من طبعة September 2022 من Rishi Prasad Hindi.
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रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।