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भारत जोड़ो यात्रा से राहुल ने जो कमाया था वो गंवा भी दिया
दरअसल राजनीति हमेशा से परसेप्शन बैटल रही है और इस बैटल में लग रहा था अब मामला उन्नीस बीस का है; परंतु “उनके” ब्रितानिया दौरे ने अठारह इक्कीस के समीकरण को पुनर्स्थापित कर दिया है. एक बार फिर वही कहना पड़ रहा है कि \"उनकी बातों के गजब अंदाज हैं; जब भी बोलें लाज ही आए. ढुलमुल भाषणों, सवालों के बेतुके जवाबों और औचित्य हीन कथनों से उन्होंने न केवल खुद को बेवकूफ बनाया है, बल्कि अपने पार्टी के कुछ सहयोगियों को भी असमंजस की स्थिति में डाल दिया है.
क्या एडिनोवायरस के चपेट में है बंगाल ?
कोरोना की पहली और दूसरी लहर की दहशत और त्रासदी से उबरने के बाद, जन- जीवन जब धीरे-धीरे अपनी रफ्तार पकड़ रहा है तभी एडिनोवायरस की दस्तक ने एक बार फिर आमजन को सकते में ला दिया है. हालांकि इस बार हमारी केन्द्र और राज्य सरकारें अधिक सतर्क और चौकन्नी है. ऐसे में सबसे पहले समझने की कोशिश करते हैं कि एडिनोवायरस क्या है?
प्रकृति से रूबरू होंगे तो बढेगी इम्यूनिटी
यदि चिकित्सकों की माने तो देश में अधिकांश लोगों में विटामिन डी की डेफिसिएंसी है. हो सकता है यह आंकड़ा अतिशयोक्तिपूर्ण होने के साथ ही अधिक अपर साइड में हो पर इतना तो साफ है कि देश दुनिया में विटामिन डी की कमी के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं.
पूर्वोत्तर के नतीजों ने 2024 के लिए मोदी की राह कर दी और आसान
बीजेपी के लिए चुनावी साल का आगाज अच्छा हुआ है. शुरुआत तो 2022 में भी काफी अच्छी रही, लेकिन जाते जाते साल ने थोड़ा गम भी बीजेपी की झोली में डाल दिया था हिमाचल प्रदेश चुनाव में बीजेपी वोट शेयर के लिहाज से सिर्फ 0.9 फीसदी ही पिछड़ी थी, लेकिन सत्ता हाथ से फिसल कर कांग्रेस के पास चली गयी.
केजरीवाल के साथ भी बीजेपी सिसोदिया जैसा ही सलूक चाहती है।
मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई के बाद, बीजेपी भी एक्शन में आ गयी है. अब तो बीजेपी प्रवक्ता अयोध्या आंदोलन की तर्ज पर नया नारा भी गढ़ चुके हैं - \"मनीष-सत्येंद्र झांकी है, अरविंद केजरीवाल बाकी है.” अंदाज भी करीब करीब वैसा ही है जैसे, अयोध्या तो झांकी है, काशी- मथुरा बाकी है.
बेसहारा केजरीवाल!
कभी कभी कुछ दिन भी काफी ज्यादा लगते हैं. बहुत भारी पड़ते हैं. मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से अरविंद केजरीवाल भी ऐसी ही चिंता से गुजर रहे होंगे. करीब नौ महीने तो सत्येंद्र जैन को भी जेल गये होने को आये, तभी तो मनीष सिसोदिया के साथ रहते अरविंद केजरीवाल ने उनको मंत्री बनाये रखा - जैसे अपने चीफ मिनिस्टर विदाउट पोर्टफोलियो रहे, सत्येंद्र जैन का भी नाम चलता रहा.
यूपी पुलिस को अब लोकगीतों से भी डर लगने लगा है?
यूपी पुलिस ने चर्चित लोकगायिका नेहा सिंह राठौर के एक गीत पर उन्हें नोटिस भेजकर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है. 'यूपी में का बा..' शीर्षक वाले इस गीत में राठौर ने कानपुर में दो महिलाओं की जलकर हुई मौत पर सवाल उठाए हैं.
ऑनलाइन सर्च की दुनिया कौन होगा दिग्गज?
हलचल तो खूब है इन दिनों दोनों ही टेक दिग्गज अपने अपने एआई चैटबॉट के सहारे ताल ठोक रहे हैं.
कब खरीदकर पढ़ी जाएंगी किताबें?
आप जब इन पंक्तियों को पढ़ रहे होंगे तब राजधानी में विश्व पुस्तक मेला शुरू हो गया होगा. कोरोना के कारण विश्व पुस्तक मेला बीते कुछ सालों से आयोजित नहीं हो पा रहा था. जाहिर है कि पुस्तक मेले के फिर से आयोजन से शब्दों के शैदाइयों के चेहरे खिले हुए हैं. वे अपने मनपसंद की किताबें सस्ते दामों पर खरीदेंगे. पर ये भी सच है कि इस डिजिटल दौर में किताबों से पाठकों की दूरियां निश्चित रूप से बढ़ी हैं. बहुत बड़ी संख्या में पाठक अपने मोबाइल पर ही अपनी दिलचस्पी की सामग्री पढ़कर संतुष्ट हो जाते हैं. वे किताबें खरीदने की जरूरत ही नहीं महसूस करते. बेशक, किताबों को फिर से प्रासंगिक तो बनाना ही होगा. वह कितना अज्ञानी समाज होता है जहां पर किताबों के महत्व को सही ढंग से नहीं समझा जाता.
वायु प्रदूषण से लड़खड़ाता स्वास्थ्य
वायु गुणवत्ता बहुत खराब होने का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है. इससे रेस्पिरेटरी इश्यू, हार्ट प्रॉब्लम बढ़ने के अलावा और भी कई गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है. हाई लेवल के वायु प्रदूषण के कारण कई तरह के प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं. इससे श्वसन संक्रमण, हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. जो पहले से ही बीमार हैं, उन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. बच्चे, बुजुर्ग और गरीब लोग इसके ज्यादा शिकार होते हैं. जब पार्टिकुलेट मैटर 2.5 होता है, तो यह फेफड़ों के मार्ग में गहराई से प्रवेश करने लगता है
चीतों से गुलजार होती भारत की धरती
करीब 70 वर्षों के बेहद अंतराल के पश्चात् लंबे प्रयासों के बाद भारत में पिछले साल 17 सितम्बर को चीतों की वापसी हुई थी, जब चीते की शक्ल में तैयार हुए बोइंग 747 के विशेष विमान के जरिये नामीबिया की राजधानी विंडहोक से ग्वालियर लाए गए 8 चीतों को प्रधानमंत्री द्वारा मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बाड़े में छोड़ा गया था.
नहर व पेंशन को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का जादूगर कहा जाता है. राजनीति में उन्होंने अपनी जादूगरी दिखाने में कोई कसर भी नहीं छोड़ी है. कैसी भी स्थिति रही हो गहलोत अपनी राजनीतिक जादूगरी की कुशलता के बल पर सफल रहे हैं. इसी कारण वह राजस्थान के तीसरी बार मुख्यमंत्री की पारी पूरी करने जा रहे हैं. गत दिनो उन्होने अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया जिसमें अनेकों लोक लुभावनी घोषणायें की गई है. जिनसे आने वाले चुनाव में लाभ मिल सकता है.
अदृश्य रोबोट्स के हवाले होने जा रही है हमारी जिंदगी!
तकनीक में होने वाली उल्लेखनीय प्रगति अक्सर समृद्धि के द्वार खोलती है. इस बात को नकारा नहीं जा सकता है. विकास, चाहे राष्ट्र का हो या व्यक्तिगत हो या सामजिक ही हो, अनेक तरीकों से तकनीकों की उचित वृद्धि और उनके विकास से जुड़ा हुआ है. मानव जीवन के अस्तित्व और प्रगति के लिये जरूरी है कि जीवन के हर पहलू में विज्ञान और तकनीक का इस्तेमाल हो. यह तकनीक ही है जिसने मानव जीवन को अत्यंत सहज, सरल और रोचक बना दिया है. इसके साथ ही सच यह भी है जहां एक ओर तकनीक ने सदैव विकास की राह प्रशस्त की है, वहीं दूसरी ओर कुछ नैतिक दुविधाएं भी तकनीक की राह में आती रही हैं. एआई में हो रही द्रुत प्रगति से मचे कोलाहल के बीच बड़ा सवाल है कि इससे किसको फायदा होगा और कितना?
क्या ममता के चेहरे पर बन सकती है सहमति?
बिहार की राजधानी पटना में आयोजित सीपीआई एमएल के राष्ट्रीय कनवेन्शन में नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता पर अपनी बात रखते हुए, कांग्रेस को सक्रिय होने का संदेश दिया, इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने कहा कि वे प्रधानमंत्री की रेस में नहीं हैं और विपक्षी दलों के प्रधानमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा, इसका निर्णय सभी संगठित दल मिलकर कर लेंगे, नीतीश कुमार इतने पर नहीं रुके उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर आगे आए तो भाजपा 100 सीटों पर सिमट जाएगी.
अमित शाह का अगला टारगेट नीतीश कुमार!
योगी आदित्यनाथ तो उत्तर प्रदेश के माफिया तत्वों को मिट्टी में मिलाने की बात कर रहे हैं, लेकिन अमित शाह की बातों से तो ऐसा लगता है जैसे वो नीतीश कुमार की राजनीति के साथ वैसा ही सलूक करने का इरादा कर चुके हैं - करीब करीब वैसे ही जैसे धीरे धीरे करके उद्धव ठाकरे की राजनीति को मिट्टी में मिलाने का इंतजाम कर दिया गया.
दिशाहीन विपक्ष
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों मुंबई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. केजरीवाल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने मातोश्री पहुंचे. इस दौरान केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्डा भी मौजूद रहे. सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच 2024 की रणनीति और विपक्ष को एकसाथ लाने को लेकर चर्चा हुई. मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने केजरीवाल के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हम लंबे समय से मिलना चाहते थे. यह कहने की जरूरत नहीं है कि हम क्यों मिलना चाहते थे. देशभर से कई अन्य वरिष्ठ नेता मुझसे मिलने के लिए संपर्क कर रहे हैं.
यूपीए 3 में का बा?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तक राष्ट्रीय अधिवेशन में कई नेताओं के भाषण में विपक्षी एकता पर जोर देखने को मिला है. कांग्रेस की तरफ से विपक्ष को जो प्रस्ताव दिया गया है, उसमें यूपीए के ही नये वर्जन की झलक मिलती है लेकिन शर्तें पहले की ही तरह लागू हैं. बल्कि पहले वाले ही कंडीशन हैं, नये सिरे से घोषणा कर दी गयी है. और अपनी तरफ से कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा में भी नया अपडेट पेश दिया है - कन्याकुमारी से कश्मीर तक की राहुल गांधी की सफल यात्रा के बाद नयी पेशकश भी विपक्ष पर दबाव बढ़ाने की ही रणनीति लगती है.
पंजाब में बार-बार क्यों हो रही है हिंसा
पंजाब के अमृतसर के अजनाला थाने में अमृतपाल सिंह के हथियारदार समर्थकों ने हमला कर दिया.
शाहरुख की 'डंकी' में काम करेंगी प्रियंका?
हाल ही में खबरें सामने आई थीं कि प्रियंका को शाहरुख खान की फिल्म डंकी में काम मिल गया है.
सरकार भारत की महान परंपरा को निभा रही है!
भारत भीषण आपदा झेल रहे तुर्की में ऑपरेशन दोस्त चलाकर एक भरोसेमंद दोस्त की भूमिका निभा रहा है. एनडीआरएफ की टीम लगातार राहत और बचाव कार्य चला कर ज्यादा से ज्यादा ज़िंदगियों को बचाने की मुहिम में जुटी है. एनडीआरएफ के अलावा भारतीय सेना भी मेडिकल सपोर्ट लेकर टर्की पहुंची है. मोदी सरकार ने एक बार भारत की उसी महान परंपरा को निभाया है जिसे वो वसुधैव कुटुंबकम के अपने सूत्र से विश्व को बांधते रहे हैं.
भारत में कब सुरक्षित होंगी महिलायें?
हमारे देश में महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार है. महिलायें देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती है तथा विकास में भी बराबर की भागीदार है. आज के युग में महिला पुरुषों के साथ ही नहीं बल्कि उनसे दो कदम आगे निकल चुकी है. महिलाओं के बिना समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. भारतीय संविधान के अनुसार महिलाओं को भी पुरुषों के समान जीवन जीने का हक है.
रेल बजट 2023-24 - सफर सुहावना करने का वादा
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 45 लाख करोड़ का 2023-24 का बजट तो यही संकेत दे रहा है कि अब आपका रेलवे का सफर और सुहावना होने जा रहा है. यानी आपको रेल में यात्रा करने में आनंद आएगा. यह इसलिए संभव होगा क्योंकि सरकार रेलवे का कायाकल्प करने के प्रति दृढ़ संकल्प दिखा रही है. रेलवे का चौतरफा विकास करने का सिलसिला तो लगातार चल ही रहा है. इसे और गति देने के इरादे से ही केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2023-24 के बजट में रेलवे के लिए 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है. इसके अतिरिक्त 75 हजार करोड़ रुपया नई परियोजनाओं को लागू करने पर खर्च किए जाने का प्रस्ताव अलग से है. पिछले साल 2022-23 में रेलवे के विकास के लिए 1.4 लाख करोड़ का बजट आवंटित किया गया था. यानि अब यह लगभग दुगुना हो गया.
भारत में निवेश...का केंद्र बना यूपी
भगवान राम और कृष्ण की पवित्र जन्मस्थली के रूप में जाना जाने वाला उत्तर प्रदेश अपने बिलकुल ए अवतार में भारत और दुनिया के शीर्ष व्यापारिक घरानों को निवेश करने के लिए आकर्षित कर रहा है. हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में मुकेश अंबानी से लेकर कुमार मंगलम बिड़ला, टाटा समूह के एन. चंद्रशेखर से लेकर ज्यूरिख एयरपोर्ट एशिया के सीईओ डेनियल बिचर समेत कॉर्पोरेट जगत की कई दिग्गज हस्तियां ना केवल मौजूद थी बल्कि उन्होंने राज्य में कुल मिलाकर 33.50 लाख करोड़ की राशि के निवेश की घोषणा की.
त्रिपुरा: चुनावी दंगल हर दल एक दूसरे पर भारी
त्रिपुरा विधान सभा चुनाव की लड़ाई जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है सियासी टक्कर भी उतनी तेज होती जा रही है. पिछले कुछ समय में यहां सियासी समीकरण तेजी से बदले हैं. टिपरा मोथा जो सिर्फ दो साल पहले ही पार्टी बनी थी, आज बीजेपी, कांग्रेस और सीपीआई (एम) जैसे राष्ट्रीय दलों के लिए सीधी चुनौती बनी हुई है. त्रिपुरा के पूर्ववर्ती माणिक्य राजवंश के वंशज के रूप में प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा की अपनी व्यक्तिगत अपील पर आदिवासियों के बड़े नेता के रूप में उभरे हैं. अगर त्रिपुरा में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो देबबर्मा किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं.
बीजेपी और टिपरा मोथा में ही मुख्य मुकाबला क्यों चाहते हैं अमित शाह?
त्रिपुरा में बीजेपी नहीं चाहती कि मुकाबला त्रिकोणीय हो. वास्तव में ऐसा हुआ तो खतरा बड़ा हो सकता है. वोटों का तीन हिस्सों में बंटवारा हो सकता है. बीजेपी और लेफ्ट- कांग्रेस गठबंधन के अलावा टिपरा मोथा पार्टी के भी अच्छे प्रदर्शन की संभावना जतायी जा रही है. पांच साल की सरकार के बाद सत्ता विरोधी लहर है. कर्नाटक की ही तरह बीजेपी नेतृत्व को त्रिपुरा से भी अच्छी रिपोर्ट तो नहीं ही मिली है. कर्नाटक और त्रिपुरा दोनों ही राज्यों में बीजेपी मुख्यमंत्री बदल चुकी है. हालांकि, कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा और त्रिपुरा में बिप्लब देब को हटाये जाने की वजहें अलग अलग रही हैं - लेकिन न तो माणिक साहा त्रिपुरा में और न ही बसवराज बोम्मई कर्नाटक में कोई करिश्मा दिखा पाने के काबिल लग रहे हैं.
अशोक गहलोत ने तो गलती से मिस्टेक कर दी
अशोक गहलोत ने अपने मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर दिया है. ये शायद पहला मौका रहा जब बजट भाषण के दौरान राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. पहली बार करीब आधे घंटे के लिए - और फिर 15 मिनट के लिए.
भाजपा को भारी पडेगी महिला नेताओं की नाराजगी
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अगले लोकसभा चुनाव तक अध्यक्ष पद का कार्य विस्तार मिल चुका है. अगले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नड्डा ने अपने संगठन को पुनर्गठित और चुस्त-दुरुस्त करना शुरू कर दिया है. लोकसभा चुनाव से पूर्व जम्मू कश्मीर सहित दस प्रदेशों की विधानसभाओं के चुनाव होने हैं. जिनके नतीजों से पता चल जाएगा कि अगले लोकसभा चुनाव में कौन सी पार्टी केंद्र में सरकार बना सकेगी.
2023-24 बजट - आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतरता बजट
बजट में महिलाओं और बुजुर्गों का भी खास ध्यान रखने का प्रयास किया गया है. वरिष्ठ नागरिकों की बचत सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने, गैर सरकारी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अवकाश नकदीकरण पर मिलने वाली छूट को 3 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की घोषणा, महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट की घोषणा सियासी दृष्टिकोण से भाजपा के प्रति इत्यादि सकारात्मक माहौल में वृद्धि करने में सहायक साबित हो सकती हैं.
मिशन 2024 - लालू यादव के आने की आइट भर से विपक्ष की राजनीति में हलचल क्यों है?
लालू यादव को विदा करने से पहले रोहिणी आचार्य ने ट्विटर पर लिखा है, 'पापा को स्वस्थ रखना अब आप सबकी जिम्मेवारी होनी चाहिये.' करीब दो महीने पहले ही लालू यादव की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य ने ही पिता को अपनी किडनी डोनेट की है. 5 दिसंबर, 2022 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हॉस्पिटल में लालू प्रसाद का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था.
मिशन 2024 - अदानी पर राहुल विपक्ष को एकजुट नहीं रख सके
अदानी ग्रुप के कारोबार पर शुरू हुई बहस औंधे मुंह लुढ़क गयी है. अदानी ग्रुप पर हिडनबर्ग रिपोर्ट के बाद घरी हुई महसूस कर रही बीजेपी को बहुत मेहनत भी नहीं करनी पड़ी है. बस वेट-एंड-वॉच टाइप का मामला लगता है. हो सकता है, अपेक्षा से थोड़ा ज्यादा इंतजार करना पड़ा हो. और आखिर में वही हुआ जिसका विपक्षी खेमे को भी शुरू से ही अंदेशा रहा. कहीं बीजेपी विपक्षी खेमे की पूरी रणनीति ही फेल न कर दे. लेकिन विपक्ष की आशंका तो मन में उठी अफवाह से भी ज्यादा नहीं लगती. बीजेपी ने तो कुछ खास किया भी नहीं देख कर तो ऐसा ही लगता है.