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क्या किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा 2022-23 बजट?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया है। इस बीच सरकार ने देश के विभिन्न सैक्टरों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। देश की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कृषि से जुड़ा हुआ है। ऐसे में कृषि क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा लिए गए हर एक निर्णय का देश में व्यापक असर पड़ता है।
ओजोन प्रदूषण कृषि के लिए नुकसानदायक
प्रदूषण के प्रभाव
आलू का भंडारण
भंडारण व्यवस्था
प्याज के सफल भंडारण की वैज्ञानिक तकनीक और आवश्यक पहलू
भारत चीन के बाद दुनिया में प्याज का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है
फूलगोभी के रोग एवं प्रबंधन
कुछ कर्ड (फूलगोभी का फूल वाला भाग) कभी-कभी अलग-अलग पेडीकल्स के लंबे होने के कारण ढीले पड़ जाते हैं। विशेष रूप से गर्म बादलों वाली रातों में अलग-अलग फूलों के पेडीकल्स और समय से पहले फूल के खिलने के कारण के कर्ड सतह पर पीला और मखमली या दानेदार दिखाई देता है। इस स्थिति में फूल की कलियों के अचानक बढ़ने और समय से पहले उनके खिलने के कारण फूलगोभी में रिसीनेस का कारण बनती है। कर्ड की सतह एक कटोरी उबले हुए चावल की तरह दिखती है इसलिए ऐसे रेसी कहलाते हैं, ऐसे रेसी के गुण को रिसीनेस कहते हैं।
ठंड द्वारा मांस का संरक्षण
मांस मुख्य रूप से सुअर, चिकन, भैंस, बकरी, भेड़, ऊंट, घोड़े आदि से प्राप्त होता है। पोषक तत्वों से भरपूर मांस दुनिया भर में लोगों के लिए पशु प्रोटीन का पहला विकल्प है। लगभग तटस्थ पीएच, उच्च नमी और समृद्ध पोषक तत्वों के कारण, यह सूक्ष्मजीवों द्वारा संदूषण के लिए अत्याधिक प्रवण है, जो मांस के संरक्षण को अधिकांश अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक कठिन बनाता है। परिरक्षण का सिद्धांत सूक्ष्मजीवों के विकास के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों का निर्माण करना है, जिसके परिणामस्वरूप भोजन खराब हो जाता है। खराब होने पर मांस की बनावट, स्वाद और पोषक मूल्य में परिवर्तन हो जाता है और इस प्रकार, यह मानव उपयोग के लिए अखाद्य बन जाता है।
दुधारू पशुओं में गर्भाशय का बाहर आ जाना (प्रोलैप्स ऑफ यूटरस): उपचार व रोकथाम
फूल दिखाने की समस्या वैसे दुधारू पशुओं जैसे कि गाय तथा भैंस में अक्सर देखने को मिलता है जिनका प्रबंधन खानपान की हिस्ट्री से ठीक नहीं होता है। जिन पशुओं को उनकी आवश्यक्ता से कम पौष्टिक पशु आहार तथा मिनरल मिक्सचर, विटामिन्स उपलब्ध होता है। ऐसे पशु बहुत ही कमजोर होते हैं।
घृतकुमारी का औषधीय योगदान एवं महत्व
एलोवेरा/घृतकुमारी का उपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है। वह है सौन्दर्य प्रसाधनों का निर्माण चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के लिए अनेकों उत्पाद बनाये जा रहे हैं जिससे इसकी मांग बढ़ रही है।
स्वस्थ जीवन के लिए सब्जियों की उपयोगिता एवं महत्व
हरी सब्जियों से हड्डियां मजबूत होती हैं, हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी रोगों से भी राहत मिलती हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों के सेवन से इस उम्र में खून के थक्के जमने की समस्या से भी मुक्ति मिलती हैं।
गुणवत्ता भरपूर शहद मंडीकरण के नुक्ते
"शहद को एक प्रभावशाली दवा एवं पारंपरिक खंड के विकल्प के तौर पर इसको एक आदर्श मीठे विकल्प के तौर पर व्यापक स्वीकृति मिल गई है। शहद की माँग बढ़ने से खपतकारों में शहद की क्वालिटी को लेकर भी जागरूकता बहुत बढ़ी है। ।शुद्ध शहद प्राप्त करने के लिए ग्राहक दुकानें/स्टोरों की बजाये शहद उत्पादकों/प्रोसैस्सर्ज से सीधे तौर पर किसी भी मूल्य पर शहद खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं।"
जीएम फूड की बढ़ती पहुंच
देश में जीएम खाद्य पदार्थों को विनियमित करने वाले सरकार के एक मसौदे पर नागरिक संगठनों के विरोध स्वर तेज हो गए हैं। संयुक्त नागरिक संगठनों का कहना है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं नियामक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का यह मसौदा न सिर्फ लोगों की सेहत को जोखिम में डालेगा बल्कि यह व्यावसायिक हितों को साधने वाला है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं नियामक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर से 15 नवंबर, 2021 को जीएम खाद्य पदार्थों के विनियमन का मसौदा जारी किया था।
गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग की रोकथाम
फसल सुरक्षा - गेहूं की फसल
खाद्य वस्तुओं की कीमतें पहुंच रही हैं उच्चतम स्तर पर
एफएओ के वरिष्ठ अर्थशास्त्री अब्दुल रजा अब्बासियां का कहना है कि सामान्य रूप से मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ता है, जिसके कारण कीमतों के कम होने की उम्मीद है।
जैविक हरित क्रांति के लिये जागरुकता ही नहीं, अनिवार्यता होनी चाहिए
प्राकृतिक खेती पर आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राकृतिक खेती को जन आन्दोलन बनाने का आह्वान किया है
वैज्ञानिक कृषि पद्धतियां अपनाने से भारतीय कपास किसान की वैश्विक मांग बढ़ेगी
कपास के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास पर अधिक जोर देने जैसी सरकारी नीतियों ने ऐसे इनपुट और मूल्य समर्थन उपायों के लिए सब्सिडी प्रदान करके गुणवत्ता वाले बीजों और कीटनाशकों के उपयोग को प्रोत्साहित किया है तथा इसने भी भारत में कपास के परिदृश्य को बदलने में योगदान दिया है।
बसंतकालीन मक्का की उन्नत खेती
बसंतकालीन मक्का में फसल की अवधि अधिक होने के कारण खरीफ की अपेक्षा में ज्यादा पैदावार होती है,क्योंकि इस मौसम में बीमारियां व कीट बहुत कम लगते हैं। बसंतकालीन मक्का के अधिक पैदावार लेने के लिए निम्न लिखित सिफारिशों को अपनाएँ।
सरसों आधारित न्यूट्री गांव की अवधारणा उन्नत प्रौद्योगिकियों, मूल्य वर्धित उत्पादों और नवोन्मेषी रणनीतियों का समावेश
लहसुन और हल्दी के साथ सरसों का तेल गठिया और जोड़ों के दर्द के लिए लाभकारी सिद्ध होता है। सरसों का तेल मच्छरों को प्रतिकर्षित करने के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
ग्रामीण विकास में स ग्राम सभाओं की भूमिका
"ग्राम पंचायत गाँव स्तर पर विकास के कार्यों को लागू करती है और इसकी निगरानी भी करती है। गाँवों में लोकतंत्र राज को मजबूत करने के लिए और गाँवों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ग्राम सभाओं का बहुत बड़ा योगदान है। इस में गाँव के वे सभी सदस्य जिनके पास मतदान देने का अधिकार है वे सभी ग्राम सभा के सदस्य हैं।"
पर्यावरण संरक्षण में वनों का महत्व
वनों का महत्व
कृषि रसायन क्षेत्र का बढ़ता प्रभाव
आगामी वर्ष में कृषि रसायन क्षेत्र के परिदृश्य को बदलने की संभावना है। इसके अलावा, एग्रोकैमिकल उद्योग में एनैन्टीओमेरिक रूप से शुद्ध सामग्री के बढ़ते आवेदन और अपनाने से पूर्वानुमान अवधि के दौरान बढ़ने की उम्मीद है।
जैविक कीटनाशी से कीट व रोग नियंत्रण
आधुनिक समय में बढ़ती हुई जनसंख्या के खाद्यान्न पूर्ति हेतु किसान रासायनिकों जैसे-खाद खरपतवारनाशी, रोगनाशी तथा कीटनाशकों के प्रयोग कर रहें हैं। सम्भवत इनके प्रयोग से किसान प्रथम वर्ष अधिक उत्पादन तो प्राप्त कर लेते हैं। परन्तु धीरे-धीरे इनके प्रयोग से मृदा की उर्वरा शक्ति क्षीण होने लगती हैं और फसलों की उत्पादन क्षमता भी कम हो जाती है। इन रसायनों की अधिक कीमत होने के कारण खेती की लागत बढ़ जाती है। क्षीण हुई मृदा उर्वरता के कारण इन रसायनो के प्रयाग से भी वे मुनाफा प्राप्त नहीं कर पाते हैं। यही नहीं इन रसायनों के प्रयोग से पर्यावरण में भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।
गेहूं के प्रमुख रोग, कीट, खरपतवार एवं उनका प्रबंधन
राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषक तत्वों की सुरक्षा में गेहूं एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
कृषि में उपयोग हो रहा प्लास्टिक सेहत एवं पर्यावरण के लिए खतरा
दुनिया भर में जिस तरह से समुद्र तटों और महासागरों में प्लास्टिक कचरे की मात्रा बढ़ रही है उसने पिछले कुछ वर्षों में सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, लेकिन एफएओ के अनुसार जिस भूमि का उपयोग हम अपने भोजन और फसलों को उगाने के लिए कर रहे हैं वो उससे कहीं ज्यादा मात्रा में प्लास्टिक से दूषित हो रही है।
पौधों के पोषक तत्वों के बारे में समुचित ज्ञान होने से किसानों की आय दोगुनी करना
जैसा कि हम जानते हैं कि सभी किसान आय को दोगुना करने की बात कर रहे हैं, यहाँ तक कि भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी 2022-23 तक किसानों की आय को दोगुना करने और इस दिशा में हर संभव प्रयास करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस संबंध में हर छोटी बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए जो उपज को कम करने के लिए जिम्मेदार है। पौधे के पोषण के बारे में उचित ज्ञान होने से एक किसान फसल के लिए अधिकतम उपज प्राप्त कर सकता है।
छोटे किसान मुल्क की शान
मुल्क के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नारा दिया है 'छोटे किसान, मुल्क की शान'। उनका यह नारा बिल्कुल दुरुस्त है जिसकी स्पष्टता राष्ट्रीय संघ की एक रिपोर्ट से हो जाती है। इस रिपोर्ट में यह तथ्य सामने लाया गया है कि पारिवारिक कृषि द्वारा ही पूरी दुनिया के लिए अनाज सुरक्षा यकीनन बनाई जा सकती है और पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सकता है।
बीएयू से विकसित आठ फसलों के 10 किस्मों को मंजूरी
संक्षेप
दूध एक पूर्ण पेय पदार्थ है
दूध का महत्व
गेहूं की फसल में बीजोपचार व खरपतवार नियन्त्रण
खाद्यान्न फसलों में गेहूं का प्रमुख स्थान है। गेहूं की नई-नई किस्मों के चयन, संतुलित खादों व पानी के समुचित प्रयोग से गेहूं की पैदावार में निरंतर बढ़ोतरी हुई है तथा कृषि की उन्नत कनीकों को अपनाकर किसानों ने पिछले तीन-चार वर्षों में गेहूं का रिकार्ड उत्पादन किया है। परन्तु कुछ ऐसे बिन्दु हैं जिन पर यदि किसान समय पर ध्यान दें तो इस उत्पादन में किसान और अधिक बढ़ोतरी प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विभाग व कृषि विश्वविद्यालय समय-समय पर किसानों को बीजोपचार व खरपतवार नियन्त्रण के विषय में जानकारी उपलब्ध करवाते हैं। यद्यपि किसान इस जानकारी अनुसार कृषि कार्य करते भी हैं लेकिन कुछ कमियां छोड़ देते हैं और हमें अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते। इस लेख में इन्हीं बिन्दुओं पर लिखा गया है।
किसान भाई मशीनों द्वारा पराली प्रबंधन करके ज्यादा पैदावार लें
आज कृषि को लेकर भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व की तकनीक में रोज नए आविष्कार हो रहे हैं और किसानों को विशेषकर भारतीय किसानों का ऑनलाइन तकनीक से जुड़ना बेहद जरुरी हो गया है, क्योंकि किसान जब तक तकनीक से नहीं जुड़ेगा वह पीछे ही रहेगा और कृषि जगत की नई जानकारियों से अवगत नहीं हो पाएगा।
पंजाब में कनौला सरसों के उत्पादन की सम्भावनायें क्षमता एवं उत्पादन तकनीक
कैनोला सरसों के उत्पादन में वृद्धि पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत है