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सोनिया गांधी पर बैकफायर करने लगा गुजरात दंगा केस
तीस्ता सीतलवाड़ अब तक गुजरात के दंगा पीड़ितों के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ती रही हैं. अब तीस्ता सीतलवाड़ को अपने हिस्से की लड़ाई लड़नी है. आगे की जांच पड़ताल और ट्रायल के बाद तीस्ता सीतलवाड़ को सजा सुनायी जाती है या बरी कर दिया जाता है - होगा तो इंसाफ ही.
कब टाटा ग्रुप में महिला पेशेवर भी बनेंगी सीईओ
टाटा ग्रुप ने अपनी इस तरह की छवि बनाई है, जिसके चलते उसे सिर्फ मुनाफा कमाने वाले ग्रुप के रूप में ही नहीं देखा जाता है. यह एक सामान्य बात तो नहीं है. टाटा ग्रुप को भारत के विकास तथा प्रगति से भी जोड़कर देखा जाता है. पर, यह समझ नहीं आता कि नमक से स्टील का उत्पादन करने वाले और अपनी कई एयरलाइन तक चलाने वाले टाटा ग्रुप की किसी भी कंपनी में कोई महिला पेशेवर मैनेजिंग डायरेक्टर या सीईओ के ओहदे पर अभी तक अपनी जगह क्यों नहीं बना सकी?
सीतलवाड़, श्रीकुमार की भूमिका की जांच के लिए एसआईटी गठित
गुजरात सरकार ने तीनों पर साजिश के आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है.
शिवसेना में हुई बगावत पारिवारिक पार्टियों के लिए बड़ा अलर्ट
शिवसेना की बगावत के पीछे उद्धव ठाकरे की चूक हो या फिर बीजेपी की साजिश, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में परिवारवाद की राजनीति के खिलाफ तेलंगाना में जो कुछ कहा था घुमा फिरा कर वही सामने आ रहा है.
भारत के अनाज एटीएम को मिला नवाचार पुरस्कार
पिछले पखवारे जर्मनी में भारत के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को नवाचार पुरस्कार से नवाजा गया.
भाजपा में हार, बढ़ी तकरार
राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए संपन्न हुए चुनाव में भाजपा एक सीट ही जीत सकी थी. भाजपा के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े सुभाष चंद्रा को भी पार्टी के पूरे वोट नहीं मिल पाये थे. जिससे वह चुनाव हार गए थे. सुभाष चंद्रा को मात्र 30 वोट ही मिले थे. जबकि भाजपा के विजेता रहे प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी को 43 वोट मिले थे.
द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी से विपक्षी उम्मीदें धराशायी?
राष्ट्रपति चुनाव दिनांक 18 जुलाई को होना तय है, चुनाव का नतीजा 21 जुलाई को आ जाएगा, वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 24 जुलाई को अपना कार्यकाल पूरा कर रहें हैं यानी देश को अपना नया राष्ट्रपति 25 जुलाई को मिल जाएगा.
जमीन जायदाज के पारिवारिक झगड़े होंगे कम
उत्तर प्रदेश के स्टाम्प मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने कहा यह फैसला उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रेरणा लेकर किया है. क्योंकि योगी जी हमेशा जनहित की बात करते हैं. वर्तमान में पिता द्वारा अपने माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधू, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र तथा पुत्री के पुत्र, पुत्रियां को अपनी स्वः अर्जित अचल संपत्ति हस्तांतरित करनी हो तो वह उसे अधिकतम 5000 रुपये का शुल्क देकर आसानी से अपने बच्चों को दे सकते है.
एकनाथ
महाराष्ट्र में सियासत की उठा-पटक शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के साथ खत्म हुई लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को उप मुख्यमंत्री बनाया गया. फडणनवीस से जिस मुस्कुराहट के साथ शिंदे के नाम का ऐलान किया है. उसने महाराष्ट्र में भाजपा के एक बड़े गेम प्लान की ओर इशारा किया है....
अराजक आपातकाल की ओर बढ़ता देश!
इस प्रकार के उग्र-हिंसक प्रदर्शन भी आतंक का ही एक रूप हैं जो समाज और शासन-प्रशासन पर अनुचित दबाव डालकर अपनी बात मनवाने का प्रयत्न करते हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसे दबाव स्वीकार नहीं किए जा सकते, किए भी नहीं जाने चाहिए क्योंकि इनसे राज्य सत्ता की दुर्बलता प्रकट होती है और दबाव डालने वाली अलोकतांत्रिक ताकतों का मनोबल बढ़ता है.
एक नेता के दो जगह से चुनाव लड़ने पर रोक लगनी आवश्यक
हमारा देश आए दिन चुनावी मोड में रहता है. ऐसे में विकास के मुद्दे ही गुम नहीं होते, बल्कि व्यापक स्तर पर टैक्सपेयर्स का पैसा भी व्यर्थ जाता है.
आपातकाल काल - जब राजनीतिक विरोधियों का हथियार बन गया 'मीसा कानून'
आपातकाल में इंदिरा गांधी के रवैए के खिलाफ आवाज उठाने वालों में दिग्गजों में जयप्रकाश नारायण सम्पूर्ण देश में एक सर्वमान्य प्रमुख नेता बनकर उभरे थे. इसके अलावा उस कालखंड में राज नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडिस, ताऊ देवीलाल, चौधरी चरण सिंह, मोरारजी देसाई, चंद्रशेखर, वीपी सिंह, नानाजी देशमुख, के. आर. मलकानी, पीलू मोदी, भैरोंसिंह शेखावत, बीजू पटनायक, जयपुर राजघराने की राजमाता गायत्री देवी, ग्वालियर 7 राजघराने की राजमाता विजयराजे सिंधिया, एच डी देवेगौड़ा, रामकृष्ण हेगड़े, अरुण जेटली, राम विलास पासवान, डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी, शरद यादव, लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं ने भारतीय राजनीति में अपना एक अहम स्थान बनाते हुए समय-समय पर कांग्रेस को सत्ता से हटाने का कार्य किया था.
'पेगासस' की तरह ही जासूसी कर रहा है 'हर्मिट' स्पाइवेयर
आरसीएस लैब पिछले करीब 30 साल से एक्टिव है और यह पेगासस के डेवलपर एनएसओ ग्रुप और फिनफिशर के डेवलपर गामा ग्रुप के मार्केट में ही कारोबार करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, लैब के संबंध पाकिस्तान, चिली, मंगोलिया, बांग्लादेश, वियतनाम, म्यांमार और तुर्कमेनिस्तान की मिलिट्री और इंटेलिजेंस एजेंसी से रहे हैं.
साज़िश का साज़
नूपुर शर्मा के एक बयान को लेकर जिस प्रकार का वातावरण बनाने का प्रयास किया गया, वह समय निकलने के साथ ही अब ऐसा दृश्य दिखा रहा है, जो किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा भी हो सकता है. इसका मूल कारण नूपुर शर्मा नहीं, बल्कि भारत की वह बढ़ती ताकत है, जो कई देशों को एक झटके में छोटा कर रही है.
राज्यसभा चुनाव - पैराशूट पर भारी 'म्हारा छोरा'
देश के 15 राज्यों की 57 सीटों पर हाल ही में राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण हुई है. इन 57 में से 41 सीटों पर तो प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन हो गया था.
मोदी कोई वाजपेयी नहीं हैं जो आरिफ को कलाम बना दें, लेकिन...
राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर एनडीए उम्मीदवार के रूप में आरिफ मोहम्मद खान का नाम ट्विटर पर ट्रेंड होने से कोई फर्क नहीं पड़ता - क्योंकि मौजूदा दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एपीजे अब्दुल कलाम की बिलकुल भी जरूरत नहीं है. अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में देश का राजनीतिक माहौल अलग था.
पंजाब में खालिस्तानी विचारधारा अपनी गति से आगे बढ़ रही है
सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
नुपुर शर्मा प्रकरण - बुद्धिजीवी वर्ग मौन
किसी भी तरह के अपराध का इंसाफ कानून की किताब से ही हो. ना कि चुनावी फायदे या सुविधाजनक ढंग से धार्मिक पक्ष देखकर. नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी की आलोचना करने वाले अब हत्या का आह्वान करने लगे हैं. और नुपुर की आलोचना करने वाला बुद्धिजीवी वर्ग मौन है!
डच एमपी की डीप बातों पर मुस्लिम देशों का डोप होना कन्फर्म है !
नुपुर शर्मा को बड़ा सपोर्ट मिला है. हां वो अलग बात है कि समर्थन अपने देश की सरकार से नहीं विदेश से है. वैसे एक समर्थक के रूप में नीदरलैंड के दक्षिणपंथी सांसद गिर्ट वाइलडर्स ने नुपुर से काफी डीप बातें कहीं हैं जिसे सुनकर मुस्लिम देशों का डोप होना कन्फर्म है.
जीवनदायी बनती खदानों में भरी बरसात की एक-एक बूंद
यह पानी के महत्व को दर्शाती है. प्रदेश के 239 उपखण्डों में से 195 उपखण्ड डार्कजोन की श्रेणी में है. बरसात कम या छितराई होती है तो सतही पानी का केवल 1.16 प्रतिशत ही राजस्थान में है. ऐसे में पानी का सही मोल राजस्थानवासी या गर्मियों में जूझते जलदाय विभाग के अधिकारी कर्मचारी व जिला प्रशसन ही समझ सकता है.
खुद को चाहने की हद से गुजर जाने की कोशिश!
कुछ साल पहले कंगना रनौत की एक फिल्म 'क्वीन' आई थी !'
क्या कोई कांग्रेसी भी हो सकता है उम्मीदवार ?
राष्ट्रपति चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही उम्मीदवारों के नाम पर खामोश हैं. सोनिया गांधी की तरफ से तो ऐसे भी संकेत दिये जा रहे हैं कि कांग्रेस अपने किसी नेता को चुनाव नहीं लड़ाएगी-कांग्रेस के पास कोई योग्य नेता बचा नहीं क्या?
ओआईसी का दोहरा चरित्र
कभी-कभी तो लगता है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठन सिर्फ भारत को कोसने या भारत के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए ही बने हुए हैं.
उच्च पदों पर आधी दुनिया का कब्जा !
आज महिलाएं सशक्त हो रही है. समान कार्य, समान अधिकार के मौलिक कर्तव्यों के साथ ही निर्णायक भूमिका में आगे बढ़ रही है. वर्तमान समय में स्त्री शास्त्र से लेकर शस्त्र तक शिक्षा से लेकर राजनीति तक हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही है. लेकिन यह भी हमारे समाज का एक कटु सत्य है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कमतर ही आंका जाता है. उन्हें शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार से वंचित रखने का प्रयास किया गया. यहां तक कि उनके साथ कार्यस्थल पर भी भेदभाव किसी से नहीं छुपा है.
राष्ट्रभक्ति की भावना की सार्वजनिक अभिव्यक्ति
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मदरसों और स्कूलों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने का काम किया है. लिहाजा, अब मदरसे में भी पढ़ाई शुरू होने से पहले बच्चे राष्ट्रगान गायेंगे जिससे उनमें बचपन से ही राष्ट्र की समझ और राष्ट्र प्रेम का विकास होगा.
समाज का संकुचित दायरा और वैधव्य की अनंत पीड़ा
वैधव्य के असहनीय दर्द को उल्लेखित करना आसान नहीं है. यह दर्द वैधव्य पीड़ा भोगने वाली हर स्त्री में समान रूप से संचारित होता है. मंदिरा बेदी जैसी अभिनेत्री भी पति के शव को कंधा नहीं दे सकी, क्योंकि वह उस दुनिया का हिस्सा है जहां चकाचौंध ज्यादा है ! लेकिन, फिर भी वे उस सामाजिक परंपरा से मुक्त नहीं हैं, जो विधवाओं के लिए गढ़े गए हैं. अब मंदिरा बेदी के कपड़ों पर सवाल उठाए जाने लगे हैं. समाज की भावनाएं इतनी एकपक्षीय और पूर्वाग्रह से ग्रस्त है कि हम वैधव्य भोगती महिला को सिर्फ लबादा ओढ़े ही देखना चाहते हैं. लेकिन, धीरे-धीरे कहीं बदलाव की हवा चलती दिखाई दे रही है ! उम्मीद है कि ये हवा आगे तेज होगी.
यासीन मालिक की सज़ा देर से आया, कम आया
यासीन मलिक आतंक का साथ देने वाला ही नहीं बल्कि जेकेएलएफ जैसे समूह को बनाने वाला खुद एक आतंकवादी था, जिसने कश्मीर में चुन चुन कर कश्मीरी पंडितों का सफाया किया. उस पर भी अरुंधति रॉय, फारूक अब्दुल्ला महबूबा मुफ्ती और ओमर अब्दुल्ला समेत कइयों के ख्याल में इन्हे एक मौका मिलना था !
ममता बनर्जी की तानाशाही
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उसे हिटलर के शासन से भी खराब बताती हैं. भाजपा सरकार पर संघीय ढांचे को तोड़ने का आरोप लगाती हैं. लेकिन, 'दीदी' खुद राज्यपाल जगदीप धनखड़ की शक्तियों को कम करने की कोशिश करने से परहेज नहीं करती हैं.
बीजेपी को 2024 तक उलझाये रखने का नीतीश का प्लान
नीतीश कुमार ने 2024 तक बीजेपी को फंसाये रखने का प्लान तो बना लिया है. जातीय जनगणना और आरसीपी सिंह का मामला भी यही बता रहा है - लेकिन क्या जेडीयू नेता बीजेपी नेतृत्व को अपने जाल में वाकई उलझा पाएंगे?
पार्टी के लिए खुद को कैसे संवारें
अच्छी तरह संवरने का गहरा प्रभाव पड़ता है और इसके लिए छोटीछोटी बातें भी अहमियत रखती हैं. सभी पहलुओं पर गौर कर आप पार्टी की रात बेहद हसीन नजर आ सकती हैं. मेरा यकीन कीजिये, नाखून का उड़ा हुआ रंग या बेतरतीब बाल से आपका प्रभाव कम नजर आ सकता है. आप कुछ जरूरी टिप्स को आजमाकर अपने आपको आकर्षक बना सकती हैं.